Mahavir Jayanti 2023 | भगवान महावीर जयंती कब और क्यों मनाई जाती है |

महावीर जयंती जैन धर्म के लोगो के साथ साथ हिन्दू धर्म के लोग भी मनाते है यह दिन महावीर स्वामी जी को समर्पित किया जाता है। कहा जाता है की उन्होंने बचपन में ही भयानक जहरीले सांप पर बिना किसी डर के नियंत्रण पा लिया था तभी से इनका नाम महावीर रख गया था। आज हम आपको बतायेगे Mahavir Jayanti 2023 | भगवान महावीर जयंती कब और क्यों मनाई जाती है, और जानेगे महावीर स्वामी जी के बारे में। महावीर स्वामी जी और महावीर जयंती की समस्त जानकारी प्राप्त करने के इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।

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Mahavir Jayanti 2023
Mahavir Jayanti 2023 | भगवान महावीर जयंती कब और क्यों मनाई जाती है |

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Mahavir Jayanti 2023 क्यों मनाई जाती है ?

जैन और हिन्दू धर्म में Mahavir Jayanti की बहुत मान्यता है। महावीर जयंती का त्यौहार जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी जी को समर्पित किया जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में आध्यात्मिक स्वतंत्रता और अहिंसा का प्रचार किया। उन्होंने मनुष्यो को सभी जीवो का सम्मान वे आदर करना सिखाया। उनके द्वारा दी गयी सभी शिक्षाओं और मूल्यों ने जैन धर्म का प्रचार-प्रसार किया था। जिस वक़्त हिंसा, पशु हत्या, जातिगत भेदभाव जैसी अवस्था थी उस वक़्त उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने कई परवचनो से मनुष्य का मार्गदर्शन किया है।

इस दिन जैन धर्म के अनुयायी महावीर स्वामी जी की प्रतिमा को तेल या जल से स्नान कराते है। महावीर जयंती के अवसर पर लोग जैन मंदिरो में पूजा के लिए जाते है और महावीर जी से या जैन धर्म से सम्बंधित पुरातन स्थलों पर भी जाते है। जयंती वाले दिन प्रतिमा को रथ में बैठा कर पुरे शहर की परिक्रमा करने का प्रावधान है। महावीर जयंती को स्वामी महावीर जी के जन्मदिवस एवं जैन धर्म की स्थापना के रूप में मनाया जाता है। यह जयंती जैनियों के लिए शुभ त्यौहार है।

महावीर स्वामी जी

महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2023) जैन लोगो का प्रमुख त्यौहार है। महावीर स्वामी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में महावीर जयंती मनाई जाती है। महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व क्षत्रियकुंड बिहार में हुआ था। ये जैन धर्म के संस्थापक है और जैन ग्रंथो में भी इनके द्वारा दी गयी शिक्षा का वर्णन आपको देखने को मिलेगा। स्वामी महावीर जी का पहला सिद्धांतो के अनुसार किसी को कष्ट पहुँचाये अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। महावीर जी अपने जीवनकाल में लोगो को सत्य के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते थे। जैन धर्म का मन्ना है की जैन धर्म सभी धर्मो में सबसे प्राचीन धर्म है। इनके पिताजी का नाम राजा सिद्धार्थ एवं माता जी का नाम रानी त्रिशला था। इन्होने 30 वर्ष की उम्र में सन्यास ले लिया था। इनका वास्तविक नाम वर्धमान था। महावीर स्वामी जी 24वे एवं आखरी तीर्थकर थे।

मान्यता है कि जब महावीर जी का जन्म हुआ था तब उन्हें भगवन इंद्र ने दिव्य दूध से स्नान करवाया था। राजा सिद्धार्थ के पुत्र होने की वजह से उनका जीवन काफी शाही था शुरुवाती जीवन उनका राजकुमारों की तरह व्यतीत हुआ हलाकि बाद में उन्होंने अपना शाही जीवन त्याग दिया था। महावीर स्वामी जी का जन्म एक शाही परिवार में हुआ था वे हमेशा आंतरिक शांति और आध्यात्मिकता की तलाश में रहते थे इसलिए उन्होंने 30 वर्ष की उम्र में सांसारिक मोह-माया और राज-वैभव को त्याग दिया था। वर्धमान ने अपने प्रारंभिक जीवन में जैन धर्म की मान्यताओं की ओर अपनी रुचि दिखाई और ध्यान करना शुरू किया। अपना मन तन शुद्ध रखने के लिए स्वामी जी नियमो का पालन करते थे अपना ज्यादा समय तपस्या और साधना में लगते थे। 72 साल की उम्र ने उन्होंने अपने शरीर को त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति कर ली थी।

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महावीर जयंती कब मनाई जाती है ?

