तो दोस्तों आप सभी को यह तो पता ही होगा की क्रिकेट कितना पसंदीदा खेल है। इस खेल को बहुत से लोग खेलना पसंद करते है। जिनमे से आप भी होंगे जिसको क्रिकेट पसंद होगा। आप सभी यह भी जानते ही होंगे की हर किसी खेल के अपने अपने तौर तरीके होते है। आपको यह भी बता दे की क्रिकेट में नए नए नियम बनाए भी जाते है। क्रिकेट में बहुत सी चीजों का प्रोयोग किया जाता है जैसे की – विकेट, एलबीडब्लू , डीआरएस आदि। डीआरएस के बारे में ही बात करने वाले है। आप सभी तो जानते ही होंगे की डीआरएस क्या है ? अगर आप भी नहीं जानते की डीआरएस की फुल फॉर्म क्या होती , अगर आप भी यह सब नहीं जानते है की DRS का फुल फॉर्म क्या होती है तो आप सभी में किसीको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि
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आज हम आप सभी को इस लेख में DRS के बारे में बताने वाले है की डीआरएस क्या होता है और इसकी फुल फॉर्म क्या होती है इसका उपयोग कब किया जाता है। तो दोस्तों अगर आप सभी भी इसके बारे में और कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा क्योंकि इसको पढ़ने के बाद ही आप इसके बारे में जानकरी प्राप्त कर सकोगे तो कृपया लेख को अंत तक पढ़े।
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Article Contents
DRS (डीआरएस) फुल फॉर्म | DRS Full Form
DRS (डीआरएस) क्रिकेट से जुडी एक टर्म है DRS की full form Decision Review System होता है, डीआरएस फुल फॉर्म हिंदी में – डिसिशन रिव्यु सिस्टम।
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डीआरएस क्या होता है | DRS kya hota hai ?
जैसा की हमने आपको बताया है की डीआरएस की फुल फॉर्म Decision Review System है। इसका मतब हिंदी में निर्णय समीक्षा प्रणाली होता है। इसका उपयोग क्रिकेट में तब किया जाता है अगर किसी टीम को यह लगता है की अंपायर के द्वारा गलत डिसिशन लिया गया है उस समय टीम डीआरएस के लिए अपील करती है। डीआरएस लेने के लिए केवल टीम का कप्तान अपील करता है। डीआरएस के लिए अपील करते वक़्त टीम के कॅप्टन को अपने हाथो से T बनाना होता है। डीआरएस लेना है की नहीं इसक निर्णय टीम के कप्तान को केवल 10 सेकंड के अंदर अंदर लेना होता है। दोनों टीमों को डीआरएस लेने का हक़ होता है।
जब किसी टीम के द्वारा डीआरएस लिया जाता है तो उसके बाद थर्ड अंपायर उस घटना को दुबारा से देखकर और ध्यानपूर्वक समझकर निर्णय लेता है की कोई प्लेयर आउट है की नॉट आउट है। अगर अंपायर का डिसिशन गलत होता है तो अंपायर थर्ड अंपायर के मुताबिक अपना निर्णय बदल देता है और अगर अंपायर का फैसला भी सही होता है तो फिर वह टीम दुबारा उस मैच के दौरान डीआरएस का प्रयोग नहीं कर सकती। इसका उपयोग अधिकतर उस समय किया जाता है जब कोई प्लेयर एलबीडबल्यू के द्वारा आउट होता है उसका डिसिशन जानने के लिए भी डीआरएस लिया जाता है। हर टीम को पारी में 2-2 डीआरएस लेने हक़ होता है।
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डीआरएस का प्रयोग
तो दोस्तों अब हम आपको यह बताने वाल है की टीम कितनी बार डीआरएस का प्रयोग कर सकती है और किस प्रकार इसका प्रयोग करते है। तो दोस्तों एक टीम को डीआरएस लेने का पूर्ण हक़ होता है इसलिए बीसीसीआई के द्वारा यह नियम बनाया गया है की हर टीम को पारी के दौरान 2 बार डीआरएस लेने का हक़ होता है। अगर किसी टीम ने डीआरएस लिया है और अंपायर का फैसला गलत होता है और डीआरएस फैसला सही होता है तो भी टीम के पास फिरसे से 2 बार डीआरएस लेने की अनुमति होती है और अगर अंपायर का निर्णय सही होता है और टीम का फैसला गलत होता है तो उस टीम के 2 दो डीआरएस में एक कम हो जाता है।
DRS से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
full form of DRS – Decision Review System
डीआरएस फुल फॉर्म हिंदी में – डिसिशन रिव्यु सिस्टम
डीआरएस का हिंदी में मतलब निर्णय समीक्षा प्रणाली होता है।
इसका उपयोग क्रिकेट में तब किया जाता है अगर किसी टीम को यह लगता है की अंपायर के द्वारा गलत डिसिशन लिया गया है उस समय टीम डीआरएस के लिए अपील करती है। डीआरएस लेने के लिए केवल टीम का कप्तान अपील करता है। डीआरएस के लिए अपील करते वक़्त टीम के कॅप्टन को अपने हाथो से T बनाना होता है।
अगर किसी टीम को डीआरएस मांगना होता है तो उस टीम के कप्तान के द्वारा हाथ से T बनाया जाता है। उसका मतलब है उस टीम ने डीआरएस की मांग की है।
एक टीम को एक पारी के दौरान 2 बार डीआरएस लेने का हक होता है।
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