सड़क के किनारे फ़ास्ट-फ़ूड की ठेलियां हो या बाजार में सजी फ़ास्ट-फ़ूड की दुकानें। हर जगह आपको लोगो की भीड़ नजर आती है। आखिर Junk Food के दीवाने पूरी दुनिया में है। अगर आप भी इस भीड़ का हिस्सा है तो एक पल के लिए ठहरकर अपनी सेहत के बारे में सोचें और फ़ास्ट-फ़ूड का आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बारे में विचार करें।
वर्तमान समय में अधिकतर लोगो को फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड से होने वाले नुकसानों के बारे में पता है परन्तु अधिकतर लोग स्वाद के चक्कर में अपनी सेहत के साथ समझौता करते है और फ़ास्ट-फ़ूड का खूब सेवन करते है। अगर आप भी फ़ास्ट-फ़ूड के दीवाने है तो आपको हमारा आज का यह आर्टिकल अवश्य पढ़ना चाहिए।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों और कैसे नुकसानदायक है (how Junk Food and Fast Food are harmful for our health).
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको फ़ास्ट-फ़ूड के प्रभावों सम्बंधित अतिरिक्त जानकारी भी प्रदान की जाएगी जिससे की यह आर्टिकल फ़ास्ट-फ़ूड के आपकी सेहत पर प्रभावों को लेकर आँखे खोलने वाला सिद्ध होगा। साथ ही यहाँ फ़ास्ट-फ़ूड के नुकसान और इसके कारणों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
Junk Food, Fast Food के नुकसानदायक
फ़ास्ट-फ़ूड एवं जंक-फ़ूड का पूरी दुनिया में प्रचलन है। सभी उम्र वर्ग के लोग फॉस्ट-फ़ूड का सेवन करना खूब पसंद करते है यही कारण है की आपको गली-गली, चौराहों और नुक्कड़ पर फ़ास्ट-फ़ूड की दुकाने मिल जाएगी।
अधिकतर लोग फ़ास्ट-फ़ूड के नुकसानों के बारे में अवगत होने के बावजूद भी इसका सेवन करते है जिसका कारण फ़ास्ट-फ़ूड का आसानी से उपलब्ध होना एवं स्वादिष्ट होना है।
इसके अतिरिक्त विभिन प्रकार के कृत्रिम तत्त्व भी फ़ास्टफ़ूड के स्वाद को बढ़ा देते है जिससे की लोग इस प्रकार के खाने की ओर आकर्षित होते है।
फ़ास्ट-फ़ूड में नमक, ट्रांस वसा, वसा एवं कैलोरी की मात्रा निर्धारित मानकों से कई अधिक होती है यही कारण है की ये खाद्य खाने में स्वादिष्ट होते है परन्तु सेहत की दृष्टि से ये मानव शरीर के लिए विष की भाँति कार्य करते है।
फ़ास्ट-फ़ूड में मिलाये गए फैट, अतिरिक्त कैलोरी, सोडियम और शुगर हमारी स्वाद कोशिकाओ को निष्क्रिय कर देते है और हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते है।
फ़ास्ट-फ़ूड क्या है ?
