गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र – Maths Formulas in Hindi

गणित का हमारे प्रतिदिन के जीवन में अत्यधिक अनुप्रयोग है। चाहे विज्ञान की बार की जाए या इंजीनियरिंग, बिजनेस, कॉमर्स, बैंकिंग, इकॉनमी, वाणिज्य, खगोल, भौतिकी या मापन, हर क्षेत्र में गणित का प्रयोग बहुतायत से किया जाता है। हमारे प्रतिदिन के जीवन में भी माप-तौल, दूरी, भार एवं अन्य परिणामो में हमे गणित के प्रयोग की आवश्यकता पड़ती है। गणित का महत्व देखते हुए प्रायः विभिन प्रतियोगी परीक्षाओ जैसे भारतीय प्रशासनिक परीक्षा (IAS), पीसीएस (PCS), रेलवे, बैंकिंग (Banking), एसएससी (SSC), एनडीए (NDA), सीडीएस (CDS), ग्रुप-B, ग्रुप-C, ग्रुप-D एवं विभिन राज्यों द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्यस्तरीय परीक्षाओ में गणित से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है। प्रायः इन परीक्षाओं में 10वीं स्तर तक की गणित पूछी जाती है जो अधिकतर फॉर्मूला आधारित होती है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र (Maths Formulas in Hindi) सम्बंधित जानकारी प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल एक माध्यम से आपको गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र (Ganit ke Sabhi Mahatwapurn Sutra in Hindi) एवं इससे सम्बंधित अन्य बिन्दुओ को साझा किया जायेगा।

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र, Maths Formulas in Hindi
गणित के महत्वपूर्ण सूत्र

विभिन प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह आर्टिकल अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है। साथ ही कक्षा-9, कक्षा-10, कक्षा-11 एवं कक्षा-12 में पढ़ने वाले छात्र भी निश्चित रूप से इस आर्टिकल से लाभान्वित होंगे।

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गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र | Maths Formulas in Hindi

गणित एक ऐसा विषय है जिससे अधिकांश छात्र डरते है एवं इस विषय से दूर भागते रहते है। अधिकतर छात्रों को गणित विषय कठिन लगता है एवं वे इसका अध्ययन करने के अनिच्छुक होते है। हालांकि वास्तविकता में देखा जाए तो गणित एक बहुत ही रोचक विषय है जिसका यदि लगन एवं परिश्रमपूर्वक अध्ययन किया जाए तो यह सबसे मनोरंजक एवं रुचिपूर्ण विषय बन जाता है। गणित की जान होते हैं “गणित के फॉर्मूले (Mathematics Formula)” जिनके अध्ययन से गणित के विभिन सवालों को आसानी से हल किया जा सकता है। गणित का फॉर्मूला जिसे हिंदी में जिसे गणित का सूत्र भी कहा जाता है प्रायः ऐसे नियम होते है जिसके माध्यम से गणित की किसी संक्रिया (सवाल) को हल किया जा सकता है। यहाँ आपको गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र दिए गए है :-

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बीजगणित के महत्वपूर्ण सूत्र (Algebra Important Formulas in Hindi)

बीजगणित (अलजेब्रा) गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा है जिसके अंतर्गत विभिन चर राशियों (Variable) के माध्यम से गणित की विभिन संक्रियाएँ सम्पन की जाती है। यहाँ आपको बीजगणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र की लिस्ट (Algebra Important Formulas list in Hindi) प्रदान की गयी है :-

