नमस्कार मित्रों क्या आप सभी ने कभी न कभी वसीयत के बारे में तो सुना ही होगा। आपने कई बार यह सुना होगा की उस बूढ़े आदमी ने अपनी वसीयत गरीबो के नाम पर कर दी है। लेकिन आप में से अधिकतर लोग ऐसे होंगे जिनको यह मालूम नहीं होगा की वसीयत क्या होती है। सबसे पहले तो आप सभी को यह बतादे की वसीयत को English में Will कहा जाता है। लेकिन आखिर क्या आप यह जानते है की आखिर यह वसीयत (Will) क्या होती है? अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते है। तो उसके लिए आप सभी को परेशान होने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख में वसीयत के बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। तो दोस्तों क्या आप भी वसीयत के बारे में जानना चाहते है।
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तो अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है तो आप बिलकुल निश्चिन्त हो जाइये क्योंकि इस लेख में हमने वसीयत से सम्बंधित बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान की हुई है जैसे की – वसीयत (Will) क्या होती है? वसीयत के प्रकार और वसीयत कैसे लिखी जाती है और कौन लिखता है वसीयत आदि जैसी कई अन्य जानकारी। तो दोस्तों अगर आप भी यह सभी जानकारी जानना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में ही हमने इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान की हुई है। जिसको पढ़ने से ही आप इसके बारे में जान सकोगे। इसलिए दोस्तो कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े व इसे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें।
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Article Contents
वसीयत (Will) क्या होती है | Vasiyat Kya Hoti Hai?
वसीयत एक प्रकार का सरकारी दस्तावेज होता है। जिसमे कोई व्यक्ति अपनी मृत्यु के पश्चात उसकी प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी का नाम लिखा होता है उसी दस्तावेज को वसीयत के नाम से जाना जाता है। जिस जिस का नाम उस व्यक्ति ने उस दस्तावेज में लिखवाया होगा उसी व्यक्ति को ही उस प्रॉपर्टी का हिस्सा प्राप्त होगा। आपको यह भी बतादे की ऐसा नहीं है की वसीयत केवल एक ही बार लिखी जाती है। ऐसा बिलकुल नहीं है अगर आप चाहो तो आप वसीयत में बदलाव करवा सकते है। लेकिन यह दस्तावेज यानि के वसीयत व्यक्ति को जीवित रहते ही बनवानी पढ़ती है।
केवल यह ही नहीं बल्कि अगर किसी व्यक्ति ने वसीयत बनवाकर उसको कानूनी तौर पर उसको पंजीकृत भी करवा दिया हो और अगर वसीयत लिखने वाला व्यक्ति उसको निरस्त करना चाहता है तो उसको इस बात की आजादी है की वह उस वसीयत को निरस्त कर सकता है। वसीयत के बारे में भारतीय अधिनियम-1952 की धारा 2 में बताया गया है। आप इसकी व्याख्या ऐसे भी कर सकते है की जब कोई व्यक्ति अपने मृत्यु के पश्चात अपनी सभी संपत्ति को किसी अन्य या फिर किसी अपने को सौंप देता है। तो उसी दस्तावेज को वसीयत के नाम से जाना जाता है। अगर वसीयत लिखने वाला चाहे तो वह व्यक्ति कभी भी अपनी वसीयत में बदलाव करवा सकता है।
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वसीयत कितने प्रकार की होती है ?
तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की वसीयत के दो प्रकार होते है। जिसके बारे में हम आप सभी को यहाँ पर जानकारी प्रदान करने वाले है। तो अगर आप भी इसके प्रकार जानना चाहते है तो कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़े
वसीयत दो प्रकार की होती है
- आम वसीयत
- विशेषाधिकार युक्त वसीयत
- आम वसीयत – तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की आम वसीयत में ऐसा कुछ खास नहीं होता है। इसको देश का कोई भी आम व्यक्ति बनवा सकता है और अपनी मृत्यु के बाद अपनी प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी का नाम बता सकता है।
- विशेषाधिकार युक्त वसीयत – आप सभी को इस के नाम से ही पता चल रहा होगा की इस वसीयत में कुछ विशेष अधिकार होते है। तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की यह वसीयत ख़ास वसीयत होती जो की अनौपचारिक तौर पर होती है। इस प्रकार की वसीयत केवल थल सेना, वायु सेना अथवा जल सेना में शामिल सैनीक ही बनवा सकते है। क्योंकि थल सेना, वायु सेना अथवा जल सेना के सैनिक युद्ध पर भी जाते है। इस प्रकार के व्यक्ति ऐसी वसीयत कर सकते है क्योंकि यह अपनी जान को खोखिम में दाल रहे है। केवल यह ही नहीं बल्कि इस वसीयत को शार्ट पीरियड नोटिस के लिए भी बनवाया जाता है। इस प्रकार की वसीयत लिखित रूप में व मौखिक रूप में भी हो सकती है
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How to Write a Will: अपनी वसीयत कैसे लिखें? यहां समझिए
तो दोस्तों अब आप यह सोच रहे होंगे की वसीयत कैसे लिखी जाती है। तो उसके लिए आपको यह बतादे की वसीयत एक सरकारी दस्तावेज होता है तो आप सभी यह सोच रहे होंगे की इसको लिखने का कोई फिक्स तरीका होता होगा परन्तु ऐसा नहीं है। इसको आप वकील के द्वारा भी बनवा सकते है और अगर आप चाहे तो आप इसको लिखित रूप में भी लिख सकते है। तो आइये जानते है की कैसे लिखते है वसीयत
- सबसे पहले तो इसमें उस व्यक्ति को अपना नाम, उम्र एवं निवास स्थान लिखना होगा जिसकी वह वसीयत है। उस व्यक्ति को वसीयतकर्ता भी कहा जा सकता है।
- उसके बाद उस वसीयतकर्ता को अपनी सभी प्रॉपर्टी यानि के जानकारी लिखनी होती है। इस वसीयत में वसीयतकर्ता को अपनी उस संपत्ति के बारे में भी लिखना होता है अगर उसने किसी दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर कोई समट्टी ली हो और उसको उस में अपना हिस्सा भी लिखना होगा।
- इन सब के बाद वसीयतकर्ता वसीयत में उसकी जानकारी लिखता है की वह अपनी वसीयत कितने व्यक्तियों में या हिस्सों में बांटना चाहता है। इसमें हिस्सों की जानकारी भी लिखी हो सकती है।
- आपको यह भी बतादे की अगर वसीयतकर्ता अपनी प्रॉपर्टी में से किसी भी व्यक्ति को कुछ भी नहीं देना चाहता है। तो वह ऐसा भी कर सकता है। लेकिन उसके लिए उसको वसीयत में इसकी जानकारी लिखनी होती है।
- अगर वसीयतकर्ता अपने परिवार में से किसी को भी अपनी वसीयत नहीं सौंपना चाहता है। तो उसको यह करने की भी पूर्ण स्वतंत्रता है। लेकिन उसके बारे में भी वसीयतकर्ता को उसमे लिखना होगा।
- अगर वसीयतकर्ता की कोई भी शर्त है तो उसके बारे में भी वसीयतकर्ता को वसीयत में लिखना होगा। अगर किसी को वसीयतकर्ता की संपत्ति में हिस्सा चाहिए तो उसको उन शर्तों को मानना होगा। तब ही उसको उसका हिस्सा मिल सकेगा।
- इन सबके बाद वसीयतकर्ता को उस वसीयत पर किसी दो गवाहों के हस्ताक्षर की आवश्यकता भी होती है या फिर वह गवाह उस वसीयत पर अपना अंगूठा लगाकर भी गवाह बन सकते है।
- इसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति अपनी वसीयत बना सकता है।
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वसीयत का रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है ?
तो दोस्तों सब हम आप सभी को यह बताने वाले है की वसीयत का रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है। तो अगर आप भी यह जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए
- जब आपकी वसीयत बन जाए तो आपको उसको एक लिफाफे में बंद कर के रजिस्ट्रार के समक्ष दिखानी होगी।
- उस लिफाफे पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होता है जिसकी वसीयत होती है यानि के वसीयतकर्ता
- अब रजिस्ट्रार के द्वारा वसीयत के प्रतिनिधियों को समन भेजा जाता है
- उस समन के जरिये वसीयत के सभी प्रतिनिधियों को वसीयत के प्रति आपत्ति दाखिल करने का मौका भी मिलता है
- अगर कोई उसके खिलाफ आपत्ति नहीं जताता है तो आपत्ति समय के ख़त्म हो जाने के बाद रजिस्ट्रार के द्वारा वसीयत उसके नाम कर दी जाती है जिसके नाम पर वसीयतकर्ता ने वसीयत लिखी होती है।
तो दोस्तों इसी प्रक्रिया के जरिये कोई भी वसीयतकर्ता अपनी वसीयत को रजिस्टर करवा सकता है।
इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर यहाँ पर जानिए
वसीयत को अंग्रेजी में Will कहा जाता है।
वसीयत एक प्रकार का सरकारी दस्तावेज होता है। जिसमे कोई व्यक्ति अपनी मृत्यु के पश्चात उसकी प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी का नाम लिखा होता है उसी दस्तावेज को वसीयत के नाम से जाना जाता है।
आपको यह बतादे की जिस व्यक्ति के पास कोई भी संपत्ति है और उसकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक है तो वह व्यक्ति वसीयत किसी के भी नाम कर सकता है।
वसीयत करते समय दो गवाहों की आवश्यकता होती है।