आधुनिक युग कंप्यूटर का युग है। वर्तमान में हम विभिन कार्यो के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है ऐसे में अधिकांश नागरिक कंप्यूटर के उपयोग से भली-भांति परिचित होते है। इसके अतिरिक्त आधुनिक समय में अधिकांश कार्यो के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किये जाने के कारण भी कंप्यूटर के उपयोग को बढ़ावा मिला है। कंप्यूटर का हमारे प्रतिदिन के जीवन के महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान समय में विभिन जटिल गणनाओ के लिए सुपर कंप्यूटर के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ऐसे में अधिकांश लोग कंप्यूटर से परिचित होने के बावजूद सुपर कंप्यूटर से अनभिज्ञ होते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की सुपर कंप्यूटर क्या है (What is Supercomputer in Hindi). यह कैसे कार्य करता है एवं इसकी कार्यविधि क्या है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आप सुपर कंप्यूटर के विकास के इतिहास से भी भलीभांति परिचित हो सकेंगे।
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सुपर कंप्यूटर क्या है ?
वर्तमान समय में हम शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तथा वाणिज्य एवं बैंकिंग से लेकर प्रतिदिन के विभिन कार्यो के लिए कंप्यूटर का प्रयोग करते है। इन सभी कार्यो के लिए उपयोग किए जाने वाले साधारण कंप्यूटर की कार्यक्षमता की एक निश्चित सीमा होती है। परन्तु विभिन प्रकार की जटिल गणनाओं जैसे खगोल, अनुसंधान, अंतरिक्ष, भौतिकी एवं परमाण्विक क्षेत्र के अध्ययन के लिए जटिल गणनाओं की आवश्यकता होती है जिसे की साधारण कंप्यूटर के माध्यम से सम्पन नहीं किया जा सकता। ऐसे में इन सभी कार्यो के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
सुपर कंप्यूटर आधुनिक तकनीक से लैस, जटिल गणनाओं को अल्प समय में हल करने में सक्षम कंप्यूटर है जिसकी डाटा प्रोसेसिंग क्षमता कई गुना तेज होती है। साधारण कंप्यूटर की तुलना में सुपर कंप्यूटर की कार्य क्षमता कई गुना तेज होती है यही कारण है यह ऐसे कार्यो को पूर्ण करने में भी सक्षम होता है जिसे की साधारण कंप्यूटर के माध्यम से पूर्ण करने में अत्यधिक समय व्यय होता है। वास्तव में सुपर कंप्यूटर अरबों गणनाओं को एक सेकंड में ही पूरा करने में सक्षम होता है जिसके कारण यह अपनी क्षमता का सर्वश्रेष्ठ कंप्यूटर है।
कैसे कार्य करता है सुपर कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर दुनिया का सबसे एडवांस एवं तेज कंप्यूटर होता है जो की अरबों गणनाओ को क्षणभर में पूरा करने में सक्षम होता है। सुपर कंप्यूटर की क्षमता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमे इसकी कार्यविधि के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। जहाँ साधारण कंप्यूटर श्रृंखलाबद्ध तरीके (Serial Processing) के सिद्धांत पर कार्य करता है वही सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) के सिद्धांत पर कार्य करता है। श्रृंखलाबद्ध तरीके (Serial Processing) में जहाँ समस्या को क्रमबद्ध तरीके से हल किया जाता है अर्थात पहले समस्या के एक भाग को पूरा किया जाता है जिसे पूर्ण होने पश्चात ही दूसरे भाग पर कार्य किया जाता है वहीं पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) में समस्या को विभिन भागों में बाँटकर इसके सभी भागों पर एक साथ कार्य किया जाता है जिससे की सुपर कंप्यूटर के द्वारा अरबों जटिल गणनाएँ आसानी से कुछ ही समय में पूरी की जा सकती है।
पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) को इस प्रकार से भी समझा जा सकता है। माना किसी कार्य को करने में 10 व्यक्ति लगाये गए है एवं इनके द्वारा कार्य को पूरा करने में 100 दिन का समय लगता है। वही अगर हम इस कार्य के लिए हजार व्यक्तियों को लगा दे तो कार्य कुछ ही दिनों में पूर्ण हो जायेगा। साधारण कंप्यूटर में श्रृंखलाबद्ध तरीके (Serial Processing) से कार्य किया जाता है वही पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) में हजारो भागों पर एक साथ कार्य करने के कारण कार्य कुछ समय में ही पूर्ण हो जाता है।
क्यों इतना तेज है सुपर कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर के तीव्र गति से गणना करने का कारण पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) के माध्यम से एक ही समय पर प्रॉब्लम के विभिन भागों पर कार्य करना है जिसके कारण यह तीव्र परिणाम देता है। सुपर कंप्यूटर वर्तमान समय की सबसे आधुनिकतम एवं द्रुतगामी मशीन है जिसके माध्यम से विभिन कार्यो को आसानी से पूर्ण किया जा सकता है। सुपर कंप्यूटर में हजारों माइक्रोप्रोसेसर एक साथ समस्या के सभी भागों पर कार्य करते है जिसके माध्यम से वृहद् संख्या में डाटा को प्रोसेस किया जा सकता है।