  • (a+b)² = a²+b²+2ab
  • (a-b)² = a²+b²-2ab
  • (a-b)² = (a+b)²-4ab
  • (a+b)² – (a-b)² = 4ab(a+b)³ = a³+3a²b+3ab²+b³
  • (a+b)² + (a-b)² = 2(a²+b²)
  • (a+b)² – (a-b)² = a³+b³+3ab(a+b)
  • (a-b)³ = a³-3a²b+3ab²-b³
  • (a+b)³ + (a-b)³ = 2a(a²+3b²)
  • (a+b)³ + (a-b)³ = 2(a³+3ab²)
  • (a-b)³ = a³+b³+3ab(a+b)
  • (a+b)³ – (a-b)³ = 2b(3a²+b²)
  • (a+b)³ – (a-b)³ = 3a²b+2b³
  • a³+b³ = (a+b)(a²-ab+b²)
  • a³-b³ = (a-b)(a²+ab+b²)
  • a²-b² = (a-b)(a+b)
  • a³+b³ = (a+b)(a²-ab+b²)
  • a³-b³ = (a-b)³ + 3ab(a-b)
  • (a+b+c)³ = a³+b³+c³+3(a+b)(b+c)(c+a)
  • (a+b+c)² = a²+b²+c²+2(ab+bc+ca)
  • (a+b+c+d)² = a²+b²+c²+d²+2(ab+ac+ad+bc+bd+cd)
  • a³+b³+c³ = (a+b+c)³ – 3(a+b)(b+c)(c+a)
  • a³+b³+c³-3abc = (a+b+c)(a²+b²+c²-ab-bc-ca)
  • a³+b³+c³-3abc = ½(a+b+c) [(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
  • x²+y²+z²-xy-yz-zx = ½[(x-y)²+(y-z)²+(z+x)²]
  • a(b-c)+b(c-a)+c(a-b)=0
  • a²+b²+c²-ab-bc-ca = ½[(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
  • a²(b²-c²)-b²(c²-a²)+c²(a²-b²) = (a-b)(b-c)(c-a)
  • ab(a-b)+bc(b-c)+ca(c-a) = -(a-b)(b-c)(c-a)
  • a – b = (a³-b³)/(a²+ab+b²)
  • a+b = (a³+b³)/(a²+ab+b²)
  • (a+1/a)² = a²+1/a²+2
  • (a-1/a)² = a²+1/a²-22
  • (a²+1/a²) = (a+1/a)²-2
  • (a²+1/a²) = (a-1/a)²+2
  • a+b+c = (a³+b³+c³-3abc) / (a²+b²+c²-ab-bc-ca)
  • (a³+1/a³) = (a+1/a)³-3(a+1/a)

अंकगणित के महत्वपूर्ण सूत्र (Arithmetic Important Formulas in Hindi)

अंकगणित के अंतर्गत गणित के अंको के माध्यम से विभिन प्रकार की गणितीय संक्रियाओं को सम्पन किया जाता है। अंकगणित के महत्वपूर्ण सूत्र निम्न प्रकार से है :-

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लघुतम समापवर्तक एवं महत्तम समापवर्तक (LCM & HCF)

लघुत्तम समापवर्त्य (LCM)

दो या दो से अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य (Least Common Multiple) वह लघुतम गुणक (Multiple) होता है जो उन संख्याओं से पूर्ण रूप से विभाजित होती है। सरल शब्दो में कहा जाए तो दो या अधिक संख्याओं का LCM वह छोटी से छोटी सँख्या होती है जो उन दोनों संख्याओं से पूर्ण रूप से विभाजित होती है। यहाँ दिए गए उदाहरण से आप इसे अच्छी तरह से समझ सकते है :-

2 के गुणज– 2, 4, 6, 8, 10, 12

3 के गुणज– 3, 6, 9, 12, 15

यहाँ 2 और 3 संख्याओं के गुणज में संख्या 6 सबसे छोटा कॉमन गुणज (Least Common Multiple) है अतः हम कह सकते है की 2 और 3 का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM), 6 है।

महत्तम समापवर्तक (HCF)

दो या दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor) वह गुणनखंड (Factor) होता है जो सम्बंधित संख्याओं को पूर्णता से विभाजित करता है। सरल शब्दो में कहा जाए तो दो या अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (HCF) वह सँख्या होती है जो उन दोनों संख्याओं को पूर्ण रूप से विभाजित करती है। इसे निम्न उदाहरण से समझे :-

10 के गुणनखंड – 1, 2, 5 एवं 10

20 से गुणनखंड– 1, 2, 4, 5, 10 एवं 20

यहाँ संख्या 10 एवं 20 से सबसे बड़ा कॉमन गुणनखंड 10 है अतः 10 एवं 20 का महत्तम समापवर्तक (HCF), 10 है।

लघुतम समापवर्तक एवं महत्तम समापवर्तक (LCM & HCF) सम्बंधित महत्वपूर्ण फॉर्मूले
  • ल.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF
  • दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या
  • म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM
  • पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या
  • ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या

