तो दोस्तों आप सभी यह तो जानते ही है की भारत और पाकिस्तान के बीच के सम्बन्ध बिलकुल भी ठीक नहीं है। हाल ही कुछ सालो पहले भारत के वायु सेना विंग कमांडर अभिनन्दन को पाकिस्तान में बंधी बना लिया गया था। लेकिन उस समय भारत ने पाकिस्तान को जेनेवा समझौता के बारे में याद दिलाया फिर उसके बाद पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनन्दन को ठीक ठाक सही सलामत भारत को सौंप दिया था। अब सोचने वाली बात यह है की यह Geneva Conventions (जेनेवा समझौता) क्या है। इसकी वजह से पाकिस्तान ने बड़े ही शांतिपूर्वक अभिनन्दन को वापस लौटा दिया। तो दोस्तों क्या आप जानते है की ये जेनेवा समझौता क्या होता है।
भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख में Geneva Conventions के बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी देने वाले है जैसे की – जेनेवा समझौता क्या है ?एवं इससे सम्बंधित जानकारी। तो दोस्तों अगर आप भी जेनेवा समझौता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूव्रक पढ़ना होगा तब ही आप भी Geneva Conventions के बारे में जान सकेंगे की यह क्या होता है।
इसको भी अवश्य पढ़े :- ब्रिक्स सम्मेलन क्या है विषय व इतिहास |
जेनेवा समझौता क्या है ?
जब किसी दो देश या फिर दो से अधिक देशों के बीच में युद्ध चल रहा हो और उस युद्ध के समय जब देशो के बीच में कुछ नियमो को निर्धारित करने के लिए कुछ समझौते किये जाते है। उस युद्ध में जो भी सैनिक या फिर आम आदमी को बंधी बनाया जाए तो उन लोगो के साथ मानवीय भावना का ध्यान रखा जाए। यानि के यह समझौता यह कहता है की युद्ध के समय अगर कोई भी सैनिक या फिर व्यक्ति देश की सीमा को [पार कर देता है तो उन व्यक्ति के साथ कोई भी दुर्व्यवहार न किया जाए और न ही उनको परेशान किया जाए।
यानि के जो व्यक्ति दुश्मन देश की सीमा में होते है उन सभी पर स्टैण्डर्ड नियम यानि के अंतर्राष्ट्रीय कानून लग जाता है और इसी कानून को प्रिजनर ऑफ़ वॉर भी कहा जाता है। इस समझौते के मुताबिक़ जो भी व्यक्ति दुश्मन सीमा में चला जाता है उस व्यक्ति के साथ मानवीय व्यवहार रखना और उस व्यक्ति को वापस उसके देश भेजना जरूरी होता है। जो भी नियम इस समझौते में होते है उन सभी को फॉलो दोनों देशो को करना होता है।
भारत के 10 सबसे बड़े राज्य की सूची
Geneva Conventions का नियम | Rule of Geneva Conventions
जिनेवा एक शहर है जो की स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। जिनेवा शहर में ही इस नियम को बनाया गया है की जब किसी दो देश या फिर दो से अधिक देशों के बीच में युद्ध चल रहा हो उस युद्ध में जो भी सैनिक या फिर आम आदमी को बंधी बनाया जाए तो उन लोगो के साथ मानवीय भावना का ध्यान रखा जाए। यानि के यह समझौता यह कहता है की युद्ध के समय अगर कोई भी सैनिक या फिर व्यक्ति देश की सीमा को [पार कर देता है तो उन व्यक्ति के साथ कोई भी दुर्व्यवहार न किया जाए और न ही उनको परेशान किया जाए।