सुपर कंप्यूटर द्वारा अरबों गणनाओ को एक समय पर ही पूरा किया जाता है इसलिए इसकी डाटा प्रोसेसिंग क्षमता अत्यधिक तेज होती है। सुपर कंप्यूटर की गति को FLOPS (Floating-point operations per second) में मापा जाता है। हालांकि यह याद रखना आवश्यक है की सुपर कंप्यूटर में किसी भी विशेष प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि साधारण प्रकार के OS का ही उपयोग होता है परन्तु माइक्रोप्रोसेसर की संख्या हजारो में होने के कारण सुपर कंप्यूटर की गति अधिक होती है। LINUX सुपर कंप्यूटर में उपयोग किया जाने वाला सर्वाधिक लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अतिरिक्त CentOS, SUSE, bullx SCS एवं Cray भी लोकप्रिय OS है।
सुपर कंप्यूटर के अनुप्रयोग
सुपर कंप्यूटर की क्षमता अत्यधिक होने के कारण इसका व्यय एवं ऊर्जा की खपत भी अधिक होती है। यही कारण है की सामान्य कार्यो के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग नहीं किया जाता है। सुपर कंप्यूटर का उपयोग वृहद् एवं जटिल गणनाओं के लिए किया जाता है जिसमे निम्न क्षेत्र शामिल किए गए है :-
- खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान
- कृत्रिम उपग्रह एवं प्रक्षेपण-यान की गणना
- कृत्रिम बुद्धिमता
- ब्रह्माण्ड का अध्ययन
- डाटा साइंस
- जटिल अनुसंधान के क्षेत्र
- जीव विज्ञान
- मशीन लर्निंग
- आणविक अनुसंधान
- जटिल आर्थिक मॉडल
- क्वांटम फिजिक्स
- मौसम विज्ञान
- जेनेटिक अनुसंधान
इसके अतिरिक्त औषध विज्ञान, जटिल गणितीय गणनाओं एवं अनुसंधान के विभिन क्षेत्रों में भी सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
सुपर कंप्यूटर का विकास क्रम
कंप्यूटर के विकास क्रम में सदैव से ही जटिल गणनाओ के क्रम में सुपर कंप्यूटर की आवश्यकता महसूस की जाती रही है यही कारण है की समय के साथ विभिन व्यक्तियों के योगदान के द्वारा विभिन सुपर कंप्यूटरों का विकास संभव हो पाया है। सेयमोर क्रे (Seymour Cray) को सुपर कंप्यूटर का पितामाह माना जाता है। सेयमोर क्रे द्वारा विकसित किए गए CDC-6600 को दुनिया का पहला सुपर कम्प्यूटर होने की संज्ञा दी जाती है परन्तु इसके पूर्व भी अन्य कई कम्प्यूटर थे जिन्हे उस समय के हिसाब से सुपर कंप्यूटर का दर्जा प्रदान किया गया था। यहाँ आपको सुपर कंप्यूटर के विकास क्रम का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है :-
- सर्वप्रथम वर्ष 1946 में सुपर कंप्यूटर की अवधारणा का विकास हुआ था जब पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको प्रेस्पर एकर्ट एवं जॉन मौचली के द्वारा इएनआईएसी नामक कम्प्यूटर का विकास किया गया जिसे की उस समय के हिसाब से दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर का दर्जा दिया गया था।
- वर्ष 1953 में IBM के द्वारा आईबीएम 704 नामक सुपर कंप्यूटर एवं वर्ष 1956 में los alamos National laboratory हेतु स्ट्रेच नाम के सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया। ये दोनों वर्ष 1964 तक दुनिया के सबसे तेज कम्प्यूटर थे जिन्हे की सुपर कंप्यूटर होने का गौरव प्राप्त है।
- सुपर कंप्यूटर की दुनिया में IBM की मोनोपोली को खत्म करने के लिए वर्ष 1964 में सेयमोर क्रे (Seymour Cray) के द्वारा सर्वप्रथम सीरियस 1604 की स्थापना की गयी थी। सेयमोर क्रे द्वारा ही कंप्यूटर में प्रोसेसर के रूप में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था जिसके कारण कंप्यूटर की कार्यक्षमता में वृद्धि हुयी। वर्ष 1964 में सेयमोर क्रे द्वारा निर्मित CDC-6600 को वास्तविक रूप से दुनिया का पहला सुपर-कम्प्यूटर माना जाता है यही कारण है की सेयमोर क्रे सुपर कम्प्यूटर के पितामह माने जाते है। इसके पश्चात CDC-7600 का निर्माण भी किया गया।
- वर्ष 1972 में सेयमोर क्रे द्वारा क्रे रिसर्च सेंटर की स्थापना की गयी जहाँ इन्होने वर्ष 1976 में क्रे-1 (Cray-1), वर्ष 1985 में क्रे-2 एवं इसके पश्चात वर्ष 1989 में स्थापित क्रें कंप्यूटर कंपनी के द्वारा क्रे-3 एवं क्रे-4 सुपर कंप्यूटर का भी निर्माण किया गया। 1990 के वर्ष में सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में आर्थिक दृष्टि से कुछ ख़ास विकास नहीं रहा। वर्ष 1994 में Fujitsu numerical wind tunnel नामक सुपर कम्प्यूटर भी बाजार में उतारा गया जो की अपने समय का सबसे फ़ास्ट कम्प्यूटर था। वर्ष 1995 में क्रे कंप्यूटर कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया एवं वर्ष 1996 में इसके संस्थापक सेयमोर क्रे का निधन हो गया।