लघुतम समापवर्तक एवं महत्तम समापवर्तक (LCM & HCF) की विस्तृत जानकारी हेतुयहाँ क्लिक करें

सरलीकरण के सूत्र (Simplification Formula)

सरलीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग जैसे संक्रियाओं को सम्पन किया जाता है जिसके लिए विभिन प्रकार के सूत्रों का प्रयोग किया जाता है। सरलीकरण में कोष्ठकों को हल करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करना भी आवश्यक है। यहाँ आपको कोष्ठक एवं इन्हे हल करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गयी है :-

कोष्ठक एवं इन्हे हल करने की प्रक्रिया

कोष्ठक मुख्यत निम्न चार प्रकार के होते है :-

― → रेखा कोष्ठक (Line Bracket)

( ) → छोटा कोष्ठक (Simple or Small Bracket)

{ } → मँझला कोष्ठक (Curly Bracket)

[ ] → बड़ा कोष्ठक (Square Bracket)

इन कोष्ठकों को यहाँ दिए गए क्रम में ही हल किया जाता है अर्थात सर्वप्रथम रेखा कोष्ठक (Line Bracket) को हल किया जाता है। इसके पश्चात ( ) छोटा कोष्ठक (Simple or Small Bracket), इसके पश्चात { } मँझला कोष्ठक (Curly Bracket) एवं सबसे अंत में [ ] बड़ा कोष्ठक (Square Bracket) या वर्गाकार कोष्ठक को हल किया जाता है।

BODMAS का उपयोग

BODMAS सरलीकरण की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण सूत्र है जिसके माध्यम से विभिन गणितीय संक्रियाओं को नियमानुसार हल किया जाता है। यहाँ आपको BODMAS के उपयोग करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। BODMAS के अंतर्गत गणितीय संक्रियाओं को निम्न क्रम में हल किया जाता है :-

B → कोष्ठक ( Bracket ) ( रेखा कोष्ठक, ( ) छोटा कोष्ठक, { } मँझला कोष्ठक, [ ] बड़ा कोष्ठक)

O → का ( Of )

D → भाग ( Division )

M → गुणा ( Multiplication )

A → योग ( Addition )

S → अन्तर ( Subtraction )

BODMAS के उपयोग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहाँ दिए गए आर्टिकल को चेक करें – यहाँ क्लिक करें

सरलीकरण की महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएं

  • (a+b)²= a²+ 2ab + b²
  • a²- b² = (a + b) (a – b)
  • (a+b)² + (a-b)²= 2(a²+b²)
  • (a-b)²= a²- 2ab + b²
  • (a+b)² – (a-b)²= 4ab
  • (a-b)³ = a³- b³- 3ab(a-b)
  • (a+b)³ = a³ + b³ + 3ab(a+b)
  • a³- b³ = (a-b) (a² + ab + b²)
  • a³+ b³ = (a + b) (a² – ab + b²)

औसत (Average)

औसत जिसे की लगभग भी कहा जाता है का अर्थ होता है 2 या अधिक संख्याओं का ‘मध्यमान (Mean Value)’, अर्थात औसत 2 या अधिक दी गयी संख्याओं का “लगभग या बीच का” मान होता है। दी गयी संख्याओं का औसत (Average) ज्ञात करने का फार्मूला निम्न है :-

औसत =सभी राशियों का योग/ राशियों की संख्या

इसे निम्न प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है :- सभी राशियों का योग = औसत × राशियों की संख्या

वर्ग एवं वर्गमूल (Square and SquareRoot)

किसी संख्या को उसी संख्या से गुणा करने पर प्राप्त संख्या ही सम्बंधित संख्या का वर्ग कहलाती है। वर्गमूल वह संख्या होती है जिसका उपयोग करके वर्ग को प्राप्त किया जाता है। इसे निम्न उदाहरण से समझें :-

2×2 = 4 (वर्गमूल-2, वर्ग-4 )

यहाँ सँख्या 2 का संख्या 2 से गुणा करने पर संख्या 4 प्राप्त हुयी है अतः हम कह सकते है की संख्या 4 संख्या 2 का वर्ग (Square) है। संख्या चार को प्राप्त करने के लिए संख्या 2 को 2 से गुणा किया गया है अतः संख्या 2, सँख्या 4 का वर्गमूल (SquareRoot) है।

