भगवान शिव का निवास-स्थल माना जाने वाला उत्तराखंड प्राचीन काल से ही भगवान भोलेनाथ के प्राचीन मंदिरो के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध रहा है। चाहे भारतवर्ष के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊँचाई पर स्थित केदारनाथ महादेव की बात करें या विश्व के सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर “भगवान तुंगनाथ” की, उत्तराखंड सदैव से ही भगवान शिव का प्रिय निवास स्थल रहा है। देवताओं की भूमि के नाम से विख्यात देवभूमि भगवान शिव का मुख्य निवास रहा है इसलिए यहाँ बाबा केदार सहित भगवान शिव के प्रसिद्ध पंचकेदार मंदिर विराजमान है।
अगर आप भी अपने जीवन में भगवान भोलेनाथ के सभी पंच केदारों के दर्शन करना चाहते है तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पंच केदार की यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी (Panch Kedar Yatra in Hindi) प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप पंच केदार यात्रा की जानकारी, इन्हे विजिट करने का सबसे बेस्ट समय, पंचकेदार यात्रा हेतु सरल मार्ग एवं इससे सम्बंधित अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
पंच केदार की यात्रा
उत्तराखंड में स्थित पंच केदार भगवान शिव को समर्पित प्राचीन शिव मंदिर हैं जिन्हे भारत के प्राचीन पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में अत्यंत धार्मिक महत्व का स्थल बताया गया है। भगवान शिव के निवास के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त पंच केदार की यात्रा को भगवान शिव के धाम की यात्रा के सदृश्य माना जाता है यही कारण है की सभी श्रद्धालु अपने जीवनकाल में एक बार पंच केदार की यात्रा अवश्य पूरी करना चाहते है।
भगवान शिव के धाम के रूप में प्रसिद्ध पंच केदारों की कथा पाँडवो से जुड़ी हुयी है। कहा जाता है की महाभारत युद्ध के बाद जब पाँडव मोक्ष प्राप्त करने के लिए भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद चाहते थे तो महाभारत युद्ध में मनुष्य हत्या के पाप के कारण भगवान भोलेनाथ पाँडवो को दर्शन नहीं देना चाहते थे।
इसके बाद भी पाँडव भगवान शिव का पीछा करते रहे जिससे की पाँडवो से बचने के लिए भगवान शिव ने बैल रूप धारण कर लिया। इसके पश्चात विभिन स्थानों पर भोलेनाथ के बैल रूप में विभिन भाग प्रकट हुए जहाँ पर पाँडवो द्वारा पंच केदार मंदिरो का निर्माण किया गया। शैव मत के अनुयायी प्राचीन काल से ही इन स्थलों की यात्रा करके मोक्ष प्राप्त करते रहे है।
पंचकेदार यात्रा मार्ग
भगवान शिव के धाम के रूप में प्रतिष्ठित पंचकेदार उत्तराखंड राज्य में स्थित प्राचीन शिव मंदिर हैं जहाँ भगवान शिव के विभिन भागों की पूजा की जाती है। पंचकेदार धाम में शामिल तीन केदार उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है जबकि पंचकेदार में से दो केदार उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ यात्रा, छोटा चारधाम यात्रा या केदारनाथ यात्रा पर आने वाले अधिकांश यात्री एक बार में ही पंचकेदार की यात्रा करना पसंद करते है। चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिलों में स्थित होने के कारण पंचकेदार की यात्रा में श्रद्धालुओं को आसानी होती है एवं प्राकृतिक वातावरण में यह यात्रा अधिक सुलभ भी है।
