प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी देश के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को धूमधाम से मनाया जायेगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रतिवर्ष विदेशी राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है। पिछले 2 वर्षो से कोरोना महामारी के कारण गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि (Republic day Chief Guest) को बुलाने की परंपरा पर विराम सा लग गया था परन्तु इस वर्ष फिर से गणतंत्र दिवस पर विदेशी अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। कोरोना काल के बाद इस वर्ष का गणतंत्र दिवस ख़ास रहने वाला है। इस वर्ष भारत अपने गणतंत्र की स्थापना का 74वें वर्ष में (74th Republic day) प्रवेश कर रहा है ऐसे में गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर विदेशी अतिथियों को भी आमंत्रित किया गया है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको 74 वें गणतंत्र दिवस 2023 के मुख्य अतिथि (Republic Day 2023 Chief Guest) के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इस वर्ष के गणतंत्र दिवस के मुख्य आकर्षणों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
भारतीय संविधान का इतिहास | History of Indian Constitution
गणतंत्र के 74 वर्ष पूरे
15 अगस्त 1947 को आजादी के पश्चात भारत में संविधान निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी जो की वर्ष 1950 में जाकर पूर्ण हुयी थी। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने के साथ ही भारत एक गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हो चुका था। भारत के गणतंत्र के रूप में स्थापित होने के अवसर पर प्रतिवर्ष 26 जनवरी के अवसर पर गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता रहा है। प्रतिवर्ष ही भारत सरकार द्वारा विदेशी राष्ट्रों के अध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर आमंत्रित किए जाने वाले अतिथि, देश के भव्य गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनते है एवं भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर से परिचित होते है। साथ ही यह मौका विदेशी देशो के साथ आर्थिक एवं कूटनीतिक सम्बन्धो को स्थापित करने का भी होता है।
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कोरोना के कारण पिछले 2 वर्षो से किसी भी मुख्य अतिथि ने भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में शिरकत नहीं की थी। हालांकि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी मेहमानो को आमंत्रित किया गया है।
26 जनवरी 2023 के मुख्य अतिथि
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के द्वारा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी मेहमानो को गणतंत्र दिवस के मौके पर आमंत्रित किए जाने की परंपरा रही है। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा मिस्त्र के राष्ट्रपति (Egyptian President) को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इस बार 26 जनवरी 2023 की परेड में मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी (Abdel Fattah El Sisi) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा दिए गए आमंत्रण को राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया गया था जिसके पश्चात उनके नाम को इस वर्ष मुख्य अतिथि के तौर पर फाइनल किया गया है।
भारत में इतिहास में यह पहली बार है जब मिस्र देश के राष्ट्राध्यक्ष को गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर भाग लेने के लिए 23 जनवरी से 26 जनवरी तक भारत के दौरे पर है जहाँ उनके साथ पांच मंत्री, उच्च अधिकारी एवं शिष्टमंडल भी शामिल रहेगा।
क्या है मिस्र के राष्ट्रपति के चयन की वजह
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति का चयन भारत एवं मिस्र के मजबूत होते आर्थिक एवं कूटनीतिक सम्बन्धो को ध्यान में रखते हुए किया गया है। दरअसल मिस्र भारत का प्रमुख व्यापारिक साझीदार है। भारत एवं मिस्र के मध्य वर्ष 2021-22 की अवधि में 7 बिलियन डॉलर से भी अधिक का व्यापार हुआ है जो की दोनों देशो के मध्य मजबूत होती आर्थिक साझेदारी का सूचक है। साथ ही मिस्र भारत के प्रमुख गेहूँ आयातक के रूप में भी उभरकर सामने आया है ऐसे में भारत सरकार मिस्र के साथ व्यापारिक सम्बन्धो को और भी मजबूत करना चाहती है। गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी का चयन भारत सरकार की कूटनीतिक रणनीति को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
भारत-मिस्र के व्यापारिक संबंध को मिलेगी मजबूती
भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाना भारत एवं मिस्र के सम्बन्धो की नयी शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है। अफ्रीका महाद्वीप में सबसे अधिक आबादी वाला देश एवं आर्थिक रूप से अफ्रीका की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार मिस्र देश का भारत के लिए अत्यधिक महत्व है। भारत अफ्रीका महाद्वीप में स्थित देशो के साथ बेहतर आर्थिक एवं कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित करना चाहता है ऐसे में मिस्र भारत के लिए अफ्रीका महाद्वीप के द्वार खोल सकता है। भारत एवं मिस्र के व्यापारिक सम्बन्ध वर्तमान में सर्वकालिक रूप से उच्च स्तर पर है एवं भविष्य में इनमे और भी तेजी आने के संकेत है।
आत्मनिर्भर भारत पर रहेगा जोर
इस वर्ष का गणतंत्र दिवस कुछ ख़ास रहने वाला है। अधिकारियों की माने तो इस वर्ष गणतंत्र दिवस की झाँकी में आत्मनिर्भर भारत की थीम पर जोर रहने वाला है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में ‘मेड इन इंडिया’ के हथियारों की धूम होगी। 21 तोपों की सलामी के लिए इस वर्ष भारत में निर्मित 105 एमएम इंडियन फील्ड गन्स का उपयोग किया जायेगा। साथ ही मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, एमके-1, K-9 वज्र, नाग मिसाइल प्रणाली एवं आकाश मिसाइल प्रणाली गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण होंगे। मिस्र की सेना के दस्ते को भी इस वर्ष मार्चिंग पास्ट परेड में शामिल किया गया है।
गणतंत्र दिवस 2023 सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
भारत का गणतंत्र दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इस दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
वर्ष 2023 में भारत द्वारा 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
26 जनवरी 2023 के मुख्य अतिथि (Gantantra Diwas Chef Guest 2023) के तौर पर मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी (Abdel Fattah El Sisi) को आमंत्रित किया गया है।
वर्ष 2023 में सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर आत्मनिर्भर भारत की थीम को प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया है।