गांधीजी के बंदरों का नाम: कहां से आये थे गांधीजी के तीन बन्दर ये है इसके पीछे की कहानी

आप सभी यह तो जानते है की गाँधी जी को हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। क्योंकि भारत को आजादी दिलाने में गाँधी जी का बहुत बड़ा हाथ था। गाँधी जी को सत्य और अहिंसा का पुजारी भी कहा जाता था। क्योंकि वह हमेशा ही अहिंसा का समर्थन करते थे। उन्होंने अंग्रेजों से अहिंसा के दम पर ही आजादी प्राप्त की थी। लेकिन दोस्तों आप सभी जानते होंगे की जब भी गाँधी जी की बात की जाए तो सबसे पहले लोगो को उनका एक मशहूर मुहावरा ध्यान में आता है वो है गाँधी जी के तीन बंदर। आप सभी ने इसके बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप गाँधीजी के बंदरों के नाम जानते है।

गांधीजी के बंदरों का नाम: कहां से आये थे गांधीजी के तीन बन्दर ये है इसके पीछे की कहानी
गांधीजी के बंदरों का नाम: कहां से आये थे गांधीजी के तीन बन्दर ये है इसके पीछे की कहानी

बचपन में हमने ऐसे कई मुहावरे सुने है। लेकिन आप सभी ने इसके बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन क्या आप के मन में कभी यह प्रश्न आया है की आखिर गाँधी जी के तीन बंदरों के नाम क्या थे और यह इतने मशहूर क्यों थे ? तो दोस्तों क्या आप भी इनके बारे में जानना चाहते है। तो आपको इसमें चिंतित होने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख में गाँधीजी के बंदरों में नाम एवं उनके बारे में कई अन्य जानकारी प्रदान करने वाले है?

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अगर आप भी यह जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में हमने इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान की हुई है जैसे की – गांधीजी के बंदरों का नाम: कहां से आये थे गांधीजी के तीन बन्दर ये है इसके पीछे की कहानी ? तो दोस्त इसलिए यह जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

गांधीजी के बंदरों का नाम ?

दोस्तों आप सभी ने गाँधीजी के बंदरों के बारे में तो सुना ही होगा। परन्तु क्या आप यह जानते है की गांधीजी के तीन बंदरों के नाम क्या थे और उनमे ऐसा क्या ख़ास था और आखिर यह तीनों बंदर आये कहाँ से थे ? तो आइये जानते है उनके बारे में पूरी जानकारी।

तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की गांधी जी के पहले बंदर का नाम मिजारू बंदर था। उनके दूसरे बंदर का नाम किकाजारू बंदर था और आखरी यानि के तीसरे बंदर का नाम इवाजारू बंदर था। इन तीनों बंदर की अपनी अपनी खासियत थी। लेकिन यह तीनों बंदर ही इंसानों को सीख देते है।

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  • पहले बंदर यानि के मिजारु बंदर हमेशा अपनी आँखों हाथ रखे रखता था।
  • दूसरा बंदर यानि के किकाजारु बंदर हमेशा अपने हाथों से कान बंद करके रखता था।
  • तीसरा बंदर का नाम इवाजारू बंदर हमेशा अपना मुँह बंद करके रखता था।

इन तीनों बंदर इंसानो को सीख देते है। जिनके बारे में हम आप सभी को यहाँ पर बताने वाले है। जानने के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

पहला बंदर – मिजारु बंदर

दोस्तो सबसे पहले यह जान ले की पहले बंदर का नाम मिजारु बंदर था। इस बंदर के दोनों हाथ हमेशा इसकी आँखों पर रहते थे। जिसका यह संकेत होता है की कभी भी बुरा मत देखों। यानि के यह बंदर इंसानो को यह सीख देता है की कभी बुरा नहीं देखना चाहिए। क्योंकि 1960 में जॉर्ज गबर्नर ने एक थ्योरी दी थी। जिसका नाम कल्टीवेशन थ्योरी था। इस थ्योरी में यह बताया गया था की जैसी चीजे व्यक्ति देखता है वैसा ही उस व्यक्ति का दिमाग भी हो जाता है। यानी के अगर आप Negative (नकारात्मक) कंटेंट देखते है। तो उसका पूरा असर व्यक्ति के दिमाग पर पढता है।

