Digital Economy Jobs: केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल इकोनॉमी में 2 साल के अंदर 1 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य रखा है। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रों, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और आईटी तथा आईटी संबद्ध सेवाओं में अगले दो साल में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य रखा है।
1 करोड़ रोज़गार की तैयारी
मंत्री वैष्णव ने स्टार्टअप के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन बड़े स्तंभ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, आईटी तथा आईटी संबद्ध क्षेत्र और स्टार्टअप हैं। इन क्षेत्रों ने 88-90 लाख नौकरियां दी है।
वैष्णव ने (Ashwini Vaishnaw) कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने रोजगार को लेकर एक लक्ष्य रखा है। अगले दो साल में इन क्षेत्रों में रोजगार का आंकड़ा 1 करोड़ के पार पहुंच जाना चाहिए।
गाँवो में भी स्टार्टअप होंगे – वैष्णव
मंत्री वैष्णव की बात सही है। आने वाले समय में स्टार्टअप का केंद्र गांव होंगे। इसके कई कारण हैं। पहला, भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की आबादी तेजी से बढ़ रही है। दूसरा, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहा है। तीसरा, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है।
सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना शुरू की है जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप को वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है। सरकार ने स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई कानूनी और नियामक सुधार भी लागू किए हैं।
सरकार की पहल में शामिल होगा
STPI की योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए अन्य पहल भी शुरू करने की है। इन पहलों में शामिल हैं:
- स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम
- स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता
- स्टार्टअप के लिए बाजार पहुंच और विपणन सहायता
सुविधा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहे है
STPI का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप की स्थापना से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत होगा।
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (STPI) ने स्टार्टअप के लिए 64 मझोले और छोटे शहरों (टियर दो और टियर तीन) में हर तरह की सुविधाओं से युक्त इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लग-एंड-प्ले) प्रदान किया है। स्टार्टअप को 5 से 10 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी लोन के तहत मिलती है। 2025 तक 300 स्टार्टअप को फंड देने का टारगेट रखा गया है।
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