भारत सदा ही वीर पुरुषो का घर रहा है। हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए देश के सैनिक दिन रात मेह्नत करते है आतंकी हमलो में मरने मारने के लिए तैयार खड़े रहते है। दुनिया के सभी देशो के पास अपनी कमांडो फाॅर्स होती है। कमांडो किसी भी सेना के अंतर्गत अपनी अहम भूमिका निभाते है। इन्हे सेना की सबसे ज्यादा शक्तिशाली सैनिको की सूचि में सबसे ऊपर रखा जाता है। अलग अलग प्रकार के ऑपरेशन्स को कमांडो द्वारा ही पूरा किया जाता है। देश की सुरक्षा से लेकर बड़े बड़े नेताओ की सुरक्षा का जिम्मा भी कमांडो का ही होता है। भारत के पास भी बेहतरीन और बहादुर स्पेशल फाॅर्स है जिन्हे कमांडो कहते है इनका मुख्य कार्य आतंकी हमलो से बचाना, सीक्रेट ऑपरेशन करना, होस्टेज(बंधी) सिचुएशन से लोगो को बचाना, राष्ट्र की सुरक्षा करना, आपदा से लोगो को रेस्क्यू कराना, युद्ध में दुश्मनो को हराना और राष्ट्र के लोगो की रक्षा करनाहै। भारत के पास बहुत से बेहतरीन कमांडो है तो चलिए जानते है भारत के 10 सबसे खतरनाक कमांडोज | Top 10 Commando Forces in India in Hindi .भारत की कमांडो फाॅर्स के बारे में जानने के लिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़े
यह भी पढ़े :-
एनएसजी कमांडो कैसे बने? NSG Commando Kaise Bane
इंडियन आर्मी में पद और रैंक | Indian Army Rank List in Hindi
CBI KA FULL FORM क्या होता है – CBI क्या है?
Security Categories In India: क्या है Z+,Z, Y और X
भारत के 10 सबसे खतरनाक कमांडोज | Top 10 Commando Forces in India in Hindi
मार्कोस कमांडो (Marcos Commando)
भारत के 10 खतरनाक कमांडोज में सबसे पहला नाम मार्कोस कमांडो का आता है। Marcos कमांडो को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। इसका गठन 1987 में हुआ था। मार्कोस कमांडो सेना में सैनिको की संख्या 1200 होती है। दुनिया के बेस्ट कमांडो फाॅर्स में भारत के मार्कोस कमांडो का नाम आता है। मार्कोस कमांडो को जल, थल और वायु तीनो ट्रेनिंग दी जाती है। Marcos Commando इंडियन नेवी के कमांडो होते है। इनको रायफल, स्नाइपर से लेकर सभी हथियारो को चलाने की कला में निपूर्ण होते है। यह बहुत तरह के असॉल्ट राईफल्स चलने में भी माहिर होते है। ये बहुत ही मजबूत कमांडो होते है। इन्हे भारतीय नेवी सील्स भी कहा जाता है। इनकी ट्रैनिग अमेरीकी नेवी सील्स की तरह होती है। मार्कोस कमांडो के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट अरविन्द सिंह है।
पैरा कमांडो (Para Commando)
पैरा कमांडो का गठन 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के बीच किया गया था। यह भारत की सबसे ज्यादा शिक्षित और मजबूत कमांडो फाॅर्स है। इन्हे वायु युद्ध के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। पैरा कमांडो 30-35 फ़ीट की ऊंचाई से छलांग लगा सकते है। इनकी यूनिफार्म को काफी सोच समझ कर बनाया गया है। इनके हल्के रंग की यूनिफार्म इनको रेगिस्तान और गहरे रंग की यूनिफार्म हरियाली में छुपने में मदद करती है। इनकी ट्रेनिंग 9 महीने की होती है और ट्रेनिंग के दौरान इनको 65 किलो वजन अपने ऊपर लाद कर दौड़ लगानी होती है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जिनको सेलेक्ट किया जाता है उनको मैरून टोपी मिलती है। मैरून टोपी पैरा कमांडो की पहचान होती है। कारगिल युद्ध के दौरान पैरा कमांडो ने पाकिस्तान को हार का स्वाद चखाया था। इनको पैरासूट कमांडो भी कहते है। सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम देने वाली भारत के पैरा कमांडो बहादुर योद्धा है। इन्होने 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार को भी इन्होने ही अंजाम दिया था।
