Budget 2024: वित्त मंत्रालय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में हर साल बजट में संशोधन करता है। बजट में नई वित्तीय नीतियों, टैक्स से जुड़े कानूनों और देश की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाने की योजना को शामिल किया जाता है।
बजट एक सालाना वित्तीय डिटेल है जो अनुमानित सरकारी खर्चों और सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में जमा होने वाले राजस्व की रूपरेखा बताता है। 2024-25 का आम बजट मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट होगा।
इन बिन्दुओ पर बजट केंद्रित रहेगा
- आर्थिक विकास को बढ़ावा: बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की जा सकती है। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि और उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
- रोजगार सृजन: बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए भी नई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की जा सकती है। इसमें कौशल विकास, उद्यमिता और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
- सार्वजनिक वित्त: बजट में सार्वजनिक वित्त को स्थिर रखने के लिए राजस्व बढ़ाने और खर्चों को कम करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
- वित्तीय समावेशन: बजट में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की जा सकती है। इसमें डिजिटल भुगतान, बैंकिंग और बीमा तक पहुंच को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
नौकरीपेशा के लिए उम्मीदे
- स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि बढ़ाकर 75,000 रुपये या 1,00,000 रुपये की जा सकती है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि को आय स्तर के आधार पर अलग-अलग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, उच्च आय वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि कम हो सकती है जबकि कम आय वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि अधिक हो सकती है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा सरकार अन्य कर छूटों को भी बढ़ा सकती है। उदाहरण के लिए, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों पर कर छूट को बढ़ाया जा सकता है।
महिलाओ को विशेष छूट मिल सकती है
आर्थिक शोध संस्थान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती के बयान से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए आयकर कानून की धारा 88सी के तहत कुछ अलग से कर छूट मिल सकती है।
धारा 88सी के तहत महिलाओं को उनके बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों पर कर छूट मिलती है। वर्तमान में महिलाएं अपने बच्चों की शिक्षा पर होने वाले खर्चों पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की छूट ले सकती हैं। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 25,000 रुपये की छूट मिलती है।
कोई विशेष बदलाव की उम्मीदे नहीं
बंगलूरू के डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एनआर भानुमूर्ति के बयान से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरिम बजट में कर व्यवस्था में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसका कारण यह है कि अंतरिम बजट का उद्देश्य पूरे साल के बजट पेश होने तक सिर्फ खर्च बजट पर मंजूरी लेना होता है।
कुल मिलाकर यह कहना मुश्किल है कि अंतरिम बजट में कर व्यवस्था में कितने बदलाव होंगे। हालांकि यह संभावना है कि सरकार कुछ कर छूटों को बढ़ा सकती है लेकिन कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।
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