हमारे देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा निगमित निकाय को विधानसभा कहा जाता है। राज्य के लिए बनने वाले कानूनों को विधानसभा द्वारा ही बनाया जाता है ऐसे में विधानसभा के प्रतिनिधि के रूप में विधायक यानी की क्षेत्र में एमएलए (MLA) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। अकसर लोगो के मन में यह सवाल रहता है की विधायक की सैलरी कितनी होती है ? आखिर लोग विधायक बनने के लिए लाखों रुपए खर्च कर देते है ऐसे में सभी के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है की Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai . आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की विधायक को हर माह कितना वेतन मिलता है। साथ ही आपको इससे सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी से भी अवगत कराया जायेगा।
विधायक को सैलरी कितनी होती है ?
किसी भी विधानसभा क्षेत्र में विधायक महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि होता है। विधायक का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर किया जाता है जिसके अंतर्गत 18 वर्ष या अधिक आयु के नागरिक अपने क्षेत्र के विधायक का चुनाव करते है। चूँकि विधायक की सैलरी का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है ऐसे में देश में हर राज्य में विधायकों को अलग-अलग सैलरी प्रदान की जाती है।
विधायक को मूल वेतनमान के अतिरिक्त विभिन प्रकार के भत्ते भी प्रदान किये जाते है जिसके आधार पर विधायकों की सैलरी तय की जाती है। साथ ही विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास कार्यो के लिए हर वर्ष एक निर्धारित फण्ड भी प्रदान किया जाता है जिससे की वे अपने क्षेत्र में विभिन विकास कार्य करवा सकते है।
MLA को हर माह मिलने वाली सैलरी
विधायकों की सैलरी का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। ऐसे में हर राज्य के विधायकों को मिलने वाली सैलरी भी अलग-अलग होती है। यहाँ आपको विभिन राज्यों के विधायकों को मिलने वाली सैलरी की लिस्ट दी गयी है।
राज्यवार विधायकों की सैलरी
सरकार द्वारा हर माह विधायकों को एक निश्चित सैलरी दी जाती है जिसका निर्धारण राज्य विधानसभा द्वारा किया जाता है। विधायकों को हर माह आवास भत्ता, पर्सनल असिस्टेंट भत्ता, यातायात भत्ता, टेलीफोन भत्ता और विभिन प्रकार के भत्ते प्रदान किये जाते है। इसके आधार पर विभिन राज्यों की विधायकों की सैलरी इस प्रकार है :-
राज्य | विधायकों की मासिक सैलरी |
तेलंगाना | 2.50 लाख |
मध्यप्रदेश | 2.10 लाख |
दिल्ली | 2.10 लाख |
उत्तर प्रदेश | 1.87 लाख |
महाराष्ट्रा | 1.70 लाख |
जम्मू & कश्मीर | 1.60 लाख |
उत्तराखंड | 1.60 लाख |
आंध्रप्रदेश | 1.30 लाख |
राजस्थान | 1.25 लाख |
हिमाचल प्रदेश | 1.25 लाख |
गोवा | 1.17 लाख |
हरियाणा | 1.15 लाख |
पंजाब | 1.14 लाख |
बिहार | 1.14 लाख |
पश्चिम बंगाल | 1.13 लाख |
झारखण्ड | 1.11 लाख |
छतीसगढ़ | 1.10 लाख |
तमिलनाडु | 1.05 लाख |
कर्नाटक | 98 हजार |
सिक्किम | 86.5 हजार |
केरल | 70 हजार |
गुजरात | 65 हजार |
ओडिशा | 62 हजार |
मेघालय | 59 हजार |
पुदुचेरी | 50 हजार |
अरुणाचल प्रदेश | 49 हजार |
मिजोरम | 47 हजार |
असम | 42 हजार |
मणिपुर | 37 हजार |
नागालैंड | 36 हजार |
त्रिपुरा | 34 हजार |
विधायक को मिलने वाली सैलरी का ब्यौरा
विधायक को मिलने वाली बेसिक सैलरी के साथ विभिन भत्तों को जोड़कर हर माह सैलरी दी जाती है। विधायक को मिलने वाली सैलरी की गणना इस प्रकार की जा सकती है।
विधायक को हर माह मिलने वाली सैलरी = मूल-वेतन + सरकार द्वारा प्रदत विभिन भत्ते
उत्तर-प्रदेश के विधायकों (UP Vidhayak salary) को मिलने वाली सैलरी का मासिक ब्यौरा इस प्रकार से है :-
- मूल वेतनमान – 75000 रुपए
- पेट्रोल और डीजल खर्च के लिए- 24 हजार
- पर्सनल असिस्टेंट की फीस- 6 हजार रुपए
- इलाज खर्च- 6 हजार रुपए
- मोबाइल खर्च- 6 हजार रुपए
- आवास भत्ता, खाने-पीने एवं यातायात भत्ता – 69 हजार रुपए
- कुल सैलरी – 1.87 लाख रुपए
इस प्रकार से आप देख सकते है की विभिन भतो को मिलकर उत्तर-प्रदेश के विधायकों को हर माह 1.87 लाख रुपए की सैलरी प्रदान की जाती है। वर्तमान में तेलंगाना द्वारा अपने विधायकों को सबसे अधिक 2.50 लाख की सैलरी प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री की सैलरी कितनी है ?
विधायक की सैलरी सम्बंधित प्रश्न-उत्तर (FAQ)
हर राज्य सरकार द्वारा विधायकों के लिए अलग-अलग सैलरी का निर्धारण किया जाता है। ऐसे में विभिन राज्यों के विधायकों को मिलने वाली सैलरी अलग-अलग होती है।
विधायकों की सैलरी का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
ऊपर दिए गए लेख के माध्यम से आपको विभिन राज्यों के विधायकों की सैलरी का विवरण दिया गया है। इसके माध्यम से आप विभिन राज्यों के विधायकों की सैलरी की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
तेलंगाना में विधायकों को सबसे अधिक 2.50 लाख और त्रिपुरा में विधायकों को सबसे कम 34 हजार की सैलरी दी जाती है।