भारत की आत्मा के रूप में प्रचलित हिंदी देश के सभी भूभागों में वृहद् स्तर पर बोली जाती है। देश की राजभाषा के रूप में हिंदी ने देश के विभिन राज्यों के बीच महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य किया है
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी देश के सभी भूभाग के निवासियों को एक साथ लाकर स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने में हिंदी की महती भूमिका है।
की सीमाओं के बाहर वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है।
प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाये जाने वाले विश्व हिंदी दिवस के माध्यम से हिंदी के वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए व्यापक प्रयत्न किए जाते है।
देश में विभिन राज्यों में विभिन भाषाओ को बोलने वाले देशवासी रहते है। हालांकि यदि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी एवं असम से लेकर गुजरात तक किसी भाषा का सबसे प्रचलित प्रयोग मिलता है
तो वह निसंदेह ही हिंदी भाषा है। देश के प्राचीन इतिहास से लेकर स्वतंत्रता संग्राम एवं आधुनिक समय तक हिंदी ने देश के कोने-कोने से सभी निवासियों के मध्य सेतु के रूप में कार्य किया है
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबित भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या 43.63 फीसदी है जो की देश की सभी भाषाओ में सर्वाधिक है।
भारत में व्यापक रूप से प्रचलित हिंदी देश के बाहर नेपाल, सूरीनाम, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो, गुयाना एवं फिजी में भी बोली जाती है।