ग्राम-स्तर पर ग्राम प्रधान का पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आखिर नागरिक ग्राम-प्रधान के माध्यम से अपने सरकारी कार्य पूरा करवा सकते है साथ ही ग्रामीण स्तर पर विभिन कार्यो के करवाने की जिम्मेदारी भी ग्राम-प्रधान की होती है। हालांकि कई लोगो के मन में अकसर यह सवाल रहता है की ग्राम प्रधान या सरपंच या मुखिया का वेतन (तनख्वाह) कितना होता है? ग्राम-प्रधानों को हर माह सरकार द्वारा कितना वेतन दिया जाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्रदान करने वाले है। आर्टिकल के माध्यम से आपको बताये जायेगा की ग्राम-प्रधान की सैलरी कितनी होती है ? साथ ही आप इस टॉपिक से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त कर सकेंगे।
उत्तर-प्रदेश ग्राम प्रधान का वेतन
देश में अलग-अलग राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा ग्राम-प्रधानों को अलग-अलग सैलरी प्रदान की जाती है। बाते करे देश के सबसे बड़े प्रदेश उतर-प्रदेश की तो हाल ही में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा ग्राम-प्रधानों के वेतनमान में वृद्धि की गयी है जिसके बाद उत्तरप्रदेश में ग्राम-प्रधानों को मिलने वाला वेतनमान इस प्रकार से है :-
यहाँ भी देखें -->> क्विज खेलकर इनाम कमाएं
उतरप्रदेश सरकार द्वारा हर माह ग्राम-प्रधानों को 3500 रुपए का वेतनमान प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा ग्रामप्रधानों को विभिन बैठकों में भाग लेने के लिए प्रति बैठक के हिसाब से यातायात भत्ता भी प्रदान किया जाता है। इस प्रकार से ग्राम-प्रधानों को हर माह 3500 रुपए का वेतन दिया जाता है। ग्राम प्रधान का वेतन इस प्रकार से ज्ञात किया जा सकता है :-
ग्राम प्रधान मासिक सैलरी = मासिक मानदेय+ यातायात भत्ता
ग्राम प्रधान या सरपंच या मुखिया का वेतन
सरकार द्वारा ग्राम-प्रधानों को हर माह विभिन कार्यो के लिए वेतन प्रदान किया जाता है। सरकार द्वारा ग्राम-प्रधानों को यह वेतन ग्राम-पंचायत के विभिन कार्यो के लिए तहसील या ब्लॉक जाने, विभिन मीटिंग अटेंड करने और अन्य सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए दिया जाता है। इसके माध्यम से ग्राम-प्रधान विभिन खर्चो को पूरा कर सकते है। आपको बता दे की विभिन राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने ग्राम-प्रधानों को अलग-अलग सैलरी प्रदान की जाती है जो की सम्बंधित राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये गए मानदेय पर आधारित होती है। इस मानदेय के आधार पर ही ग्राम-प्रधानों को हर माह वेतन प्रदान किया जाता है। साथ ही उन्हें सरकारी बैठकों के लिए हर बैठक के हिसाब से यातायात भत्ता दिया जाता है।
Subscribe to our Newsletter
Sarkari Yojana, Sarkari update at one place
ये है ग्राम-प्रधानों के अधिकार
हमारे देश में 73वें संविधान संसोधन द्वारा ग्राम-पंचायतो को संवैधानिक निकाय माना गया है। ग्राम-पंचायतो के अंतर्गत ग्राम-प्रधान को सभी संवैधानिक प्रदत अधिकार दिए गए है। ग्राम-प्रधान को विभिन नामों जैसे की मुखिया या सरपंच के नाम से भी जाना जाता है जो की वयस्क मताधिकार के माध्यम से चुना जाता है। ग्रामप्रधानों को गाँव के विकास कार्यो सम्बंधित सभी अधिकार दिये गये है। सार्वजनिक निर्माण कार्य, नए मार्गो का निर्माण, जल-प्रबंधन, सिंचाई, नालियों की मरम्मत और विभिन प्रकार के कार्य ग्रामप्रधान के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते है। इसके अतिरिक्त विभिन सरकारी प्रमाणपत्रो के लिए भी ग्रामप्रधान की सहमति आवश्यक होती है। इस प्रकार से ग्राम-प्रधान का कार्य क्षेत्र बहुत वृहद् है।
विधायक की सैलरी कितनी होती है (Vidhayak Ki Salary Kitni Hoti Hai)
ऐसे खर्च होती है विकास कार्यो की राशि
ग्रामपंचायत के स्तर पर होने वाले विभिन कार्यो के लिए राशि को सरकार द्वारा ज्वाइंट खाते के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता है। जब भी गांव में सरकार द्वारा स्वीकृत कोई विकास कार्य होता है तो ऐसे में बैंक-अकाउंट से धन निकासी के लिए ग्रामप्रधान के साथ ग्राम-विकास अधिकारी के हस्ताक्षर होने आवश्यक है। सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर ग्राम विकास अधिकारी को नियुक्त किया जाता है जहां ग्रामप्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद विभिन विकास कार्यो के लिए धनराशि निकाली जाती है।
ये है ग्रामप्रधान बनने का प्रॉसेस
ग्राम-प्रधान के चुनाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। ग्रामप्रधान बनने के लिए कोई भी नागरिक जो 21 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका है नामांकन कर सकता है। इसके अतिरिक्त उसे भारत का नागरिक होना भी आवश्यक है। साथ ही उसे मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी आवश्यक है। सरकार द्वारा अब इन नियमो में बदलाव करते हुए अन्य शर्तो को शामिल किये जाने पर भी विचार किया जा रहा है जिनमे 2 बच्चो की शर्त और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य किया जायेगा।
ग्राम प्रधान का वेतन सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
देश के प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य के ग्रामप्रधानों को अलग-अलग वेतनमान दिया जाता है जिसके आधार पर हर राज्य के ग्रामप्रधानों की सैलरी अलग-अलग होती है ?
उतरप्रदेश सरकार द्वारा ग्राम-प्रधानों को हर माह 3500 रुपए की सैलरी प्रदान की जाती है। साथ ही प्रधानों को यातायात भत्ता भी प्रदान किया जाता है।
ग्राम-प्रधान बनाने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष रखी गयी है।
ऊपर दिए गए लेख के माध्यम से आपको ग्रामप्रधान बनने के लिए सभी आवश्यक शर्तो की जानकारी प्रदान की गयी है। लेख के माध्यम से आप ग्रामप्रधान बनने हेतु सभी आवश्यक योग्यताओ की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
यह भी पढें :-