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी को महावीर जयंती मनाई जाती है। सनातन धर्म में माना जाता है की इस दिन महावीर स्वामी जी का जन्म हुआ था। यह दिन अक्सर मार्च या अप्रैल महीने में आता है। इस दिन को स्वामी जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्वामी जी को प्रसन्न करने के लिए इनकी पूजा की जाती है और स्वामी जी की मूर्ति को पालकी में बैठा कर शोभायात्रा भी निकली जाती है। महावीर स्वामी जी का जलाभिषेक चाँदी व सोने के कलश से किया जाता है। जैन मंदिरो में पूजा की जाती है। महावीर जयंती वाले दिन स्कूल,कॉलेज, कुछ व्यवासय की भी छुट्टी होती है। कोलकाता के जैन मंदिर और बिहार के पावापुरी मंदिर में इस दिन काफी बड़े स्तर पर पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन भक्त पुरे भक्ति भाव के साथ पूजा-अर्चना करते है और पूजा में लीन हो जाते है।

Mahaveer Jayanti 2023

जैन धर्म के 24 वे और अंतिम तीर्थकर महावीर स्वामी जी की जयंती इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी (13) 4 अप्रैल 2023 मंगलवार को बैठ रहा है। त्रियोदशी की तिथि का समय 3 अप्रैल 06:24 से 4 अप्रैल 08:05 होगा। तीथकर वे होते है जो अपनी इन्द्रियों और भावनाओ पर विजय प्राप्त कर लेते है इन्होने भी 12 साल की कड़ी तपस्या के बाद आत्मज्ञान प्राप्त किया था।

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महावीर स्वामी के पंचशील सिद्धांत

महावीर स्वामी जी के पांच सिद्धांत है :-

  • सत्य :- महावीर जी कहते है की मनुष्य को किसी भी स्थिति में झूठ नहीं बोलना चाहिए। मनुष्य को हर स्थिति में सत्य का अनुशरण करना चाहिए। सत्य सिद्धांत का पालन करने वाले लोग हमेशा सच ही बोलेगे।
  • अहिंसा :- स्वामी महावीर जी का कहना है की मनुष्य को अपने जीवन में हिंसा का त्याग कर देना चाहिए और जीव जन्तुओ के प्रति भी प्रेम और समानता का भाव रखना चाहिए।
  • अपरिग्रह :- अपरिग्रह के विषय में महावीर जी ने कहा है की मनुष्य को अपनी जरुरत से ज्यादा सामान इक्कठा करने से बचना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने सुख शांतिमय जीवनयापन व्यतीत करने के लिए आवश्यकता अनुसार ही वस्तुओ का संग्रह करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति कभी सुखी और खुश नहीं रह सकता जो जरुरत से ज्यादा वस्तुओ से लगाव करता है।
  • अस्तेय :- महावीर जी का चौथा सिद्धांत है अस्तेय, जिसका अर्थ होता है चोरी न करना। लेकिन यह चोरी शब्द का अर्थ केवल भौतिक चीजे ही नहीं अपितु दुसरो के प्रति बुरी दृष्टि से भी है। जो मनुष्य अपने जीवन काल में अस्तेय का पालन करता है वो सदैव अपना कार्य संयम के साथ करता है। शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए अस्तेय का पालन करना चाहिए तभी आपके मन को शांति की प्राप्ति होगी।
  • ब्रम्हचर्य :- ब्रमचर्य के बारे में भी स्वामी जी ने अनमोल उपदेश दिए है। उन्होंने ब्रमचर्य को उत्तम तपस्या बताया है। ब्रमचर्य मोह-माया को त्याग कर अपनी आत्मा में लींन हो जाने की प्रक्रिया है। इसका पालन करने से मन को आंतरिक शांति को सुकून की प्राप्ति होती है। इसका पालन करते समय मनुष्य को किसी भी प्रकार की कामुक गतिविधि में सम्मिलित नहीं होना चाहिए। इसके अनुसार शुद्धता के लक्षण प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है।

Mahavir Jayanti 2023 से सम्बंधित प्रश्न व उनके उत्तर

महावीर स्वामी जी कौन है ?

स्वामी महावीर जी जैन धर्म के 24वे और अंतिम तीर्थकर है।

महावीर स्वामी जी ने कितने वर्ष तपस्या की थी ?

महावीर स्वामी जी को 12 वर्ष कठोर तपस्या के बाद आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति हुई थी।

महवीर स्वामी के 5 सिद्धांत कौनसे है ?

महावीर स्वामी जी के पांच सिद्धांत सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रमचर्य है।

Mahavir Jayanti 2023 कब है ?

4 अप्रैल 2023 को महावीर जयंती है।

महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है ?

महावीर जयंती स्वामी महावीर जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है।

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