साधारण ब्याज का सूत्र (Simple Intrest formula)

Simple Interest= P × R × T/100

ब्याज = (मूलधन × समय × दर)/100

जहाँ विभिन पदों का अर्थ निम्न प्रकार से है :-

  • P (Principal) अर्थात मूलधन
  • (Rate) यानी ब्याज की दर
  • T (Time) अर्थात समय

चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र (Compound interest formula)

चक्रवृद्धि ब्याज वह ब्याज होता है जो मूलधन में ब्याज को जोड़कर लगाया जाता है। सरल शब्दो में कहा जाए तो ब्याज के ऊपर लगने वाले ब्याज को चक्रवृद्धि ब्याज (Compound interest) कहा जाता है :-

compound intrest formula

  • P = मूलधन ( Principal)
  • t = कुल समय (Time)
  • r = ब्याज की वार्षिक दर ( Rate of Interest)
  • n = एक वर्ष में कुल ब्याज-चक्रों की संख्या
  • CI = चक्रवृद्धि ब्याज ( Compound Interest )
  • A = t समय बाद मिश्रधन (Amount)

क्षेत्रमिति के महत्वपूर्ण सूत्र (Mensuration Important Formulas in Hindi)

क्षेत्रमिति गणित की वह शाखा है जिसके अंतर्गत विभिन आकृतियों का क्षेत्रफल, वक्र-पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन जैसे मापकों का माप किया जाता है। त्रिभुज, चतुर्भुज, बहुभुज, वृत्त, गोला एवं बेलन आकृतियों का क्षेत्रफल एवं आयतन मापने हेतु क्षेत्रमिति (Mensuration) का अध्ययन महत्वपूर्ण है। यहाँ आपको क्षेत्रमिति के सभी महत्वपूर्ण सूत्र (Mensuration Important Formulas) दिए गए है :-

त्रिभुज ∆ (Triangle) का सूत्र

तीन भुजाओं से घिरी बंद आकृति को त्रिभुज (Triangle) कहा जाता है। त्रिभुज में तीन भुजाएँ, तीन शीर्ष एवं तीन कोण होते है। त्रिभुज से सम्बंधित सूत्र निम्न प्रकार से है :-

  • त्रिभुज का क्षेत्रफल – 1/2 × आधार × ऊँचाई
  • त्रिभुज का क्षेत्रफल – √s(s-a)(s-b)(s-c)
  • त्रिभुज का अर्ध परिमाप S = ½ × (a + b + c)
  • त्रिभुज का परिमाप – त्रिभुज की तीनों भुजाओं का योग

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle) का सूत्र

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle) ऐसे त्रिभुज को कहा जाता है जिसकी दो भुजाएँ बराबर होती है। यहाँ आपको समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle) से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्र दिए गए है :-

  • समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A = a / 4 b √ (4b² – a²)
  • समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप,  P = 2a + b (जहाँ a-समान भुजाएँ एवं b-असमान भुजा)
  • समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = a / 4 b √ (4b² – a²)

समकोण त्रिभुज (Right angle Triangle) का सूत्र

समकोण त्रिभुज ऐसे त्रिभुज को कहा जाता है जिसके एक अंतः कोण का माप 90 डिग्री होता है। समकोण त्रिभुज में लंब वाली भुजा आधार वाली भुजा के साथ समकोण (90 डिग्री) बनाती है। समकोण त्रिभुज (Right angle Triangle) से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्र निम्न प्रकार से है :-

  • समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल =  ½[आधार × ऊंचाई]
  • समकोण त्रिभुज का परिमाप = आधार + लंब + कर्ण
  • (कर्ण)2 = (लंब)+ (आधार)2

समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) का सूत्र

समबाहु त्रिभुज ऐसे त्रिभुज को कहा जाता है जिसकी सभी भुजाएँ सम अर्थात समान होती है। यहाँ आपको समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) से जुड़े सभी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = (√3)/4 × भुजा²
  • समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 × भुजा
  • समबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = (√3)/4 × भुजा

