Tax Saving Tips: सैलरी पर टैक्स बनता है तो कंपनी इसे काट लेती है। इसे स्रोत पर कर कटौती (TDS) कहा जाता है। TDS का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि करदाता समय पर अपना कर चुकाएं। हालाँकि इनकम टैक्स की अंतिम कैलकुलेशन आईटीआर फाइल करने के बाद आयकर विभाग ही करता है।
आईटीआर में करदाता अपनी कुल आय, टैक्स छूट और अन्य विवरणों को भरते हैं। आयकर विभाग इन विवरणों के आधार पर करदाता का कर दायित्व निर्धारित करता है। यदि करदाता का कर दायित्व TDS से अधिक है तो आयकर विभाग शेष कर की राशि करदाता से वसूल करेगा। यदि करदाता का कर दायित्व TDS से कम है तो आयकर विभाग करदाता को टैक्स रिफंड देगा।
ITR से रिफण्ड मिल सकेगा
टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए करदाता को आयकर रिटर्न (ITR) भरना होगा और स्वीकृत ITR के साथ बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग ITR की जांच करने के बाद करदाता के बैंक खाते में टैक्स रिफंड की राशि जमा कर देगा।
टैक्स बचाने के लिए प्लानिंग जाने
- अपनी आय को कम करें: टैक्स का सीधा संबंध आपकी आय से है। अगर आपकी आय कम होगी तो आपका टैक्स भी कम होगा। आय कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- अपने खर्चों को कम करके आप अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।
- आयकर अधिनियम के तहत आपको कई तरह की टैक्स छूट मिलती हैं। इन छूटों का लाभ उठाकर आप अपनी आय को कम कर सकते हैं।
- अपने निवेश को सोच-समझकर करें: निवेश भी टैक्स बचाने का एक अच्छा तरीका है। कुछ निवेश ऐसे हैं जिन पर आपको टैक्स छूट मिलती है। ऐसे निवेशों में आप अपने पैसे को लगाकर टैक्स बचा सकते हैं।
- अपने नियोक्ता से बात करें: अगर आपका नियोक्ता आपको टैक्स कटौती की सुविधा देता है तो आप उससे बात करके टैक्स कटौती की मात्रा कम करवा सकते हैं।
12 लाख सैलरी पर टैक्स बचाने के उपाय
12 लाख सैलरी पर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 30% टैक्स के दायरे में आते हैं। इस सैलरी पर निम्न उपाय करें:
- आधारभूत छूट का लाभ उठाएं: आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपये तक की छूट ले सकते हैं। इस छूट में निम्न मदों पर खर्च किए गए धनराशि को शामिल कर सकते हैं –
- जीवन बीमा प्रीमियम
- पेंशन योजनाओं में निवेश
- एनपीएस
- बचत योजनाएं
- गृह ऋण के ब्याज
- बच्चों की शिक्षा
- स्वास्थ्य बीमा
- मेडिकल खर्च पर छूट: आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत आप अपनी कुल आय से 50,000 रुपये तक के मेडिकल खर्च पर छूट ले सकते हैं। इस छूट में निम्न मदों पर खर्च किए गए धनराशि को शामिल कर सकते हैं-
- खुद के मेडिकल खर्च
- जीवनसाथी के मेडिकल खर्च
- बच्चों के मेडिकल खर्च
- माता-पिता के मेडिकल खर्च
- शिक्षण खर्च पर छूट: आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत, आप अपनी कुल आय से 100,000 रुपये तक के शिक्षण खर्च पर छूट ले सकते हैं। इस छूट के तहत, आप निम्नलिखित मदों पर खर्च किए गए धनराशि को शामिल कर सकते हैं:
- खुद के शिक्षण खर्च
- जीवनसाथी के शिक्षण खर्च
- बच्चों के शिक्षण खर्च
- निवेश से संबंधित टैक्स छूट: आयकर अधिनियम की धारा 80C, 80D, 80E के अलावा, आप निम्नलिखित मदों पर खर्च किए गए धनराशि को भी अपनी कुल आय में से घटा सकते हैं:
- पीपीएफ
- ईएलएसएस
- एलआईसी
- NPS
- इक्विटी लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ELSS)
- सेविंग्स अकाउंट
- ट्यूशन फीस
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