भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ | Top Important events in Indian history in hindi

भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ:- भारत का इतिहास प्राचीन काल से ही गौरवपूर्ण एवं गरिमामयी रहा है। जहाँ हमारा देश दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता का साक्षी रहा है वही औपनिवेशिक गुलामी से आजादी तक का सफर भी दुनिया को रोमांचित करने वाला है।

प्राचीन काल में सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारतवर्ष का इतिहास अपने अंदर आश्चर्यजनक रहस्य समेटे है जो की वास्तव में दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारत के इतिहास की प्रमुख घटनाओं का दुनिया पर गहरा प्रभाव रहा है ऐसे में हमे भारत के इतिहास की सभी महत्वपूर्ण घटनाओ से अवगत होना आवश्यक है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

आप सभी यह तो जानते ही है की भारत को कई अन्य नामो से जाना जाता है। जैसे की – हिंदुस्तान, इंडिया आदि। लेकिन क्या आप यह जानते है की भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा

भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ |
Top Important events in Indian history in hindi

भारत के विस्तृत इतिहास को कुछ ही शब्दो में कवर करना आसान नहीं है ऐसे में आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ (Top Important events in Indian history in hindi) के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है जिससे की देश के इतिहास के बारे में आपकी समझ मजबूत होगी।

Top Important events in Indian history in hindi आर्टिकल के माध्यम से इतिहास के जिज्ञासुओ को भारतीय इतिहास की गहरी समझ होगी साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले कैंडिडेट भी इस आर्टिकल के माध्यम से हिस्ट्री सेक्शन को तैयार कर सकते है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

भारत के इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ से जुड़े इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारतीय इतिहास के सभी प्रमुख बिन्दुओ की जानकारी प्रदान की गयी है। विभिन वर्गों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने इस आर्टिकल को 3 भागो में विभाजित किया है जो की प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत एवं आधुनिक भारत में विभाजित है।

इस विभाजन का लाभ यह है की आप इतिहास के जिस भी भाग का अध्ययन करना चाहते है उससे जुड़ी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते है। साथ ही यहाँ से आप भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्यों को भी आसानी से जान सकते है। तो चलिए शुरू करते है प्राचीन भारत के इतिहास से

भारतीय इतिहास के प्रमुख घटनाक्रम, प्राचीन भारत

  • घटना:- सिंधु घाटी सभ्यता का विकास काल
    समयकाल- 2400-1750 ई.पू. (2400-1750 BC)

वर्णन- आद्यैतिहासिक काल से सम्बंधित सिंधु घाटी सभ्यता भारत के उत्तरी भाग में स्थित सभ्यता थी जिसका समयकाल 2400-1750 ई. तक था। हालांकि इस सभ्यता के समय काल को लेकर मतभेद है परन्तु अधिकतर विद्वान् और कार्बन C-14 पद्धति से सर्वाधिक मान्य काल 2400-1750 ई. माना गया है। यह सभ्यता सिंधु घाटी के क्षेत्र में स्थित थी जिसकी खोज राखल दास बनर्जी द्वारा 1921 में की गयी। दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं में शामिल इस सभ्यता के सबसे बड़े नगर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो थे।

  • घटना:- ऋग्वैदिक काल- भारत में आर्यों के निवास का काल
    समयकाल- 1500-1000 ई.पू. (1500-1000 BC)

वर्णन – सिंधु घाटी के पतन के बाद भारत में ऋग्वैदिक काल शुरू हुआ। ऋग्वैदिक काल में भारत में आर्यों का आगमन हुआ। हालांकि आर्यों के निवास स्थान को लेकर विद्वानों में मतभेद है। ऋग्वैदिक काल में भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथो की रचना हुयी जिनमे देश के चार प्रमुख वेद नामत – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद शामिल है। भारत में धार्मिक इतिहास के लेखन की दृष्टि से यह काल महत्वपूर्ण है चूँकि इस काल में ही देश में प्रमुख धार्मिक ग्रन्थ लिखे गये थे। ऋग्वेद को पूरी दुनिया का सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ माना जाता है जिसे की 10 मंडलो, 1028 सूक्तों में बॉंटा गया है। इस ग्रन्थ में 10,462 ऋचाएँ है जिसमे की गायत्री मन्त्र भी शामिल है।

  • घटना:- उत्तर ऋग्वैदिक काल- ऋग्वेद के बाद का काल
    समयकाल- 1000-600 ई.पू. (1000-600 BC)

वर्णन – 1000 ई.पू. में भारत में उत्तर ऋग्वैदिक काल शुरू हुआ। इस काल में समाज में स्त्रियों की दशा में पतन होना शुरू हो गया था फलस्वरूप समाज में बौद्ध और जैन धर्मों के आगमन के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ।