यानि के जो व्यक्ति दुश्मन देश की सीमा में होते है उन सभी पर स्टैण्डर्ड नियम यानि के अंतर्राष्ट्रीय कानून लग जाता है और इसी कानून को प्रिजनर ऑफ़ वॉर भी कहा जाता है। इस समझौते के मुताबिक़ जो भी व्यक्ति दुश्मन सीमा में चला जाता है उस व्यक्ति के साथ मानवीय व्यवहार रखना और उस व्यक्ति को वापस उसके देश भेजना जरूरी होता है। ऐसा करना बहुत से देशो के लिए अनिवार्य है अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो यह जेनेवा समझौता के उल्लंघन होता है। इस जेनेवा समझौता पर करीब 194 देशों ने हस्ताक्षर किये हुए है। यानि के इस समझौते के लिए 194 देशों ने हामी भरी है।
इन 194 देशो के अंतर्गत भारत व पाकिस्तान भी आता है। इसलिए इसी समझौते को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान को भारत के वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन को वापस भारत को सौंपना पढ़ा। इस बात में कोई भी शक नहीं है की इसमें भारत की विदेशी नीति में काफी होशियार है और इसका कारण यह समझौता भी था।
इक्कीसवीं सदी का भारत | India in 21st Century
जेनेवा समझौता का इतिहास | History of the Geneva Conventions
तो दोस्तों अब हम आप सभी को History of the Geneva Conventions के बारे मे बजाने वाल है तो अगर आप भी इसके इतिहास के बारे में जानना चाहते हो तो उसके लिए यहाँ पर दी गयी जानकारी को पूर्ण रूप से पड़े।
इस समझौते यानि की जेनेवा समझौता का इतिहास बहुत ही पुराना है। क्योंकि इस समझौते की चर्चा सोलफेरिनो युद्ध के दौरान भी हुई थी। करीब 1859 की है उस समय फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच में युद्ध चल रहा था। उस समय में फ्रांस की तरफ से इस युद्ध का नेतृत्व नेपोलियन 3 के द्वारा किया जा रहा था। हेनरी डूरेंट जो की रेडक्रॉस के संस्थापक थे। वह युद्ध के दौरान युद्ध स्थल पर दौरा लगाने गए थे और जिस जगह पर युद्ध हुआ था वाहन पर जब वह पहुंचे तो उन्होंने वहाँ पर देखा की वहां पर बहुत खून खराबा हुआ है उस दृश्य को देखकर उनका मन विचलित हो उठा था। उसके बाद ही हेनरी डूरेंट के द्वारा रेड क्रॉस संघठन की स्थापन की गयी।
फिर उसके बाद जेनेवा एक बैठक बुलाई गयी जिसमे अन्य यूरोपीय देश भी शामिल थे यह बैठक अच्छे उद्देश्य के लिए की गयी थी।इस बैठक को जेनेवा समझौते का नाम दिया गया था। इस बैठक को आयोजित करने का एक मुख्य उद्देश्य यह था की वह चाहते थे जिस प्रकार इस युद्ध के दौरान लोग क्रूर और अत्याचारी हो चुके उसको ख़तम करना है और उन्होंने इस बैठक में अपना यह प्रस्ताव रखा की युद्ध के दौरान इतनी भी क्रूरता न बरती जाए की इंसानियत भी शर्म से झुक जाए। इसी कारण से उन्होंने अपना यह प्रस्ताव रखा था जिसके लिए बहुत से देश ने हामी भी भर ली थी। इस बैठक के दौरान बहुत सी चर्चा हुई थी जिसके बारे में हम आपको यहाँ पर बताने वाले है।
प्रथम चरण 1864 (Geneva Conventions)
इस समझौते के लिए पहली बैठक 22 अगस्त 1864 को जेनेवा में आयोजित की गयी थी। इस बैठक के दौरान प्रमुख संधियों और इन प्रोटोकॉल के बारे में उल्लेख किया गया था। उन उल्लेख में यह बताया गया था की जो भी सैनिक इस युद्ध के चलते घायल व बीमार होगा उन सभी सैनिकों को सुरक्षा प्रदान की जायेगी। केवल यह ही नहीं बल्कि सभीओ चिकित्सको और धार्मिक लोगो को और चिकित्सक परिवहन को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