विषमबाहु त्रिभुज (Scalene triangle) के सूत्र

विषमबाहु त्रिभुज ऐसे त्रिभुज को कहा जाता है जिसकी सभी भुजाएँ विषम अर्थात असमान माप की होती है। विषमबाहु त्रिभुज (Scalene triangle) से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण सूत्र निम्न प्रकार से है :-

  • विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A =√ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
  • या A = ½ × आधार × ऊँचाई
  • विषमबाहु त्रिभुज की अर्धपरिधि (P) = ½ ( a + b + c ) (जहाँ a, b एवं c विषम भुजाएँ)

चतुर्भुज (Quadrilateral) का सूत्र

चार भुजाओं से घिरी समतल आकृति को चतुर्भुज कहा जाता है। चतुर्भुज की चार भुजाएँ, चार शीर्ष एवं चार कोण होते है। चतुर्भुज के चारो कोणों का योग 360 डिग्री होता है। कुछ प्रमुख चतुर्भुज (Quadrilateral) आकृतियाँ निम्न प्रकार से है :-

chaturbhuj evam iske prakaar

समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium Quadrilateral) का सूत्र

  • समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल= ½ (समान्तर भुजाओं का योग x  ऊंचाई)
  • = ½ (आधार x संगत ऊँचाई)
  • = ½ (समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल)
  • समलम्ब चतुर्भुज का परिमाप (P) = a + b+ c + d (जहाँ a, b, c एवं d समलम्ब चतुर्भुज की चारो भुजाएँ)

चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic quadrilateral) का फार्मूला

  • क्षेत्रफल = √[s(s-a) (s-b) (s – c) (s – c)]
  • ∠A + ∠C = 180° 
  • ∠B + ∠D = 180°
  • परिमाप, S = ½ ( a + b + c + d )

सम चतुर्भुज (Rhombus) फार्मूला

  • समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
  • विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णों का गुणनफल 
  • ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360° 
  • समचतुर्भुज में => (AC)² + (BD)² = 4a²

बहुभुज (Polygon) का फार्मूला

  • n भुजा वाले चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90° (जहाँ n=बहुभुज की भुजाएँ)
  • समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण की माप = (n – 2) / 2 × 180°
  • n भुजाओं वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
  • बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
  • बहुभुज (n भुजा वाला) के बहिष्कोणों का योग = 360°
  • n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक बहिष्कोण = 360°/n
  • सम षट्भुज की भुजा = परिवृत्त की त्रिज्या
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
  • n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2
  • नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
  • बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
  • नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा

आयत (Rectangle)

आयत वह समचतुर्भुज होता है जिसके आमने-सामने की भुजाएँ बराबर एवं समांतर होती है। आयत के दोनों विकर्णों का योग भी समान होता है एवं प्रत्येक कोण 90 डिग्री का होता है। यहाँ आपको आयत (Rectangle) से जुड़े सभी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • आयत का क्षेत्रफल – लम्बाई × चौड़ाई (l×b)
  • आयत का विकर्ण = √(लंबाई² + चौड़ाई²)
  • आयत का परिमाप – 2 × ( लम्बाई (l)+ चौड़ाई (b))

वर्ग (Square)

वर्ग (Square) वह चतुर्भुज होता है जिसकी चारों भुजाएँ समान माप एवं समान्तर दूरी पर स्थित होती है। वर्ग का प्रत्येक कोण 90 डिग्री का होता है। वर्ग (Square) से सम्बंधित महत्वपूर्ण फार्मूले निम्न है :-

  • वर्ग का क्षेत्रफल – भुजा × भुजा अर्थात (भुजा)²
  • वर्ग का क्षेत्रफल – ½ × विकर्णों का गुणनफल
  • वर्ग का परिमाप – 4 × भुजा  (जहाँ a वर्ग की भुजा )
  •  भुजा- √ क्षेत्रफल
  • वर्ग का विकर्ण – भुजा × √2

घन (Cube) का फार्मूला

वह त्रिआयामी आकृति (Three dimensional), जिसकी लम्बाई, चौड़ाई एवं ऊँचाई की माप समान होती है घन (Cube) कहलाती है। घन (Cube) से सम्बंधित प्रमुख सूत्र निम्न प्रकार से है :-

