फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है | इसका प्रयोग | पूरी जानकारी हिंदी में

फ्लोर टेस्ट क्या होता है – दोस्तों सरकार राज्य एवं देश के नागरिकों के लाभ के लिए बहुत से बिल पास करती है। लेकिन आप सभी यह भी जानते होंगे की कोई भी बिल पास करने से पहले उस बिल पर सबकी राय मांगी जाती है। उसके बाद सभी उस बिल को लेकर अपनी रे देते है और अगर उनको वह बिल सही लगता है तो वह उस बिल को अपनी सहमति देते है। कई बार ऐसी स्थिति भी आती है। जिसमे बहुमत की मदद से कोई भी निर्णय लिया जाता है। आपको बतादे की ऐसे में सदन में एक प्रक्रिया लागू की जाती है। जिसका नाम फ्लोर टेस्ट होता है। क्या आप ने इसका नाम पहले भी सुना है।

फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है
Floor Test क्या होता है ? यहाँ जानिए

अगर नहीं तो इसमें आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख के जरिये फ्लोर टेस्ट के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है। इस लेख में हम आपको इससे सम्बंधित बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है। जैसे की – फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है | इसका प्रयोग कहाँ और कब किया जाता है। दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है। तो उसके लिए इस लेख में दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़े।

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फ्लोर टेस्ट (Floor Test) क्या होता है ?

फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को हिंदी में बहुमत परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है। फ्लोर टेस्ट एक ऐसी प्रक्रिया होती है। जिसके अंतर्गत यह पता लगाया जाता है की वर्तमान सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है या फिर नहीं। फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होती है। इस प्रक्रिया में विधानसभा के सभी स्पीकर के सामने अपने अपने मत प्रकट करते है। जिससे यह पता चलता हैं की कौन कौन से विधायक वर्तमान सरकार के निर्णय से सहमत है या नहीं

अगर किसी राज्य में एक या दो से अधिक पार्टियों के विधायक होते है। तो ऐसे में राज्यपाल उन विधायकों को किसी एक पार्टी पार्टी के साथ बहुमत करने के लिए कहाँ जाता है। तब ही फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूर्ण होती है। फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुमत वोट पर निर्भर करता है। अगर अधिकतर विधायक वर्तमान सरकार के निर्णय के हित में होती है। तो फिर वर्तमान सरकार के निर्णय को माना जाता है। केवल यह नहीं आप सभी को यह भी बतादे की इस प्रक्रिया में वोट डालना हर किसी विधायक के लिए आवश्यक नहीं होता है।

अगर कोई वोट नहीं डालना चाहता है। तो वह अपने इस निर्णय का चयन भी कर सकते है। अगर किसी स्थिति में सभी पार्टियों के वोट एक सामान हो जाते है। तो ऐसी स्थिति में विधानसभा के अंदर यह प्रक्रिया यानि के फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को लागू किया जाता है। उसके बाद सभी अपने अपने निर्णय के अनुसार वोट डालते है। अगर बहुमत करने पर भी कोई आखरी निर्णय पर नहीं पहुंच पाता है। तो ऐसे में राज्यपाल के द्वारा विशेष सत्र बुलाया जाता है। जो की उस निर्णय को साबित करने के लिए कहते है उसके बाद फिर निर्णय को सहमति दी जाती है।

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वर्तमान सरकार को ही फ्लोर टेस्ट के अंदर अपने आप को सही साबित करना होता है। इसलिए वर्तमान सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। फ्लोर टेस्ट को अन्य शब्दों में शक्ति प्रदर्शन भी कहा जा सकता है। क्योंकि इसमें अधिक से अधिक लोगो की सहमति ली जाती है।

फ्लोर टेस्ट (Floor Test) कितने प्रकार के होते है ?

आप सभी को यह बतादे की फ्लोर टेस्ट के तीन प्रकार होते है। जो कुछ इस प्रकार है :-

  • ध्वनिमत
  • संख्याबल
  • हस्ताक्षर के माध्यम से

Floor Test का प्रयोग

आप सभी को यह बतादे की फ्लोर टेस्ट सदन में किया जाता है। इस टेस्ट को ऐसी स्थिति में लागू किया जाता है। जब कोई व्यक्ति वर्तमान सरकार के निर्णय से सहमत न हो। ऐसी स्थिति में फ्लोर टेस्ट लागू किया जाता है। उसके बाद जो जो व्यक्ति सरकार के निर्णय से सहमत है। वह अपना वोट डालते है।

अगर कोई व्यक्ति चाहे तो वह वोट न डालने का निर्णय में भी ले सकता है। कोई भी उसको वोट डालने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकता है। अगर फ्लोर टेस्ट करने के बावजूद भी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाता है। तो ऐसे में राज्यपाल के द्वारा विशेष सत्र बुलाया जाता है। जो की उस निर्णय को साबित करने के लिए कहते है उसके बाद फिर निर्णय को सहमति दी जाती है।

फ्लोर टेस्ट से संबंधित प्रश्न –

फ्लोर टेस्ट क्या होता है ?

फ्लोर टेस्ट एक ऐसी प्रक्रिया होती है। जिसके अंतर्गत यह पता लगाया जाता है की वर्तमान सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है या फिर नहीं। फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होती है। इस प्रक्रिया में विधानसभा के सभी स्पीकर के सामने अपने अपने मत प्रकट करते है।

फ्लोर टेस्ट कितने प्रकार के होते है ?

आप सभी को यह बतादे की फ्लोर टेस्ट के तीन प्रकार होते है। जो कुछ इस प्रकार है :-
ध्वनिमत
संख्याबल
हस्ताक्षर के माध्यम

फ्लोर टेस्ट का अन्य नाम क्या है ?

फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को हिंदी में बहुमत परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है।

फ्लोर टेस्ट करने के लिए कौन कहता है ?

फ्लोर टेस्ट करने के लिए अध्यक्ष कहता है।

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