National Youth Day: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाया जाता है, जानें वजह और इतिहास

कहा जाता है युवा ही किसी देश का भविष्य होते है। भारत को युवाओं का देश भी कहा जाता है ऐसे में देश के भविष्य को तय करने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत की 50 फीसदी से भी अधिक आबादी युवाओं की है ऐसे में युवाओं के भविष्य पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। देश की प्रगति एवं समृद्धि में युवाओं को महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत के महान आध्यात्मिक गुरु एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर प्रतिवर्ष युवा दिवस का आयोजन किया जाता है। देश के युवाओं के जागरण में स्वामी विवेकानन्द की प्रमुख भूमिका रही है। आज के इस आर्टिकल माध्यम से हम आपको राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के इतिहास एवं महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको राष्ट्रीय युवा दिवस एवं महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय युवा दिवस
स्वामी विवेकानंद जयंती (Swami Vivekananda Jayanti)

राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है ?

भारत को प्रायः युवाओं का देश कहा जाता है। देश में 66 फीसदी से अधिक आबादी 35 वर्ग की आयु सीमा में आती है एवं देश की आबादी की औसत आयु 29 वर्ष है। भारत की युवा आबादी सम्पूर्ण विश्व की युवा आबादी की 1/5 भाग है जो की देश की सबसे युवा देशों में शुमार करते है। देश के भविष्य को तय करने में किसी भी देश की युवा आबादी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है चूकि जोश एवं उत्साह से भरे युवा नवीन विचारों से लबरेज होते है एवं किसी भी देश को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से वैश्विक शक्ति बनाने का माद्दा रखते है।

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देश के आर्थिक निर्माण एवं समृद्धि में युवाओं की भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के अवसर पर देश निर्माण में युवा महत्व को ध्यान में रखते हुए युवा कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

National Youth Day कब मनाया जाता है ?

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) प्रतिवर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन भारत के महान आध्यात्मिक गुरु एवं युवा जागरण के प्रेरणा कर्ता स्वामी विवेकानन्द की जयंती के अवसर पर किया जाता है। देश के युवाओं में जोश एवं उत्साह का संचार करने एवं देश की आर्थिक समृद्धि में युवा शक्ति का आवाहन करने हेतु स्वामी विवेकानन्द की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस, इतिहास

समाज के निर्माण में युवाओं की भूमिका को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिवर्ष युवा दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका के महत्व को स्वीकार करते हुए भारत सरकार द्वारा भी वर्ष 1984 से प्रतिवर्ष युवा दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। इस दिवस के लिए युवा आदर्श स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिवस को चुना गया चूंकि युवाओं की जन जागृति में स्वामी विवेकानन्द जी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्ष 1985 से प्रतिवर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

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राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा दिवस राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका एवं महत्व के उत्सव करने का दिवस है। 1 अरब से अधिक आबादी वाले युवा भारत को पुनः विश्व शक्ति बनाने के लिए युवा शक्ति का सक्रिय होना आवश्यक है। युवाओं की भूमिका को ध्यान में रखते हुए युवा दिवस का उद्देश्य युवाओं का भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं जीवन के हर पहलु में सक्रिय भूमिका का निर्माण करना है जिससे की युवा शक्ति से भरा देश उन्नति की राह पर निरंतर प्रगतिशील रहे एवं देश को दुनिया में शीर्ष स्थान पर पहुँचाए। इस दिवस के माध्यम से युवा शक्ति के निर्माण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का सञ्चालन किया जाता है।

जानें स्वामी विवेकानंद के बारे में

औपनिवेशिक गुलामी में जकड़े भारतवर्ष में 19वीं सदी में एक ऐसे महापुरुष ने जन्म लिया जिसने सम्पूर्ण देश की युवा शक्ति की चेतना को झकझोरने के कार्य किया। औपनिवेशिक गुलामी में जकड़ी युवा पीढ़ी जब भविष्य को लेकर हताश एवं निराश थी ऐसे समय में भारत की भूमि पर स्वामी विवेकानन्द जैसे महान आध्यात्मिक संत का जन्म हुआ। स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था।

इनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। बचपन से ही बाल नरेंद्र को अध्यात्म एवं दर्शन में रुचि थी। अपने बचपन के दिनों में ही वे चिंतन एवं ध्यान में मगन रहते थे। बचपन से अध्यात्म में रुचि रखने वाले नरेन्द्रनाथ को अध्ययन, धर्म, दर्शन, साहित्य एवं खेलो में समान रुचि थी। मात्र 25 वर्ष की आयु में अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस से प्रभावित होकर बालक नरेंद्र ने संन्यास ग्रहण कर लिया और उनका नया नाम स्वामी विवेकानन्द हो गया।

वर्ष 1893 का साल भारत के भविष्य के लिए सबसे अहम वर्ष माना जाता है। इस वर्ष ही स्वामी विवेकानन्द धर्म संसद में भाग लेने के लिए अमेरिका के आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में गए थे। 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानन्द को इस संसद में बोलने के लिए 2 मिनट का मौका दिया गया था। अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने जैसे ही ‘‘मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों” से की पूरा हाल 2 मिनट तक उनके सम्मान में तालियां बजाता रहा। इसके पश्चात उन्हें तूफानी हिन्दू कहा जाने लगा। अपने जीवन काल में उन्होंने युवा शक्ति के महत्व को पहचानते हुए युवा शक्ति को जागरूक करने के लिए कार्य किया। देश के स्वतंत्रता संग्राम में वे युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण मानते थे। देश के आर्थिक निर्माण में युवा शक्ति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने सर्वस्व समर्पित कर दिया। देश के इस क्रांतिकारी संत ने वर्ष 1902 में अंतिम सांस ली।

युवा शक्ति: देश का भविष्य

भारत की आर्थिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए देश के युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में युवा शक्ति सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है। भारत को युवाओं का देश भी कहा जाता है ऐसे में देश भविष्य को तय करने में युवा की भूमिका महत्वपूर्ण है। देश को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक रूप से समृद्धि में युवा शक्ति ही नीति-निर्धारक है। शक्ति

राष्ट्रीय युवा दिवस सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन क्यों किया जाता है ?

राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन देश की प्रगति एवं समृद्धि में युवाओं के योगदान के महत्व को ध्यान में रखने हेतु किया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है ?

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) प्रतिवर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किस महापुरुष की स्मृति में किया जाता है ?

राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन महान आध्यात्मिक संत एवं युवा प्रेरणाकर्ता स्वामी विवेकानंद की स्मृति में किया जाता है।

स्वामी विवेकानन्द का जन्म कब और कहाँ हुआ ?

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था।

राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन सर्वप्रथम कब किया गया ?

राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) का सर्वप्रथम आयोजन वर्ष 1985 में किया गया था।

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