आपको बता दे की पंचकेदार में शामिल पांच केदार धामों में से “चार केदार” सर्दियों के माह में ऊँचाई पर स्थित होने के कारण अत्यधिक बर्फबारी के कारण बंद रहते है जबकि कल्पेश्वर या कल्पनाथ के कपाट वर्ष के बारह महीनों खुला रहता है। पंचकेदार में शामिल चार केदार अप्रैल माह से नवंबर माह तक ही खुले रहते है ऐसे में आप इन महीनो में ही पंचकेदार की यात्रा कर सकते है।
पंचकेदार यात्रा मार्ग का प्रारम्भ हरिद्वार या देहरादून जिलों से ही होता है। अगर आप हवाई मार्ग से यात्रा करना चाहते है तो देहरादून में स्थित जोलीग्रांट हवाई अड्डे तक फ्लाइट ले सकते है। वही बस या ट्रैन द्वारा यात्रा करने के लिए हरिद्वार या ऋषिकेश तक देश के विभिन हिस्सों से सुविधा उपलब्ध है।
इसके पश्चात आपको हरिद्वार या ऋषिकेश से आगे की यात्रा के लिए बस, प्राइवेट कैब, टैक्सी या ट्रैवेल एजेंसी द्वारा ट्रांसपोर्ट की सुविधा लेनी पड़ती है। हालांकि पंचकेदार पहुँचने के लिए आपको पैदल यात्रा भी करनी होगी।
पंच केदार में प्रथम केदार- केदारनाथ
भगवान शिव के प्राचीन धाम एवं निवास स्थल के रूप में प्रसिद्ध केदारनाथ को पंचकेदार में प्रथम केदार माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है जो की हिमालय की तलहटी में स्थित है। केदारनाथ मंदिर का निर्माण पाँडवो द्वारा करवाया गया था जिसे की आधुनिक रूप में स्थापित करने का श्रेय आदिगुरु शंकराचार्य को दिया जाता है। केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के कूबड़ भाग की पूजा की जाती है। हिन्दू श्रद्धालुओं के मध्य प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है।
केदारनाथ यात्रा (कैसे पहुँचे)- केदारनाथ यात्रा करने के लिए आपको ऋषिकेश या हरिद्वार से अपनी सुविधा के अनुसार बस या निजी वाहन से सोनप्रयाग तक की यात्रा करनी होगी। यहाँ का अंतिम बस स्टेशन सोनप्रयाग है ऐसे में आपको आगे की यात्रा शेयरिंग जीप में ही करनी होगी। सोनप्रयाग से अगला स्टेशन गौरीकुंड है जहाँ से केदारनाथ का पैदल मार्ग शुरू हो जाता है। 13 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के पश्चात आप केदारनाथ पहुँच जाते है हालांकि आप चाहें तो आगे की यात्रा के लिए घोड़े-खच्चर भी हायर कर सकते है।
पंच केदार में द्वितीय केदार- मदमहेश्वरनाथ
द्वितीय केदार के रूप में प्रतिष्ठित मदमहेश्वरनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ में स्थित है जहाँ भगवान शिव के नाभि भाग की पूजा की जाती है। पांडवो द्वारा निर्मित मदमहेश्वरनाथ को केदारनाथ की प्रतिकृति माना जाता है जहाँ आपको केदारनाथ शैली में बने मद्महेश्वरनाथ मंदिर के भव्य दर्शन होते है।
शीतकाल में मदमहेश्वरनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मठ में की जाती है। पंचकेदार में मदमहेश्वरनाथ को अत्यंत पुण्यदायक तीर्थ बताया गया है। साथ ही मदमहेश्वरनाथ मंदिर के आसपास आपको हरे-भरे बुग्यालों एवं हिमालय की स्वर्णिम आभा के भव्य दर्शन भी होते है।
मदमहेश्वरनाथ यात्रा (कैसे पहुँचे)- मदमहेश्वरनाथ केदारनाथ मार्ग पर स्थित होने के कारण आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते है। केदारनाथ यात्रा के बाद आप वापसी में ऊखीमठ से रांसी गाँव के लिए शेयरिंग टैक्सी ले सकते है जो की मदमहेश्वरनाथ यात्रा में यातायात हेतु अंतिम मार्ग है। इसके पश्चात आप रांसी से पैदल यात्रा के माध्यम से मदमहेश्वरनाथ पहुँच सकते है।
पंच केदार में तृतीय केदार- तुंगनाथ
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ पंचकेदार में तृतीय केदार के रूप में प्रसिद्ध है जहाँ भगवान शिव की भुजाओं की पूजा की जाती है। तुंगनाथ मंदिर एशिया ही नहीं अपितु विश्व का सबसे ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर है।
