15 अगस्त का दिन हमारे देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन हमारे देश को 200 वर्षो से भी अधिक समय तक की पराधीनता से मुक्ति मिली थी जिसके लिए देश के लाखो-करोड़ो लोगो ने अपना अमूल्य योगदान दिया था। 15 अगस्त का दिन हमारी आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महापुरुषों, महानायको और उन लाखों-करोड़ो लोगो की स्मृति का दिवस है जिनका आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस वर्ष हम आजादी की 76वीं वर्षगाँठ मना रहे है। स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमे छात्रों द्वारा आजादी के मौके पर भाषण भी दिया जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप 15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में 2023 सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है। 15 August Speech in Hindi सम्बंधित जानकारी के माध्यम से आप स्कूल में प्रभावी भाषण दे सकते है।
Independence Day Speech In Hindi
हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजो के क्रूर और अन्यायपूर्ण शासन से आजादी मिली थी। आजादी की इस लड़ाई में हमारे देश के लाखों-करोड़ो लोगो ने अपनी भूमिका निभाई थी और देश को अंग्रेजी शासन से मुक्ति दिलाई थी। स्वतंत्रता दिवस के माध्यम से हमारे देश के स्वतंत्रता में योगदान देने वाले महापुरुषों और उनके आदर्शो को याद किया जाता है और नागरिको द्वारा महापुरुषों के आदर्श पर चलते हुए अपने देश को प्रगति-पथ ले जाने हेतु संकल्प किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2023 के माध्यम से आप अपने स्कूल में प्रभावशाली भाषण देने के लिए इस लेख की मदद ले सकते है।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 1
आदरणीय अतिथि महोदय, सम्मानित प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण और कार्यक्रम में उपस्थित मेरे सहपाठी भाइयों और बहनों।
जैसे की आप सभी को विदित होगा की हम यहाँ स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में एकत्रित हुए है। इस वर्ष हमारा देश आजादी की 76वीं वर्षगाँठ मना रहा है जो की हम सभी के लिए हर्ष का विषय है। हमारी स्वतंत्रता के इस महान यज्ञ में अनेक महापुरुषों का योगदान रहा है जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता के आंदोलन की प्रेरित किया है और आजादी पाने के लिए कठिन संघर्ष किया है। ऐसे में अपने भाषण की शुरुआत में चंद पंक्तियों के माध्यम से मैं सर्वप्रथम आजादी के महानायको को याद करना चाहूंगा/चाहूंगी।
आओ झुककर सलाम करें उन्हें,
जिनकी जिंदगी में मुकाम आया है,
किस कदर खुशनसीब है वो लोग,
जिनका लहू भारत के काम आया है !!
वास्तव में हमारी स्वतंत्रता का प्रत्येक क्षण उन महापुरुषों के कठिन संघर्ष का परिणाम है जिन्होंने अपने जीवन का हर पल देश की आज़ादी के लिए न्योछावर कर दिया। अंग्रेजो के अन्यायपूर्ण शासन के खिलाफ सबसे पहले हमारे देश में वर्ष 1857 में स्वतंत्रता का पहला संग्राम शुरू किया गया था जिसमे की हजारो नागरिको ने अपना बलिदान दिया था। इसके पश्चात आजादी के आंदोलन ने जोर पकड़ा और इसी का परिणाम रहा की हमारे देश को वर्ष 15 अगस्त 1947 को गुलामी की बेड़ियों से आजादी मिली थी। आजादी की इस लड़ाई में महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मंगल पांडे, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, पंडित जवाहरलाल नेहरू, गोविन्द बल्लभ पंत, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, मंगल पांडेय और खुदीराम बोस जैसे महापुरुषों ने अपना महती योगदान दिया था और पूरे देश की जनता को आजादी के आंदोलन हेतु प्रेरित किया था।
आजादी के संघर्ष की कठिन राह में इन महापुरुषों ने कई बार जेल यात्रा भी की और अंग्रेज सरकार के अत्याचारों को भी सहा। महात्मा गाँधी ने अपने अहिंसा के सिद्धांत से पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया तो भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु अल्पायु में ही देश की स्वतंत्रता की खातिर फांसी के फंदे पर झूलते हुए शहीद हो गए। इस प्रकार इस आंदोलन में सभी वर्ग के नेताओ ने अपना-अपना योगदान दिया था। स्वतंत्रता के इन महाविभूतियों के संघर्ष के लिए मैं 2 लाइनें कहना चाहूँगा/चाहूंगी।
नमन है उन वीरों को जिन्होंने इस देश को बचाया,
गुलामी की मजबूत बेड़ियों को,
अपने बलिदान के रक्त से पिघलाया,
और भारत माँ को आजाद है कराया।
