तो दोस्तों आप सभी लोगो ने कभी न कभी अपने जीवन में एक व्यक्ति का नाम तो सुना ही होगा जिनका नाम है मुंशी प्रेमचंद है। हम सभी ने बचपन में इनकी बहुत सी कहानिया सुनी है, यह एक महान कवि थे। अगर आपने इनके बारे में कभी नहीं सुना तो इसमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि आज हम श्री मुंशी प्रेमचंद जी के बारे में ही चर्चा करने वाले हैं और आपको इनसे सम्बंधित बहुत सी जानकारी देने वाले है जैसे की मुंशी प्रेमचंद का जीवन और उनकी शिक्षा, उनके उपन्यास, उनके निबंध आदि जैसी जानकारियां।
तो अगर आप भी मुंशी प्रेमचंद जी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहतें है तो कृपया इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़िए। हम आपको मुंसी प्रेमचंद जी के बारे अधिक जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे।
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मुंशी प्रेमचंद जी का जीवन परिचय :-
मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था।मुंशी प्रेमचंद जी का पूरा नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।उस समय उनको नवाब राय के नाम से भी जाना जाता था। इनका जन्म बनारस के एक गांव में हुआ था जिसका नाम लमही है। मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म एक छोटे से परिवार में हुआ था। इनका जीवन बचपन से ही बहुत कठिन रहा था। Munshi Premchand जी की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 में बिमारी के कारण हो गयी थी जिस समय इनकी मृत्यु हुई उस समय इनकी उम्र 56 वर्ष थी। उनके पिता का नाम अजायब राय था जो की उस समय के पोस्ट मास्टर थे। और उनके दादा जी का नाम गुर सहाय राय था जो की पटवारी थे। मुंशी प्रेमचंद जी की माँ का नाम श्रीमती आनन्दी देवी था उनकी माँ को एक बीमारी थी जिसके कारण उनका देहांत हो गया था जिस समय आनन्दी देवी का देहांत हुआ था तब मुंसी प्रेमचंद जी की आयु केवल 8 वर्ष थी। मुंशी प्रेमचंद जी की पत्नी का नाम शिवरानी देवी था। इनका विवाह 15 वर्ष की आयु में हुआ था।
मुंशी प्रेमचंद जी के पिता का उस समय ट्रांसफर गोरखपुर हो गया था उसी के कारण मुंशी प्रेमचंद जी के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। उनकी दूसरी माँ यानि के उनकी सौतेली माँ ने उनको पूर्ण रूप से अपनाने से इनकार कर दिया था। उनको शुरू से ही लिखना बहुत ही अच्छा लगता था। और उनको शुरुआत से ही हिंदी भाषा से बहुत लगाव था। उन्होंने बचपन से ही उपन्यास लिखने शुरू कर दिया था। और तो और उन्होंने बचपन में ही एक पुस्तक के दुकानदार के यहाँ नौकरी करना शुरू कर दिया था।वह नौकरी करने के साथ-साथ ही उन्होंने अपनी शिक्षा भी पूरी की थी। अपने स्कूल की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने एक कॉलेज में अपना एडमिशन करवाया था जो की बनारस में ही था। लेकिन घर की आर्थिक स्तिथि ठीक न होने के कारण उन्हें अपनी कॉलेज की पढाई को बीच में ही छोड़ दी थी। उन्होंने जीवन में बहुत सी कठिनाई का सामना किया है ,उसके पश्चात उन्होंने 1919 में उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
Munshi Premchand जी के जीवन के कुछ बिंदु :-
विषय का नाम | मुंशी प्रेमचंद जी जीवन परिचय |
वास्तविक नाम | धनपत राय श्रीवास्तव |
जन्म | 31 जुलाई 1880 |
जन्म स्थान | बनारस के एक गाँव जिसका नाम लमही है |
पिता का नाम | श्री अजायब राय |
माता का नाम | श्रीमती आनन्दी देवी |
पत्नी का नाम | शिवरानी देवी |
संतान | तीन संतान , दो पुत्र और एक पुत्री |
मृत्यु | 8 अक्टूबर 1936 |
मृत्यु का कारण | बीमारी के कारण |
मुंसी प्रेमचंद जी का असल नाम | धनपत राय |
कार्य | अध्यापक , लेखक , पत्रकार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
भाषाएँ | हिंदी एवं उर्दू |
Munshi Premchand जी की विवाहित ज़िन्दगी :-
जैसा की आप सभी को पता है की पुराने समय में लोगो का विवाह बहुत ही कम आयु में कर दिया जाता था इसी प्रकार Munshi Premchand ने अपने पिता के कहने पर उनका विवाह 15 वर्ष की आयु में कर दिया गया था। लेकिन उनका उस समय विवाह करने का बिलकुल भी मन नहीं उनका विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध कराया गया था। आपको यह भी बता दे की मुंशी प्रेमचंद जी के 2 विवाह हुए थे , परन्तु उनकी पहली पत्नी का व्यव्हार कुछ ठीक नहीं था वह बहुत ही लड़ाकू स्वभाव की थी और दिखने में भी अच्छी न थी। उनके पिता ने उनका विवाह उस लड़की से इसलिए तय किया था क्योंकि वह लड़की अमीर घराने की थी। उनके विवाह के कुछ समय के पश्चात ही उनके पिता श्री अजायब राय जी का निधन हो गया था।
उनके पिताजी के देहांत के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गयी थी। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया है , वह नौकरी करते थे परन्तु नौकरी करते हुए भी उनकी जरूरते पूरी न होने के कारण उन्हें अपनी कई अनोखी चीजों को बेचना भी पड़ा ताकि उनका घर चल सके। उनकी अपनी पहली परनि से से बिलकुल नहीं बनती थी यह ही कारण था की उन्होंने अपनी पहली पत्नी से तलाक ले लिया था। उसके पश्चात उन्होंने करीब 25 वर्ष की आयु में उन्होंने एक और विवाह कर लिया मुंशी प्रेमचंद जी की दूसरी पत्नी एक विधवा थी , प्रेमचंद जी का अपनी दूसरी पत्नी के विवाह सफल रहा था दूसरी शादी के पश्चात ही उन्हें अपने जीवन में बहुत सी तरक्की मिली।
Munshi Premchand जी की कुछ मुख्य रचनाएं :-
मुंशी प्रेमचंद जी की कुछ मुख्य रचनाएँ कुछ इस प्रकार हैं :-
- सेवासदन
- प्रेमाश्रम
- रंगभूमि
- निर्मला
- गबन
- कर्मभूमि
- गोदान ,आदि
मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखे गए उपन्यास :-
- कफ़न
- पूस की रात
- पांच परमेश्वर
- बड़े घर की बेटी
- बूढी काकी
- दो बेलों की कथा ,आदि।
मुंशी प्रेमचंद जी से सम्बंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न उत्तर :-
मुन्शीन प्रेमचंद जी का असल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 में बनारस के एक गाँव लमही में हुआ था।
मुंशी प्रेमचंद जी का पहला विवाह इसलिए सफल नहीं रह पाया था क्योंकि उनकी पहली पत्नी लड़ाकू स्वभाव की थी और उनका विवाह उस लड़की से दबाव में कराया गया था इसलिए उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था।
मुंशी प्रेमचंद जी की मृत्यु तब हुई थी जब वह केवल 56 वर्ष के थे।
मुंशी प्रेमचंद जो की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 में एक गंभीर बीमारी के कारण हुई थी।