टाइफाइड ऐसी बीमारी है जिसमे आप को दवाइयों के साथ साथ बहुत से परहेज़ भी साथ में करने होते हैं। बता दें की ये बीमारी दूषित पानी और खानपान की वजह से , साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से होती है। इसमें 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर लगातार बुखार बने रहना, पेट दर्द, भूख ना लगना, सिर दर्द व गले में खराश, सुस्ती या कमजोरी लगना और शरीर पर चकत्ते दिखाई देना आदि इसके लक्षण होते हैं । इसमें इलाज के बाद भी व्यक्ति के शरीर में लम्बे समय तक कमजोरी रहती है। इस कमजोरी से निजात पाने के लिए उसे खान पान में बहुत ध्यान देना होता है। घी, तेल, ताला भुना और मसालेदार खाने से दूर रहना होता है। साथ ही ऐसे बहुत से तरीके हैं जिससे टाइफाइड की वजह से आयी कमजोरी को दूर किया जा सकता है। चलिए आगे जानते हैं टाइफाइड की कमजोरी को कैसे दूर करें?
इस लेख में हम टाइफाइड की कमजोरी को कैसे दूर करें से संबंधित जानकारी देने जा रहे हैं। आइये आगे जानते हैं की typhoid ki kamjori ko kaishe door kare ?
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टाइफाइड की कमजोरी को कैसे दूर करें
- सॉफ्ट डाइट : एक बार टाइफाइड का बुखार उतरने के 3 से 5 दिन के बाद मरीज को अगले 10 दिनों तक भी सॉफ्ट डाइट ही लेनी चाहिए। जैसे सूजी की खीर, सूजी का उपमा, ओट्स, कॉर्न फ्लेक्स, धुली मूंग दाल, बिस्किट, ब्रेड, सत्तू, साबूदाना, आलू, केला, खरबूज, तरबूज, बिना छिलके का सेब और पपीता आदि। इससे मरीज को इन्हे पचाने में भी आराम रहेगा और ये सुपाच्य होने के साथ साथ बहुत ही पौष्टिक भी होता है। जोकि शरीर में कमजोरी को ड्डूर करने में भी सहायक होते हैं।
- लिक्विड डाइट का ज्यादा से ज्यादा सेवन : जानकारी के लिए बता दें की टाइफाइड का बुखार उतरने के बाद भी 3 से 5 दिनों तक रोगी व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा तरल पदाथों का सेवन करना चाहिए। तरल पदार्थ में आप इन्हे शामिल कर सकते हैं – सूप, मूंग दाल की फीड, फलों का रस, बादाम का दूध, नारियल का दूध, नारियल पानी, कस्टर्ड, शरबत, ग्लूकोस, इलेक्ट्रॉल, नींबू पानी तथा सादा गुनगुना पानी थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर लेते रहे । इसके साथ ही ध्यान रखें की आप को प्रतिदिन 3 लीटर तक पानी उबालकर उसे गुनगुना कर पीना आवश्यक है।
- हाई कैलोरी और हाई कार्ब्स : टाइफाइड के बुखार के चलते व्यक्ति के शरीर में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। जिससे ये आवश्यक हो जाता है की व्यक्ति अपने खान पान में ऐसे पदार्थों को शामिल करें जिससे उसे हाई कैलोरी और हाई कार्ब्स मिल सके। इस के लिए मरीज इन सब चीज़ों को अपने खान- पान में शामिल कर सकता है – शहद, मीठे फल, फलों के रस, छेने की मिठाई, सुपाच्य ओट्स, साबूदाने की खीर, सूजी का हलवा, मूंग दाल की खिचड़ी, दूध के साथ बिस्किट, ब्रेड व रस्क आदि। ये उन्हें कम से कम अगले कुछ दिनों तक अपनाना होगा।
- हाई प्रोटीन : कुछ समय के बाद टाइफाइड ठीक होने के बाद व्यक्ति को अपने डाइट में हाई प्रोटीन से भरपूर चीज़ों को शामिल करना चाहिए। इससे उन्हें कम समय में ज्यादा एनर्जी मिलेगी। इस के लिए उन्हें आसानी से पचने वाले प्रोटीन जैसे मूंग दाल, ताजा दही, डबल टोंड मिल्क, घर का बना पनीर, वे वाटर, छाछ, टोफू, कस्टर्ड, सूजी की खीर, आदि लेना चाहिए।
- फल और सब्ज़ियां : टाइफाइड के बाद फिर से अपने स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए कम रेशे वाली सब्जियां और फल का नियमित सेवन करना चाहिए। शरीर में कमजोरी दूर करने के लिए व्यक्ति जैसे- लौकी, तोरी, टिंडा, परवल, कद्दू, आलू, टमाटर आदि। फलों में पपीता, सेब, मौसमी, आलूबुखारा, बबुगोशा, खरबूज, तरबूज, लीची आदि का सेवन कर सकता है।
Typhoid ki kamjori ko kaishe door kare
शरीर हो स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाने के लिए हमे कार्बोहायड्रेट युक्त भोजन करना चाहिए। टायफाइड से बॉडी का एनर्जी लेवल एकदम काम हो जाता है। खाने में दलीया, बॉयल्ड एग, उबले हुए चावल, शहद आदि का सेवन करना चाहिए।
टाइफाइड का बुखार शरीर में 7 से 14 दिनों तक रहता है अगर समय पर सावधानी नहीं बरती और इलाज सही ढंग से नहीं किया तो यह 3 से 4 हफ्ते तक चल सकता है।
टाइफाइड बिगड़ने पर शरीर में मुख्यतः 2 प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं एक तो बुखार आता है और यह बढ़कर 104 डिग्री तक भी जा सकता है दुसरे शरीर में दाने होते हैं, शरीर पर कुछ लाल धब्बे भी नज़र आ सकते हैं।
टाइफाइड में मुख्यतः तेज़ बुखार आता है, शरीर में कमजोरी रहती है, पेटदर्द, सिरदर्द, भूख का न लगना, शरीर पर लाल धब्बे।