भगवान शिव का 108 नाम – तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की हिन्दुओं में वैसे तो बहुत से भगवानों की पूजा की जाती है। क्योंकि हिन्दुओं में बहुत से भगवान होते है। परन्तु अगर बात प्रमुख भगवानों की, की जाए तो हिन्दुओं में सबसे बड़ा त्रिदेव को माना जाता है। त्रिदेव यानी के – ब्रह्मा, विष्णु और महेश। यह तीनों ही हिन्दू धर्म के प्रमुख भगवान माने जाते है। इस भारत देश में ऐसे कई लोग जो की भगवान ब्रह्मा की पूजा व आस्था करते है और कुछ ऐसे होते है जो की विष्णु भगवान की पूजा करते है। वही कुछ लोग ऐसे भी होते है जो की भगवान शिव की पूजा करते है। तो दोस्तों वैसे तो सभी भगवानों को अनको नाम से जाना जाता है। तो दोस्तों क्या आप भगवान शिव के 108 नाम जानते है। अगर नहीं तो आपको इसमें चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
यह भी पढ़े :- भारत में 12 ज्योतिर्लिंग – भगवान शिव के मंदिर
क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये शिव भगवान के 108 नाम के बारे में बताने वाले है। तो दोस्तों क्या आप भी भगवान शिव का 108 नाम जानना चाहते है तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा क्योंकि इस लेख में ही हमने भगवान के नामों के बारे में बताया हुआ है जिसको पढ़ने से ही आप इसके बारे में जान सकोगे। तो दोस्तों इसलिए कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
भगवान् शिव का 108 नाम | Lord Shiva 108 Names in Hindi
तो दोस्तों अब हम आप सभी को यहाँ पर भगवान शिव के 108 नाम के बारे में बताने वाले है। तो अगर आप भी भगवान शिव के 108 नाम जानना चाहते है तो दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़े।
- शिव:- कल्याण स्वरूप
- शंकर:- सबका कल्याण करने वाले
- महादेव:- देवों के देव
- महेश्वर:- माया के अधीश्वर
- शम्भू:- आनंद स्वरूप वाले
- अंबिकानाथ:- देवी भगवती के पति
- शशिशेखर:- चंद्रमा धारण करने वाले
- विरूपाक्ष:- विचित्र अथवा तीन आंख वाले
- कपर्दी:- जटा धारण करने वाले
- नीललोहित:- नीले और लाल रंग वाले
- पिनाकी:- पिनाक धनुष धारण करने वाले
- शूलपाणी:- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
- खटवांगी:- खटिया का एक पाया रखने वाले
- विष्णुवल्लभ:- भगवान विष्णु के अति प्रिय
- शिपिविष्ट:- सितुहा में प्रवेश करने वाले
- कपाली:- कपाल धारण करने वाले
- श्रीकण्ठ:- सुंदर कण्ठ वाले
- भक्तवत्सल:- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
- कैलाशवासी:- कैलाश पर निवास करने वाले
- शर्व:- कष्टों को नष्ट करने वाले
- त्रिलोकेश:- तीनों लोकों के स्वामी
- शितिकण्ठ:- सफेद कण्ठ वाले
- शिवाप्रिय:- पार्वती के प्रिय
- उग्र:- अत्यंत उग्र रूप वाले
- भव:- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
- कामारी:- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
- सुरसूदन:- अंधक दैत्य को मारने वाले
- गंगाधर:- गंगा को जटाओं में धारण करने वाले
- ललाटाक्ष:- माथे पर आंख धारण किए हुए
- महाकाल:- कालों के भी काल
- कृपानिधि:- करुणा की खान
- भीम:- भयंकर या रुद्र रूप वाले
- परशुहस्त:- हाथ में फरसा धारण करने वाले
- मृगपाणी:- हाथ में हिरण धारण करने वाले
- जटाधर:- जटा रखने वाले
- कवची:- कवच धारण करने वाले
- कठोर:- अत्यंत मजबूत देह वाले
- त्रिपुरांतक:- त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले
- वृषांक:- बैल-चिह्न की ध्वजा वाले
- वृषभारूढ़:- बैल पर सवार होने वाले
- भस्मोद्धूलितविग्रह:- भस्म लगाने वाले
- स्वरमयी:- सातों स्वरों में निवास करने वाले
- त्रयीमूर्ति:- वेद रूपी विग्रह करने वाले
- अनीश्वर:- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
