शरीर के किसी भाग में सूजन या संक्रमण का खतरा होने पर डॉक्टर्स द्वारा प्रायः मरीजों को ईएसआर (ESR) टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। ईएसआर (ESR) टेस्ट के माध्यम से मरीज के रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की जांच की जाती है।
जिसके माध्यम से मरीज के शरीर में होने वाली असमान्यताओं के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ईएसआर (ESR) टेस्ट से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आप ईएसआर (ESR Test In Hindi) क्या होता है- ESR Test Full Form, ईएसआर (ESR) बढ़ने के कारण एवं संकेत तथा इसके उपचारों से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही यहाँ आपको ईएसआर रेट को कम करने के घरेलू उपाय सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी प्रदान की जाएगी।
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अधिकतर बीमारियों को चेक करवाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। ऐसी ही बहुत सी बीमारियां होती है उनमे से एक है टीबी। यह एक जानलेवा बीमारी है। क्या आप टीबी के लक्षण और इलाज के बारे में जानते है
ईएसआर (ESR Test In Hindi) क्या होता है ?
ईएसआर (ESR) एक प्रकार का ब्लड टेस्ट होता है जिसको प्रायः शरीर में सूजन या संक्रमण की आशंका होने पर करवाया जाता है। ईएसआर (ESR) के माध्यम से रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की जाँच की जाती है।
इसके लिए परखनली में रोगी का रक्त लिया जाता है एवं एक घण्टे के बाद यह परिक्षण किया जाता है की परखनली के तल पर लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की कितनी संख्या जमा हुयी है। इसके पश्चात परखनली के तल पर जमा लाल रक्त कोशिकाओं के आधार पर मरीज के शरीर में आरबीसी (RBC) सेडिमेंटेशन के स्तर को मापा जाता है।
जितनी अधिक लाल रक्त कोशिकाएँ टेस्ट ट्यूब के निचले भाग में जमा होती है मरीज के शरीर में आरबीसी (RBC) सेडिमेंटेशन का स्तर उतना अधिक होता है। सेडिमेंटेशन स्तर के आधार पर ही डॉक्टर द्वारा विभिन प्रकार के निष्कर्ष निकाले जाते है।
ESR Test Full Form
ईएसआर (ESR) की फुल फॉर्म (ESR Test Full Form)- Erythrocytes Sedimentation Rate (एरीथरोसाइट्स सेडिमेंटेशन रेट) है जिसे की हिंदी में “एरिथ्रोसाइट्स अवसादन दर” कहा जाता है। यह परखनली के तल पर लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के सांद्रण की दर की माप है।
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रक्त में ईएसआर (ESR) वृद्धि के कारण
रक्त में ईएसआर (ESR) वृद्धि विभिन कारणों से प्रभावित होती है। यहाँ आपको रक्त में ईएसआर (ESR) वृद्धि के कारणों सम्बंधित बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-
- किडनी की बीमारी (Chronic Kideney disease)
- गठिया वात (Rheumatoid Arthritis)
- एनीमिया (Anemia)
- रियूमेटिक बुखार (Rheumatic Fever)
- थायरॉइड (Thyroid)
- हड्डियों में संक्रमण (Bone Infection)
- ट्यूबर क्लोसिस (T.B)
- चेहरे पर संक्रमण (Skin Infection)
कब करवाना चाहिए ईएसआर (ESR) टेस्ट
निम्न परिस्थितियों में ईएसआर (ESR) टेस्ट को करवाना चाहिए :-
- यदि आप अपने शरीर में कुछ असामान्यता महसूस कर रहे है जिसके कारण आपको विभिन प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही है तो इस स्थिति में ईएसआर (ESR) टेस्ट करवाया जा सकता है।
- शरीर में सूजन या संक्रमण की आशंका होने पर
- असामान्य बुखार या बुखार के लम्बी अवधि तक रहने पर
हालांकि अधिकतर परिस्थितियों में डॉक्टर के द्वारा स्वयं ही ईएसआर (ESR) टेस्ट प्रिस्क्रिप्शन दिया जाता है। ऐसे में यह टेस्ट करवाना आवश्यक होता है।
क्या है नार्मल ईएसआर (ESR) रेंज
