आप सभी यह तो जानते ही है की हम सभी भारत देश के निवासी है। जहाँ के अधिकतर लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते है। जब कोई व्यक्ति हिंदी भाषा का उपयोग लिखने व बोलने के लिए करते है। तो उन सभी शब्दों को बोलने के लिए या फिर लिखने के लिए एक सिस्टेमेटिक तरीके की आवश्यकता होती है।
आपको यह बतादे की उस सिस्टेमेटिक यानि के (व्यवस्थित समूह) को हिंदी भाषा में वाक्य के नाम से जाना जाता है। आप सभी को यह बतादे की वाक्य को अंग्रेजी भाषा में Sentence के नाम से जाना जाता है। तो दोस्तों क्या आप यह जानते है की आखिर वाक्य किसे कहते हैं – तो दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते है तो आपको इसमें चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख के जरिये वाक्य के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है।
दोस्तों आज हम आप सभी को हमारे इस लेख में वाक्य के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे की – वाक्य किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदहारण | Vakya Kise Kahate Hain आदि जैसी कई अन्य जानकारी। तो दोस्तों अगर आप भी वाक्य से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैतो उसके लिए आप को चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है
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क्योंकि हमने इस लेख में इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की हुई है। जिसको पढ़ने से कोई भी वाक्य के बारे में जान सकता है। इसलिए दोस्तों अगर आप भी यह जानना चाहते है की Vakya Kise Kahate Hain तो यह जानने के लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा। तब ही आप इसके बारे में जान सकोगे। इसलिए कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
वाक्य किसे कहते हैं | Vakya Kise Kahate Hain?
वाक्य किसे कहते हैं – जब दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के समूह को एक व्यवस्थित पद में लिखा या बोला जाता है, और उन शब्दों से उनके विचारो का आदान व प्रदान होता है उसे वाक्य कहा जाता है। आपको यह भी बतादे की वाक्य भाषा और व्याकरण का काफी महत्वपूर्ण अंग होता है।
यह ही नहीं बल्कि भाषा की सबसे छोटी इकाई वाक्य को ही कहा जाता है। और आसान भाषा में कहा जाये तो सार्थक शब्दों के समूह से बनने वाली इकाई को ही वाक्य के नाम से जाना जाता है। आप सभी को यह बतादे की भाषा के दो अंग होते है। जिनके बारे में भी हम आपको इस लेख में बताने वाले है।
वाक्य के कुछ उदाहरण –
- नेहा विद्यालय जा रही है।
- राम ने 12 वी कक्षा अच्छे नम्बरों से पास की है।
- श्याम के दो भाई और बहन भी है।
- सविता कपडे धो रही है।
- निखिल गाना गा रहा है।
वाक्य के अंग | Parts of Sentence
तो दोस्तों जैसा की हमने आप सभी को बताया है की वाक्य के दो अंग होते है। उन्ही के बारे में हम आप सभी को यहाँ पर बताने वाले है। तो इसलिए कृपया दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
वाक्य के दो अंग होते है जो कुछ इस प्रकार है –
- उद्देश्य – जब किसी भी वाक्य में किसी भी वास्तु या फिर किसी भी व्यक्ति की बात की जाए तो उस वास्तु या फिर व्यक्ति को दर्शाने वाले शब्दों को उद्देश्य कहा जाता है।
उद्देश्य के उदहारण कुछ इस प्रकार है –
- सीमा भाग रही है।
- रामु ने पुस्तक का पाठ याद किया।
- कविता बरतन धो रही है।
- अनुज फल तोड़ रहा है।
- विजय ने नृत्य किया।
Note – यहाँ पर हमने जिन भी शब्दों को हाईलाइट किया है वह सभी शब्द वाक्य में उद्देश्य है।
- विधेय – जब किसी भी वाक्य में किसी भी वस्तु या फिर व्यक्ति के अरे में बताया होता है तो उस वाक्य में उद्देश्य को दर्शाने वाले शब्दों के अलावा शब्दों को विधेय के नाम से जाना जाता है।
विधेय के उदहारण कुछ इस प्रकार है –
- सीमा भाग रही है।
- रामु ने पुस्तक का पाठ याद किया।
- सीमा बरतन धो रही है।
- अनुज फल तोड़ रहा है।
- विजय ने नृत्य किया।
Note – यहाँ पर हमने जिन भी शब्दों को हैलीगत किया हुआ है वह सभी शब्द वाक्य में विधेय की भूमिका निभा रहे है।
वाक्य के भेद व उसके प्रकार कितने होते है | Types of Sentence
आप सभी को यह बतादे की वाक्य के भेद दो प्रकार से किये जा सकते है जो कुछ इस प्रकार है –
- अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
- राजना के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
आपको बतादे की अर्थ के आधार पर वाक्य के करीब 8 प्रकार होते है। जिनके नाम और उनके बारे में हम आप सभी को यहाँ पर बताने वाले है। इसलिए दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
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- विधान वाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- विस्म्यादिवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- विधान वाचक वाक्य – इस प्रकार का वाक्य उनको कहा जाता है जिन वाक्यों की मदद से किसी भी व्यक्ति को किसी चीज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। उसी को विधान वाचक वाक्य कहा जाता है।
- भारत देश की राजधानी दिल्ली हैं।
- सीता माता राम जी की पत्नी है।
- राम, लक्षमण, भरत, शत्रुगण, चार भाई है।
- निषेधवाचक वाक्य – आपको यह बतादे की इस प्रकार के वाक्य की मदद से हमने किसी भी कार्य के न होने का पता चलता है। उसी को निषेधवाचक वाक्य के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर हम आपको इसके कुछ उदाहरण देकर बताने वाले है। इसलिए ध्यान से पढ़िए।
- रमन आज खेलने नहीं आएगा।
- में राजस्थान नहीं जाऊँगा
- आज राम रावण का वध नहीं करेगा।
- प्रश्नवाचक वाक्य – जिस वाक्य में किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछ जाता है उसी वाक्य को प्रश्नवाचक वाक्य के नाम से जाना जाता है। अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके कुछ उदाहरण देने वाले है। दिए गए उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए।
- तुम्हारा नाम क्या है?
