राजस्थान में आयोजित होने वाला पशु मेला देश ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। पशु मेलो के माध्यम से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार पशुओं की खरीद फरोख्त करते है। कृषि कार्यो में अग्रणी राजस्थान राज्य में सभी बड़े शहरो एवं ग्रामीण अंचलो में विभिन पशु मेलो का आयोजन किया जाता है। राजस्थान में आयोजित होने वाले पशु मेले कृषको के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होते। पशु मेलो के अवसर पर देश के सुदूर भागो के किसान भी यहाँ पशुओ की खरीद फरोख्त के लिए आते है ऐसे में यह अवसर सभी कृषको के लिए महत्वपूर्ण है।
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पशु मेला राजस्थान (Rajasthan Pashu Mela 2023) संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको राजस्थान राज्य में आयोजित किए जाने वाले सभी प्रमुख पशु मेलों से सम्बंधित जानकारी विस्तारपूर्वक प्रदान की जाएगी।
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Rajasthan Pashu Mela
भारत एक कृषि-प्रधान देश है। देश की 50 फीसदी से अधिक आबादी कृषि कार्यो में संलग्न है ऐसे में कृषको के लिए पशुधन सबसे महत्वपूर्ण धन होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के कार्यो के लेकर खाद एवं दुग्ध की आपूर्ति के लिए पशुधन सबसे महत्वपूर्ण साधन है ऐसे में पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सबसे आवश्यक अंग होते है। कृषको की पशुधन सम्बंधित आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही राजस्थान में विभिन भागो में पशुधन मेलो का आयोजन किया जाता है ताकि अपनी आवश्यकता के अनुसार कृषक इन मेलो के माध्यम से उचित दाम पर पशुधन की खरीद-फरोख्त कर सकें।
पशुधन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए राजस्थान राज्य में वर्ष भर में विभिन स्थानों, बड़े शहरो एवं सुदूर ग्रामीण अंचलो में पशु मेलों का आयोजन किया जाता है। राजस्थान में पशुधन के क्रय-विक्रय के लिए वर्ष में लगभग 250 मेलो का आयोजन किया जाता है जो की वर्ष के अलग-अलग महीनो में अलग-अलग समय पर आयोजित किए जाते है। पशु मेलो में भाग लेने के लिए राजस्थान ही नहीं अपितु भारत के विभिन राज्यों जैसे उत्तर-प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा एवं महाराष्ट्र के किसान भी अपने पशुओ को ख़रीदने एवं बेचने के लिए आते है।
राजस्थान में आयोजित होने वाले पशु मेलो के नाम स्थानीय लोक देवता या स्थानीय क्षेत्र के किसी महान नेता, कृषक या व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है। इन मेलो में प्रतिवर्ष करोड़ो रुपए मूल्य के पशुधन का क्रय-विक्रय होता है जिसमे हजारों कृषक भाग लेते है। इन मेलो में विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है ऐसे में देश ही नहीं अपितु विदेश के लोग भी इन मेलों में भाग लेने के लिए आते है।
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राजस्थान में आयोजित होने वाले प्रमुख पशु मेले
- राजस्थान में वर्ष भर में विभिन स्थानों पर ढ़ाई सौ से भी अधिक पशु मेलों का आयोजन किया जाता है जिनमे पुष्कर पशु मेला, महाशिवरात्रि पशु मेला करौली, बलदेव पशु मेला एवं मल्लीनाथ पशु मेला प्रमुख है। यहाँ आपको राजस्थान में आयोजित होने वाले सभी प्रमुख पशु मेलो के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।
राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला
- राजस्थान के नागौर जिला मुख्यालय में लगने वाला श्री रामदेव पशु मेला राजस्थान में लगने वाले सभी पशु मेलो में सबसे आकर्षक पशु मेला है। इस मेले का आयोजन माघ शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा तक किया जाता है जहाँ नागौरी नस्ल के बैल की खरीद फरोख्त के लिए सभी कृषक उत्सुक रहते है। यह मेला सामान्यता जनवरी या फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है।
मल्लीनाथ पशु मेला 2023 (Mallinath Pashu Mela)
- चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी तक आयोजित किए जाने वाला मल्लीनाथ पशु मेला, राजस्थान के वीर योध्दा रावल मल्लीनाथ जी की स्मृति में आयोजित किया जाता है जो की सामान्यता मार्च के महीने में लगता है। इस मेले का मुख्य आकर्षण मालानी नस्ल के घोड़े, ऊंट एवं कांकरेज नस्ल के बैल है।
श्री शिवरात्रि पशु मेला करौली (Pashu Mela Karauli Rajasthan)
