राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 57 मुस्लिम देशो के संघठन OIC ने निंदा की, भारत में निंदा के विरोध में प्रदर्शन हुए

OIC Reaction On Ram Mandir: 57 मुस्लिम देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (OIC) ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की निंदा की है। OIC ने एक बयान जारी कर कहा है कि “इस्लामिक स्थल (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त कर बनाए गए मंदिर की हम निंदा करते हैं।”

OIC ने कहा कि यह मंदिर भारत में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देगा। OIC ने भारत सरकार से अपील की है कि वह इस मंदिर को तुरंत ध्वस्त करे और बाबरी मस्जिद को फिर से बहाल करे।

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बयान को लेकर देशभर में प्रदर्शन

OIC की इस निंदा का भारत में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने OIC की निंदा करते हुए कहा है कि यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। भाजपा ने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर भारतीय जनता का एक ऐतिहासिक अधिकार है।

भारत में राम मंदिर का महत्व

अयोध्या में राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त की थी। राम मंदिर का निर्माण एक लंबे समय से चल रहा विवाद है।

1992 में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। इस घटना के बाद अयोध्या में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुनाया था। इसके बाद, राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। 22 जनवरी, 2024 को, राम मंदिर में राम लला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।

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OIC की निंदा के पीछे की वजह

OIC की निंदा का एक कारण यह है कि OIC एक इस्लामिक संगठन है। OIC का मानना है कि बाबरी मस्जिद एक इस्लामिक स्थल था। OIC का मानना है कि राम मंदिर का निर्माण इस्लामिक स्थलों को नष्ट करने का एक प्रयास है।

दूसरा कारण यह है कि OIC भारत के सत्तारूढ़ दल भाजपा के हिंदू राष्ट्रवादी रुख से नाखुश है। OIC का मानना है कि भाजपा भारत में हिंदुत्व के प्रचार को बढ़ावा दे रही है।

OIC की निंदा पर भारतीय दृष्टिकोण

भारतीय सरकार ने OIC की निंदा को खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक और धार्मिक अधिकार है। भारत सरकार ने कहा है कि यह मंदिर भारत में सांप्रदायिक शांति को बढ़ावा देगा।

OIC की निंदा भारत में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाली है। भारत सरकार को चाहिए कि वह OIC की निंदा को खारिज करे और सांप्रदायिक शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए।

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