आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की SDO क्या है? SDO Full Form in Hindi, SDO का कार्यक्षेत्र क्या है, SDO बनने के लिए क्या योग्यताएं चाहिए और SDO बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में।
बहुत से सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले अभ्यार्थी इस बारे में जानकारी रखते है परन्तु बहुत से लोगो को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती जिसके अभाव में असमंजस में रहते है वो लोग जो इसके बारे में नहीं जानते उनके लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है।
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अगर आप भी सरकारी विभागों में अफसर बनना चाहते है तो इस लेख के माध्यम से हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद के बारे में बताएँगे।
जिससे आप न सिर्फ इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे अपितु अगर आप इसके लिए तैयारी करने के बारे में सोच रहे है तो आपको इस लेख के माध्यम से इससे सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त हो जाएगी और आप अपनी तैयारी को जारी कर सकते है।
आप इससे सम्बंधित ना सिर्फ सभी महत्वपूर्ण जानकारिया समझ पाएंगे अपितु इसके लिए आवेदन कैसे करना है और इसके लिए क्या महत्वपूर्ण पात्रताएं है वह भी समझ पाएंगे तो आइये शुरू करते है।
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SDO Full Form in Hindi – एसडीओ का फुल फॉर्म क्या है
SDO की फुल फॉर्म होती है – उपविभागीय अधिकारी (Sub Divisional Officer) अर्थात यह सरकार का किसी भी विभाग में सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी होता है।
उपविभागीय अधिकारी हर सरकारी विभाग में होता है जिसके अंतर्गत उस विभाग के सभी कार्य सम्पन किये जाते है। वह ही उस विभाग से सम्बंधित सभी कार्यो के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह माना जाता है।
उस के निगरानी में ही सभी सरकारी कार्य सम्पन किये जाते है।
SDO kaise bane
यह जानना आवश्यक है की किसी भी विभाग में उपविभागीय अधिकारी (SDO) दो तरीको से बना जा सकता है।
- पहला तरीका यह है आप उस विभाग के कर्मचारी है और आपने विभागीय प्रमोशन पाते हुए या अच्छा कार्य करते हुए प्रमोशन पाते हुए उपविभागीय अधिकारी (SDO) के पद तक पहुंच सकते है।
- दूसरा तरीका यह है की आप राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली जो की प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है में भाग लेकर भी सीधे इस विभाग में नियुक्ति पा सकते है।
आइये अब बात करते है राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा की जिसके माध्यम से इन अधिकारियों का चुनाव किया जा जाता है।
केंद्र सरकार के स्तर पर ग्रुप A तथा ग्रुप B के अधिकारियों को चुनने की जिम्मेदारी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की होती है इसी प्रकार प्रत्येक राज्य के लिए इसी स्तर के अधिकारी राज्य स्तर पर चुनने की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग की होती है। इन पदों को भरने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष विज्ञप्ति जारी की जाती है जिन पर इच्छुक एवं पात्र अभ्यार्थी आवेदन कर सकते है एवं परीक्षा में भाग ले सकते है।
एस.डी.ओ चयन परीक्षा
इस परीक्षा के द्वारा ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। आइये जानते है क्या है इस परीक्षा के विभिन चरण क्या है। इस परीक्षा को 3 चरणों में कराया जाता है।
- प्रारंभिक परीक्षा – यह परीक्षा QUALIFYING होती है जिस के आधार पर मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यार्थियों का चयन किया जाता है। इस परीक्षा की मेरिट के आधार पर ही मुख्य परीक्षा हेतु अभियारथी चयनित होते है। यह परीक्षा बहुविकल्पीय प्रकार की होती है। सफल उमीदवार ही मुख्य परीक्षा पात्र होते है। इसके अंक सम्पूर्ण मेरिट बनाने हेतु नहीं जोड़े जाते।
- मुख्य परीक्षा – मुख्य परीक्षा लिखित प्रकार की होती है। इसमें आपको संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा जैसे ही प्रश्न पत्र और प्रश्न मिलेंगे परतु यहाँ पेपर की संख्या कम होती है और इनका स्तर भी संघ लोक सेवा आयोग के प्रश्नो से कम होता है। यह जानना जरुरी है की इस चरण के अंक मेरिट बनाने हेतु जाते है।