जिसे की पौराणिक काल में पाँडवो द्वारा निर्मित माना जाता है। चन्द्रशिला पर्वत के ऊपर स्थित तुंगनाथ आध्यात्मिक अनुभूति के अतिरिक्त अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी श्रद्धालुओं के मध्य प्रसिद्ध है। यहाँ आपको प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता भ्रमण का मौका भी मिलता है जो की वर्ष भर पर्यटकों से गुलजार रहता है।
तुंगनाथ यात्रा (कैसे पहुँचे)- तुंगनाथ भी रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है ऐसे में द्वितीय केदार मदमहेश्वरनाथ से वापसी के बाद आपको ऊखीमठ में उतरना होगा जिसके पश्चात आपको शेयरिंग टैक्सी या जीप के द्वारा चोपता पहुँचना होता है। इसके पश्चात चोपता से आप तुंगनाथ के लिए पैदल निकल सकते है।
पंच केदार में चतुर्थ केदार- रुद्रनाथ
चतुर्थ केदार के रूप में पूजित रुद्रनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है जहाँ भगवान शिव के रौद्र मुख रूप की पूजा की जाती है। भगवान शिव को समर्पित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ भगवान शिव के प्रिय निवास स्थलों में से एक माना जाता है जिसके कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाते है। आपको बता दे की शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ की पूजा गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में की जाती है। पंचकेदार में रुद्रनाथ को भगवान शिव का प्रमुख अंश माना गया है।
रुद्रनाथ यात्रा (कैसे पहुँचे)- रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है ऐसे में आपको तृतीय केदार तुंगनाथ के दर्शन करने के पश्चात चोपता से चमोली के गोपेश्वर कस्बे के लिए बस पकड़नी होगी। यहाँ आपको सरकारी एवं निजी बस सेवा के अतिरिक्त अन्य साधन भी मौजूद रहते है। गोपेश्वर पहुँचने के पश्चात आपको रुद्रनाथ यात्रा के बेस रुट सग्गर गाँव तक पहुँचना होगा। गोपेश्वर से सग्गर गाँव के लिए निजी टैक्सी सुविधा उपलब्ध है जहाँ पहुँचने के बाद आप रुद्रनाथ यात्रा शुरू कर सकते है।
पंच केदार में पंचम केदार- कल्पनाथ
चमोली जिले में स्थित कल्पनाथ को पंचकेदार में अंतिम एवं पाँचवा केदार माना जाता है जिसे की कल्पेश्वर एवं अनादिनाथ कल्पेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। कल्पनाथ में भगवान शिव की जटाओं की पूजा की जाती है ऐसे में यह तीर्थ श्रद्धालुओं के मध्य अत्यंत पवित्र माना जाता है।
पंच केदार में पंचम केदार कल्पनाथ ही एक मात्र ऐसा केदार है जो की वर्ष के 12 महीनो खुला रहता है एवं सर्दियों में भी इसके कपाट बंद नहीं होते। यहाँ स्थित पवित्र कलेवरकुंड में स्नान को पौरणिक मान्यताओं के अनुसार अत्यंत पवित्र माना गया है।
कल्पनाथ यात्रा (कैसे पहुँचे)- कल्पनाथ पहुँचने के लिए आपको गोपेश्वर से चमोली पहुँचना होगा जिसके पश्चात बद्रीनाथ मार्ग से अलग रूट पर स्थित हेलंग पहुँचना होगा जहाँ पहुँचने के लिए शेयरिंग टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। हेलंग पहुँचने के पश्चात कपिलेश्वर महादेव का पैदल मार्ग शुरू हो जाता है जिसे की आप आसानी से 2 से 3 घंटो में तय करके कल्पनाथ के दर्शन कर सकते है।
पंच केदार की यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
पंच केदार की यात्रा से पूर्व श्रद्धालुओं को पंच केदार यात्रा सम्बंधित निम्न महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों को ध्यान रखना आवश्यक है :-