  • घटना:- महाजनपदों के उदय
    समयकाल- 600 ई.पू. (600 BC)

वर्णन – उत्तरवैदिक काल के पश्चात भारत में 600 ई.पू. में महाजनपदों के उदय हुआ। इस काल में भारतवर्ष 16 महाजनपदों में बँटा हुआ था। मगध इनमे सबसे प्रमुख जनपद था। इस काल में भारत में कुछ नवीन धर्मो का उदय भी हुआ जिनमे बौद्ध एवं जैन धर्म प्रमुख थे। उत्तर ऋग्वैदिक काल में उपजी कुरीतियों को दूर करने में इन धर्मो ने लोगो को अपनी ओर आकर्षित किया।

  • घटना:- भगवान बुद्ध का जन्म
    समयकाल- 563 ई.पू. (563 BC)

वर्णन – महाजनपद काल में 563 ई.पू. नेपाल में लुम्बिनी के निकट कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध हुआ। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। ज्ञान प्राप्ति की तलाश में भगवान बुद्ध ने 29 वर्ष की अवस्था में घर का त्याग कर दिया था। इन्हे 6 वर्ष की कठिन तपस्या के पश्चात ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी। इनके द्वारा प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया गया। गौतम बुद्ध की मृत्यु 483 ई.पू. में कुशीनगर में हुयी। इन्हे बौद्ध धर्म का प्रणेता माना जाता है।

  • घटना:- महावीर स्वामी का जन्म
    समयकाल- 540 ई.पू. (540 BC)

वर्णन – महावीर स्वामी का जन्म 540 ई.पू. में कुण्डलग्राम में हुआ था। इनके बचपन का नाम वर्द्धमान था। 30 वर्ष की अवस्था में इन्होने अपने बड़े भाई आज्ञा से गृह त्याग किया एवं ज्ञान प्राप्ति की खोज में निकल गए। जैन धर्म में महावीर स्वामी को 24वां तीर्थंकर माना जाता है। महावीर स्वामी की मृत्यु 468 ई.पू. में पावापुरी, राजगीर में हो गयी थी।

  • घटना:- मगध का उदय
    समयकाल- 544 ई.पू. (544 BC)

वर्णन – 544 ई.पू. में मगध की गद्दी पर वृहद्रथ ने शासन करना प्रारम्भ किया। इसके पश्चात 493 ई.पू. में वृहद्रथ की हत्या कर अजातशत्रु राजा बना जिसकी उसके पुत्र उदयिन ने 461 ई.पू. में हत्या करके मगध की गद्दी पर कब्ज़ा कर लिया। इसके पश्चात मगध की गद्दी पर क्रमश नागवंश का शासन रहा जिसका संस्थापक शिशुनाग था। नाग वंश का अंतिम शासक नंदिवर्मन था जिसके पश्चात मगध में नंद वंश का राज्य स्थापित हो गया। नन्द वंश का संस्थापक महापमानंद था।

  • घटना:-भारत पर सिकंदर का आक्रमण
    समयकाल- 325 ई.पू. (325 BC)

वर्णन – 325 ई.पू. में मेसीडोनिया के शासक सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया। यहाँ उसका सामना पंजाब के शासक पोरस से हुआ। सिकंदर की सेना से ब्यास नदी को पार करने से इंकार दिया।

  • घटना:-भारत पर अन्य विदेश शासकों का आक्रमण
    समयकाल- 200 ई.पू.-प्रथम शताब्दी (200 BC to first century)

वर्णन – सिकंदर के पश्चात भारत पर अन्य विदेशी शासको ने आक्रमण किया जिनका क्रम इस प्रकार से है :- हिन्द-यवन, शक, पह्लवी एवं कुषाण। हिन्द-यवन वर्तमान ग्रीस के शासक थे जिन्होंने भारत में प्रथम सदी के मध्य आक्रमण किया। इसके पश्चात शको ने भारत के विभिन भागो पर शासन किया। शको के पश्चात भारत पर पह्लवी शासकों ने भारत के विभिन भागो पर अपना साम्राज्य स्थापित किया। पह्लवी शासन के पश्चात देश में कुषाणों का शासन प्रारम्भ हो गया। कुषाणों का सबसे प्रमुख राजा कनिष्क था।

  • घटना:- मौर्य साम्राज्य
    समयकाल- 325 ई.पू. (325 BC)

