नमस्कार दोस्तों क्या आप सभी ने कभी ग्रीन हाउस प्रभाव के बारे में सुना है। अगर नहीं तो आप को परेशान होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज हम आप सभी को हमारे इस लेख के जरिए Green House Effect के बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी साझा करने वाले है।
तो दोस्तों क्या आप भी जानना चाहते है की ग्रीन हाउस प्रभाव किसे कहते हैं? तो दोस्तों अगर आप भी यह जानना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
क्योंकि इस लेख में हमने ग्रीन हाउस से सम्बंधित बहुत सी जानकारी प्रदान की हुई है। जिसको पढने से ही आप इसके बारे में जान सकोगे। इसलिए दोस्तों कृपया कर हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
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ग्रीन हाउस प्रभाव किसे कहते हैं | Green House Effect kise kehte hai ?
आप सभी को यह बतादे की ग्रीन हाउस एक प्रक्रिया को कहा जाता है। यह प्रक्रिया एक नेचुरल प्रक्रिया होती है। इस प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण ही धरती गर्म रह पाती है। इस प्रक्रिया की मदद से ही धरती पर जीवन संभव है।
क्योंकि इस प्रक्रिया के अंतर्गत सूर्य से धरती पर पढ़ने वाली किरणे ग्रीनहाउस की सतह को पार करके धरती पर पढ़ती है। जो की धरती को गर्म बनाये रखने में मदद करती है।
इस ग्रीन हाउस प्रभाव की प्रक्रिया के अंतर्गत सूर्य से आने वाली किरणों का कुछ हिस्सा मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के द्वारा absorb कर लिया जाता है और बाकी का हिस्सा अंतरिक्ष में वापस भेज दिया जाता है।
आपको बतादे की ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण धरती पर पढ़ने वाली ऊर्जा हीट पर परिवर्तित हो जाती है। जिसके कारण ही धरती गर्म रह पाती है। आप सभी को यह भी बतादे की यह प्रभाव धरती के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि।
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अगर यह प्रभाव धरती पर नहीं होता तो सूर्य धरती पर पढ़ने वाली किरणे वापस अंतरिक्ष में चली जाती जिससे हमारी इस धरती का तापमान काफी कम हो जाता। जिसके कारण धरती पर हमेशा ही ठण्ड रहती।
जिसके कारण धरती पर बुरा प्रभाव पढता है। क्योंकि धरती पर जीवन व्यापन करने वाले जीव व जंतु उस तापमान में जीवित रहने में असमर्थ हो जाते। इसलिए इस प्रभाव के कारण ही धरती पर जीवन संभव है।
इस ग्रीन हाउस प्रभाव के अंतर्गत बहुत सी गैस होती है जो की सूर्य की ऊर्जा को हीट में परिवर्तित करने में मदद करती है। जैसे की – कार्बन डाई ऑक्साइड, मेंथेन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि।
इनके साथ साथ इस प्रभाव के अंतर्गत जल वास्प भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह भी इस प्रभाव के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
अब हम आप सभी को यहाँ पर कुछ गैस के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है और आप सभी को यह बताने वाले है की उन गैस की कितनी मात्रा वातावरण में मौजूद है।
ग्रीनहाउस गैस का नाम | organic name | percentage of this gas in the environment |
भाप (Water vapor) | H2O | 36-70% |
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) | N2O | 3-7% |
Chlorofluorocarbons | CFCs | – |
ओज़ोन | O3 | – |
कार्बनडाई ऑक्साइड | CO2 | 9-26% |
मेथेन | CH4 | 4-9% |
Green House Effect के लाभ क्या होते है ?
मित्रो अब हम आप सभी को यहाँ पर Green House Effect के कुछ लाभ के बारे में बताने वाले है। तो अगर आप भी इसके लाभ जानना चाहते है तो कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
- इस Green House Effect के कारण ही धरती का तापमान गर्म रह पाता है। जिसके कारण ही धरती पर जीवन संभव है।
- Green House Effect के कारण ही धरती पर मौसम बदलता है।
- आपको यह बतादे की इस ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण धरती पर पढ़ने वाली सूर्य किरणों का कुछ अनावश्यक भाग अंतरिक्ष में वापस चला जाता है। क्योंकि वह किरणे मनुष्य के लिए काफी हानिकारक होती है।
- इस ग्रीन हाउस प्रभाव के कारन ही धरती का तापमान संतुलित रह पाता है।
- Green House Effect के कारण ही धरती पर पानी तीन रूप में मौजूद है जैसे की – जल, वास्प, बर्फ। वास्प के कारण ही धरती का अधिकतर पानी पीने लायक हो पाता है।
- Green House Effect के कारण ही धरती पर सूर्य की खतरनाक किरणे यानि के अल्ट्रावायलेट किरणे नहीं पहुँचती है।
ग्रीन हाउस प्रभाव से होने वाली हानियां | Losses due to green house effect.
