“तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा” देश की आजादी के दौरान गूँजा यह नारा आज भी भारत के करोड़ो देशवासियों को प्रेरणा देने का कार्य करता है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजादी के ऐसे नायक रहे है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था।
स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी ने देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी सहायता प्राप्त करके भारत की आजादी में योगदान दिया था।
देश की स्वतंत्रता में नेताजी के योगदान का स्मरण करने के लिए प्रतिवर्ष सुभाषचंद्र बोस जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत की आजादी में नेताजी के अतुल्य पराक्रम को याद करने के लिए प्रतिवर्ष पराक्रम दिवस (PARAKRAM DIWAS) के माध्यम से नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
आजाद हिन्द फ़ौज के गठन से लेकर जापान एवं जर्मनी से भारत की आजादी हेतु सहयोग प्राप्त करने के लिए सुभाष चंद्र बोस द्वारा कठिन संघर्ष किया गया।
देश के युवाओं को आजादी के आंदोलन से जोड़ने के लिए उन्होंने “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा” का प्रसिद्ध नारा दिया था।
नेताजी के अप्रतिम साहस एवं पराक्रम के स्मरण के लिए भारत सरकार द्वारा नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।