वर्णन – 345 ई.पू. में भारत के महान शासकों में से एक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म हुआ। वर्ष 322 ई.पू. में नंद वंश के शासक घनानंद को हराकर चन्द्रगुप्त मौर्य मगध की गद्दी पर बैठे। चन्द्रगुप्त मौर्य के पश्चात इनके पुत्र बिंदुसार ने मगध की गद्दी संभाली। भारत के सबसे महान सम्राट की उपाधि से विभूषित सम्राट अशोक ने 269 ई.पू. में मगध की गद्दी को संभाला। वर्ष 261 में कलिंग पर आक्रमण के पश्चात अशोक का हृदय परिवर्तित हो गया और उन्होंने जीवन भर अहिंसा के रास्ते पर चलने का प्रण लिया। इसके पश्चात अशोक ने अनेक लोक हितकारी कार्य किये।

  • घटना:- गुप्त वंश
    समयकाल- 280-543 ई.(280-543 AD)

वर्णन – 280 ई. में भारत में गुप्त वंश की नींव श्रीगुप्त द्वारा रखी गयी। भारत के सबसे प्रतापी राजाओं में गुप्त वंश के राजा शुमार है। इस वंश का सबसे प्रतापशाली राजा चद्रगुप्त-द्वितीय हुआ जो की 380 ई.पू. गद्दी पर बैठा। चद्रगुप्त-द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी। कालिदास, आर्यभट्ट एवं वराहमिहिर जैसे विद्वान् चद्रगुप्त-द्वितीय के दरबार के नवरत्नों में शामिल थे इसी कारण से गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्णकाल कहा जाता है। गुप्त शासक समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है। समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा प्रयाग-प्रशस्ति लिखी गयी थी। चद्रगुप्त-द्वितीय के पुत्र कुमारगुप्त प्रथम के द्वारा भारत के प्रथम विश्वविद्यालय नालंदा का निर्माण कराया गया था।

  • घटना:- पुष्यभूति या वर्धन वंश
    समयकाल- 6 ई.(6 AD)

वर्णन – 6 ई. में भारत में वर्धन वंश का शासन था जिसका सबसे प्रतापी राजा हर्षवर्धन था। हर्षवर्धन का शासन 606 ई. से प्रारम्भ हुआ था। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासनकाल में ही भारत आया था जिसने की नालंदा विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म सम्बंधित शिक्षा ग्रहण की थी।

भारतीय इतिहास के प्रमुख घटनाक्रम, मध्यकालीन भारत

  • घटना:- भारत पर अरबों का आक्रमण
    समयकाल- 712 ई.(712 AD)

वर्णन- 712 ई. में भारत पर अरबों द्वारा पहला आक्रमण किया गया जब 712 ई. में मुहम्मद बिन-कासिम के नेतृत्व में अरबों ने भारत के उतर-पश्चिमी सीमा प्रान्त सिंध पर कब्ज़ा कर लिया। इसके पश्चात भारत पर अन्य विदेशी शासकों ने आक्रमण किया जिनमे महमूद गजनी का नाम प्रमुख है। महमूद गजनी ने 998 में गजनी की गद्दी सँभालने के पश्चात 1000 ईसवी में भारत पर आक्रमण किया गया। महमूद गजनी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया था जिनमे सौराष्ट्र के सोमनाथ मंदिर को प्रमुखता से निशाना बनाया गया।

गजनी के पश्चात भारत पर मोहम्मद गौरी ने आक्रमण किया। इसके द्वारा सर्वप्रथम 1175 में मुल्तान में आक्रमण किया गया। मुहम्मद का सामना चौहान वंश के पृथ्वीराज चौहान तृतीया से हुआ था। मोहम्मद गौरी द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्धों का विवरण इस प्रकार से है :-

  • मोहम्मद गौरी द्वारा लड़े गए प्रमुख
    • तराइन का प्रथम युद्ध (1191)- पृथ्वीराज चौहान एवं मोहम्मद गौरी के मध्य (परिणाम-पृथ्वीराज चौहान विजयी)
    • तराइन का प्रथम युद्ध (1191)- पृथ्वीराज चौहान एवं मोहम्मद गौरी के मध्य (परिणाम-मोहम्मद गौरी विजयी)
    • चंदावर का युद्ध (1194)- मोहम्मद गौरी एवं जयचंद के मध्य (परिणाम-मोहम्मद गौरी विजयी)
  • घटना:- भारत में सल्तनत काल
    समयकाल- 1206-1526 ई.(1206-1526 AD)

भारत में सल्तनत काल की शुरुआत गुलाम वंश के शासन के साथ शुरू हुयी। इस वंश का संस्थापक कुतुबद्दीन ऐबक था जो की मोहम्मद गौरी का एक गुलाम था। गुलाम वंश के सभी शासकों का वर्णन इस प्रकार से है :-

