सिबिल रिपोर्ट क्या है और उसके बारे में जानकारी | Cibil Report and its Information in hindi

सिबिल रिपोर्ट क्या है:- आज कल हर किसी व्यक्ति को नयी नयी चीजें खरीदने का शौंक होता हैं। जिसके लिए वह कई बार बैंक से लोन भी ले लेता हैं। बैंक भी किसी भी व्यक्ति को लोन देने से पहले उस व्यक्ति के बारे में जनता हैं यानि के उसके डाक्यूमेंट्स चेक करता हैं। वह सभी चेक करने के बाद बैंक वालों को वह व्यक्ति सही लगता हैं तो बैंक तब ही किसी को लोन देता हैं। उन सभी दस्तावेजों के साथ साथ बैंक आपकी एक और चीज जंचता हैं वो हैं आपका सिबिल स्कोर। सिबिल स्कोर जांचने के बाद आपकी सिबिल रिपोर्ट तैयार होती हैं। यह सभी कार्य सिबिल के द्वारा किये जाते हैं।

सिबिल रिपोर्ट क्या है और उसके बारे में जानकारी | Cibil Report and its Information in hindi
सिबिल रिपोर्ट क्या है और उसके बारे में जानकारी | Cibil Report and its Information in hindi

सिबिल रिपोर्ट क्या है? अगर नहीं तो आपको उसमे चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सिबिल के बारे में बहुत सी जानकारी देने वाले हैं जैसे की – CIBIL रिपोर्ट क्या है, यह किस काम आती हैं आदि जैसी बहुत सी अवश्य जानकारी। सिबिल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा तब ही आप इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकोगे।

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सिबिल रिपोर्ट क्या है | What is CIBIL Report?

सिबिल की फुल फॉर्म क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड होती हैं। सिबिल का कार्य यह है की यह सभी क्रेडिट यानि के उधार देने वाली कंपनियों की क्रेडिट जानकारी क जमा करता हैं। उसके बाद यह उस जानकारी को अलग अलग श्रेणियों के मुताबिक सही ढंग से लगाने का और उसको सही तरीके से दिखाने में उनकी सहायता करती हैं। केवल यह ही नहीं बल्कि इन सभी रिपोर्टों को क्रेडिट ग्रांटिंग कंपनियों तक यह सभी रिपोर्ट पहुंचना भी इसी का कार्य हैं।

सिबिल के मालिक

सिबिल में बहुत से बैंक व फाइनेंसियल संसथान जुड़े हुए हैं। यानि के बहुत से ने सिबिल में इक्विटी प्राप्त की हुई हैं जैसे की – भारतीय स्टेट बैंक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड, डन और ब्रैड स्ट्रीट इनफार्मेशन सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांस यूनियन इंटरनेशनल।इन सभी का सिबिल के अंदर शेयर होल्डिंग में हर किसी का अलग अलग अनुपात हैं। इन सभी का इसमें अलग अलग अनुपात है जो कुछ इस प्रकार था 40: 40: 10: 10 और जैसे जैसे इसमें और भी बैंक या फिर फाइनेंसियल संसथान जुड़ते गए उसी के मुताबिक सभी के शरहोल्डिंग के अनुपात भी बदलते गए।

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CIBIL कैसे काम करता है | How does CIBIL work?

CIBIL को भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा 2005 के क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट के तहत शाषित किया गया हैं। सिबिल बहुत से बैंकों और फाइनेंसियल संसथान और कंपनियों के लिए बहुत से कार्य करती हैं जैसे की – क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करना,क्रेडिट स्कोर बनाना,क्रेडिट रैंक देना आदि। यह सब चीजें किसी व्यक्ति के बहुत से कार्य आती है जैसे की जब व्यक्ति को जब लोन की आवश्यकता होती हैं तो उसके क्रेडिट स्कोर को देखकर व्यक्ति को लोन दिया जाता हैं।

