वक्फ बोर्ड क्या है? [कानून, संपत्ति, प्रॉपर्टीज, परिभाषा, जमीन, प्रकार, सुन्नी, मुस्लिम] (What is waqf board in hindi)

निर्धन एवं असहाय लोगों की सहायता करना सदैव से ही इस्लाम धर्म के प्रमुख मूल सिद्धांतो में शुमार रहा है। इसके लिए पवित्र कुरान एवं अन्य इस्लामिक ग्रंथो में मुस्लिमों को अपनी सम्पति एवं आमदनी का एक निश्चित हिस्सा धर्मार्थ कार्यों में दान देने का नियम बनाया गया है। ऐसे में जब कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति को मानवता के कार्यों के लिए दान करता है। तो इसके लिए सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको वक्फ बोर्ड सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान की जाएगी जैसे वक्फ बोर्ड क्या है ? इसके कार्य, गठन, प्रावधान एवं संगठन की संरचना क्या है ? इसके अतिरिक्त इस आर्टिकल के माध्यम से आपको वक्फ बोर्ड के कानून एवं अधिकारों सम्बंधित विविध प्रकार की सभी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की जाएगी।

वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड क्या है | What is waqf board in hindi

वक्फ बोर्ड क्या है ?

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है अल्लाह के नाम पर धर्मार्थ कार्यों के लिए सुपुर्द की गयी सम्पति। इस्लाम में सदैव से ही अपनी आमदनी एवं सम्पति का एक हिस्सा गरीब-निर्धन एवं मानवता के कार्यो के लिए अर्पित कर देने का प्रावधान रहा है जैसे जकात के रूप में। इसी प्रकार से वक्फ के अंतर्गत कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी सम्पत्ति को धर्मार्थ कार्यों के लिए दान कर सकता है जिससे की उसकी सम्पति का मानवता के कार्यों के लिए उपयोग किया जा सके।

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एक बार किसी व्यक्ति द्वारा अपनी सम्पति को वक्फ बोर्ड को दान देने एक पश्चात वह भविष्य में अपनी सम्पति पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं कर सकता है। वक्फ के अंतर्गत दान दी गयी सम्पति के अधिग्रहण, प्रबंधन, नियमन एवं उपयोग के लिए सरकार द्वारा गठित किए गए बोर्ड को ही वक्फ बोर्ड कहा जाता है।

central waqf board in hindi

भारत में वक्फ बोर्ड की शुरुआत देश के विभाजन के पश्चात मानी जाती है जब देश से लाखों लोग पाकिस्तान जाकर बस गए। इस दौरान अधिकतर लोग अपनी अचल सम्पति को देश में ही छोड़कर गए जिसमे घर एवं जमीन प्रमुख थी। सरकार द्वारा इस जमीन एवं सम्पति के नियमन हेतु ही वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है। भारत में वक्फ बोर्ड का गठन वक़्फ़ एक्ट 1954 के तहत किया गया है जिसमे सरकार द्वारा वक्फ से सम्बंधित सभी प्रकार के क्रियाकलापों की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड के अधीन दी गयी है।

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क्या-क्या कर सकते है वक़्फ़ में दान

इस्लाम के अंतर्गत कोई भी मुस्लिम व्यक्ति वक़्फ़ कर सकता है। इसके अंतर्गत मुस्लिम व्यक्तियों को अपनी निम्न सम्पतियों को धर्मार्थ कार्यो हेतु दान देने का प्रावधान किया गया है :-

  • चल-सम्पति- वक़्फ़ के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपनी चल सम्पति जैसे की धन, कंपनी के शेयर या इसी प्रकार की किसी चल सम्पति को दान दे सकता है।
  • अचल-सम्पति – वक़्फ़ के अंतर्गत सभी मुस्लिम व्यक्तियों को अपनी अचल सम्पति जैसे की अपनी भूमि, घर, बिल्डिंग, जमीन या इसी प्रकार की अचल सम्पतियों को दान करने का प्रावधान भी किया गया है।
  • अन्य – वक़्फ़ के अंतर्गत सभी मुस्लिमों को अपने द्वारा उपयोग की गयी अन्य प्रकार की वस्तुओं को भी वक़्फ़ के अंतर्गत दान करने की सुविधा प्रदान की गयी है जैसे की कोई व्यक्ति अपनी पुस्तकें दान कर सकता है जिससे की अधिकतर लोग इसका लाभ ले सके। इसी प्रकार कोई व्यक्ति अपने द्वारा उपयोग किए गए किसी वाहन को सामाजिक कार्यों के उपयोग के लिए दान दे सकता है।

