पृथ्वी संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है “एक विशाल धरा”। पृथ्वी सौरमंडल के 8 ग्रहो में से एक है जिसे नीला गृह भी कहा जाता है। पृथ्वी एकमात्र ऐसा गृह हैं जहां जीवन पाया जाता हैं। पृथ्वी की सतह का 71 % भाग जल से ढका है तथा शेष 29 % भाग भूमि से ढका है। पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है। पृथ्वी का वायुमंडल कई प्रकार की परतो से मिलकर बना है जिसमे नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक है। वायुमंडल में ओजोन गैस की एक परत हैं जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों की पृथ्वी तक आने से रोकती है। आप सभी यह तो जानते होंगे की कोई कहता है की पृथ्वी गोल है कोई कहता है की पृथ्वी अंडाकार है। लेकिन क्या आप यह जानते है की Prithvi ka aakar kaisa hai ?
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अगर आप भी यह नहीं जानते है की Prithvi ka aakar kaisa hai.तो इसमें आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को इसी के बारे में कुछ जानकारी प्रदान करने वाले है। अगर आप भी जानना चाहते है की Prithvi ka aakar kaisa hai तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
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Prithvi ka aakar kaisa hai ?
पृथ्वी की आकृति अंडाकार है। पृथ्वी में घुमाव के कारण पृथ्वी अपने भूगोलीय अक्ष में चपटा हुआ और भू मध्य रेखा के आस पास उभारा हुआ लगता है। पृथ्वी का झुकाव अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री है पृथ्वी के इसी झुकाव के कारण मौसम में बदलाव आते है और पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की ऋतुएँ आती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 1 घूर्णन पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड का समय लेती है जिस कारण पृथ्वी पर दिन और रात होती है। सूर्य का परिक्रमण करने में पृथ्वी को लगभग 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट का समय लगता है, जिसे हम एक वर्ष की अवधि कहते है। यदि हम पृथ्वी को चन्द्रमा से देखते है तो पृथ्वी हमे अपने अक्ष पर घूमती हुई प्रतीत होगी लेकिन यदि हम पृथ्वी को आकाश से देखे तो पृथ्वी की अवस्था स्थिर रहेगी।
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पृथ्वी का इतिहास | Earth history
पृथ्वी का इतिहास लगभग 4.8 बिलियन वर्ष पुराना है। सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। पृथ्वी सौरमंडल में सूरज से करीब तीसरा गृह है और पांचवा सबसे बड़ा ग्रह। पृथ्वी के पिता के रूप में पृथु नाम सामने आता है। माना जाता हैं की पृथु भगवन विष्णु के अंश से प्रकट हुए थे। मानना ये भी है की सर्वप्रथम उन्होंने ही भूमि को समतल करके खेती की और सामाजिक व्यवस्था का आधार स्थापित किया।
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पृथ्वी से जुड़े कुछ ऐतिहासिक रोचक तथ्य
- पृथ्वी लगभग 4.5 अरब साल पुरानी है।
- आज से करीब 20 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर पैंजिया नमक केवल एक ही महाद्वीप था।
- 22 अप्रैल 1970 को अमेरिका में पहली बार पृथ्वी दिवस यानि earth day मनाया गया था जिसके बाद हर साल ये पूरे विश्व में मनाता जाने लगा।
- पृथ्वी दिवस का उद्देस्य लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था।
- प्रत्येक वर्ष करीब 192 देश पृथ्वी दिवस को मनाते है।
- सौरमंडल में पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जल तीनों अवस्था (तरल, ठोस, गैस) में पाया जाता है।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक आने में 8 मिनट 50 का समय लगता है।
- धरती का घनत्व पुरे सौरमंडल में सबसे अधिक है।
- शुक्र और पृथ्वी दोनों आकर और आकृति में सामान है। शुक्र तो पृथ्वी का जुड़वा ग्रह या बहन भी कहा जाता है।
- भारत में सूर्य की सबसे पहले किरण अरुणाचल प्रदेश में आती है।
- भारत में गुजरात में सबसे आखिर में सूर्य अस्त होता है।
- अटानर्कटिका में हरा सूरज दिखाई देता है।
- पृथ्वी को बनाने में 77% योगदान लौह, सिलिकॉन, ऑक्सीजन तत्वों का है।
- पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा है।
- पृथ्वी का केवल 3% जल ही पीने योग्य है बाकी शेष 97% खारा है पीने योग्य नही है।
- पृथ्वी के भू भाग का केवल 11% हिस्सा ही भोजन हेतु फसले उत्पादित करने लिए उपयोग में लाया जाता है।
- पृथ्वी पर सबसे गहरा गड्ढा रूस के मनुष्य द्वारा 1989 में खोदा गया था, जिसकी गहराई 12.262 किलोमीटर थी।
- सूर्य का परिक्रमण करने के दौरान पृथ्वी अपनी कक्षा के 365 बार घूमती है।
- पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लम्बा होता है।
- समुद्र में ज्वार – भाटे आने का कारण पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच की दूरी है।
- कई अलग पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है की महाराज पृथु के नाम पर पृथ्वी रखा गया था।
Prithvi ka aakar kaisa hai से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
अरस्तु की सोच के अनुसार पृथ्वी बह्रामंड का केंद्र होगा।
पृथ्वी का व्यास 12742 किलोमीटर है।
पृथ्वी की त्रिज्या (radius) 6371 किलोमीटर है।
पृथ्वी की आकृति अंडाकार है। पृथ्वी में घुमाव के कारण पृथ्वी अपने भूगोलीय अक्ष में चपटा हुआ और भू मध्य रेखा के आस पास उभारा हुआ लगता है।
हाँ ,पृथ्वी की सभी जीवित चीजों में कार्बन पाया जाता
पृथ्वी और सूर्य के बीच की जब अधिकतम दूरी होती है, तो उस स्तिथि को अपसौर कहा जाता है।