Shivaji Maharaj Jayanti 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कब है,कौन थे, जन्म कहां हुआ था, और महाराज का इतिहास

आधुनिक भारत के सबसे महान शासको के बारे में चर्चा करते समय ‘मराठा गौरव’ छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की चर्चा होना स्वाभाविक है। 17वीं शताब्दी में जब सम्पूर्ण भारतवर्ष मुगलों के अत्याचारों से त्रस्त था ऐसे समय में देशवासियों की उम्मीद की नयी किरण के रूप में देश के पटल पर छत्रपति शिवाजी महाराज का उदय हुआ।

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अपने जीवनकाल में मुग़ल एवं अन्य आक्रांता शासको का दृढ़ता से मुकाबला किया गया एवं साहस तथा शौर्य की नवीन परिभाषा गढ़ी गयी। भारतवर्ष में सम्पूर्ण हिन्दू जनमानस छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर एवं सम्मान देते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती (Shivaji Maharaj Jayanti 2024) सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।

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इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शिवाजी महाराज जयंती कब और क्यों मनाई जाती है सम्बंधित सभी बिन्दुओ के बारे में अवगत कराया जायेगा। साथ ही आर्टिकल के माध्यम से आप शिवाजी महाराज के जीवन के अन्य पहलुओं से भी परिचित हो सकेंगे।

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj)

‘मराठा गौरव’ छत्रपति शिवाजी महाराज आधुनिक भारत में सिंहपुरुष के रूप में जाने जाते है। मराठा साम्राज्य को सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्थापित करने में छत्रपति शिवाजी महाराज का योगदान महत्वपूर्ण है। मराठा साम्राज्य को एक छोटे से राज्य से सम्पूर्ण भारतवर्ष का सबसे महत्वपूर्ण साम्राज्य बनाने में छत्रपति शिवाजी महाराज की बुद्धिमता एवं साहस का परिचय दिखाई देता है।

जब दिल्ली की गद्दी पर अत्याचारी मुग़ल सम्राट औरंगजेब शासन कर रहा था ऐसे समय में दक्षिण भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज अपने साहस से मुगलों को चुनौती दे रहे थे। अपने बल, साहस एवं बुद्धिमता से मुग़ल साम्राज्य का सामना करने के कारण औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज को राजा की उपाधि से विभूषित करना पड़ा था।

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मराठा साम्राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वारा सभी वर्ग, जाति एवं धर्म के लोगों को बराबरी के अधिकार प्रदान किए गए एवं मराठा संस्कृति, भाषा एवं रीति-रिवाजो को नवीन आयाम प्रदान किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय नौसेना का प्रवर्तक भी माना जाता है साथ ही गोरिल्ला युद्ध पद्धति एवं कूटनीति के लिए भी शिवाजी महाराज का नाम भारतीय समाज में अग्रणी है।

Shivaji Maharaj Jayanti जयंती कब है ?

छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मदिवस 19 फरवरी के अवसर पर शिवाजी महाराज के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए प्रतिवर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2024 में भी छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) का आयोजन 19 फरवरी को किया जायेगा। इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती का आयोजन किया जायेगा।

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास

भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाने की शुरुआत वर्ष 1870 में महात्मा ज्योतिबा राव फुले (Mahatma Jyotirao Phule) के द्वारा की गयी थी। रायगढ़ में स्थित शिवाजी महाराज के मकबरे की खोज के पश्चात महात्मा ज्योतिबा राव फुले के द्वारा पुणे में प्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती उत्सव का आयोजन किया गया था।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक के द्वारा शिवाजी महाराज जयंती के उत्सव को पुनः शुरू करवाया गया था।

बाल गंगाधर तिलक (Baal Gangadhar Tilak) द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन मूल्यों एवं आदर्शो को जनता के सम्मुख लाया गया एवं सभी वर्ग के लोगो को छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आदर्श बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

Shivaji Maharaj Jayanti जयंती का उद्देश्य

शिवाजी महाराज जयंती का आयोजन भारत के वीर शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनमूल्यों, साहस, त्याग, सहिष्णुता एवं प्रजा के प्रति उनके अपार स्नेह को स्मरण करने के लिए किया जाता है।

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति आदर एवं सम्मान प्रकट करने के लिए विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं जनता को शिवाजी महाराज के जीवनमूल्य, उपलब्धियों एवं आदर्शो से रूबरू कराया जाता है। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया जाता है।