फ़ास्ट-फ़ूड के नुकसान के बारे में जानने से पूर्व यह जानना आवश्यक है की फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड क्या है ? जैसे की इसके नाम से ही इंगित होता है की फ़ास्ट-फ़ूड या त्वरित भोजन (Fast-food) तुरंत तैयार होने वाला भोजन है जिसको बनाने के लिए अधिक समय लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
जंक-फ़ूड का अर्थ व्यर्थ भोजन (Junk Food) होता है जो की सेहत के अनुसार व्यर्थ होता है। हालांकि अगर वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार देखें तो फ़ास्ट-फ़ूड वह भोजन होता है।
जिसमे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे वसा, ट्रांस-फैट, सोडियम, शुगर, अधिक कैलोरी, कार्बोनेट और अन्य तत्वों की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक होती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थो में शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा नगण्य होती है।
Junk Food, Fast Food के स्वादिष्ट होने के प्रमुख कारण यह है की इस प्रकार के भोजन में स्वाद को बढ़ाने वाले तत्वों जैसे की नमक ट्रांस-फैट और वसा की मात्रा अधिक होती है।
जो की हमारे स्वाद की इन्द्रियों को उत्तेजित करने का कार्य करती है। इससे अधिकतर लोगो को फ़ास्ट-फ़ूड स्वादिष्ट लगता है परन्तु यह सेहत के लिए नुकसानदायक ही होता है। फ़ास्ट-फ़ूड को आकर्षक और स्वादिष्ट बनाने के लिए अकसर कई प्रकार के कृत्रिम रंगो और स्वाद का भी उपयोग किया जाता है।
जो की इसे आकर्षक बना देते है परन्तु हमारी सेहत के लिए बिलकुल भी लाभदायक नहीं है। चाउमिन, मोमो, नमकीन, स्नैक फूड, स्प्रिंग-रोल, गम, शक्कर युक्त मिठाइयां, कैंडी, पेय, बर्गर, कोको कोला, फ्रेंच फ्राइज, पीजा, आलू के चिप्स, केक, हॉट-डॉग, पेनकेक्स, डोनट्स, तला हुआ भोजन एवं मीठे कार्बोनेटेड पदार्थ फ़ास्ट-फ़ूड एवं जंक-फ़ूड की श्रेणी में शामिल किये जाते है।
Junk Food, Fast Food सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
Junk Food, Fast Food के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पूर्व आपको विभिन संस्थानों द्वारा आयोजित किये गए इन सर्वेक्षणों को अवश्य देखना चाहिए :-
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के द्वारा आयोजित किये गए विभिन सर्वेक्षणों से ज्ञात हुआ है की फ़ास्ट-फ़ूड में विभिन हानिकारक पदार्थों की मात्रा बहुत अधिक है जिसमे फैट, कार्बोनेटेड-ड्रिंक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल है।
- खाद्य-सुरक्षा एवं मानक-प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा विभिन जगहों से लिए गए फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड के नमूनों में वसा एवं सोडियम की मात्रा निर्धारित श्रेणी से बहुत अधिक पायी गयी है।
- विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र द्वारा आयोजित विभिन सर्वेक्षणों में भी फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड में वसा एवं सोडियम की अधिक मात्रा सम्बंधित परिणाम मिले है।
- भारतीय प्रेस-ब्यूरो द्वारा फ़ास्ट-फ़ूड पर प्रकाशित की गयी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990 में जहाँ देश में दीर्घकालिक रोग (Chronic Diseases (NCDs) की दर 30.5 फीसदी थी वही 2016 में यह बढ़कर 55.4 फीसदी हो गयी है जो की देश के बहुमूल्य मानव संसाधन के लिए चिंता का विषय है।
- भारत सरकार द्वारा आयोजित किये गए विभिन सर्वेक्षणों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है की देश में डॉयबिटीज़, हृदय-रोग और लिवर रोगो के होने का एक प्रमुख कारण जंक-फ़ूड का सेवन करना है।
