पतंगों के त्योहार पर निबंध, इतिहास (Kite festival India Date, History in Hindi)

पतंगों के त्योहार पर निबंध – तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की हम सभी इस भारत देश में निवास करते है। हमारे इस भारत देश में अनेक प्रकार के लोग रहते है। जो की अलग-अलग प्रथाओं से जुड़े हुए होते है। आप सभी यह भी जानते ही है की भारत में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है। जैसे की – होली, दिवाली, रक्षाबंधन आदि जैसे कई अन्य त्यौहार भी मनाये जाते है। परन्तु क्या आप में से कभी किसी ने पतंगों के त्योहारों के बारे में सुना है। जी हाँ दोस्तों भारत में ऐसी कई जगह है जहाँ पर यह त्यौहार मनाया जाता है और यह त्यौहार काफी मशहूर भी है। इस दिन लोग पतंग उड़ाते है और उसके साथ-साथ बहुत से स्थानों पर पतंगों की प्रतियोगिता भी रखी जाती है। वैसे तो उस त्यौहार का नाम कुछ और होता है परन्तु उस त्यौहार पतंगे भी उड़ाई जाती है इसलिए उस त्यौहार को पतंगों का त्यौहार भी कहा जाता है।

Jesus Christ कौन थे? ईसा मसीह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp
पतंगों के त्योहार पर निबंध, इतिहास
Kite festival India Date, History in Hindi

आप सभी को यह बता दे की इस त्यौहार को भारत के बहुत से हिस्सों में मनाया जाता है। तो दोस्तों क्या अपने कभी इससे पहले इस त्यौहार के बारे में सुना है। अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये इस त्यौहार के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है। जैसे की – पतंगों का त्यौहार कौन सा होता है और पतंगों के त्योहार पर निबंध, इतिहास आदि जैसी कई अन्य जानकारी। तो दोस्तों क्या आप भी इस त्योहार के बारे में जानना चाहते है। अगर हाँ तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।

तो दोस्तो अगर आप भी इस त्योहार से सम्बंधित जानकारी के बारे में जानना चाहते है तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा क्योंकि इस लेख में ही हमने इससे सम्बंधित जानकारी के बताया हुआ है। जिसको पढ़ने से ही आप इसके बारे में जान सकोगे। तो दोस्तों इसलिए कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े

इस पर भी गौर करें :- क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में (Essay on Christmas Day in Hindi)

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

पतंगों के त्योहार पर निबंध | Festival of Kites

तो दोस्तों जैसा की आप सभी को यह जिस त्यौहार के बारे में हम सभी बात कर रहे है जिसको पतंग का त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। उस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इसके बारे में तो लगभग सभी लोग जानते होंगे। यह त्यौहार हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन अधिकतर उत्तर भारत में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन लोग खिचड़ी का सेवन करते है और उसके साथ-साथ इस दिन तिल और गुड़ इस्तेमाल करके बहुत सी चीजें बनायीं जाती है जिसका लोग सेवन करते है और पतंग भी उड़ाते है इसलिए ही इस त्यौहार को पतंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। आप सभी को यह भी बता दे की वैसे तो इस त्यौहार को पूरे देश भर में मनाया जाता है।

देश भर में इस त्यौहार को अलग-अलग नामों से जाना जाता है व मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इस त्यौहार को पोंगल के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए ही इस दिन को सम्पूर्ण भारत वर्ष में त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। भले ही हमारे देश में इस दिन को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है परन्तु सभी रूपों में इस पर्व को मनाने का एक ही उद्देश्य होता है। इस दिन लोग दान भी करते है क्योंकि माना यह जाता है की इस दिन दान करने से अधिक पुण्य प्राप्त होता है।

साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन

इस त्यौहार को गुजरात राज्य में और अन्य कई राज्यों में पतंगों के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो देश के बहुत से राज्यों में इस दिन पतंगे उड़ाने की परंपरा है लेकिन ख़ास तौर पर गुजरात में इस त्यौहार की काफी मान्यता है और इस दिन लोग पतंगों की प्रतियोगिताओं में भाग भी लेते है। हर वर्ष गुजरात राज्य में 6 जनवरी से शुरू होकर 15 जनवरी तक पतंग महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। आप सभी को यह भी बता दे की गुजरात में इस त्यौहार यानी के मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।

मकर संक्रांति क्यों मनाते है | Why celebrate Makar Sankranti

मकर संक्रांति के माना यह जाता है की इस दिन यानी के 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और इसी दिन से सूय भी उत्तरायण होना शुरू कर देता है। इस दिन से ही भारत के अधिकतर किसान अपनी फसलों को काटना प्रारम्भ कर देते है। इस दिन से मौसम में काफी बदलाव आने लगते है। इस दिन से मौसम ठन्डे से गर्मी की ओर बढ़ने लगता है यानी के इस दिन से ठण्ड कम होना प्रारम्भ हो जाता है। आप सभी को यह बता दे की वैसे तो हर माह में एक संक्रांति आती है परन्तु यह सक्रांति काफी ख़ास होश है जिसको सम्पूर्ण भारत में इस दिन को त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस डे (Christmas Day) क्यों मनाते है | क्रिसमस शब्द का अर्थ क्या है

पतंगों का इतिहास

तो दोस्तों अब हम आप सभी को यहाँ पर पतंगों के इतिहास के बारे में बताने वाले है। तो दोस्तों इसलिए आप सभी को बता दे की माना यह जाता है की पतंग की शुरुआत चीन के द्वारा करीब 2800 वर्ष पहले की गयी थी। पतंगों का आविष्कार का श्रेय चीन के निवासी मोजी और लू बैन नामक दो व्यक्तियों को दिया जाता है। उस समय पतंग को मनोरंजन के तौर पर नहीं उड़ाया जाता था बल्कि उस समय इसका उपयोग सन्देश देने के लिए किया जाता था। उसके साथ-साथ इसका प्रयोग हवा की तीव्रता को मापने के लिए किया जाता था। उसके बाद यानी के 5वी शताब्दी के पश्चात इसका उपयोग पहले वाले उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाता था।

उसके बाद इसका उपयोग केवल मनोरंजन के रूप में किया जाने लगा। उसके बाद से आज के समय तक लोग पतंगों का उपयोग मनोरंजन के रूप में ही करते है।

कब है लोहड़ी का पर्व? जानें इसका महत्व और पौराणिक कथा

इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर यहाँ पर जानिए

पतंगों का त्यौहार किस दिन मनाया जाता है ?

यह त्यौहार हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन अधिकतर उत्तर भारत में मनाया जाता है।

पतंगों के त्यौहार का असली नाम क्या है और इस दिन क्या क्या किया जाता है ?

मकर संक्रांति के दिन लोग खिचड़ी का सेवन करते है और उसके साथ साथ इस दिन तिल और गुड़ इस्तेमाल करके बहुत सी चीजें बनायीं जाती है जिसका लोग सेवन करते है और पतंग भी उड़ाते है इसलिए ही इस त्यौहार को पतंगों का त्यौहार भी कहा जाता है।

मकर संक्रांति क्यों मनाते है

मकर सक्रांति के माना यह जाता है की इस दिन यानि के 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और इसी दिन से सूय भी उत्तरायण होना शुरू कर देता है। इस दिन से मौसम में काफी बदलाव आने लगते है। इस दिन से मौसम ठन्डे से गर्मी की ओर बढ़ने लगता है यानि के इस दिन से ठण्ड कम होना प्रारम्भ हो जाता है

पतंग महोत्सव कब से कब मनाया जाता है ?

हर वर्ष गुजरात राज्य में 6 जनवरी से शुरू होकर 15 जनवरी तक पतंग महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

Leave a Comment