वक़्फ़ के अंतर्गत दान दी गयी सभी प्रकार की वस्तुओ को लोक-हितकारी कार्यो के लिए उपयोग किया जाना आवश्यक है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक भूमि पर चिकित्सालय, विद्यालय या अन्य उपयोगी भवनों का निर्माण किया जा सकता है। इसी प्रकार से अन्य सम्पतियों को भी मानवता के कार्यो के लिए उपयोग किया जाता है।

कौन-कौन कर सकता है वक्फ

वक्फ के अंतर्गत दान देने के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा कुछ नियम निर्धारित किए गए है जिसके अंतर्गत ही सभी व्यक्तियों को वक्फ करना आवश्यक होता है। वक्फ करने के लिए किसी भी व्यक्ति को निम्न शर्तो को पूरा करना आवश्यक होता है :-

  1. वक्फ करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति का इस्लाम धर्म से सम्बंधित होना आवश्यक है। वक्फ इस्लाम धर्म द्वारा चलाया जाने वाला सेवार्थ कार्य है ऐसे में सिर्फ इस्लाम से सम्बंधित व्यक्ति ही वक्फ के माध्यम से विविध प्रकार की सम्पति का दान कर सकते है।
  2. सिर्फ वैधानिक रूप से परिपक्व व्यक्तियों को ही वक्फ के अंतर्गत दान करने की अनुमति प्रदान की गयी है ऐसे में वक्फ करने के लिए व्यक्ति का 18 वर्ष या इससे अधिक की आयु का होना आवश्यक है।
  3. जो भी व्यक्ति वक्फ के अंतर्गत अपनी सम्पति को दान करना चाहता है उसे पूर्ण रूप से मानसिक स्वस्थ होना आवश्यक है। साथ ही उसे किसी भी प्रकार से दिवालिया घोषित ना किया गया हो।
  4. वक्फ के अंतर्गत धर्मार्थ एवं मानवतावादी कार्यो के लिए सम्पति दान करने के लिए सबसे आवश्यक यह है की वक्फ के अंतर्गत दान की जाने वाली सम्पति सम्बंधित व्यक्ति की अपनी होनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति वक्फ के अंतर्गत सम्पति दान करना चाहता है तो वह सिर्फ अपनी निजी सम्पति को ही दान कर सकता है किसी और व्यक्ति की नहीं।

इस प्रकार से वक्फ के अंतर्गत विभिन प्रकार की सम्पति को दान करने के लिए यह आवश्यक है की व्यक्ति इसके लिए वक्फ बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए सभी नियमो का पालन करे। यदि व्यक्ति द्वारा बोर्ड द्वारा निर्धारित सभी मानकों का पालन किया जाता है तो वह वक्फ के अंतर्गत सम्पति का दान कर सकता है।

वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ सम्पति का प्रबंधन

हमारे देश में सरकार द्वारा वर्ष 1964 में वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था। वक्फ बोर्ड को देश में वक्फ के अंतर्गत दान दी गयी सभी प्रकार की चल एवं अचल सम्पति के प्रबंधन एवं उपयोग के प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रदान की गयी है। जब भी कोई व्यक्ति वक्फ को अपनी सम्पति दान करता है तो यह वक्फ बोर्ड को जिम्मेदारी होती है की वह सम्बंधित सम्पति की वैधानिकता की जांच करे एवं इसका अधिग्रहण करके सम्पति का नियमन करे।

साथ ही इस सम्पति का मानवता एवं निर्धनों के लिए सामुदायिक रूप से उपयोग हो सके इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी वक्फ बोर्ड की होती है। वक्फ के अंतर्गत विविध प्रकार से सम्पति के नियमन के लिए सरकार द्वारा इस बोर्ड को 1954 में गठित वक्फ बोर्ड को विविध प्रकार के क़ानूनी अधिकार भी प्रदान किए गए है।

जिसके माध्यम से वक्फ बोर्ड सम्पतियों के अधिग्रहण एवं अन्य कार्यो के लिए क़ानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। वक्फ बोर्ड द्वारा केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय वक्फ बोर्ड को अल्पसंख्यकों के कल्याण से सम्बंधित निर्देश दिए जा सकते है। जो की प्रायः सुझाव प्रकृति के होते है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा वक्फ से सम्बंधित विभिन नियमों के निर्माण करने में भी बोर्ड द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाती है।

