MSME Full Form in Hindi | एमएसएमई का फुल फॉर्म क्या होता है

दोस्तों अगर आप भी एक मध्य वर्गीय व्यापारी है। तो आप सभी को MSME के बी बारे में तो पता ही होगा। क्योंकि MSME की मदद से मध्य स्तरीय व्यापारियों कई सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त होता है। इसलिए सभी व्यापारियों को इसके अंतर्गत पंजीकरण करवा लेना आवश्यक है। क्योंकि सरकार के द्वारा अब MSME में पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो चूका है। लेकिन दोस्तों क्या आप MSME Full Form in Hindi के बारे में जानते है ? या फिर MSME क्या होता है और इसके अंतर्गत पंजीकरण कैसे करवाया जाता है ?

MSME Full Form in Hindi |
MSME Full Form in Hindi

दोस्तों आप सभी को यह बतादे की आज के समय एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन करवाना काफी आवश्यक है। अगर आप ने अभी तक अपना MSME पंजीकरण नहीं करवाया है। तो आपको आगे जाकर बहुत सी परेशानियों का सामना करना पढ़ सकता है। इसलिए इसमें पंजीकरण करवाना काफी आवश्यक है। लेकिन उससे पहले यह जान लेना आवश्यक है की आखिर MSME Full Form in Hindi क्या होता है ? और एमएसएमई क्या होता है ? इसमें पंजीकरण कैसे करवाए एवं इसके लाभ जानिए।

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दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में इस प्रकार की सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो उसके लिए आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख के जरिये इसके बारे में सभी जानकारी प्रदान करने वाले है। लेकिन यह जानने के लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। इसलिए इसको ध्यान से पढ़े।

MSME Full Form in Hindi | एमएसएमई का फुल फॉर्म क्या होता है ?

तो दोस्तों अगर आप भी एमएसएमई का फुल फॉर्म जानना चाहते है। तो इसकी फुल फॉर्म हमने यहाँ पर बताई हुई है। जानने के लिए दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़े।

  • MSME Full Form in English – Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises
  • MSME Full Form in Hindi – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय

एमएसएमई क्या होता है ?

जैसा की हमने आप सभी को बताया है की MSME की फुल फॉर्म Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises होती है। जिसको हिंदी में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय कहा जाता है। आप सभी को यह बतादे की MSME भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है। सरकार के द्वारा इन मंत्रालय का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि देश के मध्यम और लघु बिज़नेस करने वाले व्यक्तियों को बढ़ावा देने के लिए ही इन मंत्रालय का निर्माण किया गया था। क्योंकि देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लघु और मध्यम उद्योगों का काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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वर्तमान समय में भारत देश में कई प्रकार के उद्यम है। जैसे की – लघु उद्यम और मध्यम उद्यम आदि। सरकार का मुख्य कार्य इन सभी उद्योगों को बढ़ावा देना है। क्योंकि इनकी मदद से देश को बहुत से लाभ होंगे जैसे की – इनकी मदद से रोजगार बढ़ेगा और देश में बेरोजगारी कम होगी। आप सभी को यह बतादे की देशभर में करीब 45%रोजगार इन्ही उद्योगों की वजह से पैदा होता है। भारत के द्वारा अन्य देशों को बहुत सी चीजें एक्सपोर्ट किये जाते है। जो की अधिकतर इन्ही छोटे एवं मध्यम वर्गीय उद्योगों से किया जाता हैं।

इसलिए सरकार का मानना यह है की देशभर में जितने अधिक उद्योग होंगे उतना लाभ देश को मिलेगा। क्योंकि जितने अधिक उद्योग खोले जाएंगे उतना ही अधिक देश में रोजगार बढ़ेगा। इसलिए सभी उद्योगियों को MSME के अंतर्गत पंजीकरण करवाना काफी महत्वपूर्ण है। इसके बाद सभी उद्योगों पर नजर रखी जाती है।

अगर किसी बिज़नेस में 50 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जाता है। तो उसका सालाना टर्नओवर करीब 250 करोड़ तक होगा। केवल इस प्रकार के उद्योगी ही MSME के अंतर्गत आते है। अगर किसी बिज़नेस में इससे भी ज्यादा इन्वेस्टमेंट किया जाता है। तो उसको बड़े स्तर के बिज़नेस में गिना जाता ही। फिर वह बिज़नेस MSME के अंतर्गत नहीं आता है।