- राजस्थान के सिद्ध क्षेत्र करौली में शुक्ल पूर्णिमा से फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तक आयोजित किए जाने वाले श्री शिवरात्रि पशु मेले में दूर-दूर से कृषक भाग लेते है। मुख्यत हरियाणा नस्ल के बैलों के लिए प्रसिद्ध श्री शिवरात्रि पशु मेला करौली के आयोजन के अवसर पर लोक संगीत, हैलाख्याल दंगल, कवि सम्मेलन, लांगुरिया नृत्य एवं नौटंकी जैसे मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
पुष्कर पशु मेला ( Pushkar Pashu Mela 2023)
- ब्रह्मा जी की नगरी पुष्कर में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीय तक आयोजित होने वाला पुष्कर पशु मेला सदियों से इस क्षेत्र की पहचान रही है। भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के सैलानी इस प्रसिद्ध मेले का भागीदार बनने के लिए यहाँ आते है। इस मेले के अवसर पर विभिन कृषक अपनी आवश्यकता के अनुसार कृषि कार्यो, दुग्ध आपूर्ति एवं अन्य कार्यो के लिए पशुओं का क्रय-विक्रय करते है। साथ ही इस अवसर पर विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है। इस अवसर पर पुष्कर झील में स्नान करना पवित्र माना जाता है।
बलदेव पशु मेला (Baldev Sashu Mela)
- महान कृषक नेता बलदेव राम मिर्धा की स्मृति में आयोजित किया जाने वाला बलदेव पशु मेला चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तक मनाया जाता है जो की नागौर जिले में पशु विक्रय के लिए प्रसिद्ध है।
वीर तेजाजी पशु मेला, परबतसर (नागौर) (Veer Tejaji Cattle Fair)
- नागौर के परबतसर में आयोजित होने वाला वीर तेजाजी पशु मेला लोक देवता वीर तेजाजी की स्मृति में प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक आयोजित किया जाता है। वीर तेजाजी को गौरक्षक एवं कृषि कार्यो के लोक देवता के रूप में पूजा जाता है।
श्री गोमती सागर पशु मेला, झालरापाटन (झालावाड़) (Gomtisagar Pashu Mela Jhalawar)
- वैशाख शुक्ल त्रयोदशी से ज्येष्ठ कृष्ण पंचमी तक आयोजित किया जाने वाला श्री गोमती सागर पशु मेला राजस्थान के झालरापाटन (झालावाड़) जिले में मनाया जाता है। मालवी नस्ल के बैलों के लिए प्रसिद्ध श्री गोमती सागर पशु मेला के अवसर पर पवित्र गोमती सागर तट पर स्नान करना पुण्यदायक माना जाता है।
श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला, भरतपुर (Jaswant Pradarshni and Cattle Fair Bharatpur)
- राजस्थान के भरतपुर जिले में प्रतिवर्ष आश्विन शुक्ल पंचमी से आश्विन शुक्ल चतुर्दशी तक आयोजित किया जाने वाला श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला इस क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। इस मेले के अवसर पर नौटंकी, कव्वाली, कवि सम्मेलन एवं विशाल कुश्ती दंगल जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
श्री गोगामेड़ी पशु मेला, गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) (Gogamedi Cattle Fair)
हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील में गोगामेड़ी में प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक आयोजित होने वाला श्री गोगामेड़ी पशु मेला, लोक देवता गोगाजी की स्मृति में आयोजित किया जाता है जो की पशु व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। लोक देवता गोगाजी को इस क्षेत्र में हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। इस मेले में ऊँट बिक्री सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको राजस्थान राज्य में आयोजित किए जाने वाले विभिन प्रसिद्ध मेलो के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
Rajasthan Pashu Mela सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
पशु मेलों के माध्यम से कृषक अपनी आवश्यकता के अनुसार उचित दामो पर पशुओं की खरीद-फरोख्त कर सकते है।
राजस्थान राज्य में वर्ष भर में विभिन स्थानों पर 250 से अधिक कृषक मेले आयोजित किए जाते है।
राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध पशु मेला पुष्कर पशु मेला है जिसमे भाग लेने के लिए देश एवं विदेश के लोग भाग लेते है।
पुष्कर मेला प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया तक आयोजित किया जाता है। यह मेला सामान्यता अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के प्रथम सप्ताह तक आयोजित किया जाता है।
राजस्थान राज्य ऊँट की बिक्री के लिए प्रसिद्ध केंद्र है।