वक्फ बोर्ड से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु

वक्फ बोर्ड देश में वक्फ सम्पतियों के नियमन के लिए प्राथमिक रूप से जिम्मेदार संस्था है। वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ सम्पति के प्रबंधन एवं नियमन से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार से है :-

  • वक्फ बोर्ड का गठन सरकार द्वारा 1964 में किया गया था जिसे की 1954 में अधिनियमित किए गए वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 (1955 में संशोधित एवं अधिनियमित) में निर्धारित किया गया है। केंद्र द्वारा वर्ष 2013 में इस अधिनियम को संशोधित किया गया है जिसमे वक्फ बोर्ड के अधिकारों का दायरा बढ़ाया गया है।
  • वक्फ बोर्ड को वक्फ अधिनियम 1954 के अंतर्गत वक्फ सम्पतियों के प्रबंधन की सभी प्रकार की जिम्मेदारी प्रदान की गयी है ऐसे में वक्फ बोर्ड द्वारा केंद्र, राज्य एवं स्थानीय स्तर पर वक्फ बोर्डो के माध्यम से विभिन प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाती है।
  • वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ सम्पति के सर्वेक्षण, मापन, वैधानिकता एवं प्रबंधन का कार्य किया जाता है ऐसे में इसका प्रबंध निम्न प्रकार से किया जाता है :-
    • सर्वेक्षक- वक्फ बोर्ड में नामित सर्वेक्षक का कार्य होता है की वह वक्फ बोर्ड को दान की गयी भूमि का सर्वेक्षण करे एवं इसकी माप-जोख सम्बंधित ब्यौरा दर्ज करे।
    • मुतवल्ली- अगर वक्फ बोर्ड को प्राप्त सम्पति का मूल्य अधिक होता है तो बोर्ड द्वारा इस सम्पति की सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी जाती है जिसे की वक्फ बोर्ड मुतवल्ली कहा जाता है। मुतवल्ली का कार्य सम्पति की देखभाल , लेखा-जोखा रखना एवं इसकी रक्षा करना होता है।
    • इसके अतिरिक्त वक्फ बोर्ड में क़ानूनी सलाह के लिए वकील, धार्मिक व्याख्या के लिए मुस्लिम विद्वान, प्रबंधन कार्यो के लिए प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य कार्यो के लिए सम्बंधित क्षेत्र के ख्याति प्राप्त लोगो की नियुक्ति की जाती है।
  • सरकार द्वारा वर्ष 2013 में संशोधित वक्फ अधिनियम में वक्फ बोर्ड के अधिकारों में वृद्धि की गयी है एवं संस्था को न्यायिक कार्यों सम्बंधित शक्ति भी प्रदान की गयी है जिससे की बोर्ड द्वारा अपने कार्यो को और बेहतर तरीको से प्रबंधित किया जा सके।

वक्फ बोर्ड की प्रशासनिक संरचना वफ्फ

वक्फ बोर्ड के गठन वर्ष 1964 में वक्फ अधिनियम 1954 के अंतर्गत किया गया था जिसके अंतर्गत संशोधन के पश्चात यह वर्ष 1955 से प्रभावी हुआ है। इसके पश्चात इस अधिनियम में समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है जिससे की यह और भी प्रभावी बन सके। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में इस अधिनियम में पुनः संशोधन करके वक्फ बोर्ड को और भी अधिकार प्रदान किए गए है। सामान्यत वक्फ बोर्ड को प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए निम्न स्तरों में बाँटा गया है :-

केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल

केंद्र में वक्फ सम्बंधित मामलों के प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय स्तर पर एक केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया है जिसका मुख्य कार्य केंद्रीय स्तर पर वक्फ प्रबंधन एवं केंद्र एवं विभिन राज्य वक्फ बोर्ड को सम्बंधित दिशा-निर्देश देना है। यह वक्फ के प्रबंधन के लिए शीर्ष स्तर की संस्था है जो की सभी प्रकार के कार्यो का प्रबंध करती है। यहाँ केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल सम्बंधित विभिन प्रकार की जानकारी प्रदान की जा रही है:-

  • केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल में अध्यक्ष सहित कुल 20 सदस्य होते है जिनका चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
  • केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल का पदेन अध्यक्ष होता है। वर्तमान में श्रीमती स्मृति ईरानी जी केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री है ऐसे में केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल के पदेन अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी श्रीमती स्मृति ईरानी जी ही संभाल रही है।
  • केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल में 20 सदस्यों का चयन केंद्र सरकार द्वारा विभिन आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है जिसमे वकील, प्रशासनिक अधिकारी, मुस्लिम विद्वान एवं समाज के ख्याति प्राप्त विद्वान होते है।

राज्य वक़्फ़ बोर्ड 

वक़्फ़ के कार्यो का बेहतर प्रबंधन करने हेतु केंद्र के अतिरिक्त विभिन राज्यों में राज्य वक़्फ़ बोर्ड का भी गठन किया गया है। वर्तमान में पूरे देश में 30 वक़्फ़ बोर्ड संचालित हो रहे है जिसके अंतर्गत विभिन प्रकार के वक़्फ़ कार्यो का प्रबंधन किया जा रहा है। यहाँ राज्य वक़्फ़ बोर्ड सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है :-

  1. राज्य वक़्फ़ बोर्ड में भी राज्य सरकार द्वारा वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष का चयन किया जाता है। साथ ही राज्य की सुविधा के अनुसार विभिन सदस्यों का चयन भी किया जाता है।
  2. वक़्फ़ बोर्ड द्वारा विभिन प्रशासनिक कार्यो को ध्यान में रखते हुए विभिन सदस्यों का भी चयन किया जाता है जिसमे की विधिक, धार्मिक एवं प्रबंध के क्षेत्र में विशिष्ट व्यक्तियों को नामित किया जाता है।

इसके अतिरिक्त वक़्फ़ बोर्ड द्वारा विभिन आवश्यकताओं के मद्धेनजर अन्य वक़्फ़ बोर्ड का भी प्रबंधन किया जाता है जिससे की सभी अल्पसंख्यकों एवं वंचित नागरिकों के जीवन में अधिकतम लाभ प्रदान किया जा सके।

वक्फ बोर्ड की सम्पति | Waqf Board property list

वक्फ बोर्ड को विभिन व्यक्तियों के द्वारा धर्माथ एवं सेवा के कार्यो के लिए विभिन समय पर सम्पति दान की जाती रही है। सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों की स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए बनायी गयी सच्चर समिति द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वक्फ बोर्ड के पास वर्ष 2006 में 4.9 लाख पंजीकृत सम्पति एवं 6 लाख एकड़ भूमि का मालिकाना हक़ था।

वर्ष 2020 में राष्ट्रीय वक्फ प्रबंधन तंत्र द्वारा जारी आँकड़ो के अनुसार वक्फ के पास 6,16,732 पंजीकृत सम्पतियाँ है। हालांकि हर वर्ष हजारो व्यक्तियों द्वारा बोर्ड को वक्फ के रूप में सम्पति दान की जाती है ऐसे में समय-समय पर वक्फ बोर्ड की सम्पति में इजाफा होता रहता है।

वक्फ बोर्ड सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

वक्फ क्या होता है ?

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ अल्लाह के नाम पर धर्माथ एवं मानवता के कार्यों के लिए दान की गयी सम्पति होता है। यह सम्पति चल एवं अचल दोनों रूप में हो सकती है।

वक्फ बोर्ड क्या है ?

वक्फ बोर्ड सरकार द्वारा वक्फ के प्रबंधन एवं नियमन के लिए गठित किया गया बोर्ड है जो की वक्फ के सभी कार्यों को नियमित करता है। इसका गठन वर्ष 1964 में किया गया था।

वक्फ बोर्ड का गठन कब किया गया था ?

वक्फ बोर्ड का गठन वर्ष 1964 में वक्फ अधिनियम 1954 के अंतर्गत किया गया था। वक्फ अधिनियम 1954 को सरकार द्वारा वर्ष 1955 में संशोधित रूप में लागू किया गया था।

वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्य क्या है ?

वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्य सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया लेख पढ़े। इसके माध्यम से आप सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है।

वक्फ करने के लिए आवश्यक नियम क्या-क्या है ?

वक्फ करने के लिए नागरिकों को सिर्फ अपनी सम्पति को वक्फ बोर्ड में दान करने का अधिकार दिया गया है। वक्फ हेतु नियमो सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया लेख पढ़ सकते है।

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