ईएसआर (ESR) रेट में बदलाव विभिन प्रकार के लक्षणों एवं बीमारियों की ओर संकेत करते है। ऐसे में इस टेस्ट की नार्मल रेंज के माध्यम से आरबीसी (RBC) सेडिमेंटेशन के स्तर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। नार्मल ईएसआर (ESR) रेंज (Normal range of ESR) निम्न प्रकार से है :-
क्र. सं. | आयु वर्ग | नार्मल ईएसआर (ESR) रेंज (mm/h) |
1. | 20 वर्ष से कम आयु (युवा/वयस्क/पुरुष) | 0 – 10 |
2. | 20 वर्ष से कम आयु (युवती/महिला) | 0 – 10 |
3. | 20 वर्ष से 50 वर्ष की आयु के मध्य (पुरुष) | 0 – 15 |
4. | 20 वर्ष से 50 वर्ष की आयु के मध्य (महिला) | 0 – 20 |
5. | 50 वर्ष से अधिक (पुरुष) | 0 – 20 |
6. | 50 वर्ष से अधिक (महिला) | 0 – 30 |
ईएसआर (ESR) में बदलाव से जुड़े संकेत
ईएसआर (ESR) में आरबीसी (RBC) सेडिमेंटेशन के स्तर में बदलाव के आधार पर विभिन प्रकार के लक्षणों एवं बीमारियों का संकेत मिलता है। प्रायः सेडिमेंटेशन स्तर असामान्य होने (कम या अधिक होना) पर निम्न संकेत या बीमारियों का खतरा होता है :-
ईएसआर (ESR) रेट में वृद्धि | ईएसआर (ESR) रेट में कमी |
कन्जेस्टिव हार्ट फ्लोयर | किडनी बीमारी |
लॉ प्लाज्मा प्रोटीन | हाई कोलेस्ट्राल |
क्रोनिक फैटिग्यू सिन्ड्रोम | थॉयराइड बीमारी |
टेम्पोरल आर्थेराइटिस | एनिमिया |
प्रोटीन फिबरिनोजन | |
हड्डियों में संक्रमण | |
ट्यूबर क्लोसिस |
ईएसआर (ESR), उपचार एवं घरेलू उपाय
रक्त में ईएसआर (ESR) रेट के असामान्य होने पर घरेलू उपायों के द्वारा नियंत्रण कर इसे नियमित किया जा सकता है। इसके लिए निम्न घरेलू उपाय कारगर हैं :-
- योगा एवं प्राणायाम- अपने प्रतिदिन के जीवन में 30 मिनट तक योगा एवं प्राणायाम को शामिल करके ईएसआर (ESR) रेट को सामान्य किया जा सकता है।
- नींद एवं व्यायाम- प्रतिदिन व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। पर्याप्त नींद ईएसआर (ESR) रेट के संतुलन हेतु आवश्यक है।
- मिर्च-मसालों एवं मीठे भोजन से परहेज- खाने में मिर्च-मसालों, तला भुना एवं मीठा भोजन के सेवन को संतुलित करें।
- पर्याप्त पानी पियें- शरीर की सूजन कम करने एवं ईएसआर (ESR) रेट को नियमित रूप से कार्य करने हेतु पर्याप्त हाइड्रेशन प्रदान करें। इसके लिए प्रतिदिन पानी पियें।
- संतुलित भोजन- खाने में घरेलू हरी सब्जियाँ, फल एवं रसोई में मिलने वाले औषधीय पदार्थो जैसे हल्दी, मेथी, मंजिष्ठा एवं नीम के सेवन को शामिल करें।
महत्वपूर्ण नोट- सभी पाठकों को आर्टिकल में दी गयी सलाह को अमल में लाने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही विभिन उपायों का सेवन भी चिकित्सक के परामर्श के अनुसार करें।
ईएसआर टेस्ट (ESR Test) से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
ईएसआर टेस्ट (ESR Test) रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के सेडिमेंटेशन का परिक्षण होता है जिसके माध्यम से शरीर में विभिन अनियमितताओं का परिक्षण किया जाता है।
ईएसआर (ESR) की फुल फॉर्म (ESR Test Full Form)- Erythrocytes Sedimentation Rate (एरीथरोसाइट्स सेडिमेंटेशन रेट) है जिसे की हिंदी में “एरिथ्रोसाइट्स अवसादन दर” कहा जाता है।
ईएसआर टेस्ट (ESR Test) शरीर में सूजन या संक्रमण की आशंका होने पर करवाया जाता है। साथ ही स्वास्थ्य में अनियमितता एवं असामान्य तथा लम्बी अवधि के बुखार होने पर भी यह टेस्ट करवाया जाता है। हालांकि मुख्यत डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही यह टेस्ट करवाया जाता है।
ईएसआर (ESR) टेस्ट की नॉर्मल आयु वर्ग के अनुसार भिन्न-भिन्न है। आप आर्टिकल में दिए गए चार्ट के माध्यम से ईएसआर (ESR) टेस्ट की नॉर्मल रेंज चेक कर सकते है।
ईएसआर (ESR) रेट के असामान्य होने पर घरेलू उपचार सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको इस सम्बन्ध में सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है।