- तुम्हारे पापा क्या कार्य करते है?
- दिल्ली कितनी दूर है?
- विस्म्यादिवाचक वाक्य – जिस प्रकार के वाक्य में किसी के चौकने व आश्चर्य हो जाने का पता चलता है। उसी को विस्म्यादिवाचक वाक्य कहा जाता है। आइये इसके कुछ उदाहरण यहाँ जानते है।
- अच्छा ! फिर ठीक है।
- बल्ले- बल्ले! हमारी तेआम ने मैच जीत लिया है।
- आह ! कितना अच्छा दिन है।
- आज्ञावाचक वाक्य – जब किसी वाक्य से किसी को आज्ञा देने के भाव का पता चलता है उसी वाक्य को आज्ञावाचक वाक्य के नाम से जाना जाता है। अब हम आपको यहाँ पर इसके उदाहरण देकर बताने वाले है। इसलिए इसको ध्यान से पढ़िए।
- सुमन आज तुमको सिमरन की मदद करनी होगी।
- शेखर को आज गाडी खुद से चलानी होगी।
- रेखा आज तुम्हे घर सारा काम करना होगा।
- इच्छावाचक वाक्य – जिस किसी वाक्य में कर्ता द्वारा कार्य करने की इच्छा को व्यक्त किया गया हो या आशीर्वाद, आकांक्षा, कामना आदि का बोध हो तो वह वाक्य इच्छार्थक वाक्य कहा जाता है। अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके कुछ उदाहरण देकर बताने वाले है।
- होली की आपके परिवार को शुभकामनाएं।
- तुम्हारी आयु लम्बी हो
- नववर्ष मंगलमय हो।
- संकेतवाचक वाक्य – आपको यह बतादे की इस प्रकार के वाक्य में जब कोई संकेत देने का बोध होता है उसी को संकेतवाचक वाक्य के नाम से जाना जाता है। आइये इसके कुछ उदाहरण जानते है।
- इसके उदहारण यहाँ जानिए
- परीक्षा से पहले मेहनत की होती, तो आज अच्छे नंबर आए होते।
- अगर तुम समय बर्बाद नहीं करते तो तुम्हारा ये हाल नहीं होता।
- उसने मझे बताया की तुम्हारा घर इधर है।
- संदेहवाचक वाक्य – जिन वाक्यों की मदद से आपको संदेह का बोध होता है उसी को संदेहवाचक वाक्य के नाम से जाना जाता है। अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके उदाहरा देकर बताने वाले है। इसलिए दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
- आज बारिश होने की संभावना है।
- लगता है कल बहुत तेज धुप निकलेगी।
- लगता है राधिका अब सुधर गई है।
रचना के आधार पर वाक्य के भेद
आप सभी को यह बतादे की रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते है। जिनके बारे में हम आप सभी को इस लेख में बताने वाले है। इसलिए कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
- सरल वाक्य/साधारण वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित/मिश्र वाक्य
- सरल वाक्य/साधारण वाक्य – आप सभी को यह बता दे की इस प्रकार के वाक्य में केवल एक ही प्रकार का विधेय होता है उन्ही वाक्य को सरल वाक्य और साधारण वाक्य के नाम से जाना जाता है। अब हम आप सभी को इसके उदाहरण देंगे इसलिए लेख को अंत तक अवश्य पढियेगा।
- उमेश पढ़ता है।
- सौम्य ने भोजन किया।
- राकेश खाना बना रहा है।
2. संयुक्त वाक्य – आपको बतादे की इस प्रकार के वाक्य का बोध तब होता है जब दो या फिर दो से अधिक साधारण वाक्य कुछ सामानाधिकरण समुच्चयबोधकों से जुड़ते है। इस प्रकार के वाक्य को ही संयुक्त वाक्य के नाम से जाना जाता है।
उदाहरण – छुटियाँ समाप्त हुई और हम घर आ गए।
मैंने उसे देखा और वो रो पड़ा।
वह हम सभी लोगों के साथ आना चाहती थी लेकिन उसकी परीक्षा नजदीक है।
नोट – आपको बतादे की संयुक्त वाक्य के भी चार प्रकार होते है। जिनके बारे में हम आप सभी को यहाँ पर बताने वाले है। इसलिए दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
( a ) संयोजक वाक्य – जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण या मिश्रित वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है।
उदाहरण – राम गया और श्याम आया।
( b ) विभाजक वाक्य – जब साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद या विरोध का संबंध रहता है।
उदाहरण – राहुल ने बहुत मेहनत की लेकिन उसको सफलता नहीं मिली
( c ) विकल्पसूचक वाक्य – जब दो बातों में से किसी एक को स्वीकार करना होता है।
उदाहरण – तुम काम कर सकते हो या पढाई।
( d ) परिणामबोधक वाक्य – जब दो बातों में से किसी एक को स्वीकार करना होता है।
उदाहरण – महेश खेलता है और रमेश पढता है।
3. मिश्रित/मिश्र वाक्य – जब किसी वाक्य में एक से अधिक उपवाक्यों को मिलाकर एक प्रधान वाक्य बनाया जाय तो प्रधान वाक्य मिश्रित वाक्य कहलाता है। ऐसे सभी वाक्य उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारम्भ होते हैं। मिश्रित वाक्य में वाक्य का अंत आश्रित शब्दों से होता है।
मिश्रित वाक्य के उदाहरण
- जिसकी लाठी उसकी भैंस।
- जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह सफल होता है।
- यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे।
वाच्य किसे कहते है ?