- पंच केदार की यात्रा हिमालय की शीत जलवायु एवं दुर्गम घाटियों से होकर गुजरती है ऐसे में सभी यात्रियों को अपने स्वास्थ्य परिक्षण एवं शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्णरूप से निश्चिन्त होने के पश्चात ही इस यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए।
- पंच केदार की यात्रा में अनुमानित खर्च आपके द्वारा चुने गए पैकेज पर निर्भर करता है जहाँ सुविधाओं के अनुसार आपको व्यय करना पड़ता है। चूँकि यात्रा में आपके अनुमानित खर्च कम-ज्यादा होने की संभावना रहती है ऐसे में आप अपनी सुविधा के अनुसार पैकेज का चयन कर सकते है।
- पंच केदार की यात्रा को 13 से 14 दिनों में आसानी से पूर्ण किया जा सकता है। हालांकि अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार आप इस यात्रा को कम दिनों में भी पूर्ण कर सकते है ऐसे में यात्रा की समयावधि आपके स्वास्थ्य एवं शारीरिक क्षमता पर निर्भर करती है।
- इस यात्रा के दौरान ठहरने के लिए आपको यात्रा मार्ग में जगह-जगह गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संचालित गेस्ट-हाउस, होम-स्टे, निजी होटल एवं गेस्ट हाउस की सुविधा मिलता है ऐसे में आप अपनी सुविधा के अनुसार चयन कर सकते है। साथ ही इन स्थानों पर आपको खाने-पीने की सुविधाएँ भी उपलब्ध है।
- उत्तराखंड के गढ़वाल भाग में स्थित पंच केदार हिमालय की चोटियों में स्थित है ऐसे में सभी यात्रियों को ठण्ड से बचने के लिए गरम कपड़े लाने की सलाह दी जाती है। साथ ही दवाएँ एवं अन्य महत्वपूर्ण सामान भी आप अपनी सुविधा के अनुसार यात्रा में साथ रख सकते है।
पंच केदार यात्रा सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
पंच केदार कहाँ स्थित है ?
पंच केदार देवभूमि उत्तराखंड में भगवान शिव को समर्पित शिव धाम हैं जहाँ भगवान शिव के विभिन भागों की पूजा की जाती है।
पंच केदार में कौन-कौन से शिवधाम शामिल है ?
पंच केदार में भगवान शिव के निम्न पांचधामों को शामिल किया गया है :-केदारनाथ, मदमहेश्वरनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ एवं कल्पनाथ
पंच केदार यात्रा सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें ?
पंच केदार यात्रा सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको पंच केदार यात्रा सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
पंच केदार में प्रथम केदार किसे माना गया है ?
पंच केदार में प्रथम केदार बाबा केदारनाथ को माना गया है जो की भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शुमार है।
दुनिया का सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर कौन सा है ?
दुनिया का सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर तुंगनाथ है जिसे की पंचकेदार में तृतीय केदार माना जाता है।
पंच केदार में द्वितीय केदार मदमहेश्वरनाथ में भगवान शिव के किस भाग की पूजा की जाती है ?
द्वितीय केदार मदमहेश्वरनाथ में भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है।
पंचकेदार में कौन सा केदार वर्ष भर खुला रहता है ?
पंचकेदार में सिर्फ कल्पनाथ ही ऐसा केदार है जिसके कपाट वर्ष के बारह महीनो खुले रहते है। यहाँ भगवान शिव के जटाओं की पूजा की जाती है।
पंच केदार की यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश क्या है ?
पंच केदार की यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जानने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको पंच केदार की यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों की जानकारी प्रदान की गयी है।