BIFR की फुल फॉर्म क्या है? जानिए इसके कार्य और महत्व

BIFR Full Form in Hindi: जैसा कि आप सभी जानते है की हम सभी भारत देश के निवासी है। जहां पर बहुत सी बड़ी बड़ी कंपनियां अपना बिज़नेस चलाती है। इसके साथ-साथ भारत में बहुत सी इंडस्ट्रीज भी मौजूद है जहाँ पर बहुत सी चीजों का निर्माण किया जाता है। जिसकी वजह से देश में व्यापार बढ़ता है और लोगो की जरूरते भी पूरी होती है।

तो दोस्तों आप सभी यह भी जानते होंगे की देश में कई बार ऐसी स्थिति भी आती है जिसमे बहुत सी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पढता है जिसके कारण कई कंपनियां तो बंद भी हो जाती है। परन्तु ऐसी कंपनियों को वापस खोलने के लिए एक बोर्ड का निर्माण किया गया जो की बंद हुई कंपनियों को वापस प्रारम्भ करने का कार्य करता है जिसको BIFR के नाम से जाना जाता है। इस बोर्ड की स्थापना राजीव गाँधी सरकार के द्वारा की गयी थी।

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BIFR Full Form in Hindi

तो दोस्तों क्या आप ने आज से पहले कभी BIFR का नाम सुना है? अगर नहीं तो आपको इसमें चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये आप सभी को BIFR के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे – BIFR फुल फॉर्म, BIFR क्या होता है व इसके कार्य आदि इससे सम्बंधित कई अन्य जानकारी। तो दोस्तों क्या आप भी इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।

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BIFR फुल फॉर्म हिंदी में जाने

हम आप सभी को BIFR की फॉर्म के बारे में बताने वाले है। तो दोस्तों अगर आप भी इसकी फुल फॉर्म जानना चाहते है तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। BIFR full form मे कुछ इस प्रकार है –

  • BIFR Full Form in English – BOARD OF INDUSTRIAL AND FINANCIAL RECONSTRUCTION
  • BIFR Full Form in Hindi – औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड

BIFR क्या होता है?

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तो सबसे पहले तो आप BIFR full form BOARD OF INDUSTRIAL AND FINANCIAL RECONSTRUCTION कहते है और इसको हिंदी में औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड के नाम से जाना जाता है। इस बोर्ड की स्थापना1 1987 में भारत में राजीव गाँधी सरकार के दौरान की गयी थी।

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उस समय में इस एजेंसी का मुख्य कार्य वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा के रूप में किया गया था। इस बोर्ड का यानि के औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड का मुख्य कार्य देश में बंद हुई या फिर गैर व्यवहार्य औधोगिक कंपनी को दोबारा से शुरू करने के लिए पैकेज उपलब्ध करवाना है। क्योंकि इस की मदद से देश का भी आर्थिक विकास होता है।

जिस समय भारत को आजादी प्राप्त हुई थी उस समय हमारे देश में ब्रिटिश सरकार होने के कारण हमारे देश के उद्योगों में काफी भारी नुकसान उठाना पढ़ा था। जिसके लिए हमारे देश में उद्योगों क्षेत्र में सुधार करने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना चाहा जिसके परिणाम हेतु समिति के सुझाव देने पर सन 1987 को BOARD OF INDUSTRIAL AND FINANCIAL RECONSTRUCTION का निर्माण किया गया।

लेकिन उसके बाद सन 2016 मे देश में मोदी सरकार के द्वारा इस बोर्ड को भंग कर दिया गया और इस बोर्ड को फिर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) एवं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के अंतर्गत सौंप दिया गया।

यह भी पढ़ें :- AF full form in Hindi – AF का फुल फॉर्म क्या है?

BIFR के बारे में ओवरव्यू

  • आपको बता दे कि औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड में 2 से लेकर 14 लोगो की भागीदारी होती है।
  • इस बोर्ड के अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर ज्ञान व योग्य होना जरूरी है।
  • BIFR के बोर्ड के सदस्य को न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव होना जरूरी होता है।
  • यह बोर्ड केवल देश की बड़ी व माध्यम क्षेत्र की कंपनियों को ही पैकेज उपलब्ध करवाने का कार्य करता है।
  • अगर इस बोर्ड को कोई भी कंपनी बीमार मिलती है ऐसी स्थिति में यह बॉर्ड उस कंपनी को सुधारने का समय भी दे सकता है।

BIFR के मुख्य कार्य

  • बीमार औद्योगिक इकाइयों की पहचान करना – BIFR उन औद्योगिक इकाइयों की पहचान करता है जो वित्तीय रूप से परेशानी में हैं और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव देता है।
  • बीमार औद्योगिक इकाइयों के लिए योजना तैयार करना – BIFR बीमार औद्योगिक इकाइयों के लिए पुनर्निर्माण और पुनरुद्धार योजना तैयार करता है।
  • बीमार औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करना – BIFR बीमार औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है ताकि वे अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकें।
  • बीमार औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन में बदलाव लाना – BIFR बीमार औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन में बदलाव लाने के लिए सिफारिशें करता है ताकि वे अधिक कुशल और प्रभावी ढंग से काम कर सकें।

BIFR के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • BIFR की स्थापना 1987 में हुई थी।
  • BIFR का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • BIFR के अध्यक्ष न्यायाधीश होते हैं।
  • BIFR में सदस्यों का एक बोर्ड होता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।

BIFR की फुल फॉर्म के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

BIFR की फुल फॉर्म क्या है?

BIFR का अंग्रेजी में फुल फॉर्म BOARD OF INDUSTRIAL AND FINANCIAL RECONSTRUCTION है जबकि BIFR का हिंदी फुल फॉर्म औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड है।

औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड की स्थापना कब हुई थी?

औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड की स्थापना 1987 में भारत में राजीव गाँधी सरकार के दौरान की गयी थी।

औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड को कब बंद कर दिया गया था?

2016 मे देश में मोई सरकार के द्वारा इस बोर्ड को भंग कर दिया गया और इस बोर्ड को फिर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) एवं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के अंतर्गत सौंप दिया गया।

NCLAT की फुल फॉर्म?

NCLAT की फुल फॉर्म – नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल।

इस लेख के संदर्भ:

  1. https://upload.indiacode.nic.in/showfile?actid=AC_CEN_2_11_00026_200401_1517807322103&type=rule&filename=bifr_(financial_and_administrative_powers)_rules,_1987.pdf ↩︎

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