एन एस जी कमांडो (National Security Guard)
National Security Guard (NSG) की टैनिंग काफी ज्यादा कठिन होती है इनको प्रतिदिन अभ्यास करना होता है। इस फाॅर्स का गठन 1986 में भारतीय संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अधिनियम के तहत कैबिनेट सचिवालय द्वारा हुआ था। इनकी ट्रेनिंग 14 महीने की होती है फ़िलहाल इस फाॅर्स में 10000 जवान है। यह गृहमंत्रालय के भीतर काम करती है। ये कमांडो पुलिस पैरलमेंटरी और तीनो सेनाओ के लिए होते है। ये बम निरोधक, वीआईपी सुरक्षा और हाईजैकिंग कर्फ्यू में माहिर होते है। इस कमांडो को ब्लैक कैट या ब्लैक कमांडो भी कहा जाता है। ये आतंकवादियों से लड़ने में बहुत सक्षम होती है। 26/11 के मुंबई हमले और अक्षरधाम मंदिर पर हमले में इन्होने ही आतंकियों को मात दी थी। ये आतंकरोधी अभियानों में पूरी तरह से निपुर्ण होते है। इसमें देश के सैन्य, अर्द्धसैन्य और पुलिस के जवान शामिल होते है। सेना के जवानो को कम से कम 10 वर्ष काम करने के बाद एनएसजी कमांडो की ट्रैनिग दी जाती है। एनएसजी के वर्तमान अध्यक्ष अनूप कुमार सिंह है।
कोबरा कमांडो (CoBRA)
कोबरा कमांडो फाॅर्स का गठन 2008 में किया गया था। कोबरा कमांडो का पूरा नाम Commando Battalion For Resolute Action है। इनकी टैनिंग 3 महीने की होती है। इस फाॅर्स में 10 हज़ार कमांडो है। जिन्हे अलग-अलग कामो के लिए अलग-अलग टीम में बाँटा गया है। इस फाॅर्स के जवानो को गोरिल्ला ट्रेनिंग दी जाती हे। इसके जवान घात लगाकर हमला करने में एक्सपर्ट होते है। ये फाॅर्स ज्यादातर गुप्त काम करती है। राष्ट्र भवन, संसद भवन और कई इमारतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इनकी ही होती है। यह केंद्रीय और रिज़र्व पुलिस की स्पेशल फाॅर्स भी है। इन्हे दुनिया की बेस्ट पैरामिलिट्री फाॅर्स में गिना जाता है। कोबरा कमांडो जंगल के वातावरण में सर्वाइव(Survive) करने की लिए जाने जाते है। इनसे ट्रेनिंग लेने के लिए कई देशो के जवान आते है।
गरुड़ कमांडो फाॅर्स (Garud Commando Force)
गुरुड़ कमांडो फाॅर्स का गठन 2004 में एयरफोर्स की सुरक्षा के लिए किया गया था। ये कमांडो फाॅर्स सीमा के पीछे तैनात रहते है। गुरुद कमांडो रात, हवा, पानी में लड़ाई करने की क्षमता रखते है। वायु हमले और रेस्क्यू के लिए इनको स्पेशल ट्रैनिग दी जाती है। इस कंमांडो फाॅर्स में लगभग 2000 जवान होते है। इनकी टोपी का रंग काला होता है। दूसरे कमांडो की तुलना में इनकी ट्रेनिंग का समय काल अधिक होता है इनकी ट्रेनिंग 18 महीने की होती है। इनका मुख्य कार्य एयर ट्रैफिक कंट्रोल, सच एंड रेस्क्यू, क्लोज प्रोटेक्शन एयरफील्ड की सुरक्षा करना होता है। अगर एयरफोर्स के किसी बेस पर आतंकी हमला होता है तो ये तुरंत response करते है।
एस पी जी कमांडो फाॅर्स (SPG Commando Force)
