Tax Free countries: कई देशों में जनता से टैक्स नहीं वसूला जाता है। ऐसे देशों को “टैक्स फ्री देशों” के रूप में जाना जाता है। इन देशों में सरकार के राजस्व के अन्य स्रोत होते हैं, जैसे कि प्राकृतिक संसाधनों से होने वाली आय, पर्यटन उद्योग से होने वाली आय या विदेशी निवेश से होने वाली आय।
इन देशों के नागरिक टैक्स नहीं देते
सैन मैरिनो | ब्रुनेई | यूएई |
बहरीन | ओमान | नौरू |
बहामास | कतर |
सैन मैरिनो
सैन मैरिनो एक टैक्स फ्री देश है। यहां सरकार लोगों से टैक्स नहीं वसूलती। न ही कोई इनकम टैक्स है और न ही मूल्य वर्धित कर या बिक्री कर। लेकिन यहां सभी नागरिकों को राज्य-प्रबंधित भविष्य निधि में योगदान देना होता है। जो केवल उनके वेतन का पांच प्रतिशत होता है। जो सभी के लिए एक जैसा है।
सैन मैरिनो एक छोटा देश है जो इटली के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसकी आबादी लगभग 35,000 है। सैन मैरिनो की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन और वित्तीय सेवाओं पर आधारित है।
बहरीन
बहरीन एक टैक्स फ्री देश है। यहां सरकार अपने नागरिकों से आयकर नहीं वसूलती, लेकिन उन्हें सामाजिक सुरक्षा के लिए आय के आधार पर 6 प्रतिशत और 9 प्रतिशत का भुगतान करना होता है।
बहरीन एक छोटा देश है जो अरब प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है। इसकी आबादी लगभग 1.7 मिलियन है। बहरीन की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और गैस पर आधारित है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है। UAE एक टैक्स फ्री देश है। यहां नागरिकों और गैर निवासियों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाता। UAE की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और गैस पर आधारित है।
मोनाको
मोनाको एक टैक्स फ्री देश है। यहां सरकार द्वारा कोई टैक्स नहीं वसूला जाता। मोनाको की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन और वित्तीय सेवाओं पर आधारित है।
केमैन आइलैंड्स
केमैन आइलैंड्स एक टैक्स फ्री देश है। यहां के नागरिकों से सरकार कोई टैक्स नहीं वसूलती। केमैन आइलैंड्स की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वित्तीय सेवाओं और पर्यटन पर आधारित है।
कतर
कतर एक टैक्स फ्री देश है। यहां के नागरिकों से सरकार कोई टैक्स नहीं वसूलती। हालांकि, प्रवासियों से उनसे संबंधित सरकारी कानूनों के अनुरूप टैक्स लगाया जा सकता है।
कतर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और प्राकृतिक गैस पर आधारित है। कतर के पास दुनिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस के भंडार में से कुछ हैं। कतर सरकार इन संसाधनों से होने वाली आय से अपने नागरिकों को टैक्स से मुक्त रखती है।
प्रवासियों से टैक्स की दरें उनकी आय और रोजगार के प्रकार पर निर्भर करती हैं। आम तौर पर, प्रवासियों को आयकर, मूल्य वर्धित कर (VAT), और संपत्ति कर का भुगतान करना पड़ता है।
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