इसलिए सरकार के द्वारा MSME के अंतर्गत सरकार रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य किया गया है। जिसकी मदद से सभी बिज़नेस वर्गीकृत किये गए है। ताकि आसानी से पता चल सकें कितने मध्य वर्गीय उद्योगी है और कितने बड़े स्तर के उद्योगी और कौन छोटे वर्ग के उद्योगी है। तो आइये जानते है की कौन सा उद्योग कौनसे स्तर का उद्योग माना जाता है।

इसके साथ साथ आप सभी को यह बतादे की एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

1. सूक्ष्म उद्यम | Micro Enterprises

तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की इस स्तर के बिज़नेस में करीब 1 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाता है। इन्वेस्ट किया गया पैसा बिज़नेस के उपकरणों को खरीदने या सुधारने के लिए किया गया हो। इस बिज़नेस का Annual (सालाना) टर्नओवर करीब 5 करोड़ तक हो। इस प्रकार के बिज़नेस को सूक्ष्म उद्योग में शामिल किया जाता है। जिन बिज़नेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम हो और सालों इन्वेस्टमेंट 1 करोड़ हो उस बिज़नेस को सूक्ष्म बिज़नेस में शामिल किया जाता है।

2. लघु उद्यम | Small Enterprises

लघु उद्यम में सूक्ष्म स्तर से बड़े बिज़नेस को शामिल किया जाता है। जिस बिज़नेस में करीब 1 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रुपये तक निवेश किये जाते है। इसके साथ साथ इन बिज़नेस का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ के बीच में होता है। तब ही इन बिज़नेस को स्माल इंटरप्राइजेज में गिना जाता है

3. मध्यम उद्यम | Medium Enterprises

इस प्रकार के उद्यम में बड़े बिज़नेस को गिना जाता है। लेकिन इनको फिर भी मध्यम उद्यम के नाम से ही जाना जाता है। इस वर्ग में उन बिज़नेस को गिना जाता है। जिनका निवेश 10 करोड़ और 50 करोड़ के बीच का हो या फॉर उससे अधिक हो। इन बिज़नेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से लेकर 250 करोड़ के बीच में होता है। तो ही बिज़नेस किओ मध्य वर्गीय बिज़नेस माना जाता है।

तो दोस्तों यह सभी पढ़कर आप सभी जान चुके होंगे की आप का बिज़नेस किस वर्ग के अंतर्गत आता है। अगर आप का बिज़नेस इनमे से किसी एक वर्ग के अंतर्गत आता है। तो ही आप MSME में रजिस्टर करने के योग्य होंगे अन्यथा आप इसमें रजिस्ट्रेशन करने में असमर्थ होंगे।

MSME Full Form in Hindi सम्बंधित प्रश्न

एमएसएमई का फुल फॉर्म क्या होता है ?

MSME Full Form in English – Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises
MSME Full Form in Hindi – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय

एमएसएमई क्या होता है ?

आप सभी को यह बतादे की MSME भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है। सरकार के द्वारा इन मंत्रालय का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि देश के मध्यम और लघु बिज़नेस करने वाले व्यक्तियों को बढ़ावा देने के लिए ही इन मंत्रालय का निर्माण किया गया था

MSME रजिस्ट्रेशन करने के लिए किस वेबसाइट पर जाना होगा ?

MSME ने रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसकी आधिकारिक वेबसाइट – msme.gov.in

मध्यम उद्यम किसे कहा जाता है ?

इस प्रकार के उद्यम में बड़े बिज़नेस को गिना जाता है। लेकिन इनको फिर भी मध्यम उद्यम के नाम से ही जाना जाता है। इस वर्ग में उन बिज़नेस को गिना जाता है। जिनका निवेश 10 करोड़ और 50 करोड़ के बीच का हो या फॉर उससे अधिक हो। इन बिज़नेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से लेकर 250 करोड़ के बीच में होता है। तो ही बिज़नेस किओ मध्य वर्गीय बिज़नेस माना जाता है।

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