15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजो के 200 वर्षो की गुलामी से आजादी मिली और लाल किले पर प्रथम बार तिरंगा झंडा लहराया गया। इसी अवसर पर हमारे प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लाल किले की प्राचीर से नियति से साक्षात्कार नामक प्रसिद्ध भाषण दिया गया था जिसके बाद प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमन्त्री द्वारा लालकिले की प्राचीर पर तिरंगा लहराया जाता है और देश के नाम स्वतंत्रता दिवस पर सम्बोधन किया जाता है। इसके पश्चात शौर्य पराक्रम और विभिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे स्वतंत्रता दिवस की गाथा को याद किया जाता है। वास्तव में स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के महापुरुषों के त्याग, बलिदान और संघर्ष प्रतीक है। इस अवसर पर सभी देशवासियों के मन में देश के प्रति समर्पण और प्रेम की भावना रहती है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमे अपने महापुरुषों के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए उनके जीवनमूल्यों को जीवन में उतारना चाहिए। यही हमारी देश के स्वतन्त्रता नायको के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसी के साथ इन पंक्तियों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा/चाहूंगी।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
जय हिन्द। जय भारत।
15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में – 2
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में मैं यहाँ उपस्थित सभी सम्मानित अतिथिगण, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे सहपाठी भाई-बहनों का स्वागत करता हूँ।
स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर सबसे पहले मैं सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो को शुभकामनाएँ देना चाहूंगा/चाहूंगी। यह बड़े की हर्ष का विषय है की आज हमारा देश आजादी की 76वीं वर्षगाँठ मनाने जा रहा है। आज के 76 वर्ष पूर्व 15 अगस्त सन 1947 को हमारा देश अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त हुआ था। आजादी के इस आंदोलन के दौरान हमारे महापुरुषों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था परन्तु देश की आजादी का सपना आँखों में सँजोये उन्होंने हर मुश्किलों का सामना किया और देश को आजाद करने के लिए अपना सर्वश्व न्योछावर कर दिया। महापुरुषों की स्मृति और बलिदान को याद करते हुए मैं चंद पंक्तियाँ आपके सामने प्रस्तुत करना चाहूंगा/चाहूंगी।
फांसी चढ़ गए और सीने और गोली खाई,
हम उन शहीदों को प्रणाम करते है ,
जो मिट गए देश पर,
हम शहीदों को प्रणाम करते है।
आजादी का यह संघर्ष वास्तव में बहुत मुश्किलों से भरा था परन्तु हमारे महापुरुषों ने अपने निजी स्वार्थ को दरकिनार करते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा और देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपने सर्वश्व अर्पित कर दिया। हमारे देश के नागरिको के संघर्ष का ही परिणाम रहा की आखिरकार 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की इस देश को छोड़ कर जाना पड़ा और हमारा देश पूर्ण रूप से स्वाधीन हो गया।
आज हमारी आजादी की 76वीं वर्षगाँठ है और इतने वर्षो में वास्तव में हमारे देश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय तरक्की की है। चाहे विज्ञान हो या उद्योग, अंतरिक्ष हो या प्रौद्योगिकी, कृषि हो या व्यापार हर क्षेत्र में हमारे देश ने प्रगति की मिशाल कायम की है। आज दुनिया भारत की घरेलू और विदेश नीति का लोहा मानता है और सभी प्रमुख मामलों के लिए पूरी दुनिया हमे उम्मीद भरी नजरो से देखती है।
हालांकि आजादी के समय हमारे महापुरुषों ने जिस भारत का सपना देखा था उसमे हम कुछ लक्ष्यों को पूरा करने में असफल भी हुए है। अशिक्षा, निर्धनता, स्वास्थ्य प्रणाली, स्त्रियों की दशा और सांप्रदायिक सौहार्द जैसे विषयों पर काम करके हमे अपने देश को और भी मजबूत बनाना है। आज भी हमे देश के लिए कई क्षेत्रों में सुधार के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर हम सभी का दायित्व है की हम अपनी इस अमूल्य आजादी की रक्षा करते हुए अपने महापुरुषों के जीवनमूल्यों का पालन करें और देश को प्रगति के पथ पर ले जाने हेतु निरंतर कार्यरत रहें। इसी के साथ इन पंक्तियों के साथ मैं अपने भाषण को पूरा करना चाहूंगा/चाहूँगी।
सुंदर है जग में सबसे, नाम भी न्यारा है,
जहां जाति-भाषा से बढ़कर, देश-प्रेम की धारा है,
निश्छल, पावन, प्रेम,पुराना, वो भारत देश हमारा हैं।
जय हिन्द। जय भारत।
15 august speech in hindi सम्बंधित प्रश्नोत्तर (FAQ)
हमारे देश कब आजाद हुआ था ?
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था।
वर्ष 2023 को हमारी आजादी की कौन सी वर्षगाँठ है ?
वर्ष 2023 को हमारी आजादी की 76वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष हमारा देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ पूरी करके 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में कैसे दे ?
15 अगस्त पर भाषण देने के लिए आप ऊपर दिए गए लेख की मदद ले सकते है। इसके माध्यम से आप स्वतन्त्रता दिवस पर भाषण दे सकते है।
स्वतंत्रता के समय देश के प्रधानमन्त्री कौन थे ?
स्वतंत्रता के समय देश के प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।