इसलिए गांधीजी का पहला बंदर यानि के मिजारु बंदर लोगो को यह सीख देता है की बुरा मत देखो। जैसा कंटेंट लोग टीवी या फिर अपने मोबाइल पर देखते है। उस कंटेंट का पूर्ण असर व्यक्ति के दिमाग पर होता है। वैसी ही मानसिकता उस व्यक्ति की भी हो जाती है। इसलिए हमें हमेशा अच्छी और सकारात्मक चीजें देखनी चाहीये। ताकि हमारी मानसिकता भी अच्छी रहे।

दूसरा बंदर – किकाजारु बंदर

गांधीजी के दूसरे बंदर का नाम किकजारु बंदर है। इस बंदर के दोनों हाथ इसके कान पर होते है क्योंकि यह अपने कानों को बंद करता हुआ दीखता है। यह बंदर हमको यह सीख देता है की हमें कभी भी बुरा नहीं सुन्ना चाहिए। यानि के इसका अर्थ है की हमें कभी भी नकरात्मक या फॉर अभद्र चीजें नहीं सुनना चाहिए। क्योंकि जैसी चीजें हम सुनेंगे। उन सभी का असर हमारे दिमाग पर पढता है। एक रिसर्च के दौरान यह साबित हुआ है की सुनी हुई बातों का सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पढता है। सभी के लिए यह आवश्यक है की वह अपनी सुनने की क्षमता को बढ़ाएं परन्तु व्यक्ति को यह खुद चयनित करना होगा की उसको नकरात्मक चीजों के बारे में सुन्ना या है या फिर सकरात्मक चीजों के बारे में जानना होगा।

तीसरा बंदर – इवाजारू बंदर

गांधीजी के तीसरे बंदर का नाम इवाजारू बंदर है। इस बंदर के दोनों हाथ इसके मुँह पर रहते है। जो की यह दर्शाता है की हमें कभी भी गलत यानि अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए। एक शोध के अनुसार यह बताया गया है की जो लोग खुद से ही नकारात्मक बात करते है। उन लोगो का इस बात का असर उनके दिमाग को प्रभावित करता है। उसके साथ साथ कभी भी किसी को कुछ भी कहने से पहले यह सोच लेना चाहिए की अगर आप किसी को कुछ भी कह रहे हो तो उसका असर बुरा दूसरे व्यक्ति पर नहीं पढ़ना चाहिए। क्योंकि एक बार मुँह से निकली हुई बात वापस नहीं है आती है। इसलिए हमेशा सोच समझ कर वाणी का उपयोग करें।

गांधीजी के बंदरों का नाम से सम्बंधित प्रश्न

गांधीजी के कितने बंदर थे ?

गांधीजी के तीन बंदर थे।

गांधीजी के तीनो बंदरों के नाम क्या है ?

गाँधी जी के तीनों बंदरों के नाम कुछ इस प्रकार है :-
1. मिजारु बंदर
2. किकाजारु बंदर
3. इवाजारू बंदर

गाँधी जी का दूसरा बंदर क्या दर्शाता है ?

गांधीजी के दूसरे बंदर के हाथ हमेशा उसके कान पर रहते है। जो की यह दर्शाता है की हमें कभी भी गलत चीजें नहीं सुन्नी चाहिए।

सन 1960 में जॉर्ज गबर्नर ने जो थ्योरी दी थी उसका नाम क्या है और थ्योरी क्या है ?

1960 में जॉर्ज गबर्नर ने एक थ्योरी दी थी। जिसका नाम कल्टीवेशन थ्योरी था। इस थ्योरी में यह बताया गया था की जैसी चीजे व्यक्ति देखता है वैसा ही उस व्यक्ति का दिमाग भी हो जाता है

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