द्वितीय चरण 1906 (Geneva Conventions)
जिस प्रकार पहले चरण में युद्ध के चलते बीमार सेनिको और घायल सेनिको को सुरक्षा देने की बात की गयी उसी प्रकार इसके द्वितीय चरण में भी समुद्री युद्ध में के दौरान बीमार सेनिको और घायल सेनिको को सुरक्षा प्रदान करने का और सभी के अधिकारों की बात की गयी थी।
तृतीय चरण 1929 (Geneva Conventions)
इस तीसरे चरण में युद्ध के दौरान बनाये गए कैदियों जिनको प्रिजनर ऑफ़ वॉर भी कहा जाता है उनकी सही जानकारी देने की बात की गयी और इसमें यह भी बताना था की उनके केदियो को किस प्रकार रखा गया है और किस स्थान पर रखा गया है। केवल यह ही नहीं बल्कि इसके इस चरण के दौरान युद्ध के दौरान बनाये गए बंदियों के श्रमो, व उन सभी के वित्तीय संसाधनों के बारे में बताया है और उनके न्यायिक करवाई के बारे के बारे में भी बात की गयी थी।
चौथा चरण 1949 (Geneva Conventions)
इसके चौथे चरण में भी बहुत से प्रावधान तेह जो की लोगो के हित में थे जैसे की – इसमें सबसे पहला प्रावधान यह था की अगर कई पर युद्ध चल रहा हो तो उस युद्ध की जगह पर रहने वाले सभी आम नागरिको को सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। आपको यह भी बता दे की यह ऐसा पहला समझौता था जिसके दौरान युद्ध को ख़तम करने की बात नहीं की गयी बल्कि इस समझौते में आम नागरिको की सुरक्षा के लिए बात की गयी थी। इस चरण के दौरान जो भी प्रावधान रखे गए तो उन सभी नियमो को 21 अक्टूबर 1950 में लागू करने के आदेश दिए गए थे।
इन सभी प्रावधानों पर बहुत से देशो के हस्ताक्षर थे। यानि के वह सभी देश जिन्होंने इसपर हस्ताक्षर किये थे वह सभी देह इसके हित में थे। इन सभी प्रावधानों पर करीब 194 देशो के हस्ताक्षर है यानि के इन सभी प्रावधानों को 194 देशो के द्वारा अनुमति दी गयी है।
यह भी पढ़ें :-
- (Veto power) वीटो पावर क्या है? अब तक कितनी बार इस्तेमाल किया गया है?
- यूरोपीय संघ (European Union) क्या है, यूरोपीय संघ में कितने देश हैं
- NATO क्या है? कौन कौन से देश नाटो में शामिल है
- संसद क्या है- संसद के कार्य, सदस्यो का कार्यकाल
जेनेवा समझौता से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
जब किसी दो देश या फिर दो से अधिक देशों के बीच में युद्ध चल रहा हो और उस युद्ध के समय जब देशो के बीच में कुछ नियमो को निर्धारित करने के लिए कुछ समझौते किये जाते है। युद्ध के समय अगर कोई भी सैनिक या फिर व्यक्ति देश की सीमा को पार कर देता है तो उन व्यक्ति के साथ कोई भी दुर्व्यवहार न किया जाए और न ही उनको परेशान किया जाए। यानि के जो व्यक्ति दुश्मन देश की सीमा में होते है उन सभी पर स्टैण्डर्ड नियम यानि के अंतर्राष्ट्रीय कानून लग जाता है।
Geneva Conventions पर करीब 194 देशो के हस्ताक्षर है। यानि के इस समझौते की अनुमति 194 देशो द्वारा दी गयी है।
Geneva Conventions की पहली बैठक 22 अगस्त 1864 को हुई थी।
जैसा की आप सभी जानते है की कुछ समय पहले जेनेवा समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच में हुआ था। यह समझौता वायु सेना के विंग कमांडर अभिनन्दन को लेकर हुआ था।