लाल किले का इतिहास | जानिए लाल किले पर ही क्यों फहराया जाता है तिरंगा? कैसे हुई इसकी शुरुआत | Red fort history in hindi

प्रतिवर्ष 15 अगस्त के अवसर पर भारत के प्रधानमन्त्री नयी-दिल्ली स्थित लालकिले पर तिरँगा झंडा फहराते है एवं राष्ट्र को सम्बोधित करते है। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमन्त्री लालकिले पर ही तिरंगा झंडा फहराते है ऐसे में अकसर आपके मन में ही यह सवाल कौंधा होगा की आखिर प्रधानमन्त्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले में ही तिरंगा झंडा क्यों फहराते है ? किसी अन्य ऐतिहासिक स्थान पर क्यों नहीं ?

चलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके इसी सवाल का जवाब देने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सिर्फ लाल किले पर ही तिरंगा क्यों फहराया जाता है एवं इसकी शुरुआत कैसे हुई थी। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको लाल किले का इतिहास (Red fort history in hindi) सम्बंधित अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी प्रदान की जाएगी।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp
लाल किले का इतिहास
लालकिले का इतिहास

लाल किले का इतिहास

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले में ही तिरंगा झंडा क्यों फहराते है ? इस सवाल का जवाब जानने से पूर्व हमे यह जानना आवश्यक है की लाल किले का इतिहास (Red fort history in hindi) क्या है।

वास्तव में किसी परंपरा के बारे में जानने से पूर्व इससे सम्बंधित धरोहर के इतिहास के बारे में जानना आवश्यक है तभी हम सम्बंधित परंपरा को आसानी से समझ सकते है। 16वीं शताब्दी में भारतीय मानचित्र पर मुग़ल साम्राज्य का उदय हुआ था। 17वीं शताब्दी तक मुग़ल साम्राज्य भारत में शक्ति के प्रमुख केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित हो चुके थे।

red fort

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

लाल किले का इतिहास मुग़ल बादशाह शाहजहाँ से शुरू होता है। मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा मुग़ल साम्राज्य की राजधानी दिल्ली से आगरा स्थानांतरित की गयी थी। इसके पश्चात 1638 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा राजधानी को पुनः आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किया गया एवं बादशाह के निवास करने हेतु लाल किले के निर्माण का आदेश दिया गया।

वर्ष 1638 में ताजमहल का डिजाईन बनाने वाले उस्ताद अहमद लाहौरी द्वारा लाल किले का डिजाईन भी तैयार किया गया एवं निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। 10 वर्षो के अथक परिश्रम के पश्चात वर्ष 1648 में लालकिला बनकर तैयार हुआ एवं बादशाह शाहजहाँ इसमें निवास करने लगे।

अपने इतिहास में लाल-किला शाहजहाँ, औरंगजेब एवं अन्य मुग़ल बादशाहों के प्रमुख निवास एवं सत्ता के रूप में स्थापित रहा है। मुग़ल काल एवं औपनिवेशिक काल में लाल-किला सत्ता का प्रमुख केंद्र था। अपने इतिहास के दौरान प्रतीकात्मक शक्ति के प्रतीक लालकिले पर विभिन आक्रमणकारियों के द्वारा आक्रमण किया गया। शक्ति का प्रमुख केंद्र होने के कारण यह किला सदैव ही भारतीय राजनीति के केंद्र में रहा है।

जानें लाल किले पर ही क्यों फहराया जाता है तिरंगा?

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले पर ही तिरंगा फहराने का कोई मुख्य या ऐतिहासिक कारण नहीं है। मध्यकालीन मुग़ल साम्राज्य एवं इसके पश्चात औपनिवेशिक काल में दिल्ली भारत की राजधानी थी ऐसे में दिल्ली में स्थित लालकिला देश में सत्ता का केंद्रबिंदु था। भारत में मुग़ल शासन के दौरान यह किला देश में सत्ता, राजनीति एवं शक्ति के केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित हो चुका था जिसे स्वतंत्रता संग्राम एवं औपनिवेशिक काल के दौरान भी पर्याप्त महत्व मिला था।

यही कारण है की लालकिले की ऐतिहासिक, राजनैतिक एवं सत्ता के केंद्र बिंदु के रूप महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले पर भारत के प्रधानमन्त्री के द्वारा तिरंगा झंडा फहराया जाता है। लालकिला भारत की राजनीति के केंद्रबिंदु के रूप में स्थापित रहा है ऐसे में इस स्थान पर झंडा फहराया जाना सत्ता के केंद्र को प्रदर्शित करता है।

आजादी के आंदोलन का केंद्रबिंदु

लालकिला स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी भारतीय राजनीति में प्रमुख स्थान रखता है। वर्ष 1857 में भारतीय जनता के द्वारा ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के प्रति प्रथम बार वृहद् स्तर पर क्रांति की गयी थी जिसे की 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना गया। इस आंदोलन एक दौरान भी क्रांतिकारियों के द्वारा लालकिले में तत्कालीन मुग़ल बादशाह बहादुर शाह जफ़र को क्रांति का नेता घोषित किया गया था। यही कारण है की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी लालकिला विभिन क्रांतिकारी एवं राजनैतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में स्थापित था।

लालकिले पर तिरंगा फहराने की शुरुआत

लालकिले पर तिरंगा फहराने की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता के साथ ही हो गयी थी। 15 अगस्त 1947 को भारत 200 वर्षो के औपनिवेशिक शासन के चँगुल से आजाद हुआ था। भारत की आजादी के मौके पर 15 अगस्त 1947 के दिन ही देश के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा लालकिले पर तिरंगा फहराया गया था। नेहरू जी द्वारा लाल किले पर तिरंगा फहराना इस स्थान को सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसके पश्चात लालबहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गाँधी एवं भारत के अन्य प्रधानमंत्रियों से लेकर वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भी इस परम्परा का पालन किया जा रहा है।

लाल किले का इतिहास सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

लाल किले का निर्माण किस बादशाह द्वारा करवाया गया था ?

लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा करवाया गया था।

लाल किले के निर्माण का मुख्य वास्तुकार कौन था ?

लाल किले के निर्माण का मुख्य वास्तुकार ताजमहल का निर्माण करने वाले उस्ताद अहमद लाहौरी थे।

लाल किले का इतिहास सम्बंधित जानकारी प्रदान करें ?

लाल किले का इतिहास सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको Red fort history in hindi सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले में ही तिरंगा क्यों फहराया जाता है ?

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़ सकते है। यहाँ आपको इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया गया है।

लालकिले पर तिरंगा फहराने की शुरुआत कब हुयी ?

लालकिले पर तिरंगा फहराने की शुरुआत 15 अगस्त 1947 से हुयी थी जब प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा प्रथम बार लालकिले पर तिरंगा फहराया गया था।

Leave a Comment