भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक सीएजी | Comptroller and Auditor General or CAG information in hindi

भारत के संविधान के द्वारा देश के सुचारु रूप से संचालन के लिए विभिन पदों का निर्धारण किया गया है। संविधान द्वारा देश के वित्तीय लेखा-जोखा सम्बंधित कार्यो को संपादित करने हेतु नियंत्रक महालेखा परीक्षक के पद को सृजित किया गया है जो की देश की वित्तीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियंत्रक महालेखा परीक्षक को संविधान द्वारा स्वायत्त निकाय के रूप में मान्यता प्रदान की गयी है यही कारण है की देश की वित्तीय व्यवस्था के लेखों का परिक्षण हेतु सीएजी का पद सर्वोच्च पद है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक सीएजी (Comptroller and Auditor General or CAG information in hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक सीएजी
भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक सीएजी

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जैसे सीएजी की नियुक्ति, कार्य, सम्बंधित अनुच्छेद एवं अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान। साथ ही आर्टिकल के माध्यम से आपको सीएजी की भारतीय लोकतंत्र में भूमिका के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक

भारतीय संविधान के द्वारा देश के वित्तीय लेखों के परिक्षण के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक का पद सृजित किया गया था। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारतीय संविधान द्वारा नामित प्राधिकारी होता है जिसका मुख्य कार्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के सभी लेखा परीक्षा करना एवं इनकी जांच करना है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को संक्षेप में CAG (Comptroller and Auditor General) भी कहा जाता है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पद संविधान के द्वारा सृजित किया गया है एवं यह एक स्वायत्त पद है जिसका अर्थ है की एक बार नियुक्ति होने के पश्चात यह सरकार के हस्तक्षेप के बिना कार्य करता है। देश में विभिन लेखा परीक्षाओं की जांच में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। सीएजी इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट डिपार्टमेट का प्रमुख भी होता है।

नियंत्रक महालेखा परीक्षक की नियुक्ति

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को भारतीय संविधान के द्वारा एक स्वायत निकाय के रूप में स्थापित किया गया है यही कारण रहा है की CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 148 से अनुच्छेद 151 तक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति, कार्य एवं दायित्व, पदच्युत करने की प्रक्रिया एवं अन्य विषयो के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति के पश्चात इसकी कार्यावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होती है। यदि वह 6 वर्ष की कार्यावधि से पूर्व ही 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है तो उसे अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ता है। इसके अतिरिक्त अपने कार्यकाल के पूर्ण होने के पश्चात वह किसी भी केंद्र या राज्य सरकार के किसी भी विभाग में कार्य नहीं कर सकता है। संविधान के द्वारा CAG को कार्य स्वायत्तता प्रदान की गयी है।

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)

नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के अंतर्गत महालेखापरीक्षक की भूमिका निभाता है। CAG का मुख्य कार्य केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के लेखों की जांच करना है जिसके माध्यम से यह पता किया जा सके की विभिन मदों में किए गए व्यय संसद एवं राज्य विधानसभाओं द्वारा निर्धारित विधि के अधीन ही किए गए है या नहीं। आसान शब्दो में कहा जाए तो सीएजी का कार्य विभिन केंद्र एवं राज्य सरकार के खातों की जाँच करके यह पता लगाना है की सभी खर्च विधि के अधीन किए गए है या नहीं। केंद्र एवं राज्य सरकारों के लेखों के अतिरिक्त यह राज्य सरकारों के आग्रह पर अन्य स्थानीय निकायों के लेखों की जांच भी करता है। साथ ही सरकार द्वारा सौंपे गए विभिन लेखों की जांच भी सीएजी द्वारा की जाती है। CAG द्वारा मुख्यत निम्न लेखों की जाँच की जाती है:-

  • केंद्र एवं राज्य सरकारों के लेख (Account – receipt and expenditure)
  • केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक निगमों के लेख
  • राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए स्थानीय निकायों के लेख
  • आकस्मिक व्यय (आकस्मिक निधि) से सम्बंधित लेख
  • सरकारी विभागों एवं कार्यालयों के लेख
  • राष्ट्रपति एवं राज्यपाल द्वारा सौपे गए लेख

इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा अन्य लेखों के परिक्षण की जिम्मेदारी भी CAG की सौपी जाती है। जिसके माध्यम से सरकार के व्यय जिसमे सरकार की प्राप्तियां एवं व्यय सम्बंधित सभी लेखों का सीएजी द्वारा परिक्षण किया जाता है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यप्रणाली

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विभिन खातों के लेखा परिक्षण की रिपोर्ट को राष्ट्रपति या सम्बंधित राज्य के राज्यपाल को सौपते है जिसके माध्यम से सरकारों द्वारा व्यय का परिक्षण किया जा सकता है। संविधान द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद को स्वायत्तत प्रदान करने के लिए इसकी नियुक्ति एवं कार्यप्रणाली के नियमो का निर्धारण किया गया है। सीएजी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है एवं इसे भारत की संचित निधि से वेतन प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त CAG को उसी प्रक्रिया के माध्यम से हटाया जा सकता है जिसके माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है अर्थात CAG को सिर्फ महाभियोग की प्रक्रिया के माध्यम से पदच्युत किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भी अन्य प्रावधानों के माध्यम से सीएजी की स्वायत्तता सुनिश्चित की गयी है।

सीएजी, संक्षिप्त सर्वेक्षण

भारत के संविधान द्वारा नियुक्त सीएजी का कार्य देश के लेखा परिक्षण के माध्यम से जनता के धन के सही उपयोग के सम्बन्ध में परिक्षण करना है। सीएजी की भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. भीमराव अम्बेडकर के द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को सबसे महत्वपूर्ण पद बताया गया है जिसका कार्य जनता के पर्स (अर्थात पैसे) का हिसाब किताब रखना है। वास्तव में देखा जाए तो सीएजी जनता के धन के प्रहरी की भूमिका निभाता है जिसका कार्य लेखो के माध्यम से यह जांच करना है की सभी व्यय विधि के अधीन ही सम्पादित किया जा रहे है।

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक सम्बंधित प्रश्न-उत्तर (FAQ)

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का पद किसके द्वारा सृजित किया गया है ?

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संविधान के द्वारा सृजित एक स्वायत पद है।

देश के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है ?

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का वर्णन संविधान के किस भाग में है ?

सीएजी (CAG) का वर्णन भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 148 से अनुच्छेद 151 तक किया गया है।

वर्तमान में भारत के सीएजी (CAG) कौन है ?

वर्तमान में भारत के सीएजी (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू जी है।

सीएजी (CAG) का मुख्य कार्य क्या है ?

सीएजी (CAG) का मुख्य केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी लेखों का परिक्षण करना है। विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया लेख पढ़ सकते है।

सीएजी (CAG) का कार्यकाल कितना होता है ?

सीएजी (CAG) का कार्यकाल नियुक्ति से 6 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र तक होता है। इनमे जो भी स्थिति पहले पूर्ण होती है उसी के अनुसार CAG का कार्यकाल पूर्ण होता है।

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