DRS (डीआरएस) फुल फॉर्म | DRS के नियम – Full form of DRS

क्रिकेट भारत में ही नहीं बल्कि देश भर में बहुत प्रसिद्ध खेल है। इस खेल को बहुत से लोग खेलना पसंद करते है। जिनमे से एक आप भी होंगे जिसको क्रिकेट पसंद होगा। आप सभी यह भी जानते ही होंगे की हर किसी खेल के अपने अपने तौर तरीके होते है। समय समय पर क्रिकेट में नए-नए नियम बनाए भी जाते है। क्रिकेट में बहुत सी चीजों का प्रयोग किया जाता है जैसे की – विकेट, एलबीडब्लू , डीआरएस आदि। डीआरएस के बारे में ही बात करने वाले है। आप सभी तो जानते ही होंगे की डीआरएस क्या है ? अगर आप भी नहीं जानते की डीआरएस की फुल फॉर्म क्या होती , अगर आप भी यह सब नहीं जानते है की DRS का फुल फॉर्म क्या होती है तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।

DRS (डीआरएस) फुल फॉर्म | DRS के नियम - Full form of DRS
DRS (डीआरएस) फुल फॉर्म | DRS के नियम – Full form of DRS

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DRS (डीआरएस) फुल फॉर्म | DRS Full Form

DRS (डीआरएस) क्रिकेट से जुडी एक टर्म है DRS की full form Decision Review System होता है, डीआरएस फुल फॉर्म हिंदी में – डिसिशन रिव्यु सिस्टम

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डीआरएस क्या होता है | DRS kya hota hai ?

जैसा की हमने आपको बताया है की डीआरएस की फुल फॉर्म Decision Review System है। इसका मतब हिंदी में निर्णय समीक्षा प्रणाली होता है। इसका उपयोग क्रिकेट में तब किया जाता है अगर किसी टीम को यह लगता है की अंपायर के द्वारा गलत डिसिशन लिया गया है उस समय टीम डीआरएस के लिए अपील करती है। डीआरएस लेने के लिए केवल टीम का कप्तान अपील करता है। डीआरएस के लिए अपील करते वक़्त टीम के कैप्टन को अपने हाथो से T बनाना होता है। डीआरएस लेना है की नहीं इसका निर्णय टीम के कप्तान को केवल 10 सेकंड के अंदर अंदर लेना होता है। दोनों टीमों को डीआरएस लेने का हक़ होता है।

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जब किसी टीम के द्वारा डीआरएस लिया जाता है तो उसके बाद थर्ड अंपायर उस घटना को दुबारा से देखकर और ध्यानपूर्वक समझकर निर्णय लेता है की कोई प्लेयर आउट है की नॉट आउट है। अगर अंपायर का डिसिशन गलत होता है तो अंपायर थर्ड अंपायर के मुताबिक अपना निर्णय बदल देता है और अगर अंपायर का फैसला भी सही होता है तो फिर वह टीम दुबारा उस मैच के दौरान डीआरएस का प्रयोग नहीं कर सकती। इसका उपयोग अधिकतर उस समय किया जाता है जब कोई प्लेयर एलबीडबल्यू के द्वारा आउट होता है उसका डिसिशन जानने के लिए भी डीआरएस लिया जाता है। हर टीम को पारी में 2-2 डीआरएस लेने हक़ होता है।

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डीआरएस का प्रयोग

यह हम बताने वाले है की टीम कितनी बार डीआरएस का प्रयोग कर सकती है और किस प्रकार इसका प्रयोग करते है। तो एक टीम को डीआरएस लेने का पूर्ण हक़ होता है इसलिए बीसीसीआई के द्वारा यह नियम बनाया गया है की हर टीम को पारी के दौरान 2 बार डीआरएस लेने का हक़ होता है। अगर किसी टीम ने डीआरएस लिया है और अंपायर का फैसला गलत होता है और डीआरएस फैसला सही होता है तो भी टीम के पास फिरसे से 2 बार डीआरएस लेने की अनुमति होती है और अगर अंपायर का निर्णय सही होता है और टीम का फैसला गलत होता है तो उस टीम के 2 दो डीआरएस में एक कम हो जाता है।

DRS से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर

डीआरएस की फुल फॉर्म क्या होती है ?

full form of DRS – Decision Review System
डीआरएस फुल फॉर्म हिंदी में – डिसिशन रिव्यु सिस्टम
डीआरएस का हिंदी में मतलब निर्णय समीक्षा प्रणाली होता है।

डीआरएस क्या होता है ?

इसका उपयोग क्रिकेट में तब किया जाता है अगर किसी टीम को यह लगता है की अंपायर के द्वारा गलत डिसिशन लिया गया है उस समय टीम डीआरएस के लिए अपील करती है। डीआरएस लेने के लिए केवल टीम का कप्तान अपील करता है। डीआरएस के लिए अपील करते वक़्त टीम के कॅप्टन को अपने हाथो से T बनाना होता है।

डीआरएस लेने के लिए क्या करना होता है ?

अगर किसी टीम को डीआरएस मांगना होता है तो उस टीम के कप्तान के द्वारा हाथ से T बनाया जाता है। उसका मतलब है उस टीम ने डीआरएस की मांग की है।

एक टीम को कितनी बार डीआरएस लेने का हक़ होता है ?

एक टीम को एक पारी के दौरान 2 बार डीआरएस लेने का हक होता है।

डीआरएस की कुछ अन्य फुल फॉर्म बताइये ?

Data Recovery System
Department of Revenue Services
Direct Registration System
Domain Registration System

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