क्रिया के आधार पर वाक्य के भेदों को वाच्य नाम दिया गया है। क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किस की प्रधानता है, उसी को वाच्य कहा जाता है। दोस्तों आप सभी को यह बतादे की वाच्य के तीन भेद होते हैं। जो कुछ इस प्रकार है।
- कृत वाच्य
- क्रम वाच्य
- भाव वाच्य
अब हम आप सभी को यहाँ पर इन तीनों वाच्यों के बारे में बात करेंगे। तो अगर आप भी यह जानना चाहते है की वाच्य के भेद क्या होते है तो उसके लिए हमने यहाँ पर जानकारी प्रदान की हुई है। इसलिए दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
कृत वाच्य क्या होते है। यहाँ जानिए
जब किसी वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण वाक्य में प्रयुक्त कर्ता के अनुसार हो तो उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं, अर्थात वाक्य में प्रयुक्त कर्ता के लिंग एवं वचन में परिवर्तन करते ही यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन में भी परिवर्तन हो जाए तो वह कर्तृ वाच्य होता है।
कर्तृ वाच्य में क्रिया सकर्मक एवं अकर्मक हो सकती है। अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके उदाहरण देकर समझाने वाले है। इसलिए दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
उदाहरण कुछ इस प्रकार है –
- अनुज किताब पढता है।
- विशाल किताबे पढता है।
- हम भी किताबे पढ़ते है।
कर्म वाच्य किसे कहते हैं ?
जब किसी वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण वाक्य में प्रयुक्त कर्म के अनुसार हो तो उसे कर्म वाच्य कहते हैं, अर्थात वाक्य में प्रयुक्त कर्म के लिंग एवं वचन में परिवर्तन करते ही यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन में भी परिवर्तन हो जाए तो वह कर्म वाच्य होता है।
कर्म वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक ही होती है।अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके उदाहरण देकर समझाने वाले है। इसलिए दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
उदाहरण कुछ इस प्रकार है –
- सुनैना के द्वारा किताब पढ़ी जाती है।
- अध्यापक के द्वारा हमें हिंदी पढाई जाती है।
- कविता के द्वारा हमें काफी चीजें सिखाई जाती है।
भाव वाच्य किसे कहते हैं ?
यदि किसी वाक्य में क्रिया के लिंग एवं वचन का परिवर्तन कर्ता एवं कर्म दोनों के ही अनुसार नहीं हो तो उसे भाव वाच्य कहते हैं। भाव वाच्य में क्रिया सदैव अकर्मक क्रिया होती है।
क्रिया का वचन एकवचन एवं लिंग सदैव पुल्लिंग होता है। अब हम आप सभी को यहाँ पर इसके उदाहरण देकर समझाने वाले है। इसलिए दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
उदाहरण कुछ इस प्रकार है –
- सुभम से दौड़ा नहीं जाता
- बच्चे से भागा नहीं गया।
वाक्य किसे कहते हैं सम्बंधित प्रश्न
जब दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के समूह को एक व्यवस्थित पद में लिखा या बोला जाता है, और उन शब्दों से उनके विचारो का आदान व प्रदान होता है उसे वाक्य कहा जाता है।
वाक्य के दो अंग होते है जो कुछ इस प्रकार है :-
उद्देश्य, विधेय
क्रिया के आधार पर वाक्य के भेदों को वाच्य नाम दिया गया है। क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किस की प्रधानता है, उसी को वाच्य कहा जाता है
जिस किसी वाक्य में कर्ता द्वारा कार्य करने की इच्छा को व्यक्त किया गया हो या आशीर्वाद, आकांक्षा, कामना आदि का बोध हो तो वह वाक्य इच्छार्थक वाक्य कहा जाता है।