- सर्वज्ञ:- सब कुछ जानने वाले
- परमात्मा:- सब आत्माओं में सर्वोच्च
- सोमसूर्याग्निलोचन:- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
- हवि:- आहुति रूपी द्रव्य वाले
- यज्ञमय:- यज्ञ स्वरूप वाले
- सोम:- उमा के सहित रूप वाले
- पंचवक्त्र:- पांच मुख वाले
- सदाशिव:- नित्य कल्याण रूप वाले
- विश्वेश्वर:- विश्व के ईश्वर
- वीरभद्र:- वीर तथा शांत स्वरूप वाले
- गणनाथ:- गणों के स्वामी
- प्रजापति:- प्रजा का पालन- पोषण करने वाले
- हिरण्यरेता:- स्वर्ण तेज वाले
- गिरीश:- पर्वतों के स्वामी
- गिरिश्वर:- कैलाश पर्वत पर रहने वाले
- अनघ:- पापरहित या पुण्य आत्मा
- भुजंगभूषण:- सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले
- भर्ग:- पापों का नाश करने वाले
- गिरिधन्वा:- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
- सामप्रिय:- सामगान से प्रेम करने वाले
- कृत्तिवासा:- गजचर्म पहनने वाले
- पुराराति:- पुरों का नाश करने वाले
- भगवान्:- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
- प्रमथाधिप:- प्रथम गणों के अधिपति
- मृत्युंजय:- मृत्यु को जीतने वाले
- दुर्धुर्ष:- किसी से न हारने वाले
- जगद्व्यापी:- जगत में व्याप्त होकर रहने वाले
- जगद्गुरू:- जगत के गुरु
- व्योमकेश:- आकाश रूपी बाल वाले
- महासेनजनक:- कार्तिकेय के पिता
- चारुविक्रम:- सुन्दर पराक्रम वाले
- सूक्ष्मतनु:- सूक्ष्म शरीर वाले
- भूतपति:- भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी
- स्थाणु:- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
- दिगम्बर:- नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
- अष्टमूर्ति:- आठ रूप वाले
- गिरिप्रिय:- पर्वत को प्रेम करने वाले
- सात्त्विक:- सत्व गुण वाले
- शुद्धविग्रह:- दिव्यमूर्ति वाले
- शाश्वत:- नित्य रहने वाले
- खण्डपरशु:- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
- अज:- जन्म रहित
- पाशविमोचन:- बंधन से छुड़ाने वाले
- मृड:- सुखस्वरूप वाले
- पशुपति:- पशुओं के स्वामी
- देव:- स्वयं प्रकाश रूप
- अव्यय:- खर्च होने पर भी न घटने वाले
- हरि:- विष्णु समरूपी
- पूषदन्तभित्:- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
- अव्यग्र:- व्यथित न होने वाले
- दक्षाध्वरहर:- दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले
- हर:- पापों को हरने वाले
- भगनेत्रभिद्:- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
- अव्यक्त:- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
- सहस्राक्ष:- अनंत आँख वाले
- वामदेव:- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
- अपवर्गप्रद:- मोक्ष देने वाले
- अनंत:- देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
- तारक:- तारने वाले
- परमेश्वर:- प्रथम ईश्वर
- रूद्र:- उग्र रूप वाले
- सहस्रपाद:- अनंत पैर वाले
- अहिर्बुध्न्य:- कुण्डलिनी- धारण करने वाले
- अनेकात्मा:- अनेक आत्मा वाले
यह भी देखें: भारत में 12 ज्योतिर्लिंग – भगवान शिव के मंदिर
भगवान शिव से सम्बंधित कुछ प्रश्न उत्तर
महाकाल का अर्थ होता है कालों के भी काल को ही महाकाल के नाम से जाना जाता है।
भगवान शिव की सवारी नंदी है।
भगवान शिव की अर्धांगिनी का नाम माता पार्वती है।
भगवान शिव के तीन नेत्र होने के कारण ही उनको त्रिनेत्र के नाम से जाना जाता है।
तो दोस्तों आज हमने आप सभी को इस लेख में भगवान् शिव का 108 नाम के बारे में बताया हुआ है और उनके अर्थ भी बताये हुए है तो दोस्तों अगर आप सभी को हमारे इस लेख में दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो उसके लिए धन्यवाद और इस प्रकार की अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट crpfindia.com को बुकमार्क करें।