दोस्तों अब हम आप सभी को यहाँ पर ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण होने वाली कुछ हानियों के बारे में बताने वाले है। तो अगर आप भी इसके कारण होने वाली हानि के बारे में जानना चाहते है। तो कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़िए।
- आज के समय में ग्रीन हाउस प्रभाव काफी अधिक बढ़ रहा है। जिसके कारण धरती पर अधिक गर्मी बढ़ रही है। जिसके कारण मनुष्य को काफी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है।
- धरती पर तापमान के बढ़ने से बहुत सी बड़ी परेशनियां होती है जैसे की – वर्षा न होना, सूखा पढ़ जाना।
- धरती का तापमान बढ़ने के कारन धरती पर ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या भी बढ़ रही है।
- ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण धरती पर मौजूद अधिकतर ग्लेशियर पिघल रहे है जिसके कारण पानी का स्तर बढ़ रहा है।
- इसके कारण समुद्र के स्तर में भी बढ़ोतरी होगी जिसके कारन धरती पर केवल कुछ ही मात्रा में पीने लायक पानी रह जाएगा।
- जैसा की हमने आपको बताया की ग्रीन हाउस प्रभाव में बहुत सी गैस होती है जैसे की – क्लोरोफ्लोरोकार्बन, मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड जिनके कारण ओजोन परत में भी छेड़ हो चूका है जिसके कारण सूर्य की हानिकारक किरणे सीधा धरती पर पढ़ रही है जिससे बहुत सी गंभीर बीमारियां हो सकती है जैसे की – स्किन कैंसर।
Green House Effect को कम करने के कुछ उपाय |
इन उपाय की मदद से हम ग्रीन हाउस प्रभाव को कम कर सकते है। जिससे मनुष्य व धरती दोनों को ही लाभ प्राप्त होंगे। इसलिए दी गयी जानकारी कोड ध्यान से पढ़े।
- आपको यह बतादे की ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने का सबसे बेहतर उपाय यह है की हमे जितने संभव हो सकें उतने पेड़ पौधे लगाने चाहिए जिससे ग्रीन हाउस प्रभाव कण्ट्रोल हो सकेगा।
- हम सभी को गोबर गैस प्लांट और सौर ऊर्जा का अधिकतर प्रयोग करना चाहिए जिससे धरती पर प्रदुषण कम हो सकता है। जिसके कारण ग्रीन हाउस प्रभाव में नियंत्रित हो सकेगा।
- विश्व की इस बढ़ती जनसँख्या को कण्ट्रोल करना होगा। जिसके कारण भी ग्रीन हाउस प्रभाव में कमी हो सकती है।
- पेट्रोल व डीजल की गाडी का उपयोग के बजाए हमको इलेक्ट्रिक व सीएनजी की गाडी का अधिक उपयोग करना चाहिए।
- ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने के लिए हमको पशुपालन को भी बढ़ोतरी देनी चाहिए।
Green House Effect से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
यह प्रक्रिया एक नेचुरल प्रक्रिया होती है। इस प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण ही धरती गर्म रह पाती है। इस प्रक्रिया की मदद से ही धरती पर जीवन संभव है। क्योंकि इस प्रक्रिया के अंतर्गत सूर्य से धरती पर पढ़ने वाली किरणे ग्रीनहाउस की सतह को पार करके धरती पर पढ़ती है। जो की धरती को गर्म बनाये रखने में मदद करती है।
ग्रीन हाउस के अंतर्गत बहुत सी गैस होती है जैसे की – कार्बनडाइऑक्साइड (सीओ 2), मीथेन (सीएच 4), नाइट्रस ऑक्साइड (एन 2ओ), हाइड्रोफ्लूरोकार्बन (एचएफसी), परफ्लूरोकार्बन (पीएफसी), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (एसएफ 6) आदि
Green House Effect को कम करने को कम करने का मुख्य उपाय यह है की हम सभी को पेड़ व पौधे लगाने चाहिए। जिससे ग्रीन हाउस प्रभाव कम होगा।
ग्रीन हाउस के अंतर्गत सबसे ताकतवर गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।