जज को हिंदी में न्यायाधीश कहते है। जज हमारे देश की न्यायिक सेवाओं में से एक प्रतिष्ठित पद है। भारत में न्यायपालिका का काफी महत्त्व है। यह एक स्वतंत्र संस्था है। जिसको सविधान का रक्षक माना जाता है। जितना महत्त्व अदालत का होता है उतना ही महत्त्व अदालत में फैसला लेने वाले judge (न्यायाधीश) का होता है। यह बहुत ही जिम्मेदारी का पद है। आज हम आपको बतायेगे Judge Kaise Bane : जज अथवा न्यायाधीश कैसे बनते है | जज बनने के लिए योग्यता और साथ ही जानेगे जज से सम्बंधित और भी जानकारिया। यदि आप भी जज बनना चाहते है तो आपको क्या करना चाहिए और जज के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए, Judge Kaise Bane आपके इन सभी सवालो का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगा।
यह भी जाने :- सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन प्रक्रिया
जज कौन होता है ?
Judge (जज) को हिंदी में न्यायाधीश कहते है। जज उस व्यक्ति को कहते है जो कोर्ट में किसी अपराधी के प्रति सही और गलत का निर्णय लेता है। यानी कोर्ट में पेश किये गए सबूतों और गवाहों को मद्देनजर रखते हुए अपना फैसला सुनाता है। जज सविधान के संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है। एक जज की जिम्मेदारियां और शक्तिया अलग अलग न्यायालय में भिन्न होती है। जज वादी और अपराधी के जीवन का फैसला करने के लिए जिम्मेदार होता है। जज अकेले या अन्य लोगो के साथ सम्मिलित रूप से किसी न्यायालय की कार्यवाही की अध्यक्षता करता है। उनका कार्य गवाहों को सुन्ना, साक्ष्यों को परखना और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनना और उसके बाद सही निर्णय करना है।
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जज के प्रकार
जज मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते है
- Civil judge / Magistrate
- For session / District Judge
- High Court Judge
- Supreme Court Judge
Civil judge / Magistrate सबसे निचले स्तर के जज होते है, यह छोटे सिविल मामलो पर सुनवाई करके न्याय देते है। फिर उसके बाद आते है For session / District Judge जो जिला न्यायालय ने बैठ कर वहा आये मामलो की दलीलों को सुनते समझते है और न्यायसंगत फैसला करते है। फिर आते है High Court Judge. प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होता है ये जज वही बैठते है और वह आने वाले राज्य स्तरीय मामलो का फैसला करते है। सबसे आखिर में आते है Supreme Court Judge .सर्वोच्च न्यायालय के जज को सबसे उच्च स्तर होता है।
जज बनने के लिए स्किल्स
- सही और गलत में फर्क करने की समझ होनी चाहिए।
- प्रत्येक सिचुएशन में सोचने समझने की शक्ति होनी चाहिए।
- सामाजिकता का बोध होना चाहिए।
- अपने कर्तव्यों का पालन करना आना चाहिए।
- गंभीर परिस्थितियों में भी सोचने समझने की क्षमता होनी चाहिए।
- सविधान का पालन करना आना चाहिए।
- वित्तीय प्रथाओं तथा अवधारणाओं की भली-भाँति समझ होनी चाहिए।
- व्याख्या करनी आनी चाहिए।
- विपरीत परिस्थियों में भी सही फैसला लेने का सलीका आना चाहिए।
- ईमानदारी और आत्मविश्वास होना चाहिए।
Judge Kaise Bane ?
सरकार द्वारा हर एक पद के लिए कुछ योग्यता निर्धारित की जाती है जिनको पूरा करने के बाद ही कोई व्यक्ति उस पद के योग्य माना जाता है। जज बनने के लिए भी कुछ योग्यता निर्धारित की गयी है जिनके पूरा होने पर ही अभ्यर्थी जज के पद के लिए अप्लाई कर सकता है। जज के पद के लिए नियुक्ति सभी राज्यों में अलग अलग माध्यमों से की जाती है। बहुत से राज्यों में राज्य के हाई कोर्ट द्वारा जज की भर्ती की जाती है तो वही कुछ राज्यों में राज्य लोक सेवा आयोग(state public service commission) के माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।
Civil judge / Magistrate बनने की प्रक्रिया
- 12th पास करे
सबसे पहले मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वी अच्छे नम्बरो से पास करनी होगी
- LAW ग्रेजुएशन करना
फिर किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से LAW में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करे। 12th के बाद आप 5 वर्ष की एलएलबी डिग्री कर सकते हो या फिर 3 वर्ष की कोई भी बेचलर डिग्री करने के बाद भी आप 3 वर्ष की एलएलबी की डिग्री कर सकते हो। न्यायतंत्र के किसी भी क्षेत्र में प्रवेश के लिए आपके पास लॉ की डिग्री होना अनिवार्य होता है जिस व्यक्ति के पास एलएलबी की डिग्री होती है उसको लॉयर कहा जाता है। भारत के अच्छे लॉ कॉलेज में प्रवेश के लिए आपको CLAT (Common Law Admission Test) की परीक्षा पास करनी होती है।
- Civil Judge के लिए अप्लाई करना
भारत सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में State Public Service Commission (राज्य लोक सेवा आयोग) PCS J के माध्यम से Judicial Services Examination या फिर Subordinate Court Examination का आयोजन करवाया जाता है। इन परीक्षाओ को तीन चरणों में विभाजित किया जाता है।
- Preliminary Examination (प्रारंभिक परीक्षा) – जज बनने के लिए आपको सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा पास करना अनिवार्य है। प्रारंभिक परीक्षा में आपको 2 पेपर देने होते है। जिनमे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न आते है। पहला पेपर 150 अंको का होता है जिसको पूरा करने के लिए आपको 2 घंटे का समय मिलता है। दूसरा पेपर 300 अंको का होता है इसको पूरा करने के लिए भी आपको 2 घंटे का समय मिलता है। जब आप इन दोनों पेपर को पास करने लेते हो तो आप मुख्य परीक्षा के योग्य हो जाते हो। दोनों में पास होने के बाद आप मैन्स एग्जाम दे सकते हो।