CIBIL किस प्रकार से कार्य करती हैं

सिबिल का कार्य यह है की वह बहुत से बैंकों और फाइनेंसियल संसथान से उनके ग्राहक की जानकारी मांगता हैं उस जेनकारी में बहुत सी चीजें आती है जैसे की – व्यक्ति के बकाया लोन का भुगतान,व्यक्ति के पुनर्भुगतान का रिकॉर्ड,क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आदि जैसी जानकारी। यह सभी जानकारी बैंक सिबिल को देती हैं।

उसके बाद ट्रांसयूनियन CIBIL के द्वारा ग्राहक की जानकारी की जांच की जाती हैं और उसके बाद सिबिल उस ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट बनाता हैं। उस रिपोर्ट में क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रैंक जैसी चीजें शामिल हैं। अगर कंपनी किसी व्यक्ति के डाटा की रिपोर्ट बना रही है तो उसमे उसका क्रेडिट स्कोर दिखेगा। वही अगर सिबिल किसी कंपनी के डाटा की रिपोर्ट बना रही है तो उसमे उसकी क्रेडिट रैंक दिखेगी।

उसके बाद सिबिल के द्वारा उस रिपोर्ट को उसी बैंक में पहुंचाया जाता हैं जिस बैंक का कस्टमर वह व्यक्ति होता हैं। उसके बाद बैंक या फिर कोई फाइनेंसियल संसथान उसी रिपोर्ट के मुताबिक यह निर्णय लेता है की उस व्यक्ति को लोन देना चाहिए या फिर नहीं। उसके बाद उस निर्णय के बारे में सिबिल को भी बताया जाता हैं क्योंकि उसके रिजेक्शन या फिर लोन हो जाने की जानकारी को सिबिल को उस ग्राहक की जानकारी में भरना होता हैं जो की उसके भविष्य में काम आती हैं।

CIBIL स्कोर क्या है | What is CIBIL Score?

सिबिल स्कोर एक प्रकार की संख्या होती हैं जो की यह दर्शाती है की कोई व्यक्ति लोन लेने के योग्य है या नहीं। यह संख्या 300 से लेकर 900 के बीच में होती हैं। इस संख्या को देहकर ही यह पता लगाया जा सकता हैं की किसी व्यक्ति को लोन देना चाहिए या नहीं। यह संख्या बैंक के द्वारा चेक की जाती जब कोई व्यक्ति उनके पास लोन लेने के लिए जाता हैं तो वह यह ही चेक करते हैं कि उस व्यक्ति का सिबिल स्कोर क्या हैं अगर उसका सिबिल स्कोर 750 या फिर उससे अधिक है तो उस व्यक्ति को आसानी से लोन मिल जाता हैं।

अगर किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 750 से कम होता है तो उस व्यक्ति को लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पढता हैं। बहुत से बैंक उन व्यक्तियों को लोन देने के लिए इंकार कर देते हैं जिनका सिबिल स्कोर 750 से नीचे होता हैं।

सिबिल स्कोर सुधारने के तरीके | Ways to Improve CIBIL Score ?

आप बार लोन लेने का प्रयास कर रहे हो और बार बार आपका लोन रिजेक्ट हो रहा हैं तो इसका एक ही कारण हैं की आपका सिबिल स्कोर सही नहीं। उसके लिए आपको अपना सिबिल स्कोर सुधारना होगा जिसके लिए यहाँ पर हमने कुछ बातें बताई हैं जिसकी मदद से आप भी अपना सिबिल स्कोर बढ़ा सकते हो।