- इंटरव्यू – मुख्य परीक्षा में सफल सफल उमीदवारो को इंटरव्यू हेतु बुलाया जाता है। इसमें आपके व्यक्तित्व की परीक्षा ली जाती है। इसमें भी उमीदवार को सफल होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करना आवश्यक हैं।
इस प्रकार इन तीनो चरणों को पार करने वाले उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है और उन्हें उनकी मेरिट के अनुसार नियुक्ति दे दी जाती है।
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SDO बनने के लिए पात्रता
इस पद के लिए आवेदन करने के लिए वह सभी अभ्यार्थी पात्र है जो की इसमें मांगी गयी इन सभी शर्तो को पूरा करते हो।
- वह भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए।
- उसे आयोग द्वारा मांगी गयी उम्र सीमा का पात्र होना चाहिए।
- उसे भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त हुए होनी चाहिए।
अगर इच्छुक आवेदक इन सभी शर्तो को पूरा करता है तो वह इस परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र है।
क्या है उम्र सीमा
अगर आप इस परीक्षा में भाग लेने की सोच रहे है तो आपको इसकी उम्र सम्बंधित सभी जानकारी को जानना आवश्यक है। इस परीक्षा में उम्र सम्बंधित निम्न नियम है।
- आवेदक की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष रखी गयी है।
- आवेदक की अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष रखी गयी है।
- आरक्षण वाले वर्गों (SC/ST,OBC एवं EWS) हेतु राज्य सरकार के प्रावधानों के अनुसार उम्र सीमा में छूट प्रदान की जाती है।
- वैसे अधिकतर राज्यों में अन्य पिछडा वर्ग हेतु 3 वर्ष एवं अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति हेतु उम्र में 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाती है।
अब आप इसके उम्र सम्बंधित सीमाओं से भली भांति परिचित हो चुके है।
क्या है इस परीक्षा हेतु शैक्षणिक योग्यता
अगर आप भी इस परीक्षा हेतु तेयारी करना चाहते है तो आपको यह जानना आवश्यक है की क्या आप इसकी शैक्षिणिक योग्यता के मापदंडो पर खरा उतरते है।
इस परीक्षा हेतु शैक्षणिक योग्यता निम्न है। आवेदक की भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या इसके समकक्ष उपाधि होनी चाहिए। किसी विशेष क्षेत्र में अफसर बनने के लिए उसमें संबधित डिग्री होनी चाहिए।
क्या मिलता है आरक्षण का लाभ ?
अगर आप भी जानना चाहते है की इस परीक्षा में क्या आरक्षण का लाभ मिलते है तो इसका उत्तर है हाँ। राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियो में स्थानीय लोगो को प्राथमिकता दी जाती है और इसी आधार पर यहाँ के निवासियों हेतु पद आरक्षित रहते है। बाहरी राज्य के व्यक्तियों को सिर्फ युनके लिए आरक्षित पास पर ही नियुक्ति दी जाती है।
क्या है परीक्षा का पाठ्यक्रम
किसी भी परीक्षा की तैयारी हेतु सबसे महत्वपूर्ण होता है उसका पाठ्यक्रम। पाठ्यक्रम के आधार पर ही आप अपनी रणनीति बनाते है। इसी आधार पर आप अपने लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते है। तो आइये जानते है क्या है इसका पाठ्यक्रम। जैसे आपको बताया गया है की इस परीक्षा के 3 चरण होते है। प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू। तो इसका पाठ्यक्रम निम्न है।
- प्रारंभिक परीक्षा – प्रारंभिक परीक्षा में 2 प्रश्पत्र होते है -सामान्य अध्ययन एवं तार्किक शक्ति। सामान्य अध्ययन में उस राज्य से सम्बंधित और भारत के इतिहास,भूगोल ,राजनीति ,अर्थशास्त्र एवं अन्य विषयों से सम्बंधित बहुविकल्पिया प्रश्न पूछे जाते है। सामान्यता अलग अलग राज्यों में पैटर्न में वदलाव होता है। दूसरा पेपर तर्कशक्ति का है जिसमें आपसकी तर्कशक्ति की परीक्षा ली जाती है। इसमें सामन्यता गणित और रीजनिंग के प्रश्न पूछे जाते है।
- मुख्य परीक्षा– इस परीक्षा के प्रश्न सामान्यता थोड़े कठिन स्तर के होते है। यह लिखित परीक्षा है। अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रश्नपत्र होते है। आप सम्बंधित राज्य की वेबसाइट पर विवरण देख सकते है।