  • घन का आयतन = भुजा × भुजा × भुजा = (भुजा)³=a³
  • पार्श्वपृष्ठ का एक किनारा = √ ( पार्श्वपृष्ठ का क्षेत्रफल / 4 )
  • घन का परिमाप = 4 a² (जहाँ a-घन की भुजा की माप)
  • घन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 6a² (a-घन की भुजा)
  • घन का एक किनारा = √ (सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 6 )
  • घन का एक किनारा = 3√आयतन
  • घन का विकर्ण = √3 × भुजा

घनाभ (Cuboid) का फार्मूला

 6 आयताकार फलकों वाली त्रिआयामी आकृति (Three dimensional) को घनाभ (Cuboid) कहा जाता है। घनाभ (Cuboid) से सम्बंधित प्रमुख फॉर्मूले निम्न प्रकार से है :-

  • घनाभ का आयतन =  l × b × h (लंबाई×चौड़ाई×ऊँचाई)
  • घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
  • घनाभ की ऊँचाई = आयतन / ( लम्बाई × चौड़ाई )
  • घनाभ की चौड़ाई = आयतन / ( लम्बाई × ऊँचाई )
  • घनाभ का विकर्ण = √(l² + b² + h²)
  • घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h
  • कमरें के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2h ( l + b )
  • छत या फर्श का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
  • ढक्कनरहित टंकी का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) + lb

वृत्त (CIRCLE) का फार्मूला

एक निश्चित बिन्दु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं के पथसमूह को वृत्त (CIRCLE) कहा जाता है। वृत्त के केंद्र से समान दूरी पर स्थिति बिंदुओं की दूरी को त्रिज्या कहा जाता है।

circle-formula-in-hindi

वृत्त का केंद्र वृत्त के ठीक मध्य में (यहाँ बिंदु-0) स्थित होता है। यहाँ आपको वृत्त (CIRCLE) से जुड़े सभी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • वृत्त का क्षेत्रफल = πr² (जहाँ r- वृत्त की त्रिज्या)
  • वृत्त की परिधि = 2πr (π का मान-3.14 या 22/7)
  • वृत्त का व्यास = 2r
  • वृत्त की परिधि = πd
  • वृताकार वलय का क्षेत्रफल = π (R2 – r2)
  • वृत्त की त्रिज्या = √व्रत का क्षेत्रफल/π
  • अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr²
  • अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r  + 2 r )
  • त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × πr²
  • त्रिज्याखण्ड एवं वृत्तखंड का फार्मूला

शंकु (Cone) का सूत्र

  • शंकु का आयतन = 1/3 πr2h
  • शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl (जहाँ l-शंकु की तिर्यक ऊँचाई)
  • शंकु की ऊँचाई = √ (l2 – r2 )
  • लम्बवृतीय शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √ ( h2 + r2 )
  • शंकु की आधार की त्रिज्या = √ (l2 – h2 )
  • शंकु का आधार का क्षेत्रफल = πr2
  • लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r )

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बेलन (Cylinder) का फार्मूला

  • बेलन का आयतन = πr2h
  • बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
  • बेलन की ऊँचाई = आयतन / πr2
  • लम्बवृतीय बेलन का आधार का क्षेत्रफल =  πr2
  • बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr ( h + r )
  • लम्बवृतीय बेलन की त्रिज्या = √ ( आयतन / πh)
  • लम्बवृतीय बेलन की ऊँचाई = (बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 2πr) – r
  • खोखले बेलन में लगी धातु का आयतन = πh (R2 – r2

गोला (Sphere) का फार्मूला

  • गोला का आयतन = 4/3 πr3
  • गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 4πr²
  • खोखले गोले का आयतन = 4/3 π ( R3 – r3 )
  • घन ने सबसे बड़े गोले का आयतन = 1/6 a3
  • गोलीय शेल के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 4/3 π(R2- r2 )
  • गोले में सबसे बड़े घन की एक भुजा = 2R / √3
  • घन में सबसे बड़े गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr 2
  • किसी अर्द्ध गोला के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 3 πr2
  • अर्द्ध गोला का आयतन = 2/3 πr3
  • अर्द्ध गोला के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 πr2