  • गुलाम वंश के शासक
    • कुतुबद्दीन ऐबक
    • आरामशाह
    • इल्तुमिश
    • रुकुनुद्दीन फिरोज
    • रजिया सुल्तान
    • बहरामशाह
    • अलाउद्दीन मसूद
    • नसरुद्दीन महम्मूद
    • बलबन

गुलाम वंश के पश्चात सल्तनत काल के अंतर्गत खिलजी वंश की शुरुआत हुयी। खिलजी वंश का शासन काल 1290 से 1320 ई. तक था। खिलजी वंश के प्रमुख शासक इस प्रकार से है :-

  • खिलजी वंश के प्रमुख शासक
    • जलालुदीन फिरोज खिलजी (खिलजी वंश का संस्थापक)
    • अलाउद्दीन खिलजी (खिलजी वंश का सबसे प्रमुख सुल्तान)
    • कुतुबद्दीन मुबारक खिलजी (खिलजी वंश का अंतिम शासक)

खिलजी वंश के पश्चात दिल्ली की गद्दी पर तुगलक वंश शासन प्रारम्भ हुआ। तुगलक वंश का शासन काल 1320 से 1398 ई. तक था। तुगलक वंश के सभी प्रमुख शासको का क्रमवार विवरण इस प्रकार से है :-

  • तुगलक वंश के शासक
    • गयासुद्दीन तुगलक (तुगलक वंश का संस्थापक)
    • मुहम्मद बिन तुगलक (तुगलक वंश का सनकी शासक)
    • फिरोजशाह शाह तुगलक (तुगलक वंश का योग्य शासक)
    • नसरुद्दीन महमूद तुगलक (तुगलक वंश का अंतिम शासक)

तुगलक वंश के अंतिम शासक के समय पश्चिमी एशिया के शासक तैमूर के द्वारा 1398 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया गया। तैमूर के द्वारा भारत के विभिन भागो में अत्यधिक लूटपाट मचाई गयी एवं अनेक शासको को परास्त किया गया।

सल्तनत काल में तुगलक वंश के पश्चात भारत में सैय्यद वंश की शुरुआत हुयी। इस वंश को सल्तनतकाल में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त था। सैय्यद वंश के प्रमुख शासकों का विवरण इस प्रकार से है :-

  • खिज्र खाँ
  • मुबारक खाँ

सैय्यद वंश के पश्चात सल्तनत काल में लोदी वंश की स्थापना हुयी। लोदी वंश को सल्तनत काल का अंतिम वंश माना जा सकता है। इस वंश को स्थापित करने के श्रेय बहलोल लोदी को जाता है। लोदी वंश के प्रमुख शासकों का विवरण इस प्रकार से है:-

  • लोदी वंश के प्रमुख शासक
    • बहलोल लोदी
    • सिकंदर लोदी
    • इब्राहिम लोदी

लोदी वंश के शासनकाल के दौरान ही 20 मई 1498 को यूरोपीय यात्री वास्कोडिगामा दक्षिणी भाग में स्थित मालाबार के कालीकट समुद्री तट पर पहुँचा था। इस प्रकार भारत और यूरोप के मध्य समुद्री मार्ग खोज हुयी। यूरोपीय व्यापारी भारत मसालों के व्यापार के सिलसिले में आये थे।

  • घटना:- मुग़ल शासन
    समयकाल- 1526 ई.(1526 AD)

भारत में मुग़ल शासन की शुरुआत 1526 ई में पानीपत के प्रथम युद्ध के साथ हुयी। पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ई में मुग़ल वंश के संस्थापक बाबर एवं लोदी वंश के शासक इब्राहिम लोदी के मध्य हुआ। इस युद्ध में बाबर विजयी हुआ एवं भारत में मुग़ल वंश की नीव पड़ी। मुग़ल वंश के प्रमुख शासकों का वर्णन इस प्रकार से है :-