- Mains Exam (मुख्य परीक्षा) – प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद आप मुख्य एग्जाम देते हो जिसमे आपको 5 पेपर देने होते है 5 पेपर को पूरा करने के लिए आपको 3 घंटे का समय दिया जाता है। पांचो पेपर 200-200 नंबर के होते है यदि आप ये मुख्य परीक्षा भी पास कर लेते हो तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
- Interview (साक्षात्कार) – प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू 100 नंबर का होता है। इंटरव्यू के बाद आपकी पूरी परफॉरमेंस के आधार पर मेरिट निकाली जाती है। मेरिट में जिनका नाम होता है उनको जज बनने के लिए सेलेक्ट कर लिया जाता है। प्रत्येक राज्य में आयु सीमा और एग्जाम पैटर्न थोड़ा भिन्न हो सकता है।
- ट्रैनिग – चयन होने के बाद आपको 1 साल की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमे आपको किसी सीनियर जज के साथ काम करना होता है।
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Civil judge / Magistrate बनने के लिए योग्यता
- 12वी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होनी चाहिए
- मान्यता प्राप्त बोर्ड से लॉ की बेचलर डिग्री
- भारत की नागरिकता होनी चाहिए
- सिविल जज बनने की न्यूनतम आयु 22 वर्ष एवं अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।
For session / District Judge बनने की प्रक्रिया
जिला न्यायाधीश बनने के लिए आपमें योग्यताये होनी चाहिए।
- 12वी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होनी चाहिए
- मान्यता प्राप्त बोर्ड से लॉ की बेचलर डिग्री
- भारत की नागरिकता होनी चाहिए
- इसके लिए उम्र सीमा 35 -45 वर्ष है।
उच्च न्यायलय (High Court) में Judge Kaise Bane
- भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
- एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए।
ये सभी योग्य होने के बाद आपके पास हाई कोर्ट में जज बनने के लिए आपके पास 2 विकल्प होते है
- भारत में किसी भी राज्य में आपको 10 वर्षो तक किस न्यायिक कार्यालय में सेवारत होना होगा या फिर किसी भी राज्य में 10 वर्षो तक वकील के रूप में कार्य करना होगा।
- Higher Judicial Service Exam के लिये अप्लाई करके उसको क्लियर करके भी आप जज बन्न सकते हो हालाँकि इसको अप्लाई करने के लिए भी आपको 7 वर्ष का वकालत का अनुभव होना अनिवार्य है।
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में Judge Kaise Bane
सविधान में सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति के बारे में बताया गया है इस बात का वर्णन आपको सविधान के 122 के दूसरे सेक्शन में मिल जायेगा। संविधान के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कॉलेजियम की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। कॉलेजियम में देश के सीजीआई (CJI) और सुप्रीम कोर्ट के 5 सीनियर जज शामिल होते है। कोलेजियम द्वारा ही हाई कोर्ट के जज की भी नियुक्ति की जाती है।
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में Judge बनने की योग्यता
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
- 12वी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होनी चाहिए
- मान्यता प्राप्त बोर्ड से लॉ की बेचलर डिग्री
- किसी उच्च न्यायालय में कम से कम 5 वर्ष जज के पद पर कार्यरत रहा हो या 10 साल वकालत का अनुभव हो।
Judicial Service Exam क्या है
यदि आप एलएलबी करने के बाद बिना किसी अनुभव के या बिना वकील बने सीधा जज बनना चाहते हो तो आप न्यायिक सेवा परीक्षा (Judicial Service Exam) दे सकते हो। जिला स्तर पर न्यायाधीश बनने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। Judicial Service Exam राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service commission) के तहत करवाया जाता है।
सैलरी
सिविल कोर्ट में जूनियर सिविल जज की सैलरी 45000 प्रतिमाह और सीनियर जज की सैलरी 80000 प्रतिमाह होती है। राज्य के हिसाब से वेतन में अंतर हो सकता है। हाई कोर्ट में मुख्य जज की सैलरी 2.5 लाख रूपए प्रतिमाह है एवं अन्य जज की सैलरी 2.25 लाख रूपए प्रतिमाह और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य जज का वेतन 2.80 लाख है एवं अन्य जज की सैलरी 2.5 लाख है
यह भी जाने :- कोर्ट मैरिज क्या है? कोर्ट मैरिज कैसे करें
Judge kaise bane से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
जज उस व्यक्ति को कहते है जो कोर्ट में किसी अपराधी के प्रति सही और गलत का निर्णय लेता है। यानी कोर्ट में पेश किये गए सबूतों और गवाहों को मद्देनजर रखते हुए अपना न्यायसंगत फैसला सुनाता है।
जज चार प्रकार के होते है।
1) Civil judge / Magistrate 2) For session / District Judge 3) High Court Judge 4) Supreme Court Judge
आप किसी मान्यता प्राप्त महाविद्यालय से एलएलबी की 5 वर्ष की डिग्री भी कर सकते हो या फिर आप कोई बेचलर डिग्री करने के बाद भी 3 साल की एलएलबी डिग्री प्राप्त कर सकते हो।
सुप्रीम कोर्ट में जज के रिटायर होने की उम्र 65 वर्ष है।