  1. अगर आपको अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर करना हैं तो उसके लिए आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करनी होगी जिसके लिए आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट खरीदनी होगी। उसको खरीदने के बाद आपको उसकी जांच करनी होगी और अगर आपको उसमे कोई गलती मिलें और आप उसको ठीक करवाना चाहे तो वह भी संभव उसके लिए आपको ब्यूरो में गलती ठीक करने के लिए अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
  2. क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए ध्यान रखे की आपको अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 50 % ही खर्चना होगा। ऐसा करने की वजह क्रेडिट कार्ड की यूटिलाइजेशन कम होगी जिससे की आपके क्रेडिट कार्ड प्रभावित होने में मदद मिलेगी।
  3. क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए एक बात और याद रखिये की आपको हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड का बैलेंस लौ रखना चाहिए क्योंक अगर आपका क्रेडिट कार्ड का बैलेंस अधिक रहेगा तो आपको उतना ही खर्च करने की छूठ मिलेगी और अगर आपको उसकी पेमेंट करने में अधिक समय लगा तो उससे आपका क्रेडिट स्कोर घटने लगेगा।
  4. अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ाना चाहते हैं तो ध्यान में रखे की आपको कोई भी नया कार्ड बनवाने की आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि अगर आप नया कार्ड बनवाएंगे उससे आपको अधिक लिमिट मिलेगी फिर आप फिर उतना ही अधिक खर्च करोगे और उसकी पेमेंट में देरी होने पर सीधा आपके क्रेडिट स्कोर पर फर्क पढ़ेगा।
  5. अगर आपने किसी बैंक से किसी चीज के ऊपर लोन करवाया हैं तो ध्यान रहे की आपको अपनी क़िस्त का ध्यान रखना होगा। क्योंकि अगर आप अपनी क़िस्त को ठीक समय पर नहीं भरते हो तो उससे से भी आपके पर फर्क पढता हैं और आपका क्रेडिट स्कोर घटता हैं। इसलिए आपको अपनी क़िस्त के पैसे उसकी तारिख से पहले ही बैंक में जमा करवा देने चाहिए।

जिनकी मदद से आप भी अपने घटे हुए क्रेडिट स्कोर को बढ़ा सकते हो और अधिक क्रेडिट स्कोर होने के बहुत से फायदे हैं जिसका आप लोग लाभ उठा सकते हैं।

सिबिल से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर

सिबिल रिपोर्ट क्या है ?

सिबिल की फुल फॉर्म क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड होती हैं। सिबिल का कार्य यह है की यह सभी क्रेडिट यानि के उधार देने वाली कंपनियों की क्रेडिट जानकारी क जमा करता हैं। उसके बाद यह उस जानकारी को अलग अलग श्रेणियों के मुताबिक सही ढंग से लगाने का और उसको सही तरीके से दिखाने में उनकी सहायता करती हैं। केवल यह ही नहीं बल्कि इन सभी रिपोर्टों को क्रेडिट ग्रांटिंग कंपनियों तक यह सभी रिपोर्ट पहुंचना भी इसी का कार्य हैं।

CIBIL स्कोर क्या है

सिबिल स्कोर एक प्रकार की संख्या होती हैं जो की यह दर्शाती है की कोई व्यक्ति लोन लेने के योग्य है या नहीं। यह संख्या 300 से लेकर 900 के बीच में होती हैं। इस संख्या को देहकर ही यह पता लगाया जा सकता हैं की किसी व्यक्ति को लोन देना चाहिए या नहीं।

अगर कोई व्यक्ति लोन लेने के लिए आवेदन करता हैं तो उस व्यक्ति का सिबिल स्कोर कितना होना आवश्यक हैं ?

अगर कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन करता हैं तो उसके लिए उस व्यक्ति का सिबिल स्कोर कम से कम 750 होना चाहिए तब उसको आसानी से लोन मिल सकता हैं।

अगर किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर कम यही तो उससे क्या होगा ?

अगर किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर कम हैं तो उस व्यक्ति को लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

सिबिल को जानकारी इकठा करने की इजाजत किसके द्वारा दी गयी हैं ?

CIBIL को भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा 2005 के क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट के तहत शाषित किया गया हैं।

CIBIL की फुल फॉर्म क्या होती हैं ?

CIBIL की फुल फॉर्म कुछ इस प्रकार हैं –
क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड है।

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