जंक फूड, फ़ास्ट-फ़ूड के नुकसान (Disadvantages of Junk Foods, fast-food)
जंक फूड, फ़ास्ट-फ़ूड भले की स्वाद में आपको कुछ समय के लिए आनंद दे सकते है परन्तु इनके कारण सेहत को होने वाले दीर्घकालिक नुकसान वास्तव में आपके लिए चौंकाने वाले है। यहाँ आपको फ़ास्ट-फ़ूड के कारण होने वाले प्रमुख नुकसानो और इसका कारण भी बताया गया है।
वजन बढ़ना (weight gain)
जंक-फ़ूड के सेवन से वजन बढ़ने के बारे में हजारों वैज्ञानिक शोध हो चुके है और इनमे यह सिद्ध हो चुका है की वजन बढ़ाने में फ़ास्ट-फ़ूड का योगदान सबसे अधिक है।
फ़ास्ट-फ़ूड में स्वाद बढ़ाने के लिए विभिन प्रकार के पदार्थ मिलाये जाते है जिससे की यह खाने में अत्यंत स्वादिष्ट लगता है। यही कारण होता है की कई- बार हम स्वाद के चक्कर में अपनी क्षमता से अधिक फ़ास्ट-फ़ूड का सेवन कर लेते है।
यही कारण होता है की फ़ास्ट-फ़ूड के कारण हमारे वजन में तेजी से वृद्धि होती है और और हम विभिन रोगो से ग्रस्त हो जाते है।
कारण (Cause)- फ़ास्ट-फ़ूड के कारण वजन बढ़ने का मुख्य कारण यह है की अधिकतर फ़ास्ट-फ़ूड तैलीय होते है और उच्च-ट्रांस फैट से युक्त होते है। साथ ही फ़ास्ट-फ़ूड में कैलोरी भी अधिक मात्रा में होती है। यही कारण है की जब भी हम फ़ास्ट-फ़ूड का सेवन करते है तो वसा हमारे शरीर में जमा होने लगती है और हम मोटापे का शिकार हो जाते है।
मधुमेह का खतरा (diabetes)
मधुमेह या जिसे diabetes भी कहा जाता है आज वर्तमान जीवन-शैली का सामान्य हिस्सा चुका है। जहाँ पहले मधुमेह को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था आजकल फ़ास्ट-फ़ूड के सेवन के कारण किशोर और बच्चे भी इस बीमारी का शिकार बन रहे है।
जंक-फ़ूड के प्रभाव के कारण मधुमेह की समस्या आज महामारी का रूप ले चुकी है और सभी वर्ग के उम्र के लोगो को अपने चपेट में ले रही है।
मधुमेह के कारण लोगो को अपना सामान्य जीवन जीने में समस्या का सामना करना पड़ता है और हाई-बीपी जैसी समस्याओ से जूझना पड़ता है। साथ ही यह बीमारी ताउम्र व्यक्ति के साथ रहती है ऐसे में रोगी इससे परेशान रहता है।
कारण (Cause)- जंक-फ़ूड में विभिन प्रकार की प्रोसेस्ड शुगर पायी जाती है जो की शरीर में शुगर के लेवल को अनियंत्रित कर देती है। यही कारण है की अत्यधिक फ़ास्ट-फ़ूड का सेवन मधुमेह का एक आम कारण है।
हृदय रोग-(heart disease)
अगर हृदय रोगो की बात करें तो हमारा देश हृदय रोगियों की संख्या में सबसे आगे के देशों में शुमार है जिसका एक प्रमुख कारण फ़ास्ट-फ़ूड और अत्यधिक तले-भुने खाने का सेवन करना है।
फ़ास्ट-फ़ूड के कारण हमारे देश में हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुयी है और इसके कारण हार्ट-अटैक के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुयी है। फ़ास्ट-फ़ूड में उपयोग किये जाने वाले सोडियम का अत्यधिक सेवन भी दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक है जिससे की हृदय के बीमार होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
कारण (Cause)- जंक-फ़ूड जैसे की नमकीन, तले-हुये चिप्स और अन्य प्रोसेस्ड फ़ूड को तलने के लिए तेल का खूब उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इन फूड्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई सोडियम और कई प्रकार का फ़ूड-प्रिज़र्वेटिव्स भी मिलाये जाते है।
इन फूड्स में मिलाये जाने वाले पदार्थो से हृदय की धमनियाँ चोक होने लगती है और हमारे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता पर भी इससे असर पड़ने लगता है यही कारण है की हृदय रोगो के लिए जंक-फ़ूड को प्रमुख कारण में शुमार किया जाता है।
