एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज | Acidity Ka Ayurvedic ilaj

वर्तमान समय में लगभग में सभी को एसिडिटी की समस्या रहती है। चाहे वो बच्चे हों या फिर बड़े। हमारे खान-पान के अनुसार हमको कई सारी समस्या हो सकती हैं। कभी कभी हम समय पर खाना नहीं खाते हैं। या फिर खाने में कोई तैलीय चीजें या फिर असयम किसी चीज का सेवन हमारी एसिडिटी/गैस का कारण बन सकता है। एसिडिटी के कारण हमारे सीने में जलन,पेट दर्द, जी मिचलाने लगता है। और खट्टी डकारें आने लगती हैं। ये समस्या बार बार अगर होती है। तो इस से आपको गैस्ट्रो-इसोफेगल डीजीज का भय भी होता है। चलिए आज इस लेख में एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज के बारे में जानते हैं।

गर्मी में एलोवेरा के फायदे

एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज | Acidity Ka Ayurvedic ilaj
एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज | Acidity Ka Ayurvedic ilaj

Acidity Ka Ayurvedic ilaj (एसिडिटी का आयुर्वेदिक ईलाज)

  • हरड़ का सेवन – हरड़ आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है ,ये कई रोगों में सहायक होती है। एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप प्रतिदिन खली पेट हरड़ का सेवन कर सकते हैं। हरड़ में एसिडिटी कम करने के गुण पाए जाते हैं।
  • आंवले के जूस का सेवन – एसिडिटी में आप आंवले के जूस का सेवन भी कर सकते हैं। अगर आपको एसिडिटी की समस्या रोज होती है तो आप दिन में दो बार आंवले के जूस का सेवन कर सकते हैं। जूस के साथ ही आप आंवले के पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं।
  • शतावरी और मुलेठी का सेवन – एसिडिटी की समस्या होने पर आप शतावरी और मुलेठी का सेवन कर सकते हैं। एक चम्मच शतावरी को आप दूध में मिलाकर दिन में 2 बार पी सकते हैं। और मुलेठी/यष्टिमधु को आप खाली पेट आधा चम्मच खाया करें।
  • एलोवेरा जूस – एलोवेरा एसिडिटी के साथ ही सीने में होने वाली जलन को कम करने में सहायक होता है। एसिडिटी में आप सुबह शाम इसका सेवन कर सकते हैं।
  • एसिडिटी में अंजीर – अंजीर में विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, कॉपर, जिंक, मैग्नीशियम, मैगनीज, पोटेशियम, आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो कि एसिडिटी के साथ ही हमारे पेट से जुडी कई बीमारियों को कम करने में सहायक होता है
  • अजवाइन का सेवन – एसिडिटी की समस्या में आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं। एसिडिटी के कारण गैस्ट्रिक एसिड बनता है। जो की अजवाइन कंट्रोल करती है। जिन लोगों को एसिडिटी की शिकायत अधिक होती है। वो लोग अजवाइन का सेवन हर रोज गर्म पानी में नमक के साथ मिलाकर कर सकते हैं। ये आपको इससे राहत देगा।
  • दालचीनी का सेवन – दालचीनी में अम्लत्वनाशक पाए जाते हैं। जो की हमारे पेट की अम्लीयता को कम करने का काम करते हैं। इससे राहत पाने के लिए आप एक चुटकी दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। दाल चीनी में पाया जाने वाला एंटासिड हमारे पेट में पाए जाने वाले खट्टेपन को दूर करता है।

करेले की सब्जी खाने के फायदे

यहाँ भी देखें -->> क्विज खेलकर इनाम कमाएं

Acidity Ka Ayurvedic ilaj FAQ’s

एसिडिटी का स्तर बढ़ने पर क्या करें ?

एसिडिटी का स्तर बढ़ने पर निम्न तरीकों को अपनाएं:- अदरक को पानी के साथ उबालकर पिएं, दूध की चाय के बजाय हर्बल चाय पिएं, भोजन के बाद गुड़ का एक टुकडा ले, पिसी हुई पुदीने की पत्तियां काले नमक के साथ मिलाकर पिएं, अजवायन को पानी में उबालकर और ठंडा होने पर छानकर पिएं, अदरक के टुकड़े पर काला नमक छिड़ककर चूसें आदि।

एसिडिटी बार-बार क्यों होती है ?

यदि आपके खाने का पैटर्न अनियमित है तो आपको एसिडिटी की समस्या होना अनिवार्य है साथ ही अगर आप शारीरिक गतिविधियों और खेल में प्रतिभाग कम करते हों, धूम्रपान-शराब का सेवन आदि कारकों से यह समस्या उत्पन्न होती है। खाने में अत्यधिक मसलों के सेवन से भी ये बढ़ता है।

एसिडिटी होने पर क्या खाना-पीना चाहिए ?

अगर आपको एसिडिटी की समस्या है तो आपको नारियल पानी, ठंडा दूध, छाछ, केला, खरबूज, एलोवेरा जूस, आंवले के जूस आदि।

हाइपर एसिडिटी के क्या लक्षण होते हैं ?

हाइपर एसिडिटी के निम्न लक्षम होते हैं :- खाना खाने के बाद उल्टी या मिचली आना, खट्टी डकारें आना, भूख नही लगना, कभी कब्जियत होना, कभी दस्त होना आदि।

Leave a Comment

Join Telegram