  • बाबर- बाबर मुग़ल वंश का संस्थापक था। इसके द्वारा 1526 ई में पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुग़ल वंश की नींव रखी गयी। बाबर द्वारा 1526 में पानीपत का प्रथम युद्ध, 1527 ई में खानवा, 1528 ई में चंदेरी एवं 1529 ई में घाघरा का युद्ध लड़ा गया। 1530 ई में आरामबाग में बाबर की मृत्यु हो गयी।
  • हुमायूँ- बाबर के पश्चात मुग़ल वंश की गद्दी हुमायूँ ने संभाली। 1539 में चौसा के युद्ध में शेरशाह शूरी द्वारा हुमायूँ को पराजित किया गया था। इसके पश्चात पुनः 1540 में कन्नौज या बिलग्राम के युद्ध में शेरशाह शूरी के विरुद्ध हुमायूँ को बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। 1555 में सरहिंद के युद्ध में इसने पुनः अपनी गद्दी प्राप्त की।
  • अकबर- मुग़ल वंश का सबसे योग्य एवं सहिष्णु शासक के रूप में प्रसिद्ध मात्र 14 वर्ष की अवस्था में दिल्ली की गद्दी पर बैठा। अकबर का शासन 1556 से 1605 ई तक था। अकबर के द्वारा लड़े गए प्रंमुख युद्ध निम्न है :-
    • पानीपत का दूसरा युद्ध (1556)- अकबर एवं हेमू के मध्य (परिणाम-अकबर विजयी)
    • हल्दीघाटी का युद्ध (1576)- अकबर एवं महाराणा प्रताप के मध्य (परिणाम-अकबर विजयी)
  1. जहांगीर – अकबर के पश्चात जहांगीर ने दिल्ली की गद्दी संभाली। जहांगीर का शासनकाल 1605 से 1627 ई तक था। अपनी प्रेमकथा के कारण जहांगीर जगप्रसिद्ध है। जहांगीर की प्रेमिका का नाम नूरजहां था जो की ईरान के निवासी मिर्जा गयास बेग की पुत्री थी।
  2. शाहजहाँ- जहांगीर का उत्तराधिकारी शाहजहाँ वर्ष 1627 ई में दिल्ली की गद्दी पर बैठा। शाहजहाँ के काल में भारत में स्थापत्य कला का अत्यधिक विकास हुआ। शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताजमहल की कब्रगाह पर विश्वप्रसिद्ध ताजमहल का निर्माण किया गया था। इसके अतिरिक्त दिल्ली का लालकिला, दिल्ली की जामा मस्जिद एवं आगरा की मोती मस्जिद के अलावा लाहौर किला एवं शीशमहल का निर्माण भी करवाया गया।
  • औरंगजेब – उत्तराधिकार युद्ध में औरंगजेब द्वारा दिल्ली की गद्दी पर अधिकार कर लिया गया एवं इस युद्ध में दाराशिकोह को पराजय का सामना करना पड़ा। औरंगजेब को भारतीय इतिहास में जिन्दा पीर की संज्ञा दी जाती है।

औरंगजेब के पश्चात मुग़ल साम्राज्य में अवनतिकार मुग़ल बादशाह हुए जिनमे अंतिम बादशाह बहादुरशाह जफ़र द्वितीय को अंग्रेजो ने 1857 के विद्रोह में भाग लेने के कारण रंगून भेज दिया।

  • घटना:- मराठा साम्राज्य
    समयकाल – 16 शताब्दी (16 Century)

वर्णन- 16 शताब्दी में भारत के इतिहास में मराठा साम्राज्य का उद्धभव हुआ। मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज थे। छत्रपति शिवाजी का जन्म 1627 ई में हुआ था। इनके द्वारा प्रथम अभियान में 1644 में तोरण किले पर विजय प्राप्त की गयी। इसके पश्चात 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अपना राज्याभिषेक करवाया गया। 1680 में छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गयी।

पानीपत का तृतीय युद्ध 1761 में मराठों एवं अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के मध्य लड़ा गया।

  • घटना:- सिख साम्राज्य
    समयकाल – 15वीं शताब्दी (15 Century)

वर्णन– सिख धर्म को शुरुआत गुरुनानक देव जी द्वारा की गयी। सिखों के अंतिम गुरु गुरुगोविंद सिंह द्वारा 1699 ई. में खालसा पंथ की स्थापना की गयी थी। सिखों को एक संगठन के रूप में संगठित करने में महाराजा रणजीत सिंह का प्रमुख योगदान था।

भारतीय इतिहास के प्रमुख घटनाक्रम, आधुनिक भारत

  • घटना:- अंग्रेजों का आगमन
    समयकाल – 16 शताब्दी (16 Century)

वर्णन- 31 दिसंबर 1600 ई. में अंग्रेजो ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से पूर्व में व्यापार का एकाधिकार प्राप्त कर लिए एवं सर्वप्रथम गुजरात के तट पर पहुंचे। 1608 में अंग्रेज गुजरात में सूरत के तट पर पहुंचे जहाँ उन्होंने अपनी पहली फैक्टरी वर्ष 1613 में स्थापित की। पूर्वी भारत में अंग्रेजो ने अपनी पहली फैक्ट्री वर्ष 1616 में मूसलीपट्नम में स्थापित की थी।

  • घटना:- भारत में विभिन यूरोपीय कंपनियों का आगमन
    समयकाल – 16वीं शताब्दी (16 Century)