दांतों का सड़ना (tooth decay)
दांतों की समस्या के लिए भी जंक-फ़ूड प्रमुख रूप से उत्तरदायी होते है। इन फूड्स में शुगर अधिक मात्रा में मिलाई जाती है जिससे की यह बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करते है। सोडा, बेक्ड-आइटम्स, पेस्ट्री और अन्य प्रोसेसेडी मीठे खाद्य बच्चो के द्वारा बड़े चाव से खाये जाते है जो की उनके दांतों को लम्बे समय में नुकसान पहुँचाते है।
कारण (Cause)-जंक-फ़ूड में स्वाद के लिए विभिन प्रकार की प्रोसेस्ड शुगर का उपयोग किया जाता है। साथ ही यहाँ शुगर की मात्रा भी निर्धारित मानकों से अधिक होती है। इन्हे खाने के बाद इसके कण हमारे दांतो के बीच में चिपक जाते है विभिन प्रकार के जीवाणु इन्हे अपघटित कर देते है। इसके परिणामस्वरूप हमारे दांतों का इनेमल क्षयित होने लगता है और दांतों का सड़ना शुरू हो जाता है।
पोषण-तत्वों की कमी (lack of nutrition)
फ़ास्ट-फ़ूड में पोषक पदार्थो की मात्रा नगण्य होती है जिसके कारण यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करने में असफल रहता है।
फ़ास्ट-फ़ूड के निरन्तरत सेवन से व्यक्ति के शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहायड्रेट, वसा, खनिज-लवण और संतुलित पोषक तत्वों का अभाव हो जाता है और व्यक्ति विभिन रोगो का शिकार हो जाता है।
कारण (Cause)– फ़ास्ट-फ़ूड में पोषक-तत्वों की कमी होती है वही इसमें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते है जो की आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होते है।
लम्बे समय से इसके सेवन से व्यक्ति के शरीर को आवश्यक पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते और वह पोषण-तत्वों से वंचित रह जाता है।
कृत्रिम सामग्री (artificial ingredients)
फ़ास्ट-फ़ूड को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कई प्रकार के कृत्रिम खाद्य पदार्थों को मिलाया जाता है जिससे की इनका स्वाद तो बढ़ जाता है परन्तु ये पदार्थ हमारे शरीर में विभिन प्रकार के रोग उत्पन कर देते है। फ़ास्ट-फ़ूड और अन्य खाद्य पदार्थो में मुख्य रूप से कृत्रिम रंग और मिठास का इस्तेमाल किया जाता है जो की हमे दीर्घकालीन नुकसान पहुंचाते है।
कारण (Cause)– फ़ास्ट-फ़ूड का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें विभिन प्रकार के कृत्रिम पदार्थ मिलाये जाते है जिनमे कृत्रिम रंग और मिठास प्रमुख है।
इसके अतिरिक्त फ़ास्ट-फ़ूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट या एमएसजी (Monosodium Glutamate (MSG) जिसे की आम बोलचाल की भाषा में अजीनोमोटो भी कहा जाता है का उपयोग किया जाता है। यह हमारी स्वाद ग्रंथियों को बुरी तरह प्रभावित करता है और हमारी स्वाद लेने की क्षमता पर भी असर डालता है।
फ़ास्ट-फ़ूड, जंक-फ़ूड के अन्य नुकसान
फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड के अंतर्गत विभिन तले-भुने पदार्थ, नमकीन, बेवरेज और कार्बोनेटेड पेय-पदार्थ शामिल है। सेहत पर इनके हानिकारक प्रभाव इस प्रकार से है :-
- बच्चों पर प्रभाव – बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में फ़ास्ट-फ़ूड और जंक-फ़ूड से उनकी शारीरिक वृद्धि और मानसिक क्षमताएँ प्रभावित होती है और वे विभिन रोगो से ग्रस्त हो जाते है।
- किशोरों पर प्रभाव– किशोरों के बीच फ़ास्ट-फ़ूड की बढ़ती लत के कारण ऊर्जा में कमी और शरीर में पोषक-तत्वों का अभाव जैसे कई समस्याये उभरकर सामने आयी है जिससे की मानव-संसाधन का नुकसान हुआ है।
