अफीम की खेती(Opium Farming) दुनिया के प्रायः सभी भागों में की जाती है और प्रायः इसकी खेती फायदे का सौदा होती है। हालांकि अधिकत्तर लोग अफीम को नशे से जोड़ते है
जिससे की अधिकतर लोगो को अफीम की खेती करना अवैध लगता है परन्तु चिकित्सा विज्ञान में इसके अनेक उपयोग है। सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग हेतु अफीम की खेती को वैध घोषित किया गया है
हालांकि अफीम में मार्फिन, कोडेन लेटेक्स एवं पनैनथ्रिन जैसे शक्तिशाली एल्कालोड्स पाए जाते है जिससे की यह चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अकसर मानसिक अवसाद की दवाओं और सर्जरी के लिए एनेस्थिया जैसी प्रक्रियाओं में रोगी के लिए इस पदार्थ से बनी दवाओं का उपयोग किया जाता है
अगर आप भी सरकार द्वारा निर्धारित नियमो का पालन करके और लाइसेंस प्राप्त करके Afeem Farming करते है तो यह आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है।
अफीम के फूल झड़ने के बाद ही अफीम के फल आते है जो की अनार के आकार का होता है। इसके फल को आम बोलचाल में डोडा और इसके छिलके को पोश्त कहा जाता है।
अफीम का पौधा 1 मीटर की ऊंचाई का होता है जिसमे आयताकार पते और हरे तने के साथ खूबसूरत बैंगनी या रक्तवर्ण एवं सफ़ेद रंग के कटोरीनुमा फूल खिलते है।