वर्णन- ब्रिटिशर्स से पूर्व ही भारत में विभिन यूरोपीय देशों का आगमन हो चुका था। भारत में सर्वप्रथम पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा ने वर्ष 1498 में पश्चिमी तट पर कदम रखा। इसके पश्चात ब्रिटिश, डच, डैनिश, फ्रांसीसी एवं स्वीडिश कंपनियों ने भी भारत में कदम रखे। भारत में व्यापार करने का इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य मसालों के व्यापार एवं रेशम के व्यापार पर कब्ज़ा करना था।

  • घटना:- पलासी का युद्ध
    समयकाल – 1757

वर्णन- वर्ष 1757 में बंगाल के नवाब सिराजुदौला एवं ईस्ट-इंडिया कंपनी के मध्य पलासी का युद्ध हुआ। इस युद्ध में सिराजुदौला को अपने सेनापति मीरजाफर की गद्दारी के कारण हार का सामना करना पड़ा। इस युद्ध ने भारत की गुलामी के द्वार खोल दिए।

  • घटना:- बक्सर का युद्ध
    समयकाल – 1764 ई.

वर्णन- 1764 में कम्पनी एवं मीरजाफर के दामाद मीरकासिम के मध्य बक्सर का युद्ध हुआ। इस युद्ध में पुनः ब्रिटिश कंपनी की जीत हुयी। इसके साथ ही कंपनी को बंगाल की दीवानी का अधिकार प्राप्त हो गया।

  • घटना:- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
    समयकाल – 1857 ई.

वर्णन- अंग्रेजो के औपनिवेशवाद के फलस्वरूप देश में प्रथम बार 1857 ई. में क्रांति हुयी थी। इस क्रांति की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ से हुयी जिसका तात्कालिक कारण अंग्रेज अधिकारियों द्वारा भारतीय सिपाहियों को गाय और सूअर को चर्बी लगे कारतूसों को मुँह से खोलने के लिए मजबूर करना था। इस क्रांति के नेता के रूप में बहादुरशाह जफ़र को नियुक्त किया गया। मंगल पांडेय, लक्ष्मीबाई, बेगम-हजरत महल एवं नाना साहेब वा तात्या टोपे इस क्रांति के प्रमुख नायको में थे। हालांकि यह क्रांति निर्धारित समय से पूर्व ही शुरू हो गयी जिसके कारण यह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रही। इस क्रांति ने भारत में ब्रिटिश शासन की जड़ें हिलाकर रख दी थी।

  • घटना:- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
    समयकाल – 1885 ई.

वर्णन- 1885 ई. में मुंबई में ए ओ ह्रूम के द्वारा भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी।

  • घटना:- बंगाल का विभाजन
    समयकाल – 1905 ई.

वर्णन- 1905 ई. में लार्ड कर्जन के समय बंगाल को 2 भागो में विभाजित किया गया – पूर्वी बंगाल एवं पश्चिमी बंगाल। इसके फलस्वरूप देश में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गयी।

  • घटना:- राजधानी का स्थानांतरण
    समयकाल – 1911-12 ई.

वर्णन- लार्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में वर्ष 1911 में जार्ज पंचम के आगमन के समय ब्रिटिश भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली शिफ्ट किया गया। यह कार्य 1912 में पूर्ण हुआ था।

  • घटना:- गांधीजी का भारत आगमन
    समयकाल – 1915 ई.

वर्णन- वर्ष 1915 में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गाँधी का स्वदेश आगमन हुआ। गांधीजी वकालत के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए थे जहाँ से वर्ष 1915 में वे स्वदेश लौटे।

  • घटना:- जलियाँवाला बाग हत्याकाँड
    समय- 13 अप्रैल 1919

वर्णन- रौलेट एक्ट के विरोध में 13 अप्रैल 1919 को जलियाँवाला बाग में हुयी बैठक में जनरल डायर के द्वारा गोलीबारी की गयी जिसे जलियाँवाला बाग हत्याकाँड कहा जाता है। इसमें हजारों लोगों की जान गयी।

  • घटना:- असहयोग आंदोलन की शुरुआत
    समय-1 अगस्त 1920 ई.