जाने छत्रपति शिवाजी महाराज की वीर गाथा

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा साम्राज्य के केंद्र पुणे में हुआ। इनके पिता शाहजी भोंसले बीजापुर रियासत में जनरल के पद पर तैनात थे एवं माता जीजाबाई धर्मपरायण महिला थी।

अपने बचपन के दिनों में ही माता जीजाबाई से प्रेरणा लेकर बाल शिवाजी ने अपने जीवन में प्रेम, दयालुता, सहिष्णुता एवं मानवता जैसे गुणों को विकसित किया। शिवाजी महाराज के गुरु कोंडदेव थे जिन्होंने शिवाजी महाराज को अस्त्र-शस्त्र विद्या एवं कूटनीति में निपुण बनाया। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा सभी विद्याओं को मन लगाकर सीखा गया।

उस काल में दिल्ली की गद्दी पर मुग़ल सम्राट औरंगजेब का शासन था एवं समस्त जनता औरंगजेब के अत्याचारों से त्रस्त थी। दक्कन में स्थानीय शासक भी जनता पर तरह-तरह से अत्याचार कर रहे थे।

ऐसे में शिवाजी महाराज द्वारा जनता को अत्याचारी शासको से मुक्ति दिलाने के लिए शस्त्र उठाने पड़े। अपने जीवनकाल में शिवाजी महाराज द्वारा बुद्धिमता एवं कूटनीति से मुग़ल एवं दक्कनी शासको का डटकर मुकाबला किया गया एवं विभिन युद्धों में विजय के माध्यम से मराठा साम्राज्य का झंडा बुलंद किया गया।

वर्ष 1680 में 50 वर्ष की आयु में छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हो गया। अपने कार्यो एवं आदर्शो के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन की प्रमुख घटनाएँ

छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाएँ निम्न प्रकार से है :-

  • प्रथम अभियान (1644)- अपने प्रथम अभियान के तहत मात्र 14 वर्ष की आयु में शिवाजी महाराज ने तोरण के किले पर अधिकार किया।
  • रायगढ़ को राजधानी के रूप में स्थापित करना (1656)– वर्ष 1656 में शिवाजी महाराज ने रायगढ़ को मराठा साम्राज्य की राजधानी के रूप में स्थापित किया।
  • अफजल खान की हत्या (1659)- बीजापुर के सुल्तान द्वारा अपने योग्यतम सेनापति अफजल खान को शिवाजी को जिन्दा या मुर्दा लाने का आदेश दिया गया हालांकि शिवाजी महाराज द्वारा अफजल खान की हत्या कर दी गयी।
  • पुरंदर की संधि (1665)- औरंगजेब द्वारा नियुक्त अम्बर के राजा जय सिंह एवं शिवाजी महाराज के मध्य वर्ष 1665 में पुरंदर की संधि सम्पन हुयी।
  • छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक (1674)- वर्ष 1674 में विद्वान् गंगाभट्ट के द्वारा शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया एवं उन्हें छत्रपति की उपाधि प्रदान की गयी जिसके पश्चात शिवाजी महाराज को “छत्रपति शिवाजी महाराज” के नाम से जाना जाने लगा।

Shivaji Maharaj Jayanti सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती को सर्वप्रथम कब और किसके द्वारा मनाया गया था ?

शिवाजी महाराज जयंती को मनाने की शुरुआत सर्वप्रथम 1870 में महात्मा ज्योतिबा राव फुले (Mahatma Jyotirao Phule) के द्वारा की गयी थी। इस दिवस को वर्तमान में भव्य रूप में मनाने का श्रेय बाल गंगाधर तिलक को दिया जाता है।

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कब मनायी जाती है ?

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती प्रतिवर्ष 19 फरवरी को मनाई जाती है। वर्ष 2024 में भी छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj 2024 Jayanti) का आयोजन 19 फरवरी 2024 को किया जायेगा।

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने का क्या उद्देश्य है ?

शिवाजी महाराज जयंती के माध्यम से जनता को छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनमूल्यों एवं आदर्शो के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। साथ ही इस अवसर पर सरकार एवं विभिन संस्थाओ के द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़े विभिन बिन्दुओ के बारे में भी जानकारी एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे में हुआ था।

सर्वप्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा किस किले पर अधिकार किया गया ?

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा सर्वप्रथम 14 वर्ष की आयु में तोरण के किले पर अधिकार किया गया था।

शिवाजी महाराज को राजा की उपाधि किसके द्वारा दी गयी थी ?

शिवाजी महाराज को राजा की उपाधि मुग़ल बादशाह औरंगजेब के द्वारा प्रदान की गयी थी।

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