भारत में कितने प्रकार की मृदा पाई जाती है | Types of Soil in India (Hindi)

Types of Soil:- आप सभी यह तो जानते ही होंगे की भारत को कृषि भूमि के नाम से भी जाना जाता है। जिसका कारण हैं हमारे इस देश की मिट्टी जिसके कारण हमारे देश के किसान मिट्टी में अपनी फसल को उगाते हैं और उस मिट्टी की वजह से भी किसानों की फसल बेहतर होती हैं क्योंकि खेती में मिट्टी का बहुत महत्त्व होता हैं। क्योंकि उपजाऊ मिटटी ही फसल को उगाने में बहुत मदद करती हैं और क्या आप यह भी जानते हैं की मिटटी को मृदा भी कहा जाता हैं। तो दोस्तों क्या आप यह जानते हैं की भारत में कितने प्रकार की मृदा पाई जाती हैं अगर आप नहीं जानते तो आपको इसमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैं

भारत में कितने प्रकार की मृदा पाई जाती है |
Types of Soil in India

क्योंकि आज हम आपको इस लेख के जरिये मृदा के बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे जैसे की – भारत में कितने प्रकार की मृदा (Types of Soil) पाई जाती हैं और उनकी क्या क्या खासियत होती हैं और वह कहाँ पर पाई जाती हैं। तो दोस्तों अगर आप भी इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारा यह लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा ताकि आप भी मृदा से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें

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मृदा किसे कहते हैं ?

मृदा का दूसरा नाम मिट्टी है यानि के लोग इसको मिट्टी के नाम से भी जानते हैं। मिट्टी में बहुत सी चीजों का मिश्रण होता हैं जैसे की – कंकड़, छोटे मरे हुए व ज़िंदा जीव,आदि इन सभी को manure micro-organisms के नाम से भी जाना जाता हैं। इन सभी की मदद से उपजाऊ बनती हैं और पेड़ व पौधे आसानी से उगते हैं। पत्थर एवं चट्टानों से भी मिट्टी बनती हैं। मृदा को अंग्रेजी भाषा में Soil कहते हैं। तो दोस्तों अगर आप मृदा यानि के मिट्टी की परिभाषा जानना चाहते हैं तो वो भी हमने इस लेख में प्रदान की हैं जिसके लिए आपको हमारे साथ इस लेख में अंत तक रहना पढ़ेगा। मृदा (मिट्टी) की परिभाषा – मृदा भूमि की वह ऊपरी परत हैं जिसका निर्माण मूलरूप से चट्टानों के विखण्डित होने उनमें वनस्पति व जीवेां के सड़ने, गलने तथा जलवायु की क्रिया से निर्मित अम्लीय पदार्थों से लाखों वर्षों की प्रक्रिया के बाद मृदा का रूप लेती हैं।

Types of Soil (मृदा के प्रकार)

तो दोस्तों अगर आप भी यह जानना चाहते हैं की Types of Soil (मृदा कितने प्रकार की होती हैं) जिसके बारे में हमने आपके लिए यहाँ पर जानकारी प्रदान की हैं तो अगर आप यह जानकारी करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।भारत में 6 प्रकार की मृदा पाई जाती हैं (There are 6 Types of Soil found in India)। इन सभी के बारे में हमने यहाँ बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान की हैं तो ध्यान से पढ़े एवं सभी जानकारी प्राप्त करें

