मौद्रिक नीति समिति क्या है? | मौद्रिक नीति समिति का गठन, संरचना व उद्देश्य | monetary policy committee in hindi

भारत की मौद्रिक नीति (Monetary policy) को निर्धारित करने में मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश की अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति एक महत्वपूर्ण हथियार है जो देश की आर्थिकी को सबसे प्रमुख रूप से प्रभावित करती है। मौद्रिक नीति का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी के जीवन पर प्रभाव पड़ता है चूँकि इसके द्वारा ऋण एवं मुद्रास्फीति को तय किया जाता है ऐसे में अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में भी यह टॉपिक महत्वपूर्ण है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की मौद्रिक नीति समिति क्या है?

मौद्रिक नीति समिति क्या है

(What is Monetary Policy Committee), मौद्रिक नीति समिति का गठन, संरचना व उद्देश्य (monetary policy committee in hindi) क्या-क्या है ? अर्थव्यवस्था का प्रमुख टॉपिक होने के कारण UPSC, PCS, राज्य स्तरीय सेवाओं एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ में मौद्रिक नीति समिति (MPC) से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते रहे है ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह टॉपिक महत्वपूर्ण है।

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रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्या है?

मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) क्या है ?

मौद्रिक नीति समिति (MPC), केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति है जिसके द्वारा देश में मौद्रिक नीति से सम्बंधित निर्णय एवं नीतियों का निर्धारण किया जाता है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा देश की मौद्रिक नीति के अंतर्गत बेंचमार्क नीति ब्याज दर (रेपो दर), रिवर्स रेपो दर, लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी, सीआरआर एवं एमएसएफ जैसे महत्वपूर्ण मौद्रिक साधनों हेतु दर (Rate) निर्धारित की जाती है। मौद्रिक नीति समिति की अध्यक्षता रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के गवर्नर द्वारा की जाती है जहाँ मौद्रिक नीति से सम्बंधित सभी निर्णय बहुमत से पारित किए जाते है।

सरल शब्दो में कहा जाए तो देश की मौद्रिक नीति के निर्धारण में विभिन दरों के निर्धारण के लिए सन्दर्भ या मानक दर तय करने वाली समिति को मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) कहा जाता है जो आरबीआई के अंतर्गत अपना कार्य करती है। मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी) द्वारा मौद्रिक नीति समिति को नीति निर्धारण सम्बंधित कार्यो हेतु आवश्यक सहायता प्रदान की जाती है।

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Monetary Policy Committee का इतिहास एवं गठन

ब्रिटिश उपनिवेशिक शासन के दौरान वर्ष 1935 में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना देश के केंद्रीय बैंक के रूप में की गयी थी। प्रारम्भ में देश की मौद्रिक नीति से सम्बंधित सभी प्रकार की दरों हेतु मानक या सन्दर्भ दर तय करने के अधिकार रिज़र्व बैंक के गवर्नर के पास सुरक्षित था। सरकार द्वारा वर्ष 2016 में इस सिस्टम में बदलाव लाते हुए इसे और भी पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने के लिए मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन किया गया है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत 27 जून 2016 को किया गया था जिसकी प्रथम बैठक 3 अक्टूबर 2016 को मुंबई शहर में आयोजित की गयी थी।

मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन वर्ष 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के अनुसार किया गया है जिसका कार्य देश में मौद्रिक नीति से सम्बंधित निर्णयों को लेना है। देश की मौद्रिक नीति के सन्दर्भ में MPC की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस समिति के माध्यम से मौद्रिक नीति निर्णय को और भी प्रभावी बनाते हुए निर्णय लेने की प्रक्रिया का विकेन्द्रीकरण किया गया है।

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मौद्रिक नीति समिति का मुख्य उद्देश्य

मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन मुख्यत देश की मौद्रिक नीति के निर्धारण सम्बंधित निर्णयों हेतु किया गया है। मौद्रिक नीति समिति का मुख्य उद्देश्य देश में मूल्य स्थिरता को बनाए रखना, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना एवं इसे एक निश्चित सीमा के भीतर रखना तथा देश के तीव्र आर्थिक विकास हेतु आवश्यक उपायों का प्रबंधन करना है। आवश्यक नीतिगत ब्याज दर तय करना MPC के सबसे प्रमुख उद्देश्यों में शुमार है।

साथ ही मौद्रिक नीति समिति द्वारा विदेशी मुद्रा के साथ अनुमानित विनिमय दर के संतुलन हेतु भी आवश्यक उपाय लागू किए जाते है। देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली मौद्रिक नीति के तहत रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, कैश रिज़र्व रेश्यो, एसएलआर जैसे महत्वपूर्ण दरों को निर्धारत करने हेतु मानक दरों को तय किया जाता है।

मौद्रिक नीति समिति की संरचना एवं संगठन

मौद्रिक नीति समिति (MPC) की संरचना से सम्बंधित प्रथम सुझाव वर्ष 2015 में तत्कालीन RBI गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा दिए गए थे जिन्होंने इस समिति को 5 सदस्यीय समिति बनाने का सुझाव दिया था। केंद्र सरकार द्वारा समिति हेतु सात सदस्यीय कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा गया था। हालाँकि वर्ष 2016 में इस समिति का गठन 6 सदस्यों को लेकर किया गया था जिस कारण मौद्रिक नीति समिति एक 6 सदस्यीय समिति है। इस समिति के प्रमुख पदाधिकारी निम्न प्रकार से है :-

  • भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर – समिति के अध्यक्ष
  • मौद्रिक नीति के प्रभारी – RBI के कार्यकारी निदेशक या डिप्टी गवर्नर
  • केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित – भारतीय रिजर्व बैंक का एक अधिकारी 
  • केंद्र सरकार द्वारा नामित- 3 स्वतंत्र अधिकारी

इस प्रकार मौद्रिक नीति समिति (MPC) की संरचना कुल 6 सदस्यों से मिलकर बनी होती है जिसमे 3 सदस्य रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के सदस्य होते है एवं अन्य 3 सदस्यों को भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है। रिज़र्व बैंक का गवर्नर मौद्रिक नीति समिति (MPC) का अध्यक्ष होता है।

ये है मौद्रिक नीति समिति के अन्य उद्देश्य

मौद्रिक नीति समिति द्वारा द्वारा निर्धारत अन्य प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार से है :-

  • विनिमय दर में स्थिरता निर्धारित करना
  • सतत विकास हेतु मुद्रास्फीति का नियंत्रण
  • अर्थव्यवस्था के विकास हेतु आवश्यक मौद्रिक उपाय
  • टिकाऊ आर्थिक विकास दर हेतु निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति
  • रोजगार के अवसरों का सृजन करना

क्या है मौद्रिक नीति एवं इसके उपकरण

मौद्रिक नीति (Monetary Policy) से तात्पर्य उस नीति से है जो अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, अर्थव्यवस्था के सतत विकास को जारी रखते हुए प्रभावी मूल्य प्रणाली का विनियमन करती है एवं देश में रोजगार के नवीन अवसर पैदा करती है। देश में मौद्रिक नीति (Monetary Policy) का नियमन मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) द्वारा किया जाता है जिसके लिए समिति द्वारा निम्न उपायों को लागू किया जाता है :-

  • रेपो दर
  • रिवर्स रेपो रेट
  • नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर)
  • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ)
  • वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर)
  • खुले बाजार की कार्यवाहियाँ
  • बैंक दर (Bank rate)
  • बाजार स्थिरीकरण योजना (एमएसएस)

मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee), कार्यप्रणाली एवं अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

मौद्रिक नीति समिति द्वारा देश में मौद्रिक नीति से सम्बंधित सभी मानक दरों एवं सन्दर्भ दरों सम्बंधित निर्णयों को लिया जाता है। देश के मौद्रिक निर्णयों के सम्बंधित फैसले मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों द्वारा बहुमत के आधार पर लिए जाते है। समिति के सभी सदस्यों के पास एक मत होता है एवं सभी निर्णयों को सर्वसम्मति से पारित किया जाता है। मतों के बराबर होने की स्थिति में राज्यपाल के पास निर्णायक मत देने की शक्ति होती है। मौद्रिक नीति समिति द्वारा प्रति 2 माह में मौद्रिक नीति की समीक्षा की जाती है यानी की वर्ष में कुल 6 बार। हालाँकि समिति द्वारा वर्ष में कम से कम 4 बार मौद्रिक समीक्षा हेतु बैठक अनिवार्य होती है।

मौद्रिक नीति समिति के द्वारा देश में आवश्यक नीतिगत ब्याज दर तय की जाती है जिससे की देश की अर्थव्यवस्था का रुख तय होता है। मुद्रास्फीति के अधिक होने की स्थिति में मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा रेपो दरों तथा रिवर्स रेपो दरों में आवश्यक बदलाव किया जाता है जिससे की अर्थव्यवस्था के साथ आम-आदमी के जीवन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

Monetary Policy Committee से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) क्या है ?

मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) देश में मौद्रिक नीति (Monetary Policy) से सम्बंधित निर्णयों को निर्धारित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित संस्था है। इस समिति द्वारा देश की मौद्रिक नीति से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण उपायों के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाता है।

मौद्रिक नीति समिति का गठन किस वर्ष किया गया ?

मौद्रिक नीति समिति का गठन उर्जित पटेल समिति की सिफारिश पर 27 जून 2016 को किया गया था जिसकी प्रथम बैठक 3 अक्टूबर 2016 को मुंबई शहर में आयोजित की गयी थी।

मौद्रिक नीति समिति में कुल कितने सदस्य होते है ?

मौद्रिक नीति समिति एक 6 सदस्यीय समिति है जिसमे 3 सदस्य रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी तथा 3 अन्य स्वतंत्र अधिकारी भारत सरकार द्वारा नामित किए जाते है।

मौद्रिक नीति समिति का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

मौद्रिक नीति समिति का मुख्य उद्देश्य आवश्यक नीतिगत ब्याज दर तय करना, देश में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना, मूल्य नियंत्रण को लागू रखते हुए देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

मौद्रिक नीति समिति का अध्यक्ष कौन होता है ?

मौद्रिक नीति समिति का अध्यक्ष भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर होता है। RBI गवर्नर द्वारा मौद्रिक नीति समिति की अध्यक्षता की जाती है।

देश में मौद्रिक नीति को किसके द्वारा संचालित किया जाता है ?

देश में मौद्रिक नीति को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा संचालित किया जाता है। देश की मौद्रिक नीति से सम्बंधित सभी निर्णय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा लिए जाते है।

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