- वर्ष 1990 में सुपर-कम्प्यूटर के क्षेत्र में इंटेल प्रोसेसऱ के माध्यम से तेजी आने लगी जिसके द्वारा वर्ष 1993 में इंटेल पैरागन का निर्माण किया गया। इसी दशक में क्रे-T3E एवं ASCI-रेड का निर्माण भी किया गया।
- वर्ष 2003 से सुपर कंप्यूटर की दुनिया में चीन का जलवा दिखाई देने लगा जिसके द्वारा कई सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया। इसके पश्चात वर्ष 2011 में फुजित्सु कंपनी द्वारा K-कंप्यूटर के नाम से सुपर-कंप्यूटर का निर्माण किया गया। वर्ष 2012 में Oak Ridge National Laboratory द्वारा टाइटन सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया। वर्ष 2013 में चीन द्वारा Tianhe-2 एवं वर्ष 2016 में Sunway TaihuLight का निर्माण किया गया। वर्ष 2020 में जापान द्वारा फुगाकू नामक सुपर-कंप्यूटर का निर्माण किया गया।
इस प्रकार से यहाँ आपको सुपर कंप्यूटर के विकास क्रम का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है।
दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर
अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर Frontier है जिसे की Hewlett Packard Enterprise (HPE) के द्वारा निर्मित किया गया है। Frontier सुपर कंप्यूटर को Oak Ridge National Laboratory (ORNL) में स्थापित किया गया है। वर्तमान में दुनिया के टॉप 5 सुपर कंप्यूटर (World’s Top 5 Most Powerful Supercomputers) निम्न है :-
- Frontier (USA)
- Fugaku (JAPAN)
- LUMI (USA)
- Summit (USA)
- Sierra (USA)
भारत की सुपर कंप्यूटर की यात्रा
भारत द्वारा भी सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र अपनी प्रतिभा का परिचय दिया गया है। भारत द्वारा 1980 के दशक में अमेरिका से विभिन कार्यो हेतु सुपर कंप्यूटर की मांग की गयी थी जिसे की अमेरिका के द्वारा ठुकरा दिया गया था। इसके पश्चात सरकार द्वारा देश में ही सुपर कंप्यूटर के निर्माण का संकल्प लिया गया एवं इसके लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को नामित किया गया। Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) के द्वारा भारत के विभिन संस्थानों के सहयोग से वर्ष 1991 में भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 निर्मित किया गया जिसे की वर्ष 1992/93 में PARAM 8600 में उच्चीकृत किया गया। इस प्रकार भारत द्वारा सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया गया है एवं स्वदेश में ही निर्मित सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया है। वर्तमान समय में देखा जाए तो PARAM Siddhi-AI भारत का सबसे आधुनिकतम एवं तीव्र सुपर कंप्यूटर है।
सुपर कंप्यूटर सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
सुपर कंप्यूटर आधुनिक तकनीक से लैस, जटिल गणनाओं को क्षण भर में हल करने में सक्षम कंप्यूटर है जिसकी डाटा प्रोसेसिंग क्षमता कई गुना तेज होती है। सुपर कंप्यूटर द्वारा अरबो गणनाओं को सेकंड्स में हल किया जा सकता है।
सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) के सिद्धांत पर कार्य करता है जिसके तहत समस्या को विभिन भागों में बाँटकर इसके सभी भागों पर एक साथ कार्य किया जाता है।
नहीं। सुपर कंप्यूटर में भी साधारण कंप्यूटरों में उपयोग किए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल होते है परन्तु इसमें हजारो माइक्रोप्रोसेसर लगे होते है जिसके कारण यह तीव्र गति से कार्य करता है।
सुपर कंप्यूटर के द्वारा जटिल गणनाओं को क्षण भर में ही पूर्ण किया जाता है वही साधारण कंप्यूटर के द्वारा इस प्रकार की गणना करना संभव नहीं होता। साथ ही सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग (parallel processing) के सिद्धांत पर कार्य करके समस्या के सभी भागों पर एक साथ कार्य करके गणनाओं को तेजी से पूर्ण करता है वही साधारण कंप्यूटर श्रृंखलाबद्ध तरीके (Serial Processing) से एक बार समस्या के एक भाग पर कार्य करता है।
सुपर कंप्यूटर की क्षमता को FLOPS (Floating-point operations per second) में मापा जाता है।
दुनिया का प्रथम सुपर कंप्यूटर CDC-6600 है जिसे की आधुनिक कम्प्यूटर के पितामाह सेयमोर क्रे द्वारा निर्मित किया गया था।
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है जिसे वर्ष 1991 में Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) द्वारा निर्मित किया गया था।