त्रिकोणमिति के महत्वपूर्ण सूत्र (Trigonometry Important Formulas in Hindi)

त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसके अंतर्गत त्रिभुज का मापन किया जाता है। त्रिकोण के माध्यम से विभिन वस्तुओं की ऊँचाई एवं दूरी ज्ञात की जाती है। यहाँ आपको सभी त्रिकोणमिति फॉर्मूले (Trikonmiti Formula) दिए गए है :-

त्रिकोणमिति के सामान्य फार्मूला

त्रिकोणमिति के अंतर्गत समकोण त्रिभुज के 6 फलकों का अध्ययन किया जाता है जिनका अनुपात निम्न प्रकार से होता है :-

  • sinθ = लम्ब/कर्ण (p / h)
  • cosθ = आधार/कर्ण (b / h)
  • tanθ = लम्ब/आधार (p / b)
  • cotθ = आधार/लम्ब (b / p)
  • secθ = कर्ण/आधार (h / b)
  • coescθ = कर्ण/लम्ब (h / p)

विभिन संकेतो का अर्थ :-

  • h =hypotenuse या कर्ण
  • b= base या आधार
  • p= perpendicular या लंब (height)

त्रिकोणमिति अनुपात (Ratio) संबंध 

  • sinθ × Cosecθ = 1
  • sinθ = 1 / Cosecθ
  • Cosθ × Secθ = 1
  • Cosecθ = 1 / sinθ
  • Secθ = 1 / Cosθ
  • Cosθ = 1 / Secθ
  • Tanθ = 1 / Cotθ
  • Tanθ × Cotθ = 1
  • Cotθ = Cosθ / sinθ
  • Cotθ = 1 / Tanθ
  •  Tanθ = sinθ / Cosθ

इसपर भी गौर करें :- विश्व पाई (π) दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समकोण त्रिभुज का नियम (Pythagorean theorem)

यहाँ आपको समकोण त्रिभुज का नियम सम्बंधित एक महत्वपूर्ण फॉर्मूले पायथागोरस प्रमेय (Pythagorean theorem) के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • (कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
  • (आधार)² =(कर्ण)² – (लम्ब)²
  • (लम्ब)² = (कर्ण)² – (आधार)²

त्रिकोणमितीय से सम्बंधित आइडेंटिटी सूत्र

sin²θ + cos²θ = 1

  • sin²θ = 1 – cos²θ
  • cos²θ = sin²θ – 1
  • sinθ = (1 – cos²θ)
  • cosθ = ( sinθ – 1 )

1 + tan²θ = sec²θ

  • tan²θ = sec²θ – 1
  • secθ = √(1 + tan²θ)
  • tanθ = √(sec²θ – 1)

cosec²θ = cot²θ + 1

  • cosecθ = √(cot²θ + 1)
  • cot²θ = √(cosec²θ – 1)
  • cot²θ = cosec²θ – 1

त्रिकोणमिति में दो कोण सम्बंधित सूत्र (योग एवं अंतर)

  • sin( 2θ ) = 2sin( θ ) • cos( θ ) = [ 2tan θ / (1+tan2 θ )]
  • cos( 2θ ) = 2 cos 2( θ )−1 = 1–2sin2( θ )
  • cos( 2θ ) = cos2( θ ) – sin2( θ ) = [ (1- tan2  θ ) / ( 1+tan2 θ )]
  • sec ( 2θ ) = sec2 θ / (2-sec2 θ )
  • tan( 2θ ) = [ 2tan( θ )] / [1−tan2( θ )]
  • Cosec ( 2θ ) = (sec θ . Cosec θ ) / 2

त्रिकोणमिति में दो कोण सम्बंधित सूत्र

  • Sin 3θ = 3 sin θ – 4sin3θ
  • Tan 3θ = [3tan θ – tan3 θ ] / [ 1 – 3tan2 θ ]
  • Cos 3θ = 4cos3 θ – 3 cos θ