- कोका कोक, पेप्सी, कोल्ड-ड्रिंक है हानिकारक- अकसर युवा फ़ास्ट-फ़ूड के साथ कोका कोक, पेप्सी और अन्य कोल्ड-ड्रिंक पीना पसंद करते है परन्तु इनमे कार्बोनेटेड पदार्थों की उच्च-मात्रा पायी जाती है जो की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- बेक्ड-फ़ूड भी है नुकसानदायक– बेक्ड-फ़ूड में भी शुगर की मात्रा अधिक होती है जो की सेहत के लिए लाभदायक नहीं है।
- फ्रेंच-फ्राइज, आलू के चिप्स का प्रभाव– फ्रेंच-फ्राइज, आलू के चिप्स एवं इसी प्रकार की अन्य चिप्स में संरक्षक (food preservatives) के कारण ये खाद्य शरीर पर नकारात्मक असर डालते है। साथ ही ऊर्जा में कमी, जल्दी थकान होना एवं विभिन प्रकार के रोगो का कारण भी इनका सेवन करना है।
कैसा हो हमारा भोजन
हजारों सालों से ही हमारे देश में एक मशहूर लोकोक्ति है की “जैसा अन्न वैसा मन” जिसका अर्थ है की जिस प्रकार का भोजन हम करते है हमारा मस्तिष्क भी उसी प्रकार से कार्य करता है।
वास्तव में देखा जाए तो जो भी चीज जितनी स्वादिष्ट होती है वह सेहत के लिए उतनी ही हानिकारक होती है। इसी लिए आवश्यक है की हम हमेशा अपने स्वास्थ्य और शरीर को ध्यान में रखकर ही भोजन करें। इसके लिए आपको हमेशा ताजा और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन ही करना चाहिए।
हालांकि अधिकांश लोगो को फ़ास्ट-फ़ूड खाना पसंद होता है ऐसे में आवश्यक है की आप इसमें संतुलन बनाये रखें। हफ्ते में कभी-कभार फ़ास्ट-फ़ूड खाना हमारी सेहत पर अधिक असर नहीं डालता ऐसे में कभी-कभी इसका सेवन बेहतर है। इसके अतिरिक्त हाई ट्रांस-फैट, कैलोरी और वसा वाला फ़ास्ट-फ़ूड खाने से बचें।
हमे हमेशा ताजा और संतुलित भोजन ही करना चाहिए। विभिन प्रकार के वैज्ञानिक-अनुसंधानों में यह सिद्ध किया गया है की संतुलित भोजन वह होता है जिसमे की प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, कैल्शियम, आयरन, खनिज-लवण और आवश्यक पोषक तत्त्व पाए जाते है।
इस प्रकार का संतुलित भोजन हमे ऊर्जा और बेहतर सेहत प्रदान करता है जिससे की हम अपने सभी कार्यो को अच्छे से पूरा करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते है।
फ़ास्ट-फ़ूड के नुकसान सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
फ़ास्ट-फ़ूड से हमारे शरीर में विभिन प्रकार की वसा एवं ट्रांस-फैट जमा हो जाती है जिससे की हमें विभिन प्रकार की शारीरिक समस्याये होती है। साथ ही यह हमारे मस्तिष्क पर भी असर डालता है।
फ़ास्ट-फ़ूड में विभिन प्रकार के ट्रांस-फैट, वसा, उच्च-कैलोरी, सोडियम और हाई-कंसन्ट्रेटेड शुगर पाया जाता है। ये सभी चीजें हमारे शरीर को दीर्घकाल में नुकसान पहुँचाती है। इसके अतिरिक्त इसमें विभिन प्रकार के पोषक तत्वों का अभाव भी पाया जाता है जिससे शरीर में विभिन तत्वों की कमी हो जाती है।
हाँ। फ़ास्ट-फ़ूड के सेवन से हमारे मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है। इससे हमारी ऊर्जा कम हो जाती है साथ ही कार्य करने की हमारी मानसिक क्षमता में भी कमी आती है।
फ़ास्ट-फ़ूड से होने वाले मुख्य रोग निम्न है – मोटापा, हृदय-रोग, मधुमेह, दन्त-रोग, पोषक-पदार्थो की कमी
हाँ। कोल्ड-ड्रिंक में कार्बोनेटेड पदार्थ मिलाये जाते है जो की हमारी सेहत को प्रभावित करते है।
फ़ास्ट-फ़ूड में उच्च-कैलोरी और ट्रांस-फैट की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। इसके कारण से हमारे शरीर में वसा के जमाव के कारण मोटापा की समस्या उत्पन होती है।
हमे हमेशा संतुलित भोजन करना चाहिए जिसमे की सभी प्रकार के पोषक-तत्त्व मौजूद हो। संतुलित भोजन वह होता है जिसमे प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहायड्रेट, वसा, कैल्शियम, आयरन, खनिज-लवण और आवश्यक पोषक तत्त्व पाये जाते है।