RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्राण-प्रतिष्ठा से पहले लेख में राम मंदिर को लेकर खास विचार देशवासियों से साझा किये

Mohan Bhagwat On Ram Mandir: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक लेख में अपने विचार रखे हैं। इस लेख में उन्होंने राम मंदिर के डेढ़ हजार सालों के पुराने इतिहास से लेकर आज प्राण प्रतिष्ठा के अवसर तक की बात की है।

उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भारत के पुनर्निर्माण की शुरुआत है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम सभी को मिलकर भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए काम करना चाहिए।

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लेख में कुछ ऐतिहासिक तथ्य बताए

  • आक्रमणों का उद्देश्य: डॉ. भागवत का कहना है कि आरंभिक आक्रमणों का उद्देश्य लूटपाट करना और कभी-कभी अपना राज्य स्थापित करना था। लेकिन इस्लाम के नाम पर पश्चिम से हुए आक्रमणों का उद्देश्य भारत के समाज और संस्कृति को पूरी तरह से नष्ट करना था।

यह कथन बताता है कि भारत पर हुए आक्रमण केवल बाहरी हमले नहीं थे बल्कि वे एक विनाशकारी सांस्कृतिक और धार्मिक अभियान भी थे।

  • मंदिरों का विनाश: डॉ. भागवत का कहना है कि विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में मंदिरों को भी नष्ट कर दिया। ऐसा उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि अनेकों बार किया।

यह कथन भी यह बताता है कि भारत के मंदिरों को न केवल लूटपाट का शिकार होना पड़ा बल्कि उन्हें पूरी तरह से नष्ट भी कर दिया गया।

  • आक्रमणों का उद्देश्य: डॉ. भागवत का कहना है कि विदेशी आक्रमणकारियों का उद्देश्य भारतीय समाज को हतोत्साहित करना था ताकि भारतीय स्थायी रूप से कमजोर हो जाएं और वे उन पर अबाधित शासन कर सकें।

डॉ. भागवत का यह कथन चेतावनी भी देता है कि भारत को कभी भी विदेशी आक्रमणों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए। हमें अपने धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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राम मंदिर नए युग को शुरू करेगा – RSS प्रमुख

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह भारत के हिंदू समाज के लिए एक बड़े विजय का प्रतीक है। यह एक ऐसा दिन है जिसका हिंदू समाज लंबे समय से इंतजार कर रहा था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भारत के पुनर्निर्माण की शुरुआत है।

यह एक ऐसा अवसर है जब हम सभी को मिलकर भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए काम करना चाहिए। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से हमें यह भी सीखना चाहिए कि हम सभी को मिलकर अपने धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए काम करना चाहिए। हमें अपने धर्म और संस्कृति के गौरव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत है। यह एक ऐसा युग है जब हम सभी को मिलकर भारत को एक महान राष्ट्र बनाने के लिए काम करना चाहिए।

लेख की बातो पर सराहना मिल रही

भागवत ने यह भी कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से भारत में कड़वाहट और संघर्ष खत्म होगा। उन्होंने (Mohan Bhagwat) कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जब सभी भारतीय एकजुट होकर देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

भागवत के इन बयानों को हिंदू समाज में काफी सराहना मिली है। कई लोगों का मानना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से भारत में एक नई सकारात्मकता का संचार होगा।

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