वर्णन- अंग्रेजी शासन के विरुद्ध गांधीजी द्वारा चलाया गया पहला देशव्यापी आंदोलन असहयोग आंदोलन था जिसकी शुरुआत 1 अगस्त 1920 को की गयी थी। गांधीजी द्वारा इस आंदोलन में खिलाफत आंदोलन को भी शामिल किया गया जिससे यह जनांदोलन बन गया। 5 फरवरी 1922 को हुयी चौरा-चौरी की घटना के फलस्वरूप इस आंदोलन को वापस लिया गया।

  • घटना:- सविनज्ञ अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च
    समय- वर्ष 1930

वर्णन- अंग्रेजी शासन के विरुद्ध गाँधीजी का दूसरा सबसे बड़ा आंदोलन वर्ष 1930 में शुरू हुआ जब 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक गांधीजी द्वारा दांडी मार्च निकलकर नमक कानून का उलँघन किया गया। इसके साथ ही सविनज्ञ अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुयी।

  • घटना:- भारत सरकार अधिनियम
    समय- वर्ष 1935

वर्णन- वर्ष 1935 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में शासन के लिए भारत सरकार अधिनियम लाया गया। इसमें भावी भारत के शासन सम्बंधित रूपरेखा थी।

  • घटना:- भारत छोड़ो आंदोलन
    समय- वर्ष 1942

वर्णन- वर्ष 1942 में गांधीजी ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अपना अंतिम देशव्यापी आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया। यह आंदोलन 8 अगस्त 1942 से शुरू हुआ था। इसमें गांधीजी ने करो या मरो का नारा दिया था।

  • घटना:- भारत की स्वतंत्रता
    समय-15 अगस्त 1947

वर्णन- हमारे महापुरुषों के लम्बे संघर्ष एवं बलिदानों के पश्चात 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को ब्रिटिश औपनिवेशिकवाद से आजादी मिली।

  • घटना:- गांधीजी की हत्या
    समय- 30 जनवरी 1948

वर्णन- 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के द्वारा महात्मा गाँधी की हत्या कर दी गयी। राजघाट में गांधीजी की समाधि बनायी गयी है।

  • घटना:- भारत का संविधान लागू
    समय- 26 जनवरी 1950

वर्णन– भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसके कुछ प्रावधान 26 दिसंबर 1949 को ही लागू किया जा चुके थे।

  • घटना:- भारत में प्रथम आम-चुनाव
    समय- वर्ष 1951-52

वर्णन- स्वतंत्रता के पश्चात देश में प्रथम आम चुनाव वर्ष 1951-52 में आयोजित हुए। इसमें कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला।

  • घटना:- गोवा का भारत में विलय
    समय- वर्ष 1961

वर्णन- भारत द्वारा वर्ष 1961 में अंतिम यूरोपीय उपनिवेश गोवा को ऑपरेशन विजय के द्वारा भारत में शामिल किया गया।

  • घटना:- भारत-चीन युद्ध
    समय- वर्ष 1962

वर्णन- चीन द्वारा भारत के साथ सभी समझौतों एवं पंचशील सिद्धांतो को तोड़ते हुए 1962 में भारत पर हमला किया गया। इस युद्ध में भारत को अक्साई चीन से हाथ धोना पड़ा था।

  • घटना:- भारत पकिस्तान युद्ध
    समय- वर्ष 1965

वर्णन- वर्ष 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ। इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भारत के प्रधानमन्त्री इस युद्ध के बाद पकिस्तान से समझौता करने के लिए ताशकंद गए थे जहाँ रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।

  • घटना:- बांग्लादेश की स्वतंत्रता
    समय- वर्ष 1971

वर्णन- पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश के लोगो पर अमानवीय जुल्म और अत्याचार के फलस्वरूप आंतरिक विद्रोह उत्पन हो गया जिससे की वहाँ गृहयुद्ध के हालत उत्पन हुए। भारत ने इस मामले में हस्तक्षेप किया एवं पाकिस्तान की सेना को सरेंडर करने को मजबूर कर दिया। इसके फलस्वरूप बांग्लादेश का दुनिया के नक़्शे पर उदय हुआ।

  • घटना:- देश में आपातकाल
    समय- वर्ष 1975

वर्णन- वर्ष 1975 में इंदिरा गाँधी द्वारा देश के लोकतंत्र को दरकिनार करत्ते हुए आतंरिक विद्रोह एवं अशांति के आधार पर आपातकाल लगाया गया। यह देश के लोकतंत्र का काला अध्याय था जिस दौरान सभी विपक्षी आवाजों को दबाया गया।

  • घटना:- पहली गैर कांग्रेसी सरकार
    समय- वर्ष 1977

वर्णन- वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुए आम चुनावो में देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ जिसमें मोरारजी देसाई को प्रधानमन्त्री बनाया गया। वर्ष 1980 में इंदिरा गाँधी पुनः प्रधानमन्त्री बनी।

  • घटना:- ऑपरेशन ब्लू स्टार
    समय- वर्ष 1984

वर्णन- वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के पश्चात इंदिरा गाँधी की उनके ही सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गयी। इसके बाद राजीव गाँधी प्रधानमन्त्री बने।