- इंटरव्यू -इंटरव्यू मुख्यत आपके व्यक्तित्व की परीक्षा हेतु है जिसमे आपकी ओवरआल व्यक्तित्व देखा जाता है।
SDO बनने के लिए कैसे करे आवेदन
सामान्यत प्रत्येक राज्य के राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष इन पदों को भरने हेतु विज्ञप्ति निकली जाती है। आप सम्बंधित राज्य की वेबसाइट पर जाकर इस परीक्षा हेतु आवेदन कर सकते है।
हर वर्ष अलग अलग समय पर अलग अलग राज्यों में विज्ञप्ति जारी की जाती है अत आप वेबसाइट पर अपडेट रहे। इसमें आपको ऑफिसियल नोटिफिकेशन पर इस से सम्बंधित सभी जानकारियां मिल जाएगी। आप इसे अच्छे से पढ़ ले और हुएर लिंक पर जाकर आवेदन कर दे।
एक जिले में जो कार्य DM का होता है वही कार्य एक विभाग में SDO का होता है। वह सरकार के विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग है एवं सरकार के कार्यो के संचालन हेतु महत्वपूर्ण भी है।
अतः आप को भी इसके लिए प्रयास करना चाहिए और पूरी लगन से मेहनत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए।
SDO की आवश्यकता
हम सभी जानते है की भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इतने बड़े देश को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा अफसरो की नियुक्ति की जाती है।
चूँकि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा संघीय स्वरुप का है अर्थात इसमें केंद्र और राज्यों के मध्य शक्तियो का स्पष्ट बंटवारा किया गया है अतः सरकारों के विभिन विभागों के सुचारु रूप से क्रियान्वयन के लिए इसमें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अपने अपने स्तर अलग अलग ऑफिसरो की नियुक्ति की जाती है।
सरकार के हर विभाग का कार्य सुचारु रूप से चलाने के लिए इन ऑफिसरो की नियुक्ति की जाते है।
इन्हीं के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक विभाग में एक SDO की नियुक्ति की जाती है जो उस विभाग से सम्बंधित सभी कार्यो को अपने अधीनस्थों के माध्यम से सम्पादित करता है।
ये वास्तव में उस विभाग में निर्णायक बॉडी होता है जिसके नेतृत्व में उस विभाग के सभी फैसले लिए जाते है।
बहुत से अभ्यर्थियों का सपना होता है जज बनना लेकिन जज कैसे बने जज बनने के लिए क्या क्वालिफिकेशन होनी चाहिए ये बहुत कम अभ्यर्थियों को पता होता है।
उपविभागीय अधिकारी (SDO) का कार्यक्षेत्र
जैसे की आपको बताया गया है सरकार द्वारा सरकार के प्रत्येक विभाग में उपविभागीय अधिकारी (SDO) की नियुक्ति की जाती है।
सरकार के सभी विभागों जैसे समाज कल्याण, PWD, सिंचाई विभाग, विदुयत विभाग, कृषि विभाग और अन्य सभी विभागों में SDO की नियुक्ति की जाती है। य
हाँ यह जानना आवश्यक है आप जिस भी विभाग में SDO बनना चाहते है आपको उससे सम्बंधित क्षेत्र में विशेष योग्यता होना आवश्यक है। उपविभागीय अधिकारी का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा है।
इसके अंतर्गत उस विभाग की सभी कार्य संपन्न किये जाते है। उसे विभाग से सम्बंधित सभी निर्णय लेने पड़ते है।
कार्य सरकारी मानकों के अनुरूप हो रहा है या नहीं इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी भी उसी के कंधो पर है। कार्य को सुचारु रूप से चलाने एवं अन्य सभी सम्बंधित कार्यो के लिए वह ही जिम्मेदार और जवाबदेह होता है। इ
स तरह से वह सरकार का विभाग से सम्बंधित बहुत महत्वपूर्ण अधिकारी है।
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SDO Full Form in Hindi (FAQ)SDO की फुल-फॉर्म Sub Divisional Officer होती है जिसे हिंदी में उपविभागीय अधिकारी कहा जाता है।
SDO का कार्य सरकार द्वारा सौपें गये विभागीय कार्यो को संपादित करना होता है। वास्तव में किसी विभाग का प्रमुख होता है जिसके कार्य विभाग का प्रबंधन करना होता है।
SDO यानि की Sub Divisional Officer बनने के लिये कैंडिडेट को सम्बंधित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित की गयी परीक्षा को पास करना होगा। यह परीक्षा तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू में आयोजित करवाई जाती है जिसमे सफल कैंडिडेट को SDO के पदों के लिये चयनित किया जाता है।
उपविभागीय अधिकारी (Sub Divisional Officer) .