त्रिकोणमिति में तीन कोण सम्बंधित सूत्र

  • sin A . cos B = sin(A + B) + sin(A – B)
  • 2sin A . sin B = cos(A – B) + cos(A + B)
  • 2Cos A . cos B = cos(A + B) + cos(A – B)
  • 2Cos A . sin B = sin(A + B) – sin(A – B)
  • sin C – sin D = 2cos(C+D / 2) cos(C-D / 2)
  • sin C + sin D = 2sin(C+D / 2) . cos(C-D / 2)

त्रिकोणमिति सारणी (Trigonometry Table)

त्रिकोणमिति के अंतर्गत प्रायः विभिन कोणों के मापन की आवश्यकता पड़ती है ऐसे में त्रिकोणमिति टेबल के अंतर्गत महत्वपूर्ण कोणों पर त्रिकोण की माप ज्ञात होना आवश्यक है। यहाँ आपको त्रिकोणमिति सारणी (Trigonometry Table) के अंतर्गत पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण मान जैसे 0, 30°, 45°, 60° एवं 90° के कोण के मान को याद करने के लिए सारणी उपलब्ध करवाई गयी है:-

कोण (डिग्री में)30° या (π/6)45° या (π/4)60° या (π/3)90° या (π/2)
Sinθ0½1/√2√3/21
Cosθ1√3/21/√2½0
Tanθ01/√31√3∞ (अपरिभाषित)
Cotθ∞ (अपरिभाषित)√311/√30
Secθ12/√3√22∞ (अपरिभाषित)
Cosecθ∞ (अपरिभाषित)2√22/√31
Trigonometry Table

इस प्रकार सम्बंधित आर्टिकल के माध्यम से आपको गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्रों (Maths Formulas in Hindi) से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी है।

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

गणित का सूत्र क्या होता है ?

गणितीय समस्याओ को हल करने के लिए उपयोग किए जाने वाली प्रक्रिया को गणितीय सूत्र कहा जाता है।

त्रिभुज क्या होता है ?

तीन भुजाओं से घिरी बंद आकृति को त्रिभुज कहा जाता है। त्रिभुज की तीन भुजाएँ, तीन शीर्ष एवं तीन कोण होते है। त्रिभुज विभिन प्रकार के होते है जिनके कुछ प्रमुख प्रकार निम्न है :-
समबाहु त्रिभुज
विषमबाहु त्रिभुज
समद्विबाहु त्रिभुज
समकोण त्रिभुज

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र की जानकारी प्रदान करें ?

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको Important Maths Formulas in Hindi सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है ?

आयत एवं वर्ग का क्षेत्रफल क्या है ?

आयत एवं वर्ग का क्षेत्रफल निम्न प्रकार से है :-
आयत का क्षेत्रफल – लम्बाई × चौड़ाई (l×b)
वर्ग का क्षेत्रफल – भुजा × भुजा अर्थात (भुजा)²

बेलन का क्षेत्रफल क्या होता है ?

बेलन का क्षेत्रफल निम्न प्रकार से ज्ञात किया जाता है :-
बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh

गणित का सूत्र क्या होता है ?

गणितीय समस्याओ को हल करने के लिए उपयोग किए जाने वाली प्रक्रिया को गणितीय सूत्र कहा जाता है।

त्रिभुज क्या होता है ?

तीन भुजाओं से घिरी बंद आकृति को त्रिभुज कहा जाता है। त्रिभुज की तीन भुजाएँ, तीन शीर्ष एवं तीन कोण होते है। त्रिभुज विभिन प्रकार के होते है जिनके कुछ प्रमुख प्रकार निम्न है :-
समबाहु त्रिभुज
विषमबाहु त्रिभुज
समद्विबाहु त्रिभुज
समकोण त्रिभुज

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्र की जानकारी प्रदान करें ?

गणित के सभी महत्वपूर्ण सूत्रों की जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको Important Maths Formulas in Hindi सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है ?

आयत एवं वर्ग का क्षेत्रफल क्या है ?

आयत एवं वर्ग का क्षेत्रफल निम्न प्रकार से है :-
आयत का क्षेत्रफल – लम्बाई × चौड़ाई (l×b)
वर्ग का क्षेत्रफल – भुजा × भुजा अर्थात (भुजा)²

बेलन का क्षेत्रफल क्या होता है ?

बेलन का क्षेत्रफल निम्न प्रकार से ज्ञात किया जाता है :-
बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh

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