तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की भारत में बहुत से उच्च शिक्षा संस्थान है और भारत के अधिकतर शिक्षा संस्थानों को NAAC के द्वारा मान्यता दी जाती है।
अगर कोई शिक्षा संस्थान को एनएएसी के द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होती है तो उन शिक्षा संस्थानों को बहुत सी सरकारी योजनाओ के लाभ से वंचित होना पढता है। इसलिए किसी भी शिक्षा संस्थान को एनएएसी के द्वारा मान्यता प्राप्त होना बहुत ही आवश्यक होता है।
तो दोस्तों अब आप सभी के मन में यह ख्याल तो आ ही रहा होगा की ये एनएएसी (NAAC) Rating क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है ?तो दोस्तो क्या आप NAAC के बारे जानते है अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के माध्यम से NAAC के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे की – NAAC full form in Hindi ?
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एनएएसी (NAAC) Rating क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या होती है। तो दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लख को अंत तक पढ़ना होगा तब ही आप इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकोगे। तो दोस्तों कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक व ध्यानपूर्वक पढ़े।
इसपर भी गौर करें :- जेएनयू (JNU) फुल फॉर्म क्या है?
एनएएसी का फुल फॉर्म | NAAC Full Form in Hindi
- NAAC full form in english – “National Assessment and Accreditation Council”
- NAAC full form in Hindi – राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद
NAAC की स्थापना | Establishment of NAAC
तो दोस्तों अब हम आप सभी को यह बता दे की NAAC की स्थापना 1994 में नेशनल पॉलिसी इन एजुकेशन (National Policy in Education) की सिफारिश के आधार पर की गयी थी। और आपको यह भी बता दे की इसको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) के द्वारा ही स्थापित किया गया था।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद के उद्देश्य यह है की यह भारत की उच्च शिक्षा को और भी बेहतर बनाये। NAAC के द्वारा सन 2015 में में देश के करीब 26 राज्यों में 2000 कॉलेजों और 140 विश्वविद्यालयों को भी मान्यता प्रदान की गयी है। NAAC का मुख्यालय वर्तमान समय में बैंगलोर में स्थित है।
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आप सभी को यह भी बता दे की National Assessment and Accreditation Council (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद) में 2015 से लेकर 2017 तक इसके निदेशक प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह रह चुके है और सामान्य परिषद के अध्यक्ष के पद पर प्रोफेसर वेद प्रकाश जी है।
एनएएसी की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के पद पर डॉ वीरेंद्र एस चौहान जी को नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद का मुख्य उद्देश्य भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों की शिक्षा में और भी अधिक सुधार लाना है।
एनएएसी (NAAC) Rating का क्या मतलब होता है ?
तो दोस्तों आप सभी को अब हम यहाँ पर यह बताने वाले है की NAAC Rating System का क्या मतलब होता है। तो आप भी अगर यह जानना चाहते है तो दी गयी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़िए। तो आइये जानते है की NAAC Rating System का क्या मतलब होता है ?
NAAC Rating System के अंतर्गत भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। वह चार श्रेणियाँ A, B, C, D है। यह रेटिंग सभी शिक्षा संस्थानों की स्थिति को बतलाती है की कौनसा शिक्षा संसथान बहुत अच्छा है कौन सा संसथान अच्छा है कौनसा संसथान शिक्षा के लिए बेहतर संतुष्टि प्रदान करता है।
जिस प्रकार से किसी शिक्षा संसथान की ग्रेडिंग गिरती जाती है उसी तरह से उस शीसखा संसथान की शिक्षा गिरता जाता है। जो सबसे अच्छा शिक्षा संसथान होता है उसको A+ दिया जाता है और इसी तरह सभी को ग्रेडिंग दी जाती है।
यह ग्रेडिंग देने के लिए निर्धारित विशिष्ट मानदंड के अनुसार ही ही ग्रेडिंग दी जाती है और उसके लिए निर्धारित वेटेज का भी उपयोग किया जाता है। इसमें ग्रेडिंग के लिए GPA का प्रयोग किया जाता है। उसके बाद में CGPA के द्वारा अंतिम ग्रेड दिया जाता है।
NAAC Rating System
CGPA | Grade | Status | Performance |
3.51 – 4.00 | A++ | Accredited | Very Good |
2.26 – 3.50 | A+ | Accredited | Very Good |
3.01 – 3.25 | A | Accredited | Very Good |
2.76 – 3.00 | B++ | Accredited | Good |
2.51 – 2.75 | B+ | Accredited | Good |
2.01 – 2.50 | B | Accredited | Good |
1.51 – 2.00 | C | Accredited | Satisfactory |
Less than 1.50 | D | Not Accredited | Unsatisfactory |
एनएएसी (NAAC) Rating से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
NAAC full form in english – “National Assessment and Accreditation Council
”एनएएसी का फुल फॉर्म हिंदी में – राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद
NAAC की स्थापा 1994 में हुई थी।
NAAC ने ग्रेडिंग सीसैटेम को चार भागों में बांटा गया है जो की A, B, C, D है
National Assessment and Accreditation Council (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद) में 2015 से लेकर 2017 तक इसके निदेशक प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह रह चुके है