  1. जलोढ़ मिट्टी
  2. काली मिट्टी
  3. लाल एवं पीली मिट्टी
  4. लैटराइट मिट्टी
  5. मरूस्थलीय मिट्टी
  6. पर्वतीय मिट्टी
  • जलोढ़ मिट्टी – जलोढ़ मिट्टी को Alluvial Soils के नाम से भी जाना जाता हैं। केवल यह ही नहीं इस मिट्टी को दोमट और कछार मिट्टी के नाम से भी जाना जाता हैं। जो मिट्टी नदियों के द्वारा निकाली जाती हैं। उस मिट्टी को ही जलोढ़ मिट्टी कहा जाता हैं।
  • इस प्रकार की मिट्टी हमारे देश में उत्तरी मैदान (Northern Plain) के क्षेत्र में पाई जाती हैं उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, असम जैसे क्षेत्रो में।
  • यह मिटटी बहुत उपजाऊ होती हैं। इस प्रकार की मिट्टी में अधिकतर पोटाश फास्फोरस चुना पाया जाता हैं। इस प्रकार की मिट्टी में चावल गेहूं गन्ना दलहनी और भी बहुत से अनाज उगाएं जाते हैं। इस प्रकार की मिट्टी अधिकतर सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों में पाई जाती हैं।
  • काली मिट्टी – काली मिट्टी को Black soil भी कहा जाता हैं। बताया यह भी जाता हैं की इस मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से हुआ हैं। काली मिटटी को कुछ लोग रेगर भी कहते हैं। काली मिट्टी अधिकतर cotton यानि के कपास की खेती के काम आता हैं। इस मिट्टी की खासियत यह है की यह मिट्टी अधिक समय तक नमी बनायीं रखती हैं।
  • काली मिट्टी अधिकतर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश का पश्चिमी भाग और मैसूर जैसे उत्तरी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इस मिट्टी में चूना, मैग्नीशियम और लौह जैसी चीजे भी पाई जाती हैं।
  • काली मिट्टी गोदावरी और कृष्णा नदी बेसिन नदियों में भी पाई जाती हैं। इस प्रकार की मिट्टी में जुताई करना बड़ा ही मुश्किल होता है क्योंकि यह मिट्टी गीली होने पर चिपचिपी हो जाती हैं।
  • लाल एवं पीली मिट्टी – इस प्रकार की मिट्टी भारत में बहुत से क्षत्रों में पाई जाती हैं। इस मिट्टी ने भारत में करीब 5.18 लाख वर्ग किमी में पाई जाती हैं। लाल मिट्टी भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली मिट्टियों में से तीसरे स्थान पर हैं। यह मिट्टी चट्टानों से कटी हुई मिट्टी हैं।
  • इस प्रकार की मिट्टी अधिकतर महाराष्ट्र के दक्षिण व पूर्वी भाग में,मद्रास,आँध्रप्रदेश,मिसरे,ओडिशा,झारखण्ड,नागपुर,पश्चिमी बंगाल,और मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग में पाई जाती हैं।
  • इस प्रकार की मिटटी में बहुत सी चीजों मकई खेती की जाती हैं जैसे की – गेहूं, चावल, बाजरा, ग्राम, दालों, तिलहन (oil seeds) और कपास इस मिटटी में अधिकतर पोटाश, अल्मुनियम जैसे पदार्थ पाएं जातें हैं। इस मिटटी में चावल, ज्वार-बाजरा, मक्का, मूंगफली, तंबाकू और फलों जैसी चीजों की भी खेती हो सकती हैं।
  • लैटराइट मिट्टीलैटराइट मिट्टी प्रकार की मिटटी अधिकतर तापमान एवं अधिकतर वर्षा वाले क्षेत्रों में ही विकसित होती हैं। यह मिटटी भी भारत में बहुत सी जगह पर पाई जाती हैं जैसे की – कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम तथा मेघालय के क्षेत्र में एवं मध्यप्रदेश और उड़ीसा।
  • इस प्रकार की मिटटी में अधिकतर  चाय, कॉफी, नारियल, सुगंधित अखरोट जैसी चीजों की खेती की जाती हैं। यह मिट्टी काम उपजाऊ होती हैं। एलुुमिनियम और लोहे के ऑक्साइड पाए जाने की वजह से यह मिट्टी भूरे रंग की दिखाई पढ़ती हैं।
  • मरूस्थलीय मिट्टी – मरुस्थलीय मिट्टी को शुष्क मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है इसको शुष्क मिट्टी इसलिए कहते हैं क्योंकि यह मिट्टी बहुत ही सूखी होती हैं इसमें बिलकुल भी नमी हैं। इस मिट्टी का निर्माण भी चट्टानों के कारण ही हुआ हैं।
  • यह मिटटी लाल व् भूरे रंग की होती हैं। इस मिटटी में नमी न होने के कारण यह मिट्टी बहुत ही कम उपजाऊ होती हैं इसलिए इसमें कुछ ही चीजों की खेती की जाती हैं , मिट्टी अधिकतर भारत के कुछ इलाकों में पाई जाती हैं जैसे की – राजस्थान तथा पंजाब और हरियाणा।
  • इस मिट्टी में तेलहन का उत्पादन भी किया जा सकता हैं। इस मिट्टी में खेती तो की जा सकती हैं परन्तु उसके लिए अधिक जल की आवश्यकता पढ़ती हैं। इस प्रकार की ममिट्टी में अधिकतर ज्वार, बाजरा एवं रागी की खेती की जा सकती हैं।
  • पर्वतीय मिट्टी – पर्वतीय मिट्टी को अंग्रेजी में Mountain Soils कहा जाता हैं। इस प्रकार की मिट्टी में अधिकतर मात्रा कंकड़ की पाई जाती हैं। इस प्रकार की मिट्टी में भी बहुत सी फसलें उगाई जाती हैं जैसे की – चाय, मसाले, गेहूं, मक्का, जौ, कॉफी, कुछ फल आदि।
  • पर्वतीय मिट्टी के निर्माण में पर्वतों के वातारवरण का भी असर पढता हैं जैसा वातावरण पर्वतों का होगा उसी प्रकार की मिट्टी का भी निर्माण होगा। पर्वतीय मिट्टी अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती हैं जैसे की – जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतराखण्ड, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में।

मृदा से सम्बंधित कुछ प्रश्न

मृदा को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?

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मृदा को अंग्रेजी में Soil कहते हैं।

मृदा के प्रकार (Types of Soil) के नाम बताइये

1 जलोढ़ मिट्टी
2 काली मिट्टी
3 लाल एवं पीली मिट्टी
4 लैटराइट मिट्टी
5 मरूस्थलीय मिट्टी
6 पर्वतीय मिट्टी

काली मिट्टी का निर्माण किससे होता हैं ?

काली मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से होता हैं

लैटराइट मिट्टी अधिकतर किन क्षेत्रों में पाई जाती हैं ?

कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम तथा मेघालय जैसे क्षेत्रों में पाई जाती हैं।

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