आप सभी यह तो जानते ही हैं की आज कल हर किसी चीज पर हम सभी को टैक्स देना पढता हैं और टैक्स से सम्बंधित बहुत सी परेशानियों बहुत से लोगो को होती हैं। टैक्स से सम्बंधित नए नए निर्देश जारी किये जाते हैं जिनको समझने में लोगो को बहुत परेशानी का सामना करना पढता हैं। आपको यह भी बता दे की अगर आपकी स्लरी आती हैं और उसमे से जब टीडीएस कटता हैं तो टीडीएस के सर्टिफिकेट में आपका PAN नंबर भी दर्ज होता हैं और टीडीएस काटने वाले का TAN नंबर भी दर्ज होता हैं। तो क्या आप पैन टैन और टिन के बारे में जानते हो?
ट्रेलर और टीज़र में क्या अंतर होता है?
अगर नहीं तो आप बिलकुल निश्चिंत हो जाइये क्योंकि आज हम आपको इस लेख में PAN TAN and TIN के बारे में बताने वाले हैं की ये क्या होते हैं और इनमे क्या अंतर होता हैं। तो अगर आप भी यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया कर इस लेख को अंत तक पढ़े
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पैन (PAN) नंबर क्या होता हैं
PAN की फुल फॉर्म होती हैं Permanent Account Number इसको स्थायी खाता संख्या भी कहते हैं। इस नंबर में कुल 10 alphanumeric नंबर होते। यह भारत के आयकर विभाग के द्वारा किसी भी आम व्यक्ति को जारी किया जाता हैं। आज के समय में यह एक बहुत ही आवश्यक दस्तावेज हैं। यह नंबर आपको आपके PAN कार्ड पर दिखाई देगा। स्थायी खाता संख्या हर किसी व्यक्ति की अलग अलग होती है। PAN नंबर हमारा इनकम टैक्स से सम्बंधित होता हैं और इसको किसी भी ब्यक्ति की फाइनेंसियल पहचान भी कहा जा सकता हैं।
टैन (TAN) नंबर क्या होता हैं ?
TAN नंबर की फुल फॉर्म होती हैं टैक्स डिडक्शन एकाउंट नंबर (Tax Deduction and Collection Account Number) जो भी कंपनी अपने यहाँ काम करने वाले व्यक्ति का टीडीएस काटती हैं उस कंपनी को यह टैन नंबर लेना आवश्यक होता हैं। इस नंबर में भी 10 अल्फान्यूमेरिक अंक होते हैं। टीडीएस कटने के बाद जो सर्टिफिकेट प्राप्त होता हैं उसमें उस कंपनी का टैन नंबर भी दर्ज होता जो आपके अकाउंट से टीडीएस काट रही हैं। इसको भी आयकर विभाग के द्वारा जारी किया जाता हैं।
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टिन (TIN) क्या होता हैं ?
TIN नंबर की फुल फॉर्म होती हैं Tax Invoice Number. इस नंबर में 11 संख्या होती हैं। इसमें अल्फान्यूमेरिक संख्या नहीं होती हैं। इन उन लोगो के लिए बहुत आवश्यक मानी जाती हैं जो व्यक्ति या तो व्यापारी हो या फिर वो किसी चीज का कारोबार करता हो इस नंबर की आवश्यकता पढ़ती हैं अगर कोई व्यापारी वैट लागू करता हैं। यह उन लोगो के लिए अनिवार्य होता हैं जो व्यापारी अपने राज्य के अंदर व्यापर कर रहे हो। इस नंबर को वाणिज्यिक कर विभाग के द्वारा जारी किया जाता हैं।
पैन टैन और टिन के मध्य अंतर
तो दोस्तों यहाँ पर हम आपको पैन टैन और टिन के बीच के अंतर के बारे में बताने वाले हैं कि यह तीनों नंबर एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं।
PAN नंबर | TAN नंबर | TIN नंबर | |
Full Form | Permanent Account Number | Tax Deduction and Collection Account Number | Tax Invoice Number |
विभाग | आयकर विभाग के द्वारा जारी होता हैं | आयकर विभाग के द्वारा जारी होता हैं | वाणिज्यिक कर विभाग के द्वारा जारी होता हैं |
आवश्यक किसके लिए हैं | सभी कर देने वालों के लिए | उन सभी लोगो के लिए जिनके स्रोत पर कर कटौती होती है | उन व्यापारियों के लिए जो वैट लागु करते हैं |
कोड | 10 अल्फान्यूमेरिक संख्या | 10 अल्फान्यूमेरिक संख्या | 11 संख्या |
जुर्माना | 10000 रुपये का जुर्माना | 10000 रुपये का जुर्माना | अपने राज्य के अनुसार जुर्माना |
पैन टैन और टिन से सम्बंधित कुछ प्रश्न व् उनके उत्तर
TIN की फुल फॉर्म Tax Invoice Number होती हैं।
TAN नंबर की फुल फॉर्म होती हैं Tax Deduction and Collection Account Number
PAN की फुल फॉर्म होती हैं Permanent Account Number
TIN नंबर में 11 संख्या होती हैं।
TAN में 11 अल्फान्यूमेरिक संख्या होती हैं।