एसपीएफ का गठन करने का मुख्य कारण 1984 में हुई प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या है। Special Protection Group का गठन 1985 में हुआ था। इस कमांडो फाॅर्स का मुख्य काम प्रधानमंत्री को सुरक्षित रखना होता है। किसी ख़ास अवसर पर ये प्रधानमंत्री के साथ काली यूनिफार्म में हाथो में हथियार लेकर तैनात दिखाई देते है। इनके पास बहुत से हथियार होते है। इनकी यूनिफार्म में भी हथियार छुपे होते है। ये प्रधानमंत्री और उनके परिवार दोनों की सुरक्षा करते है। इनके पास आधुनिक हथियार होते है। इसमें कुल 3000 जवान होते है।
घातक कमांडो फाॅर्स (Ghatak Commando Force)
घातक कमांडो फाॅर्स का गठन 1965 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा था तब किया गया था। जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है ये फाॅर्स बहुत घातक होती है। मैन टू मैन असॉल्ट में ये बटालियन से आगे चलती है। इनकी ट्रेनिंग भी पैरा कमांडो की तरह की जाती है। जब दुश्मन के साथ आमने सामने जंग होती तब इनका प्रयोग किया जाता है। 20 आतंकियों पर अकेला एक घातक कमांडो भारी पड़ सकता है। इसमें 7000 कमांडो है। पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा कमांडो के साथ मिलकर इन्होने ही युद्ध को जीता था।
फाॅर्स वन कमांडो (Force One Commando)
मुंबई आतंकवाद हमले 26/11 के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इनका गठन 2010 में किया था। ये कमांडो बहुत ही तेज और फुर्तीले होते है। इस फाॅर्स का मुख्य काम मुंबई को सुरक्षित रखना है। ये केवल 15 मिनट में दुश्मनो का सफाया करने के ताकत रखते है। यह किसी भी आपदा या हमले का सामना करने के लिए तैयार रहते है। इनको ट्रेनिंग एनएसजी कमांडो द्वारा दी जाती है।
सी आई एस एफ कमांडो (CISF Commando)
Central Industrial Security Force का गठन 10 मार्च 1959 में हुआ था। ससीआईएसफ कमांडो को खासतौर पर वीआईपी एयरपोर्ट या अंतराष्ट्रीय इलाको में तैनात किया जाता है। दिल्ली और मुंबई जैसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स इनकी ही निगरानी में रहते है। इनका स्पेशल अपना फायर विंग है। 26/11 मुंबई में हमले के बाद से प्राइवेट सेक्टर्स की सिक्योरिटी में भी इनको तैनात किया जाने लगा।
स्वात कमांडो (SWAT Commando)
स्वात कमांडो फाॅर्स का गठन 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान किया गया था। इस फाॅर्स का पूरा नाम Special weapon And Tactics है। इनकी ट्रेनिंग भी एनएसजी कमांडो की तरह ही होती है। स्वात कमांडो के सभी जवानो की उम्र 28 वर्ष से कम होती है। ये दिन रात पानी और हवा में घात लगाकर हमला कर सकते है। इस कमांडो फाॅर्स का मुख्य कार्य दिल्ली और एनसीआर को सुरक्षित रखना है। ।
कमांडो से जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर
कोबरा (CoBRA) कमांडो का पूरा नाम क्या है ?
कोबरा कमांडो का पूरा नाम Commando Battalion For Resolute Action है।
SWAT Commando का पूरा नाम क्या है ?
SWAT Commando का पूरा नाम Special weapon And Tactics है।
दुनिया की सबसे बेस्ट कमांडो फाॅर्स कौनसी है ?
दुनिया की सबसे बेस्ट कमांडो फाॅर्स में भारत के मार्कोस कमांडो का नाम आता है।
ब्लैक कमांडो किसको कहते है ?
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को ही ब्लैक कमांडो कहा जाता है।
कमांडो के क्या कार्य होते है ?
कमांडो का मुख्य कार्य आतंकी हमलो से बचाना, सीक्रेट ऑपरेशन करना, होस्टेज(बंधी) सिचुएशन से लोगो को बचाना, राष्ट्र की सुरक्षा करना, आपदा से लोगो को रेस्क्यू करना, युद्ध में दुश्मनो को हराना और राष्ट्र के लोगो की रक्षा करना होता है।