  • घटना:- राजीव गाँधी की हत्या
    समय- वर्ष 1991

वर्णन- राजीव गाँधी की तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदुर में चुनावी रैली में लिट्टे के आत्मघाती दस्तों द्वारा हत्या कर दी गयी। इस समय देश में मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली एवं पीवी नरसिम्हा राव देश के पीएम बने।

  • घटना:- देश में उदारीकरण का दौर
    समय- वर्ष 1992

वर्णन- आर्थिक संकट एवं भुगतान में समस्याओ के कारण देश में वर्ष 1992 में उदारीकरण किया गया जिसमे निजीकरण, उदारीकरण एवं वैश्वीकरण पर जोर दिया गया। देश में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के फलस्वरूप देश मे सांप्रदायिक तनाव उत्पन हुआ।

  • घटना:- अटल-बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमन्त्री बने
    समय- वर्ष 1998

वर्णन- वर्ष 1998 में अटल-बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमन्त्री बने। इसी वर्ष भारत ने अपना दूसरा परमाणु परिक्षण भी किया जिसे पोखरण-2 के नाम से जाना गया। 1999 में कारगिल वॉर भी अटल-बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुआ।

  • घटना:- गुजरात दंगे
    समय- वर्ष 2002

वर्णन- गुजरात में वर्ष 2002 में भीषण दंगे हुए जिसमे की कई निर्दोष लोगो की जान चली गयी। इन दंगो से देश में साम्प्रदायिकता उत्पन हुयी।

  • घटना:- देश की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित
    समय- वर्ष 2007

वर्णन- देश में वर्ष 2007 में प्रथम बार राष्ट्रपति के पद पर किसी महिला का निर्वाचन किया गया। श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री थी जिन्होंने वर्ष 2007 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

  • घटना:- मुंबई पर आतंकी हमला, चंद्रयान का प्रक्षेपण
    समय- वर्ष 2008

वर्णन- वर्ष 2008 में देश आर्थिक राजधानी मुंबई में ताज-होटल, नरीमन पॉइंट, ओबराय होटल एवं अन्य स्थानों पर भीषण आतंकी हमला हुआ। इसमें सैकड़ो नागरिको की जान चली गयी थी। इसी वर्ष भारत द्वारा चंद्रयान-1 का भी सफल प्रक्षेपण किया गया।

  • घटना:- देश में प्रथम बार पूर्ण बहुमत प्राप्त गैर बीजेपी सरकार का गठन
    समय- वर्ष 2014

वर्णन- वर्ष 2014 में देश में पहली बार कोई गैर-कांग्रेसी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी देश के 14वें प्रधानमन्त्री बनें। इसी वर्ष भारत ने अपने पहले ही प्रयास में मंगलयान मिशन के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

  • घटना:- नरेंद्र मोदी का पुनः प्रधानमन्त्री बनना
    समय- वर्ष 2019

वर्णन- वर्ष 2019 में हुए आम -चुनावों में बीजेपी ने बहुमत प्राप्त किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनः देश के प्रधानमन्त्री बने।

इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत कराया है।

पृथ्वीराज चौहान का इतिहास, कहानी, जीवन परिचय

भारत के इतिहास की प्रमुख घटनाओ सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता कौन सी है ?

भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता है जिसे की हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। यह सिंधु नदी के किनारे स्थित थी।

भारत में ऋग्वैदिक काल का समयकाल किया है ?

भारत में ऋग्वैदिक काल 1500 ई.पू. से 1000 ई.पू. तक रहा है वही उत्तर वैदिक काल 1000 ई.पू. से 600 ई.पू. तक रहा।

अशोक का शासन काल कब से कब तक रहा ?

भारत मे अशोक का शासन काल 269 –238 ई.पू. तक रहा। कलिंग पर अशोक द्वारा 261 ई.पू. में आक्रमण किया गया।

सल्तनत वंश का प्रथम सुल्तान कौन था ?

सल्तनत वंश का प्रथम सुल्तान कुतुबद्दीन ऐबक था। इसने वर्ष 1206 में दिल्ली में गुलाम वंश की नीव रखी।

मुग़ल वंश का संस्थापक कौन था ?

मुग़ल वंश की नींव बाबर द्वारा 1526 ई. में रखी गयी। मुग़ल वंश का सबसे प्रतापी शासक अकबर जिसका शासन काल 1556 से 1605 ई. तक था।

भारत में प्रथम आम चुनाव कब हुए ?

भारत में प्रथम आम चुनाव वर्ष 1951-52 में हुए। इसमें कांग्रेस को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।

भारत के 14वें प्रधानमन्त्री कौन है ?

भारत के 14वें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी है। नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में प्रथम बार एवं 2019 में द्वितीय बार भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली गयी है।

Leave a Comment