यो-यो टेस्ट:- तो दोस्तों आप सभी यह तो जानते ही होंगे की हम मनुष्यों को बहुत सी चीजों में दिलचस्प होता है। किसी व्यक्ति को नाचना पसंद होता है तो किसी को गाना सुन्ना पसंद होता है इसी प्रकार से कई लोगो को क्रिकेट देखने का भी शौंक होता है। आप सभी को यह भी बता दे की भारत के अधिकतर व्यक्तियों को क्रिकेट देखना पसंद होता है। जिन लोगो को क्रिकेट देखने का शौंक होता है वह कभी भी भारत का मैच देखना नहीं छोडते है। वैसे भी हमारी भारतीय क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक खिलाडी है जो की किसी भी मैच को जीतने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते है और उसके साथ साथ अपनी पूरी मेहनत लगा देते है। वैसे तो सभी खिलाडी स्वास्थ्य होते है परन्तु क्या आप में से किसी ने यह सोचा है की खिलाडियों को किसी भी मैच को खेलने के लोए अपनी योग्यता कैसे दर्शनी होती है।
जी हाँ दोस्तों हर खिलाडी को किसी भी मैच खेलने से पहले अपने स्वास्थ्य का टेस्ट देना होता है जिसको यो-यो टेस्ट के नाम से जाना जाता है। तो दोस्तों वैसे तो आप में से बहुत से खिलाडियों ने इसका नाम तो सुना ही होगा। परन्तु हर किसी व्यक्ति को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। तो क्या आप यह जानते ही की यो-यो टेस्ट क्या होता है अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये इसके बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है तो दोस्तों अगर आप भी इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो उसके लिए आ सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
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क्या होता है यो-यो टेस्ट | What is Yo-Yo test
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की यह एक प्रकार का टेस्ट होता है जो की खिलाड़ियों के लिए आयोजित किया जाता है। आप सभी को यह भी बता दे की यह एक सॉफ्टवेयर आधारित टेस्ट होता है। हर किसी खिलाड़ी को मैच खेलने इ पहले यह टेस्ट देना पढता है। जो भी इस टेस्ट को पास कर लेता है केवल उसी को मैच में खेलने की अनुमति होती है। इस टेस्ट में करीब 23 लेवल होती है। इस टेस्ट के दौरान कोन का प्रयोग किया जाता है और एक मैदान में दो स्थानों पर कोन को रखा जाता है और फिर खिलाडियों को एक निर्धारित समय के अंदर अंदर एक कोन से दूसरे कोन तक भागकर पहुंचना होता है। दोनों कोन के बीच में 20 मीटर की दूरी होती है। धीरे धीरे खिलाडी भी एक कोन से दूसरे कोन तक पहुंचने की गति को भी तेज कर देते है।
उसके बाद सभी खिलाडियों को वापस से दूसरे कोन की ओर भी पहुंचना होता है। लेकिन यह सभी खिलाडियों को एक निश्चित समय के अंदर अंदर करना पढता है जो खिलाडी यह कार्य निश्चित समय के अंदर कर लेता है वही मैच खेलने के लियेसेलेक्ट हो पाता है। अन्यथा बाकी खिलाडियों को मैच खेलने के लिए पास नहीं किया जाता है। यह एक प्रकार का फिटनेस टेस्ट होता है जिससे की सभी खिलाडियों की फिटनेस का पता चलता है।
Yo-Yo test क्यों कराया जाता है ?
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की यह यो-यो टेस्ट इसलिए कराया जाता है ताकि इस टेस्ट की मदद से सभी खिलाडियों की फिटनेस का पता चल सके। क्योंकि मैच में फिटनेस बहुत ही आवश्यक चीज होती है। जिसके लिए सभी खिलाडियों का यह टेस्ट लिया जाता है। इस टेस्ट वह सभी खिलाडी होते है जिनका नाम बीसीसीआई के द्वारा लिस्ट में ऐड किया जाता है। जो यह टेस्ट पास कर लेता है वही मैच खेल सकता है अन्यथा उस खिलाडी को मैच खेलने की परमिशन नहीं होती है। आप सभी को यह भी बता दे की यह केवल क्रिकेट में ही नहीं बल्कि यह टेस्ट फुटबॉल, हॉकी, या फिर रग्बी के मैच के दौरान भी किया जाता है।
इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर यहाँ जानिए
आप सभी को यह भी बता दे की यह एक सॉफ्टवेयर आधारित टेस्ट होता है। हर किसी खिलाड़ी को मैच खेलने इ पहले यह टेस्ट देना पढता है। जो भी इस टेस्ट को पास कर लेता है केवल उसी को मैच में खेलने की अनुमति होती है। इस टेस्ट में करीब 23 लेवल होती है। इस टेस्ट के दौरान कोन का प्रयोग किया जाता है और एक मैदान में दो स्थानों पर कोन को रखा जाता है और फिर खिलाडियों को एक निर्धारित समय के अंदर अंदर एक कोन से दूसरे कोन तक भागकर पहुंचना होता है।
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की न केवल क्रिकेट में यह तेत हॉकी, फुटबॉल, रग्बी जैसे खेल से पहले भी होता है।
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की यह यो-यो टेस्ट इसलिए कराया जाता है ताकि इस टेस्ट की मदद से सभी खिलाडियों की फिटनेस का पता चल सके
यो यो टेस्ट में 23 लेवल होते है